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नई म्यूज़िक एल्बम ‘Vinti Ek Baari Sun Ke’ जल्द होगा रिलीज़, Alisha Bohat Nehete और Tushar Nehete किया फीचर

 म्यूज़िक इंडस्ट्री में अपना खास नाम बना चुके निर्माता पति-पत्नी, Alisha Bohat Nehete और Tushar Nehete, अपनी नई म्यूज़िक एल्बम के साथ जल्द ही वापसी करने वाले हैं। इस एल्बम का नाम है ‘Vinti Ek Baari Sunke ’, और इसका म्यूजिक प्रसिद्द म्यूजिक डायरेक्टर Vardan Singh ने दिया है जबकि सिंगर Rekha Rao ने गाया है। यह एल्बम खास है क्योंकि इसमें Alisha Bohat Nehete और Tushar Nehete पहली बार एक स्टोरी-आधारित म्यूज़िक एल्बम में दिखाई देंगे।

यह गीत मुंबई में शूट किया गया है और यह खास तौर पर माँ शेरावाली को समर्पित है। इस गाने के जरिए निर्माताओं ने माँ शेरावाली के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को गीत के रूप में प्रस्तुत किया है।

अलिशा Alisha Bohat Nehete और तुषार Tushar Nehete दोनों ही ‘ओम सत्य म्यूज़िक (Om Satya Music)’ नामक म्यूज़िक लेबल के निर्माता हैं। उनकी जोड़ी पहले भी कई शानदार म्यूज़िकल प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रही है, और उनकी नई एल्बम का इंतजार उनके फैंस लंबे समय से कर रहे हैं।

इससे पहले, अलिशा (Alisha Bohat Nehete) और तुषार (Tushar Nehete) ने Vardan Singh के साथ कई हिट गाने रिलीज़ किए हैं, जिनमें ‘हाय हैलो छोड़ बोलो जय सिया राम’, ‘भारत देश है मेरा’, ‘शंकर तू ही सहारा’, ‘मैं काशी बार बार आता हूँ’, और ‘माँ शारदे’ जैसे गाने शामिल हैं। इन गानों ने लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बनाई है, और अब उनका नया एल्बम ‘Vinti Ek Baari Sunke’ भी उसी तरह की सफलता की उम्मीदों के साथ रिलीज़ होने जा रहा है।

‘विंती एक बारि सुन के (Vinti Ek Baari Sunke’ एक दिल छूने वाली स्टोरी-आधारित एल्बम होगी, जिसमें संगीत और कहानी का एक अनोखा मिश्रण देखने को मिलेगा। इस एल्बम के जरिए अलिशा और तुषार ने अपनी रचनात्मकता को एक नए स्तर पर पेश किया है, और दर्शकों को एक नई अनुभव की उम्मीद है।

यह एल्बम जल्द ही म्यूज़िक प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होगा, और इसके रिलीज़ होते ही इसने कई संगीत प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। अलिशा और तुषार की जोड़ी ने साबित किया है कि वे संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए लगातार नए प्रयोग करने के लिए तैयार हैं।

‘Vinti Ek Baari Sunke’ को लेकर फैंस में काफी उत्साह है, और यह एल्बम निस्संदेह म्यूज़िक लवर्स के लिए एक तोहफा साबित होने वाला है।

मध्यप्रदेश के धार जिले के खरमोर अभ्यारण्य पर हुए 5 वर्षों में 57.30 लाख खर्च,विधायक प्रताप ग्रेवाल ने लगाया था विधानसभा में प्रश्न जिसके जवाब में हुआ खुलासा





   

  एक ओर मध्यप्रदेश सरकार अभयारण्यों के संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध बता रही है, वहीं अब सरदारपुर खरमोर अभयारण्य कई महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े कर रहा है। साथ ही खरमोर पक्षी की घटती संख्या के पीछे 41 वर्षों में अभयारण्य की उचित देखरेख न किया जाना बताया जा रहा है।

  खरमोर अभयारण्य पर हुए 5 वर्षों में 57.30 लाख खर्च,  सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में प्रश्न उठाया था, जिसके जवाब में यह खुलासा हुआ। विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में राज्य वन मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि सागर जिले में प्रस्तावित नए अभयारण्य की अधिसूचना प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सरदारपुर अभयारण्य के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी होगी। सरदारपुर अभयारण्य का 215.28 वर्ग किमी क्षेत्र कम किया जाएगा, जिसका समायोजन कूनो राष्ट्रीय उद्यान, कर्मझिरी अभयारण्य और सागर जिले के नए अभयारण्य में किया जाएगा।

यह भी जानिए: कब कितने पक्षी आए और कितना खर्च हुआ

🔹 2020-21: 06 खरमोर पक्षी देखे गए, ₹28.09 लाख खर्च
🔹 2021-22: 06 खरमोर पक्षी देखे गए, ₹0.00 लाख खर्च
🔹 2022-23: 05 खरमोर पक्षी देखे गए, ₹6.09 लाख खर्च
🔹 2023-24: 00 खरमोर पक्षी देखे गए, ₹7.96 लाख खर्च
🔹 2024-25: 00 खरमोर पक्षी देखे गए, ₹15.16 लाख खर्च
🔹 कुल (योग): 17 खरमोर पक्षी, कुल ₹57.30 लाख खर्च

  गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों से सरदारपुर अभयारण्य में कोई भी खरमोर पक्षी दर्ज नहीं किया गया है, फिर भी संरक्षण के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यह न केवल सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि संरक्षण प्रयासों की प्रभावशीलता पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।

अब सवाल उठता है...

❓ जब अभयारण्य में खरमोर दिख ही नहीं रहे, तो संरक्षण के नाम पर खर्च किस आधार पर हो रहा है?
❓ क्या यह बजट सिर्फ कागजों में ही चल रहा है?
क्या सरकार और वन विभाग इस पर कोई जवाबदेही तय करेगा?

   सरदारपुर अभयारण्य में घटते खरमोर और बढ़ते खर्च की यह कहानी निश्चित रूप से एक बड़े सवाल की ओर इशारा करती है—क्या संरक्षण के नाम पर केवल बजट की बंदरबांट हो रही है? सरदारपुर अभयारण्य के संरक्षण पर खर्च किए गए करोड़ों रुपये और नतीजों में भारी अंतर बताता है कि यह योजना प्रभावी साबित नहीं हो रही है। यह सरकार के लिए एक गंभीर आत्ममंथन का विषय है। उम्मीद है कि मध्यप्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण को लेकर ठोस कदम उठाएगी और जनता को सही जवाब देगी। 

डॉ. दिनेश साबनीस की पुस्तक ने अमेज़न इंडिया पर #1 बेस्ट सेलर बनने की अद्भुत उपलब्धि हासिल की!

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  एक नई प्रकाशित पुस्तक, "संयुक्त राष्ट्र- सतत शांति और वैश्विक विकास की ओर यात्रा," ने अमेज़ॅन इंडिया की सर्वश्रेष्ठ विक्रेता सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है और आधुनिक और समकालीन साहित्य के लिए हॉट न्यू रिलीज़ श्रेणी में लगातार # 1 स्थान पर है। सम्मानित शिक्षाविद् और गैर-कैरियर राजनयिक कर्नल (माननीय) डॉ दिनेश सबनीस द्वारा लिखित, यह काम दुनिया भर में शांति, मानवाधिकारों और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन का व्यापक विश्लेषण प्रदान करता है।

संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक प्रभाव को समझने के लिए एक व्यापक गाइड:

  डॉ. सबनीस की पुस्तक संयुक्त राष्ट्र के महत्वपूर्ण वैश्विक प्रभाव को समझने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है। यह संघर्ष समाधान, मानवीय सहायता, जलवायु परिवर्तन और शांति निर्माण प्रयासों सहित दबाव वाले वैश्विक मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से संगठन की विविध पहलों की अच्छी तरह से जांच करता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की शुरुआत से लेकर इसकी वर्तमान गतिविधियों तक संयुक्त राष्ट्र के विकास को क्रॉनिकल करके, लेखक अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है। पाठ में वास्तविक दुनिया के केस स्टडीज भी शामिल हैं जो अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को हल करने और मानवीय प्रयासों के समन्वय में संयुक्त राष्ट्र की प्रभावशीलता को दर्शाते हैं, पाठकों को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) जैसे रणनीतिक ढांचे की बारीक समझ और वैश्विक और राष्ट्रीय दोनों नीतियों पर उनके प्रभाव प्रदान करते हैं।

आवश्यक विषयों और अंतर्दृष्टि की खोज:

"सतत शांति और वैश्विक विकास की ओर संयुक्त राष्ट्र की यात्रा" संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डालती है, जबकि इसके सामने आने वाली लगातार चुनौतियों का भी समाधान करती है। डॉ. सबनीस महत्वपूर्ण विषयों की जांच करते हैं, जिसमें सदस्य देशों के बीच राजनीतिक दरार, वित्तीय सीमाएं और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के बदलते परिदृश्य शामिल हैं। पुस्तक शांति, सुरक्षा और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से रचनात्मक सुझाव प्रदान करती है। पर्यावरण संरक्षण, श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के महत्वपूर्ण कार्य पर जोर देते हुए, डॉ सबनीस वैश्विक स्थिरता पर संगठन के व्यापक प्रभाव को दर्शाते हैं।

इस पुस्तक को आवश्यक मानने के कारण:

यह पुस्तक नीति निर्माताओं, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लगे छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करती है। डॉ. सबनीस कुशलता से आधुनिक विश्लेषण के साथ गहन ऐतिहासिक दृष्टिकोणों का विलय करते हैं, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा को बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र के महत्वपूर्ण कार्य को दर्शाते हैं। चाहे आप एक अकादमिक, एक शोधकर्ता, या अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में गहरी रुचि रखने वाले व्यक्ति हों, यह पुस्तक दुनिया के सबसे शक्तिशाली संगठनों में से एक के संचालन में आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

लेखक के बारे में - कर्नल (माननीय) डॉ दिनेश सबनीस:

  कर्नल (माननीय) डॉ. दिनेश सबनीस एक उच्च सम्मानित पूर्व सरकारी अधिकारी और एक अनुभवी गैर-कैरियर राजनयिक हैं। संयुक्त राष्ट्र मामलों, शिक्षा, खेल, युवा विकास, सांस्कृतिक कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय वार्ता जैसे क्षेत्रों में 28 से अधिक वर्षों की विशेषज्ञता के साथ, डॉ सबनीस ने शिक्षा, वैश्विक कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। सामाजिक उन्नति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और शिक्षा में उनके केंद्रित प्रयासों ने उन्हें मानवता में उनके असाधारण योगदान को उजागर करते हुए कई पुरस्कार और मान्यताएं प्राप्त की हैं।

 कर्नल (माननीय) डॉ. सबनीस का कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में व्यापक अनुभव उन्हें मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए सुसज्जित करता है, जिससे यह पुस्तक संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना और विकास प्रयासों पर एक निश्चित संसाधन प्रदान करती है।

किताब कहां से खरीदें:

"सतत शांति और वैश्विक विकास की ओर संयुक्त राष्ट्र की यात्रा" प्रिंट और डिजिटल दोनों प्रारूपों में उपलब्ध है। इच्छुक पाठक प्रमुख प्लेटफार्मों के माध्यम से पुस्तक खरीद सकते हैं जैसे:


TheTrending People ने हिंदी पाठकों के लिए लॉन्च किया Hindi.TheTrendingPeople.com


नई दिल्ली, भारत – 18 मार्च 2025
– भारत के लोकप्रिय डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म TheTrendingPeople ने हिंदी भाषी पाठकों के लिए अपना नया पोर्टल Hindi.TheTrendingPeople.com लॉन्च किया है। यह पहल उन करोड़ों पाठकों को ध्यान में रखकर की गई है जो अपनी मातृभाषा में विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण समाचार प्राप्त करना चाहते हैं।

हिंदी पाठकों के लिए विश्वसनीय पत्रकारिता

हिंदी भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, और डिजिटल युग में हिंदी पत्रकारिता की मांग तेजी से बढ़ रही है। Hindi.TheTrendingPeople.com का उद्देश्य हिंदी पाठकों तक समाचार, विश्लेषण और ट्रेंडिंग स्टोरीज़ को उनकी भाषा में पहुंचाना है। यह पोर्टल विभिन्न श्रेणियों में समाचार प्रदान करेगा, जिनमें शामिल हैं:

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TheTrendingPeople ने इस नए हिंदी पोर्टल के माध्यम से भाषा की बाधा को खत्म करने और अधिक से अधिक पाठकों तक पहुंचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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राष्ट्र प्रेम,साहस और गौरवशाली इतिहास से परिचित करवाने वाली फिल्मों को देंगे प्रोत्साहन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव,फिल्म "छावा" का विशेष शो हुआ ओपन थियेटर में



   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज 17वीं सदी में शासक रहे छत्रपति संभाजीराव महाराज के जीवन और संघर्ष पर बनी फिल्म "छावा" देखी। लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म को मध्यप्रदेश सरकार ने टैक्स फ्री भी किया है।

  अशोका लेक व्यू परिसर में ओपन थियेटर में हुए फिल्म के विशेष प्रदर्शन को मुख्यमंत्री डॉ. यादव के अलावा विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर, उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मंत्री परिषद के सदस्यों और अनेक जन प्रतिनिधियों ने देखा और फिल्म की सराहना की।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह राष्ट्र प्रेम का संदेश देने वाली प्रेरक फिल्म है। मध्यप्रदेश सरकार ऐसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी भारत के गौरवशाली इतिहास से अवगत करवाने वाली फिल्मों को प्रोत्साहित करेगी। राज्य सरकार भारत के वीर शासकों और देशभक्तों के संघर्ष की गाथा को प्रस्तुत करने वाले सिनेमा को आगे बढ़ाने में पूर्ण सहयोग करेगी।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज जितने साहसी और वीर थे वैसे ही उनके सुपुत्र छत्रपति संभाजीराव महाराज भी थे। वे ऐसे शासक थे जिन्होंने देश के लिए राष्ट्र प्रेम का अदभुत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा 300 वर्ष से अधिक पुराने दौर को सिनेमा के परदे पर जीवंत किया गया है। फिल्म के निर्माता निर्देशक और कलाकार बधाई के पात्र हैं।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज विश्व में भी काफी उथल-पुथल है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत अपनी विरासत और संस्कृति के संरक्षण के साथ विकास की ओर बढ़ रहा है। निश्चित ही ऐसी फिल्म जनप्रतिनिधियों के साथ देखना मेरे लिए एक सुखद संयोग है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता पर आधारित एक काव्य रचना भी पढ़कर सुनाई।



 

धार जिले में बनेगा डायनोसोर नेशनल पार्क एवं सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य








*पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये विशेष प्रयास किये जाएंगे : संभागायुक्त
*संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न


धार। संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में आज संभागायुक्त कार्यालय में डायनोसोर नेशनल पार्क एवं सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में धार कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्र, उपायुक्त श्रीमती सपना लोवंशी, जिला वन मंडलाधिकारी सहित पंचायत एवं वन विभाग के अधिकारी शामिल हुए। 
      बैठक में संभागायुक्त श्री सिंह ने बताया कि धार जिले के बाग तहसील में डायनोसोर नेशनल पार्क बनेगा। इस पार्क के चारों और बोरकुरी, रिसावाला, बयादीपुरा (पाडलिया) और गंगकुई (जामनियापुरा) ग्राम हैं। यह नेशनल पार्क भी अन्य नेशनल पार्कों की तरह इको सेंसेटिव झोन के अंतर्गत है। यह क्षेत्र वन्य जीव संरक्षण और पर्यावरण की दृष्टि  से भी संरक्षित क्षेत्र है। यह नेशनल पार्क भोपाल और मेघनगर रोड़ के बीच में होगा। मेघनगर रेल्वे स्टेशन से इसकी दूरी 95 किलो मीटर होगी, जबकि इंदौर रेल्वे स्टेशन से 152 किलो मीटर और भोपाल रेल्वे स्टेशन से दूरी 350 किलो मीटर होगी। इस नेशनल पार्क के आसपास बड़केश्वर महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर, ऐतिहासिक बाग गुफाएं और किले हैं, जो पर्यटकों को यहां आने के लिये आकर्षित करेंगे। इस नेशनल पार्क में शीशम, नीम, आंवला सहित हजारों प्रजातियों के आयुर्वेदिक एवं औषधीय पेड़ होंगे, वहीं सियार, लोमड़ी जैसे वन्य जीव भी होंगे। 
      पर्यटकों की दृष्टि से भी यह पार्क सबको लुभाएगा। वर्तमान में यहां सालाना 15 हजार से  अधिक पर्यटक आतें है। पार्क बन जाने के बाद पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। इस क्षेत्र में घूमने का सबसे श्रेष्ठ समय अक्टूबर से लेकर दिसम्बर तक का होता है। उस समय तीन-चार गुना अधिक पर्यटक आतें हैं। वीकेंड पर भी संख्या बढ़ जाती है। 
    संभागायुक्त श्री सिंह ने बताया कि डायनोसोर नेशनल पार्क को बनाते समय इस बात का पूरा ध्यान रखा जायेगा कि आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन नहीं हो। क्योंकि इस क्षेत्र में आदिवासी समाज बहुसंख्यक में है। इसलिये उनकी परम्परा, त्यौहार, उत्सव आदि का विशेष ध्यान रखा जायेगा। पार्क के माध्यम से प्रकृति संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जायेगा। पार्क के समीप ऐसी गतिविधियां चलाई जायेगी जिससे प्रकृति को भी नुकसान नहीं पहुंचे और आदिवासी समाज को भी रोजगार मिल सके। क्षेत्र में बाग प्रिंट को बढ़ावा दिया जायेगा और युवाओं का स्कील डेवलपमेंट किया जायेगा।
बैठक में सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य पर भी विस्तार से चर्चा हुई। यह वन्यजीव अभ्यारण्य भी इको सेंसेटिव झोन के अंतर्गत होगा। इस वन्य जीव अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव जैसे लोमड़ी, बंदर, लंगूर, सियार सहित विभिन्न प्रकार के पक्षी भी होंगे। विशेषकर खरमोर पक्षी का संरक्षण किया जायेगा। इस क्षेत्र में खरमोर पक्षी विशेष रूप से पाये जाते हैं। यहां टीक, बबूल, पलाश, अंजन जैसे कई पेड़ पौधों की विशाल श्रृंखला होगी। अभ्यारण्य में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जायेगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के विशेष प्रयास किये जायेंगे। मालवा और निमाड़ की दृष्टि से सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य महत्वपूर्ण केन्द्र साबित होगा। यह जूलॉजी के विद्यार्थियों के सीखने के लिये महत्वपूर्ण केन्द्र बन सकता है। बैठक में संबंधित अधिकारियों ने भी अपने सुझाव रखे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गर्मी में सार्वजनिक प्याऊ लगाने के दिए निर्देश




 

  भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गर्मी के मौसम को देखते हुए जिलों के कलेक्टर, नगरीय निकायों तथा पंचायतों को सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उपयुक्त स्थलों पर छाया की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस संबंध में जन प्रतिनिधियों से भी अपील की है। उन्होंने कहा कि जन सामान्य के लिए ग्रीष्म ऋतु में प्याऊ लगवाने की परंपरा प्राचीन काल से रही है। जल संरक्षण के साथ-साथ जल की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया को दिए संदेश के माध्यम से प्रदेशवासियों से जल गंगा अभियान के अंतर्गत बूंद- बूंद जल बचाने के लिए संचालित होने वाली गतिविधियों में सहभागिता करने का भी आव्हान किया।