BREAKING NEWS
latest

Prof.Dr.Dinesh Gupta बने 'First Innovator or Inventer of Mind Vaccination' जो की एक विश्व रिकार्ड बना हैं





  Prof.Dr.Dinesh Gupta बने 'First Innovator or Inventer of Mind Vaccination'  जो की एक विश्व रिकार्ड बना हैं। प्रो.डॉ. दिनेश गुप्ता 'माइंड वैक्सीनेशन के आविष्कारक' या दुनिया का सबसे पेहला इंसान जिन्होंने माइंड वैक्सीनेशन का आविष्कार किया' ,जो एक जीवन कोच हैं और उन्होंने इस वैक्सीनेशन को ऑनलाइन के द्वारा प्रदान किया। वह कोविड 19 की महामारी की स्थिति के दौरान हजारों लोगों को प्रदान किया। लॉकडाउन की शुरुआत से मानसिक स्वास्थ्य पर सत्र जो एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाता है और उनका नाम INKZOID Book Of Records 2021 के विश्व रिकॉर्ड संस्करण में दर्ज होता है।


छः महीनों  से " माइंड वेक्सीन " दे रहे है प्रो डॉ  दिनेश गुप्ता

हज़ारों लोगों को करा चुके है माइंड वेक्ससीनेशन,पाँच शब्दो से देते है मन को वेक्सीन-


-कोरोना ने शरीर के साथ साथ मन को भी बहुत प्रभावित किया। शरीर के लिए वेक्सीन आ गयी थी मन के लिए  क्या ?

मुम्बई के करीब, कल्याण शहर से सारी दुनिया को एक अलग तरीके का वेक्सीन करीब छः महीनों से दिया जा रहा है। 

इस लोकड़ौउन मे बहुत कुछ हुआ। सोशल मीडिया का चलन बड़ा, डिजिटल इंडिया को नई पहचान मिली। इसी महामारी के दौरान कुछ ऐसे भी थे जो इस महामारी में लगातार अपने काम मे लगे हुए थे। 


  ऐसा ही एक व्यक्तित्व, पेशे से गोल्ड मेडलिस्ट मेकैनिकल इंजीनियर प्रो डॉ दिनेश गुप्ता - आनंदश्री ने लॉक डाउन के शुरुवात से ही मानसिक वेलनेस पर ऑनलाइन सेशन लेना शुरू कर दिया था। यंहा तक कि वे स्वयम शुरुवात के  सात दिनों तक मानसिक रूप से ब्लेंक हो गये थे। लेकिन इन सात दिनों के कुछ नया करने की ललक उनमें पैदा हो गयी थी। " शरीर को निगटिव्ह रखना और मन को पॉजिटिव्ह " रखने की शुरुवात थी। उन्होंने 31 मार्च को फेस बुक पर सबसे ज्यादा फ़ोटो अपलोड करने का रोकोर्ड बनाया। इस रोकोर्ड को बनाने के लिए कोई ज्यादा साधन नही थे। लेकिन  " मन मे है विश्वास" इस  विश्वास से उन्होंने रिकॉर्ड बनाकर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया। 


उन्होंने एक के बाद एक कई रिकॉर्ड और रोज वेबिनार पर सेशन लेना शुरू किया। इस टेक्नोलॉजी से वह अनभिज्ञ थे। लेकिन उन्होंने सीखा। 





-जो सीखता है वह जीतता है

इसी सीखने के ललक ने इन्हें रोज रोज वेबिनार के लिए प्रेरित किया। कई अलग अलग प्लेटफार्म पर उन्होंने ऑनलाईन वर्कशॉप और वेबिनार लिए। निराशा की घड़ी में उन्होंने उम्मीद का दिया लोगो के मन में जगाया।




कैसे बना माइंड वेक्सीन?

 18 मार्च 2020 को दिनेश गुप्ता द्वारा एक लेख कोरोना पर कई अखबारों में प्रकाशित किया गया। यह लेख था कोरोना के जन्म की और उसके होने वाले असर की। 

 उसी समय दिनेश जी के मन में इसपर कुछ करने का, रिसर्च करना शुरू किया। इसके लेख सतत देश के विभिन्न मुख्य अखबार, ब्लॉग, मैगज़ीन में प्रकाशित होते गए। मानसिक दक्षता और मानसिक वेलनेस पर बोलना और लिखना शुरु कर दिया।और यही से शुरू हुई माइंड वेक्सीन बनने की श्रृंखला।





क्या है माइन्ड वेक्सीन में?

 प्रयोग से एक बात सामने आयी है कि शब्दो मे केमिकल होते है। और शरीर मे भी अलग अलग केमिकल होते है। शब्दो का केमिकल आपके शरीर के केमिकल को इफ़ेक्ट करता है। आज जो देखते है, पढ़ते है, समझते है, सुनते है, फील करते है सभी का इफ़ेक्ट शरीर पर होता  है। 

इसी का अध्ययन करते हुए दिनेश जी द्वारा मन को सकारात्मक रखने के पांच महत्वपूर्ण शब्द (एक्ससीडेंटली) ख़ोज हो गयी। 

 इन्ही पांच शब्दो को दिनेश जी ने छः महीने पहले लोगो को अपने विशेष अंदाज, विशेष शैली  में पांच एक्टिविटी के साथ पढ़ाना  शुरू किया। जिसका लोगो पर प्रभाव पड़ने लगा। अच्छे रिजल्ट उन्हें मिलने लगे।

 कोरोना ने शरीर के साथ साथ मन को भी बहुत प्रभावित किया। शरीर के लिए वेक्सीन तो तैयार हो गयी। पहला डोज और दूसरा डोज भी लिया जाने लगा। लेकिन  मन के गहरे आघात को कैसे मिटाए। कैसे उसे न्यू नार्मल में ले आये?

पुस्तक का निर्माण

इसी विषय पर हाल ही में पुस्तक " मन पॉजिटिव्ह और शरीर निगेटिव्ह " नामक पुस्तक भी दिनेश जी द्वारा लिखा गया। जिसे अमेज़न ने " बेस्ट सेलिंग बुक " में रखा था।

क्या है वह शब्दो के पांच रसायन ?

यह शब्द  साधारण है। लेकिन बहुत  बहुत ही असरकारक है। शक्तिशाली और इंसान को बदले की क्षमता इसमें है। जैसे मन का प्रोग्रामिंग, जाग्रत मैन और अर्धजागृत मन को प्रोग्राम करना।  विश्वास की प्रैक्टिकल थ्योरी, वायब्रेशन और धन्यवाद का भाव। दिनेश जी अपने वर्कशॉप में बहुत ही गहन और गहराई तक इस विषय पर मार्गदर्शन करते है। 




मिशन माइंड वेक्सीनेशन

 प्रो.दिनेश जो ने कोई बात छिपा कर नही रखी, कई कॉलेज, स्कूल, संस्था, भारत सरकार के AICTE विभाग, यूनिवर्सिटी, सरकारी डिपार्टमेंट, बिजनेस संस्था , यूट्यूब , लेख आदि के माध्यम  हज़ारों लोगो तक मन का वेक्सीन पंहुचाया गया है। 

 अब तो कई ट्रेनर ने भी दिनेश जी के इस माइन्डसेट को अपने अपने माध्यम से लोगो को यह मन का वेक्सीन दे रहे है। 

 40 मिनिट्स के सेशन को एक बार जरूर सुने और अपने मन को हर घटना के लिए तैयार करे। सबसे बड़ी बात इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही है। यह अच्छे मन का सकारात्मक का संक्रमण करती है। 

 प्रो.दिनेश जो ने इस मन के वेक्सीन को कोई भी कॉपीराइट या पेटेंट नही किया है। मानवजाति के भलाई के लिए इसका उपयोग किया जाए बस यही मंशा है।

« PREV
NEXT »