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प्रेस क्लब राजगढ़ ने पुलिस थाना परिसर एवं मुनिश्री ने सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर 'एक पेड़ गुरु के नाम' कार्यक्रम के तहत पौधा रोपण किया

        
 
 
  राजगढ़ (धार)। प्रेस क्लब राजगढ़ द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर 'एक पेड़ गुरु के नाम' कार्यक्रम के तहत पुलिस थाना परिसर में पौधा रोपण किया गया। प्रेस क्लब अध्यक्ष रमेश प्रजापति ने बताया कि थाना प्रभारी दीपक सिंह चौहान तथा प्रेस क्लब संरक्षक अशोक भंडारी व गोपाल सोनी की उपस्थिति में प्रेस क्लब द्वारा गुरुजनों की याद में विभिन्न छायादार व फलदार पौधों का रोपण कर पर्यावरण सहेजने का संकल्प लिया गया।

   इस अवसर पर प्रेस क्लब के परामर्शदाता दीपक जैन, सचिव शैलेंद्र पँवार, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र भंडारी, सह सचिव विनोद सीरवी, विपिन पांडेय, दीपक पावेचा, समंदर सिह राजपूत, दीपक प्रजापत सहित अन्य पत्रकार व पुलिस थाने का स्टाफ मौजूद था।

    इसके पश्चात राजेंद्र भवन राजगढ़ पर चातुर्मास हेतु विराजित मुनी पुष्पेंद्र विजय जी महाराज साहब द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में उपस्थित बच्चों को अपने गुरु एवं माता-पिता के आशीर्वाद के संदर्भ में सारगर्भित प्रवचन दिए उसके पश्चात सभी अतिथियों ने मुनि श्री के साथ विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया ।

  इस अवसर पर पूरा विद्यालय परिवार एवं बच्चों के अलावा वरिष्ठ समाजसेवी बाबूलाल जी मामा ,कांतिलाल जी जैन ,तेज कुमार जैन ,चातुर्मास समिति अध्यक्ष प्रीतेश सराफ ,अशोक भंडारी ,कमलेश चत्तर ,धर्मेंद्र भंडारी ,सुरेश मालवी,सुनील चतर ,अक्षय भंडारी आदि उपस्थित थे ।यहां पौधारोपण में प्रेस क्लब राजगढ़ के सभी पत्रकार साथियों ने भी सहभागिता की ।इस अवसर पर बाहर के भी अनेक अतिथि उपस्थित थे ।

गीतकार डॉ.अवनीश राही के जन्मदिवस पर उनके साथ एक खास साहित्यिक-यात्रा



 अलीगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ॰ अवनीश राही का बहु-प्रतीक्षित नवीन काव्य-संग्रह “जीवन के रंग-दोहों के संग” 11 जुलाई को उनके जन्मदिवस पर “जिज्ञासा प्रकाशन” गाज़ियाबाद उ.प्र. से प्रकाशित हो रहा है। इस दोहा-संग्रह में जीवन के विविध पहलुओं के रंग-रूपों, ऊतार-चढाव,मानवीय मूल्य, एवं भारतीय संस्कृति को स्पर्श करते हुए 800 दोहों का वृहद समावेश है जिनका भावार्थ सहित अनुवाद भी किया गया है। इसी संदर्भ में श्री राही के जन्मदिवस पर एक खास “साहित्यिक-यात्रा”….

अलीगढ के एक सामान्य परिवार में 11जुलाई 1974 को जन्में गीतकार डॉ.अवनीश राही कलम के वो सशक्त हस्ताक्षर हैं जिन्होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी की हत्या के वीभत्स कांड से द्रवीभूत हो महज 10 वर्ष की बाल अवस्था में ही प्रथम गीत लिखकर साहित्य की सरजमी पर मानवता की महापटकथा लिखने की दस्तक देदी थी। इसी कारण आपको सबसे कम उम्र का गीतकार होने का भी गौरव प्राप्त है।

जहां आपका प्रथम काव्य-संग्रह भक्तों की पुकार 14 वर्ष की किशोरावस्था में नारायण दास बुकसेलर नयागंज हाथरस से प्रकाशित हुआ, वहीं 15 वर्ष की तरूणाई को छूते-छूते प्रथम म्यूजिकल एल्बम “काली चुनरी” राहुल कैसेट डिबाई बुलंदशहर से जारी हुआ और तब से अब तक यह 40 वर्षों की मैराथन लेखन यात्रा देश-हित ,समाज हित और जनहित में निरन्तर बादस्तूर जारी है।

आपका तमाम साहित्य गवाह है कि आप ने दरबारी कवि होना कभी स्वीकार नहीं किया, और ना ही कभी जयकार और पुरस्कार की चाह में राजा या सरकार को खुश करने के लिए उसकी शान में कसीदे पढे। बल्कि मानवीय मूल्यों को ऊपर रख ,समाज के ज्वलंत मुदूदों व कुरितियों पर करारा प्रहार कर, सामाजिक असमता,व्यवस्था, भूख, गरीबी,बेकारी के सुलगते प्रश्नों को प्रमुखता से उछाले रखा। और सदैव जन-मानस की पीड़ा को लिखा और गाया। इसलिए ही तो आपको आज जनकवि के रूप में जाना जाता है।

 

“दा फिल्म एंड स्क्रीन राईटर्स एसोसिएशन मुंबई” के आजीवन सदस्य गीतकार डॉ.अवनीश राही अब तक सैंकडों गीतों की रचना कर चुके हैं। आपके लिखे गीतों के तमाम म्यूजिक एलबम कैसेट, सीडी, डीवीडी देश की नामचीन कंपनियां जैसे टी-सीरीज, वीनस, टिप्स, लारा,सिसोदिया,नरजिस, साई रिकॉर्ड्स, जे.वी.एल.आदि जारी कर चुकी हैं। इतना ही नहीं आज आपके लिखे गीतों को कुमार सानू ,उदित नारायण, अलका याज्ञनिक अनुराधा पौडवाल,वंदना वाजपेई, अनूप जलोटा, साधना सरगम, रविन्द्र जैन,शाहिद माल्या, तृप्ति शाक्या, शबाब साबरी, खुश्बू जैन, दामोदर राव सरीखे बॉलीवुड पार्श्वगायक अपनी आवाज दे चुके हैं। इसके इतर भारत रत्न बाबासाहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जी पर बनाई गयी आपकी म्यूजिकल फिल्म सुनो भीम कहानी” और “डॉ. अम्बेडकर जीवन गाथा” ने सफलता के नये आयाम गढे हैं। और समता मूलक समाज की स्थापना में मील का पत्थर साबित हुई हैं। “गुलशन कुमार सुपर कैसेट्स टी-सीरीज” से जारी इस म्यूजिकल फिल्म को करोड़ों दर्शकों का प्यार और दुलार मिला है। इससे प्रथक आज आप मुंबई की कई बडें पर्दे की फीचर फिल्मों के लिए भी गीत लिख रहे हैं जिनमें मिशन आॅवर, प्यार तो हमेशा रहेगा और राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले का नाम उल्लेखनीय है।

अलीगढ के “हीरालाल बारह सैनी इंटर कालेज” में व्याख्याता पद पर आसीन गीतकार डॉ.अवनीश राही की पुस्तकों और काव्य-संग्रहों की बात करें तो आपके दर्जनों काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जैसे राही की कालजयी रचनाएं कलम की वेदना, मेरा मसीहा- मेरा क़ातिल,जीवन-ज्ञानपुन्ज, ज़ख्मी कलम-सिसकते नग्में, उन दिनों 1992, काव्य-मंजरी,कविता के रंग-शब्दों के संग आदि-आदि इतना ही नहीं आपने अपने पिता साहित्यकार महाकवि अमरसिंह राही जी के संयुक्त लेखन में भी तीन महाकाव्य भीम चरितमानस, बुद्ध ज्ञान महासागर तथा मान्यवर कांशीराम चरितमानस की भी रचना की है। प्रत्येक महाकाव्य सात कांडो में विभाजित है जिनमें दोहा,चौपाई, छंद ,सवैया, लावनी,चौबोला,संवाद, बहरतब्बील,आल्हा, राधेश्याम जैसी तमाम लोक विधाओं का समावेश किया गया है। इन महाकाव्यों का विमोचन राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डॉ. प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति महामहिम डॉ. हामिद अंसारी व माननीय प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी के कर-कमलों द्वारा संपन्न हो चुका है। यहाँ यह भी स्पष्ट करना जरूरी है कि आपकी तमाम रचनाएं ऐसी हैं जो मानव के अंतर्मन को उद्वेलित करती हैं, झकझोरती हैं या यू कहें कि आदमी को आदमी बनाने का काम करती हैं। आपकी ऐसी तमाम कालजयी रचनाओं को आपके यूट्यूब चैनल “Dr. Avnish Rahi” पर देखा व सुना जा सकता है। इसमें गौरतलब बात ये है कि इन रचनाओं को आप पर ही फिल्माया गया है।

“IPRS मुंबई” के आजीवन सदस्य गीतकार डॉ.अवनीश राही के सम्मान व अवार्ड की भी एक लम्बी फेहरिस्त है। आपको आपकी समाजिक गतिविधियों तथा स्वस्थ्य समाज के निर्माण के लिए अलीगढ रत्न, ओज़ोन रत्न, डॉ.अम्बेडकर रत्न, उत्तर प्रदेश गौरव , लाईफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड-नेपाल, सम्यक साहित्य रत्न सम्मान, डॉक्टर अम्बेडकर फैलोशिप अवार्ड, साहित्य गौरव सम्मान,भारतीय त्रिरत्न सम्मान ,साहित्य पुरस्कार, भीम रत्न सम्मान, सरस्वती पुत्र सम्मान,बैस्ट संपादक आॅफ दा ईयर-2024, डॉ अम्बेडकर ह्यूमन राइट्स अवार्ड सहित दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित द्वारा स्वर्ण पदक सरीखे सम्मानों से नवाजा जा चुका है।


जहां अभी पिछले दिनों “पण्डित दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ” द्वारा, पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर, “हिंदी राष्ट्रीय दिवस” के साहित्यिक पखवाड़े में आपको आपकी शिक्षा , साहित्य, संस्कृति,कला व गीत-सृजन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने पर आपके अतुलनीय योगदान हेतु “विद्यावाचस्पति डॉक्ट्रेट की मानद् उपाधि-2024” के सम्मान से सम्मानित किया गया वहीं दूसरी ओर दिल्ली विधानसभा के मुख्यमंत्री सभागार में विधानसभा अध्यक्ष माननीय राम निवास गोयल जी के कर-कमलों द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार “भारत -विभूषण” से सम्मानित किया गया। हाल ही में विश्व स्तर पर एशियाई देशों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से,नेपाल संस्कृति एवं फिल्म केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में आपको अंतर्राष्ट्रीय स्तर विशिष्ट योगदान के लिए “इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड्स-2024 नेपाल” से भी सम्मानित किया गया। ज्ञातव्य हो कि आपको सिने-अभिनेत्री भाग्यश्री द्वारा “साहित्य शिरोमणि शब्द-सम्मान” तो हिमाचल प्रदेश के गवर्नर माननीय श्री शिव प्रताप शुक्ला जी द्वारा “राष्ट्रीय गौरव साहित्य श्री सम्मान”,सहित “गीत-गंधर्व साहित्य सम्मान” से भी नवाजा जा चुका है। और विशेष उपलब्धि में अभी पिछले माह राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री द्वारा हिन्दी के प्रथम महाकवि “चंदबरदाई की स्मृति में “चंदबरदाई गीत ऋषि राजस्थान सम्मान” से नवाजा गया।

कमल यादव (अमझेरा) ने नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से की भेंट,अमझेरा आने का दिया निमंत्रण




 


   अमझेरा: पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता कमल यादव (अमझेरा) ने हाल ही में बैतूल में नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल से उनके निजी निवास पर जाकर शिष्टाचार भेंट की और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

  इस मुलाकात के दौरान, कमल यादव ने श्री खंडेलवाल के सहज और सरल व्यवहार की सराहना करते हुए कहा कि वे इससे अत्यंत प्रभावित हुए हैं। यादव ने प्रदेश अध्यक्ष को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा द्वापरकालीन श्री कृष्ण रुक्मणी हरण स्थली, मां अंबिका झमका परिसर में श्री कृष्ण रुक्मणी लोक के कार्यों से विस्तृत रूप से अवगत कराया।

  कमल यादव ने इस अवसर पर श्री हेमंत खंडेलवाल को मां अंबिका झमका माता के दर्शन के लिए अमझेरा आने का निमंत्रण भी दिया। प्रदेश अध्यक्ष श्री खंडेलवाल ने इस निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि वे जल्द ही अमझेरा का दौरा करेंगे।

राजगढ़ के पांच धाम माताजी मंदिर में संस्कृत वार्तालाप सत्र का शुभारंभ




 

  

  राजगढ़ (धार) : ज्योतिषचार्य परम पूज्य श्री पुरुषोत्तम जी भारद्वाज के मार्गदर्शन में अखिल भारतीय सर्व ब्राह्मण समाज राजगढ़ द्वारा संचालित संस्कार पाठशाला के तहत पांच धाम माताजी मंदिर में बच्चों के लिए संस्कृत वार्तालाप सत्र का विधिवत शुभारंभ हो गया है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को संस्कृत भाषा से जोड़कर उनकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास को प्रोत्साहित करना है। जहाँ आपके बच्चों को संस्कृत में वार्तालाप, शास्त्र अध्ययन, स्त्रोत अध्ययन और वैदिक दिनचर्या निःशुल्क प्रदान की जाएगी। पाठशाला प्रति शनिवार सांय 6 बजे एवं रविवार प्रातः 9 से 11 बजे तक आयोजित की जाती है।

  आचार्य पंडित हेमंत भारद्वाज ने कहा, "संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, विज्ञान, दर्शन और आध्यात्म का प्रवेश द्वार है। इससे बच्चों की तार्किक क्षमता, शब्दावली और स्मरण शक्ति बढ़ती है।" समिति ने अभिभावकों से बच्चों को समय पर कक्षाओं में भेजने का आग्रह किया है ताकि वे पीछे न रह जाएं।

 यह प्रयास बच्चों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और ज्ञान के भंडार तक पहुंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण कदम है।




मुंबई में Dr. Ankita Dave दे रही हैं बाल चिकित्सा को एक नई दिशा

मुंबई जैसे महानगर में, जहाँ चिकित्सा सेवाएं तेज़ लेकिन अक्सर सतही होती हैं, वहीं Dr. Ankita Dave एक ऐसी बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में उभर रही हैं जो गहराई और निरंतरता को प्राथमिकता देती हैं। वह Andheri West में स्थित Niramaya Health Care में कार्यरत हैं और पिछले 14 वर्षों से बच्चों की संपूर्ण देखभाल में सक्रिय हैं।


Dr. Ankita Dave का मानना है कि बाल चिकित्सा सिर्फ बीमारियों के इलाज तक सीमित नहीं होनी चाहिए। वे बच्चों की शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक ज़रूरतों को समझते हुए एक समग्र (holistic) दृष्टिकोण अपनाती हैं। माता-पिता के साथ संवाद को वह उपचार प्रक्रिया का अहम हिस्सा मानती हैं।


उनकी विशेषज्ञता नवजात शिशु देखभाल, टीकाकरण, एलर्जी और अस्थमा प्रबंधन, पोषण परामर्श और विकासात्मक मूल्यांकन में है। उन्होंने मुंबई के सैकड़ों परिवारों के साथ दीर्घकालिक संबंध बनाए हैं, जो अपने बच्चों की हर उम्र में उनके पास लौटते हैं — infancy से लेकर adolescence तक।


Niramaya Health Care का बाल चिकित्सा विभाग, जहाँ Dr. Ankita Dave अपनी सेवाएँ देती हैं, बच्चों के अनुकूल माहौल के लिए जाना जाता है। स्वच्छता, सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक सहजता पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि बच्चे डॉक्टर से डरने की बजाय सहज महसूस करें।


Dr. Ankita Dave सिर्फ क्लिनिक तक सीमित नहीं रहतीं। वह अक्सर माता-पिता के लिए कार्यशालाएँ आयोजित करती हैं, जैसे कि “Early Childhood Screen Exposure”, “Nutrition in Growing Years” और “Childhood Anxiety Awareness”। उनकी सत्रों में भाग लेने वाले माता-पिता बताते हैं कि वे केवल डॉक्टर नहीं, एक विश्वसनीय मार्गदर्शक हैं।


Dr. Ankita Dave का यह भी मानना है कि माता-पिता को हर चरण पर तैयारी कराई जानी चाहिए — चाहे वह टीकाकरण हो, स्कूल की शुरुआत हो या किशोरावस्था के बदलाव। उनकी anticipatory guidance पद्धति परिवारों को भविष्य की चुनौतियों के लिए पहले से तैयार करती है।


उनके पति Keyur Dave भी स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासन से जुड़े रहे हैं और Niramaya Health Care की रणनीतिक दिशा में सहायक भूमिका निभाते हैं। यह पारिवारिक जुड़ाव संस्था को एक स्थिर और विश्वसनीय पहचान देता है।


मुंबई में जहां डिजिटल हेल्थ ऐप्स और तेजी से बदलते हेल्थ ट्रेंड्स हावी हैं, वहीं Dr. Ankita Dave एक स्थिर और भरोसेमंद विकल्प के रूप में सामने आई हैं। उनका फोकस ‘quick fix’ की बजाय ‘long-term wellbeing’ पर है।


उनकी कार्यशैली दर्शाती है कि आधुनिक बाल चिकित्सा में तकनीक के साथ-साथ सहानुभूति, संवाद और निरंतरता की भी उतनी ही आवश्यकता है। Dr. Ankita Dave यह संतुलन बखूबी स्थापित कर रही हैं — और यही वजह है कि मुंबई के माता-पिता उन्हें एक डॉक्टर से अधिक, एक विश्वसनीय साथी मानते हैं।

मुंबई में Niramaya Health Care का नया मॉडल: इलाज नहीं, पहले परामर्श और भरोसा

तेज़ होती चिकित्सा व्यवस्था और वाणिज्यिक अस्पतालों के युग में, Andheri West स्थित Niramaya Health Care एक ऐसा चिकित्सा केंद्र बनकर उभरा है, जो इलाज से पहले संवाद और समझ को प्राथमिकता देता है। यहाँ मरीजों को सिर्फ दवाइयाँ नहीं दी जातीं, बल्कि उन्हें सुना जाता है, समझा जाता है और दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुधार की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है।

इस केंद्र की स्थापना दो विशेषज्ञ डॉक्टरों — Dr. Keyur Dave (Senior Nephrologist) और Dr. Ankita Dave (Pediatrician) — द्वारा की गई है, जो मरीजों को इंसान के रूप में देखने और उनसे विश्वास का रिश्ता बनाने में विश्वास रखते हैं।

डायलिसिस की सुविधा नहीं, परामर्श है प्राथमिक

Niramaya Health Care में यह बात स्पष्ट रूप से बताई जाती है कि वहाँ in-house dialysis की सुविधा उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि किडनी से जुड़ी समस्याओं का समाधान यहाँ नहीं किया जाता। बल्कि Dr. Keyur Dave मरीजों को dialysis से संबंधित पूर्ण परामर्श, सही फैसिलिटी तक referral और उपचार प्रक्रिया की गहन जानकारी देते हैं।

वे मरीजों को यह समझाते हैं कि dialysis की जरूरत कब पड़ती है, उसे कैसे टाला जा सकता है और किस प्रकार की जीवनशैली इस प्रक्रिया को टालने या टालने में मदद कर सकती है। यही कारण है कि यहाँ इलाज सिर्फ फिजिकल नहीं, मानसिक और सूचना आधारित भी होता है।

दोहरी भूमिका में Dr. Keyur Dave

Niramaya Health Care में विशेषज्ञ परामर्श देने के साथ-साथ, Dr. Keyur Dave Kidney Associates Pvt. Ltd. में Director के रूप में भी कार्यरत हैं। इस भूमिका में वे शहर में kidney care की गुणवत्ता, संचालन और रणनीतिक विकास पर काम करते हैं। इस जिम्मेदारी के चलते वे मरीजों को केवल एक डॉक्टर के रूप में नहीं, बल्कि एक healthcare leader के रूप में भी मार्गदर्शन देते हैं।

बच्चों की देखभाल को नया आयाम देती हैं Dr. Ankita Dave

जहाँ एक ओर Dr. Keyur Dave वयस्कों की किडनी समस्याओं का समाधान करते हैं, वहीं Dr. Ankita Dave बच्चों की समग्र देखभाल का जिम्मा संभालती हैं। Pediatrics में 14+ साल के अनुभव के साथ, वह बच्चों के physical, emotional और behavioral health पर समान रूप से ध्यान देती हैं।

उनकी pediatric consultations में vaccination schedules, allergy guidance, nutrition counseling और बच्चों के developmental concerns जैसे मुद्दों पर संपूर्ण और संवेदनशील मार्गदर्शन दिया जाता है। माता-पिता अक्सर उन्हें केवल डॉक्टर नहीं, एक parenting mentor के रूप में भी देखते हैं।

नैतिकता, पारदर्शिता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण

Niramaya Health Care की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी ethics-driven medical philosophy। यहाँ ना तो अनावश्यक tests कराए जाते हैं, ना ही मरीजों पर कोई इलाज थोपा जाता है। परामर्श में समय लिया जाता है, ताकि मरीज हर प्रक्रिया को समझे और खुद अपने स्वास्थ्य निर्णयों का हिस्सा बने।

मरीजों का यहाँ वर्षों तक जुड़ा रहना यह साबित करता है कि Niramaya Health Care सिर्फ एक clinic नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद health partner है।

जागरूकता और सार्वजनिक सहभागिता

Dr. Keyur Dave और Dr. Ankita Dave दोनों ही समय-समय पर health awareness campaigns, school health sessions और parenting workshops में हिस्सा लेते हैं। उनकी पहल से न केवल रोगियों, बल्कि पूरे समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

बड़ा फैसला: सरदारपुर खरमोर अभ्यारण्य का 348 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र डिनोटिफाई,अब सिर्फ वन भूमि ही रहेगी सुरक्षित।




 

(अक्षय भण्डारी)

  भोपाल, 5 जुलाई 2025: टाइम्स ऑफ मालवा को मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार ने 3 जुलाई 2025 को राजपत्र में विभिन्न वनमंडलों की परिवर्तित सीमाओं को अधिसूचित किया है। इन अधिसूचनाओं में वन भूमि और राजस्व भूमि दोनों से संबंधित सीमांकन परिवर्तन शामिल हैं, जिनका उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता और वन प्रबंधन में सुधार करना है। 

  आपको बता दे इस विभाग की अधिसूचना क्रमांक, 2410-दस-2-83, दिनांक 04 जून, 1983 में आंशिक संशोधन के माध्यम से, एल‌द्वारा, परिशिष्ट-एक में वर्णित किए गए अनुसार 348 12 वर्ग किलोमीटर राजस्व क्षेत्र को अभ्यारण्य से पृथक् करती है, जो इस अधिसूचना के मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से अभ्यारण्य नहीं रहेगा. फलस्वरूप, खरमोर अभ्यारण्य (लेजर फ्लोरिकन पक्षी) का शेष रकबा इस अधिसूचना से संलग्न परिशिष्ट-दो के अनुसार होगा.

  अतएव, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (1972 का 53) की धारा 18 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुर, राज्य सरकार, एतदद्वार, इस विभाग की अधिसूचना क्रमांक 2410-दस-2-83, दिनांक 04 जून, 1983, जो मध्यप्रदेश राजपत्र, दिनांक 24 जून 1983 में प्रकाशित की गई थी, जिसके द्वारा 348.12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को खरमोर (लेसर फ्लोरिकन पक्षी) अभ्यारण्य घोषित किया गया था, में निम्नलिखित आंशिक परिवर्तन करती है, परिवर्तित क्षेत्रों के ब्यौरे निम्नानुसार हैं. अर्थात्


खरमोर अभ्यारण्य सरदारपुर (Kharamora Sanctuary,Sardarpur)

Details:

  • जिला (District): धार एवं झाबुआ (Dhar & Jhabua)

  • तहसील (Tehsil): सरदारपुर, पेटलावद, रामा (Sardarpur, Petlawad, Rama)

  • वनमण्डल (Forest Division): धार एवं झाबुआ (Dhar & Jhabua)

  • वन परिक्षेत्र (Forest Range): सरदारपुर, पेटलावद, झाबुआ (Sardarpur, Petlawad, Jhabua)

क्षेत्रफल (Area):

  • आरक्षित वन (Reserved Forest): -36.0636 वर्ग किलोमीटर (sq km)

  • संरक्षित वन (Protected Forest): -95.9077 वर्ग किलोमीटर (sq km)

  • राजस्व क्षेत्र (Revenue Area): -0.8631 वर्ग किलोमीटर (sq km)

कुल (Total): -132.8344 वर्ग किलोमीटर (sq km)


  यह अधिसूचना मध्य प्रदेश में वन और राजस्व भूमि के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।