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गुरु सप्तमी महामहोत्सव 2025 : लाखों गुरुभक्त का आया सैलाब मोहनखेड़ा महातीर्थ की गुरुसप्तमी महामहोत्सव पर भारतीय सेना के कई अधिकारीयों ने की शिरकत




  राजगढ़ / धार  । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेडा तीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्ठम पट्टघर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टा अलंकार नवम गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. एवं मुनिमण्डल व साध्वी मण्डल की पावनतम निश्रा में गुरुसप्तमी महामहोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसमें प्रमुख रुप से प्रभुजी जिन मंदिर व दादा गुरुदेव के समाधि मंदिर के द्वार उद्घाटन श्री छगनराजजी वजावत परिवार द्वारा किया गया साथ ही दादा गुरुदेव के 198 वें जन्मोत्सव के अवसर पर दादा गुरुदेव का पालना राजगढ़ निवासी संजयकुमारजी सुगन्धीलालजी वेणीरामजी सराफ परिवार द्वारा झुलाया गया। दादा गुरुदेव की मुख्य महाआरती देसूरी राज. / मुम्बई निवासी श्री राजेशकुमारजी फागणिया परिवार द्वारा उतारी गई ।













  गुणानुवाद सभा में मुख्य अतिथि के रुप में भारतीय नौसेना के मेजर जर्नल नरपतसिंहजी राजपुरोहित, ब्रिगेडियर रविमनुस्वामीजी, केप्टन पी.वी. हरी, मेजर रघुरामजी रेड्डी, एस. ए. भण्डारी, रामारावजी नेवी, त्रिलोकचंदजी, अनिलजी सिलके, बी.एन. सुबरयन्नी कनाट आर.मी., उज्जैन संभाग के धर्मस्थ विभाग के कमिश्नर, संजयजी गुप्ता एवं राजेन्द्रसूरि सम्मान से सम्मानित हुई श्रीमती लता बोथरा कार्यक्रम में अतिथि के रुप में उपस्थित हुई सभी अतिथिगणों का स्वागत सत्कार श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं समस्त ट्रस्टीगणों के द्वारा किया गया। श्रीमती लता बोथरा को ट्रस्ट की और से अभिनन्दन पत्र व एक लाख रुपये का चेक भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम में रतलाम जैन श्रीसंघ के सदस्यों ने आचार्य श्री हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. से रतलाम नगर में प्रथम आचार्य पाट महोत्सव मनाने हेतु व पधारने हेतु विनती की। श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ द्वारा वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. एवं मुनिमण्डल व श्रमणीवृंद के वर्ष 2025 के चातुर्मास हेतु विनती की गई। दोनों विनतीयों पर आचार्यश्री ने प्रवचन के दौरान कहा कि गुरु सप्तमी महामहोत्सव में निश्रा प्रदान करने के पश्चात् 08 जनवरी को छःरिपालक यात्रा संघ हेतु रतलाम के लिये विहार होगा। 12 जनवरी को करमदी तीर्थ पर रहेगें। 13 जनवरी को रतलाम नगर में प्रवेश होगा 22 जनवरी को दादावाड़ी जावरा में प्रवेश होगा। 23 जनवरी को जिनालय का भूमि पूजन होगा और 04 फरवरी को जावरा से नागेश्वर तीर्थ हेतु छःरिपालक यात्रा संघ का प्रयाण होगा। वहां से पुनः जावरा नगर में आने के बाद 13 फरवरी से 26 फरवरी तक आचार्य की द्वितीय पीठिका की साधना जावरा नगर में होगी ।

  श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के महामंत्री फतेहलाल कोठारी ने बताया कि गुरु सप्तमी महामहोत्सव के पांच दिवसीय महोत्सव के मुख्य दिन सोमवार को लम्बी-लम्बी कतारों में अपनी बारी का इन्तजार करते हुए गुरुभक्तों ने तीर्थाधिपति प्रभु श्री आदिनाथ भगवान एवं दादा गुरुदेव की प्रतिमा की वासक्षेप पूजा, अभिषेक, प्रक्षाल, केसर पूजा करते हुए स्नात्र पूजा का विधान पूर्ण किया । सम्पूर्ण मंदिर परिसर को विधुत सज्जा एवं पुष्प सज्जा से सुसज्जित किया गया। गुरु सप्तमी महोत्सव के मुख्य दिवस पर दर्शनार्थी एवं पूजन करने वालों के लिये अलग-अलग लाईनों में लगकर दर्शन पूजन करने की पुरी व्यवस्था की जा चूकी है ताकि किसी भी पूजन करने वाले एवं दर्शन करने वाले को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े पर गुरुभक्तों के सैलाब को देखते हुए हर गुरुभक्त को एक घण्टे से अधिक दर्शन और पुजन हेतु इंतजार करना पड़ा। आने वाले आगन्तुक मेहमानों के लिये, राजगढ़ जैन श्रीसंघ सहित मुख्य दिवस के लिये जैनेत्तर समाज के लिये भी गुरुप्रसादी की विशेष व्यवस्था भोजनशाला परिसर में की है। गुरु सप्तमी भोजनशाला के पिछले हिस्से में ग्रामीण क्षेत्रों से आये हुए गुरुभक्तों के लिये व्यवस्था की गई थी। हजारों की संख्या में जैनेत्तर भाई-बहनों ने गुरु प्रसादी का लाभ प्राप्त किया। वही सराफ परिवार एवं सरेमलजी कपुरचंदजी कोठारी परिवार द्वारा निःशुल्क चाय एवं नास्ते की शानदार व्यवस्था की गई थी जिसका लाभ भी गुरुभक्तों द्वारा उठाया गया था ।

   इस अवसर पर श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट के उपाध्यक्ष पृथ्वीराज सेठ, उपाध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी, महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, कोषाध्यक्ष हुकमीचंद वागरेचा, ट्रस्टी शांतीलाल जवेरचंदजी साकरिया, कमलचंद लुणिया, मांगीलाल पावेचा, चम्पालाल वर्धन, बाबुलाल खिमेसरा, शांतीलाल सेठ दैयाप, मेघराज जैन, संजय सराफ, मांगीलाल रामाणी, साकलचंद तांतेड़, आनन्दीलाल अम्बोर, कमलेश पांचसौवोरा, बाबुलाल डोडियागांधी, भेरुलाल गादिया, पुष्पराज बोहरा, पारसमल बालगोता, सहित कई समाज के वरिष्ठजन समाज सेवी, राजगढ़ श्रीसंघ के कई समाजजन एवं राजगढ़ नगर की समस्त महिला मण्डल गुरु सप्तमी महामहोत्सव में अपनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ तन, मन, धन के साथ लगे हुए है गुरु सप्तमी महामहोत्सव के दौरान प्रातः 10 बजे बाद से गुरुभक्तों का जो सैलाब आया उसमें इन्दौर अहमदाबाद हाईवे मार्ग से स्थित जय तलहटी से लेकर मोहनखेड़ा महातीर्थ के मुख्य द्वार तक चारों तरफ जन सैलाब ही नजर आ रहा था। तीर्थ के मुख्य द्वार तक पहुंचने में आने जाने वालों को काफी इंतजार का सामना करना पड़ा। कई बार पुलिस विभाग के अधिकारीयों को लगे हुए ट्राफिक जाम की स्थिति से मेहनत करके वाहनों की आवाजाही प्रारम्भ करवाना पड़ा। जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी अपने पुरे दल बल के साथ गुरु सप्तमी महोत्सव की व्यवस्थाओं में अपना योगदान दिया। वार्षिक पंचांग का विमोचन भी किया गया ।

वन विभाग की सुस्ती,रेलवे बोर्ड की तेजी: खरमोर अभयारण्य और इंदौर-दाहोद रेल परियोजना के बीच टकराव.....





  इंदौर दाहोद रेलवे लाइन पर वन विभाग का सख्त नही होना अपने आप मे लापरवाही की भेंट खरमोर अभ्यारणय को चढ़ाने जैसा है। वही सरदारपुर खरमोर अभ्यारणय से 14 ग्राम पंचायतों को मुक्त कर ही नवीन खरमोर अभ्यारणय धार-झाबुआ को मिलाकर बनना है । फिलहाल मामला इसलिये अटक रहा है कि राज्य सरकार को केवल सरदारपुर खरमोर अभयारण्य की सीमा परिवर्तन का ही नहीं, बल्कि अन्य अभयारण्यों जैसे सोनवानी, बालाघाट, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सागर और महात्मा गांधी अभयारण्य, बुरहानपुर के नोटिफिकेशन का भी प्रस्ताव भेजना होगा। इसके साथ ही,कूनो और न्यू करमझिरी अभयारण्य में अतिरिक्त क्षेत्र जोड़ने का प्रस्ताव भी भेजना होगा। इस प्रकार,यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही सरदारपुर खरमोर अभयारण्य की सीमा 132.83 वर्ग किमी तक घटाई जा सकेगी।  
  वर्तमान में खरमोर अभ्यारणय पर नज़र डालें तो 14 ग्राम पंचायतों सहित 250 मीटर का इको सेसेंटिव जोन में अधिसूचित है। अभ्यारणय के क्षेत्र में 14 ग्राम पंचायतों के रजिस्ट्री नामांतरण ओर अन्य विकास कार्य बाधित है। जबकि इन सभी क्षेत्रों में पिछले 15 वर्षों से अधिक समय हो गया है लेकिन खरमोर पक्षी नही देखे गए है। अब एक नज़र डालते है आखिरकार वन विभाग पर दोहरी नीति पर आरोप क्यो लग रहे है  दरहसल 4 जून 1983 से खरमोर अभ्यारणय के कारण 14 ग्राम पंचायतों को अधिसूचित ही किया गया था। उसके बाद। उन क्षेत्रों मे निजी जमीनों की क्रय विक्रय नही प्रतिबंध लग गया था। लेकिन आज यह अभ्यारण्य ग्रामीण विकास और संरक्षण के बीच टकराव का प्रतीक बन गया है। 14 ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीण इस अभ्यारण्य की सीमाओं और प्रतिबंधों से प्रभावित हैं, जबकि संरक्षण का उद्देश्य अधूरा साबित हो रहा है।





   उसके बाद वर्ष 2002-2003 में पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के 400 केवी राजगढ़ सब स्टेशन की स्थापना के लिये ग्राम अमोदिया तहसील सरदारपुर की निजी भूमि अधिग्रहण के लिए अपर कलेक्टर ने निर्देश दिए थे। विद्युत (आपूर्ति) अधिनियम, 1948 की धारा 29(2) के अनुसार, संशोधित रूप में, 400/220 केवी राजगढ़ सबस्टेशन की स्थापना की गई थी। इस सबस्टेशन के लिए भूमि 31 मार्च, 2004 के राज्य प्रशासन के आदेश के माध्यम से अधिग्रहित की गई थी। ग्राम अमोदिया में स्थित और आमतौर पर राजगढ़ सबस्टेशन के रूप में संदर्भित सबस्टेशन के निर्माण को सभी सुरक्षा मानकों और नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद मंजूरी दी गई थी। वही मुआवज़े के लिए पात्र किसानों की सूची धार कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में अनुसार। पावरग्रिड ने मुआवज़े के वितरण के लिए भूमि अधिग्रहण अधिकारी, धार के पास ₹45,81,000 जमा कर दिए थे। जानकरी अनुसार वर्ष 2008 में यह पॉवर ग्रिड आंरभ होकर सन्चालित किया जा रहा है। यह 400/220 केवी राजगढ़ सबस्टेशन 400 केवी लाइनों के माध्यम से गुजरात में सरदार सरोवर परियोजना, एमपीपीटीसीएल बदनावर, कसोर गुजरात, एमपीपीटीसीएल छेगांव और एनटीपीसी खरगोन से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त, 220 केवी राजगढ़ सबस्टेशन एमपीपीटीसीएल धार, भोपावर और पीथमपुर से डाउनस्ट्रीम से जुड़ा है । ऐसे में अगर पॉवर ग्रिड की पॉवर लाइन भी अधिसूचित क्षेत्रो में होकर गुजर रही है।

 अभ्यारण्य का मुख्य उद्देश्य विलुप्तप्राय खरमोर पक्षी का संरक्षण था। लेकिन पिछले 15 वर्षों में इस क्षेत्र में खरमोर पक्षी की कोई उपस्थिति दर्ज नहीं की गई। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2016 से 2022 के बीच केवल 51 बार इन पक्षियों की मौजूदगी की सूचना मिली। यह स्थिति संरक्षण के प्रयासों की विफलता को उजागर करती है।

   वही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को खरमोर अभ्यारण्य के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-50 के इंदौर से मध्यप्रदेश/गुजरात सीमा तक 4/6 लेन चौड़ीकरण कार्य की अनुमति शर्तों के आधार पर मिली थी। सरदारपुर में धुलेट से सियावद तक इस मार्ग पर लगभग 7 किमी के भीतर करोड़ों की लागत से साउंडप्रूफ दीवार का निर्माण किया गया, जिसका उद्देश्य पक्षियों को शोरगुल से राहत देना था।


मप्र वन विभाग मौन,रेलवे का कार्य तेज....

  मध्यप्रदेश की मोहन सरकार भले वन्यप्राणियो के संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध होने की बात कह रही हो लेकिन वन विभाग के आला अधिकारियों के संज्ञान के बाद भी सरदारपुर क्षेत्र में प्रस्तावित इंदौर-दाहोद रेल लाइन परियोजना सर्वे के आधार पर खरमोर अभयारण्य के लगभग 2-3 किलोमीटर के भीतर से गुजरने वाली है। जबकिं अभ्यारणय का मकसद ही पक्षियो के संरक्षण के लिए होता है लेकिन यहां कुछ बात अलग ही है यहां वन विभाग का कहना खरमोर अभ्यारणय व इको सेसेंटिव जोन से डेढ़ किमी लगभग पर होने हमारे कार्यक्षेत्र के बाहर है लेकिन उल्लेखनीय है कि एनएच को फोरलेन निमार्ण में अभ्यारणय से महज 7 किलोमीटर पर ही साउंड प्रूफ दीवार बनवाई थी लेकिन यह दीवार भी प्रश्न छोड़ रही है कि वन विभाग के अधिकारियों को  संरक्षण की परवाह नही है ।

  उधर नए सर्वे के अनुसार जैसा बताया जा रहा है कि इंदौर दाहोद रेल लाइन अमझेरा से सीधे मोरगांव, बड़वेली, मौलाना, जोलाना होकर उमरकोट जोड़ने की बात आ रही है,जहाँ 14 ग्राम पंचायतों सहित 250 मीटर का इको सेसेंटिव जोन है तो वही वर्तमान खरमोर अभ्यारणय सींमा से लगभग डेढ़ किमी पर रेल लाइन संभावित है। 








नवीन खरमोर अभ्यारणय हो न जाए बाधित-

  नवीन खरमोर अभ्यारणय जो प्रस्तावित है,उसकी स्थिति भी इसी क्षेत्र के इर्द-गिर्द है। सूत्रों के अनुसार, धार और झाबुआ जिलों में प्रस्तावित रेलवे लाइन इन क्षेत्रों से गुजरने वाली है, साथ ही एक या तीन कक्ष जो उसमे से रेल लाइन गुजरने की बात सामने आ रही है।

  यह भी उल्लेखनीय है कि इंदौर दाहोद रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित सूचना प्रकाशित हो चुकी है। भले ही विभाग ध्वनि-रोधी दीवारें या अन्य शर्तें लगाने का सुझाव दे, लेकिन यह उपाय पक्षियों के आवागमन मार्ग को बाधित करेगा और उनके आवास को पूर्णतः समाप्ति की ओर ले जाएगा।

गुरु सप्तमी महामहोत्सव 2025 : आचार्य यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का 65 वां पुण्य दिवस गुणानुवाद सभा के साथ मनाया


   राजगढ़/धार । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेडा तीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टा अलंकार नवम गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. एवं मुनिमण्डल व साध्वी मण्डल की पावनतम निश्रा में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के चतुर्थ पीताम्बर विजेता व्याख्यान वाचस्पति गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का 65 वां पुण्य दिवस पुष्पांजलि व भावांजलि के साथ मनाया गया ।

   गुणानुवाद सभा में गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि चतुर्थ आचार्यदेव श्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने अपने जीवन में दादा गुरुदेव की सभी आज्ञाओं का पालन करते हुए समाज व साधु-साध्वी भगवन्तों के उत्थान के लिये काफी कार्य किया है साथ ही उन्होंने अपने जीवन काल में कई साहित्यों की रचना करके हमारा मार्गदर्शन किया है। जो वर्तमान के समय में काफी सार्थक सिद्ध हो रहा है। मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा. ने भावांजलि प्रकट करते हुए कहा कि आचार्यश्री का जन्म धोलपुर नगर में हुआ था। उनकी दीक्षा खाचरौद नगर में हुई थी उनके समय काल में चाहे मुनि हो, चाहे साध्वी भगवन्त हो या समाज के कोई वरिष्ठ हो उनको आचार्यश्री के पास यदि जाना हो तो जाने वाले व्यक्ति को आचार्यश्री की कलम के रुकने का और उनकी निगाहे उपर उठने तक का इन्तजार करना पड़ता था क्योंकि वे हमेशा सतत लेखन कार्य में व्यस्त रहते थे। मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा. ने भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आचार्यश्री जब भी विहार में रहते थे तब भी उनकी कलम हमेशा चलती रहती थी। उन्होंने अपने जीवन काल में विहार क्षेत्र के दौरान भी काफी लेखन कार्य किया व "मेरी विहार यात्रा" के लेखन में उन्होंने मारवाड़, गुजरात, मालवा आदि क्षेत्रों की विहार यात्रा का वर्णन करते हुए वर्तमान साधु संतों के लिये एक अच्छा साहित्य तैयार करके हमारा मार्ग दर्शन किया है। इस अवसर पर तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजनमल सेठ ने कहा कि आचार्य यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का मेरे जीवन में पर बाल्यकाल से बहुत प्रभाव रहा है। आचार्यश्री का जब राणापुर नगर में चातुर्मास हेतु प्रवेश होना था तब मेरे पिताश्री सागरमलजी सेठ को आचार्यश्री ने बुलवाया था और नगर वासियों को राणापुर में चातुर्मास हेतु आदेश दिया था उस वक्त मेरी उम्र मात्र 9 या 10 वर्ष थी। मैं तब से आचार्यश्री से जुड़ा हुआ हुँ जीवन की कई यादे जुड़ी हुई है। गुरु सप्तमी महामहोत्सव के अध्यक्ष कमलजी लुणिया ने भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आचार्यश्री के जीवन से जुड़ी हुई कई बातों को समाजजनों के बीच में साझा किया ।

   इस अवसर पर श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) मण्डल की और से मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, गुरु सप्तमी महोत्सव अध्यक्ष व ट्रस्टी कमलचंद लुणिया, ट्रस्टी जयंतीलाल कंकुचौपड़ा, तीर्थ महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन, ट्रस्ट के युवा सहयोगी अरविंद जैन, राजगढ़ श्रीसंघ के सेवन्तीलाल मोदी, राजेन्द्र खजांची, संतोष चत्तर विशेष रुप से उपस्थित रहे ।

  आज व्याख्यान वाचस्पति पिताम्बर विजेता आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पुण्यतिथि मनायी गई गुरुतीज के अवसर पर राजगढ़ श्रीसंघ की और से श्रीमती लीलाबाई लालचंदजी राजेन्द्रकुमार, तेजकुमार, सुनिलकुमार गोठी खजांची परिवार द्वारा गुरुपद महापूजन का भव्य आयोजन हुआ साथ ही गोठी खजांची परिवार के द्वारा स्वामीवात्सल्य का आयोजन भी रखा गया ।

  शुक्रवार को उपाध्याय श्री मोहनविजयजी म.सा. की पुण्यतिथि मनाई जावेगी ।

तेजज्ञान फाउण्डेशन (Tejgyan Foundation) ने मनाया रजत जयंती ध्यान महोत्सव: आध्यात्मिक जागृति का एक नया अध्याय

तेजज्ञान फाउण्डेशन (टी. जी. एफ.) ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रविवार 8 दिसंबर 2024 को भव्य रजत जयंती ध्यान महोत्सव का आयोजन किया। पुणे के बाहरी इलाके में स्थित मनन आश्रम में आयोजित इस कार्यक्रम में देश-विदेश से हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।

 

फाउण्डेशन  (Tejgyan Foundation) के संस्थापक एवं प्रबुद्ध गुरु सरश्री ने 21 मिनट के गहन ध्यान सत्र का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने प्रवचन में आंतरिक शांति और आत्मसाक्षात्कार के महत्त्व पर प्रकाश डाला, जो टी. जी. एफ. के " हैपी थॉट्स" दर्शन का मूल है।

 

बॉलीवुड अभिनेता और समाजसेवी सोनू सूद मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने आश्रम में एक पौधा लगाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सोनू सूद ने अपने संबोधन में ध्यान की रूपांतरकारी शक्ति की प्रशंसा की और लोगों को टी.जी. एफ. के सामाजिक कल्याण के प्रयासों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

प्रख्यात व्यवसाय रण नीतिकार और प्रेरक वक्ता भूपेंद्र सिंह राठौड़ (बीएसआर) विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने सरश्री की शिक्षाओं से अपने जीवन में आए परिवर्तन के बारे में बताया और जीवन में उद्देश्य और दिशा पाने में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

 

फाउण्डेशन की प्रबंध न्यासी (ट्रस्टी) तेजविद्या ने सरश्री के दर्शन की वैश्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे आंतरिक शांति, विश्व शांति के लिए आवश्यक है और फाउण्डेशन की शिक्षाओं ने असंख्य लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।

 

कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें ध्यान सत्र, प्रेरक प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल थे। इन गतिविधियों ने प्रतिभागियों को आध्यात्मिक सिद्धांतों को दैनिक जीवन में लागू करने का अवसर प्रदान किया।

 

1999 में स्थापित टी.जी. एफ. ने पिछले 25 वर्षों में जीवन के गहन सत्यों और व्यावहारिक जीवन पर 4,000 से अधिक प्रवचन दिए हैं। सरश्री की शिक्षाओं पर आधारित 200 से अधिक आध्यात्मिक ग्रंथ प्रकाशित किए गए हैं। फाउण्डेशन को अपनी ज्ञान प्रसार प्रणालियों के लिए ISO प्रमाणन प्राप्त है, जो आध्यात्मिक संगठनों में एक दुर्लभ उपलब्धि है।

 

रजत जयंती ध्यान महोत्सव ने केवल टी. जी. एफ. की उपलब्धियों का जश्न मनाया, बल्कि भविष्य के लिए इसके दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया। फाउण्डेशन आंतरिक शांति, उच्च चेतना और समग्र आत्म-विकास के प्रति समर्पित एक वैश्विक समुदाय के निर्माण की दिशा में काम करता रहेगा।

आर्थिक एवं सामाजिक विकास में व्यक्तिगत योगदान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल अयोजन

 


  इकोनोमिक ग्रोथ फांउडेशन, ऑल इंडिया बिजनेश डेवलपमेंट एसोशियेशन, और गुलोबल सोसयटी फोर हेल्थ एण्ड ऐंजूकेशन, के द्वारा 20 दिसम्बर 2024 को नई दिल्ली के कंन्यूटटूशन कल्ब ऑफ इंडिया में अवॉड समारोह किया गया जिसमें पूरे भारत से आये अपनें अपनें क्षेत्र में काम करने वाले प्रतिष्ठित लोगो को सम्मानित किया गया।







  इस प्रोग्राम के मुख्य अतिथि श्री हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री उतराखण्ड एवं पूर्व राज्यमंत्री भारत सरकार Prof. K.S. Rana (Vice Chancellor, High Commissioner Oman & Trade Commissioner Gulf Councils, Advisor Of Ministry Of Commerce & Industry), डॉ बी बी सोनी, राजनायिक राजदूत, श्री हरपाल सिंह रावत, सचीव, ऑल इंडिया काग्रेस कमेठी, श्री पी.सी. नेन्वाल, पी. आ. ओ. मुख्यमंत्री उतराखण्ड.


  ऐसे कही गणमान्य लोगो ने इस अवॉड प्रोग्राम में भाग लिया, और पूरे देश से आये लोग जिन्होनें अपनें अपने क्षेत्र में काम करके अपनें राज्य का नाम रोसन किया। संस्था के मंच पे आये मुख्य अतिथी के द्वारा इन लोगो को सम्मानित करनें को अवसर मिला।


उडुपी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने विल्सन एएसए, नॉर्वे के लिए अपना पहला निर्यात ऑर्डर भेजा

 उडुपी, कर्नाटक, भारत

भारत के अग्रणी शिपयार्ड - कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी उडुपी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने आज मेसर्स विल्सन एएसए, नॉर्वे के लिए बनाए जा रहे 3800 टीडीडब्ल्यू जनरल कार्गो वेसल की सीरीज ऑफ सिक्स के पहले पोत को लॉन्च कर दिया है। यह लॉन्च सीएसएल ग्रुप की ‘आत्म निर्भर भारत’ पहल और भारत सरकार के ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ प्रोग्राम के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

रॉयल नॉर्वेजियन दूतावास में मिनिस्टर काउंसलर और मिशन की उप-प्रमुख सुश्री मार्टिन आमदल बोथेम को इस पोत को लॉन्च करने का सम्मान मिला, उनके साथ विल्सन एएसए के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्री ईनार टॉर्नेस भी थे। इस कार्यक्रम में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री मधु एस. नायर, कोचीन शिपयार्ड के निदेशक (तकनीकी) श्री बिजॉय भास्कर, उडुपी-कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री हरिकुमार ए. और शिपयार्ड के अन्य वरिष्ठ कर्मचारी भी मौजूद थे।

बरगेन, नॉर्वे में मुख्यालय वाली कंपनी विल्सन एएसए यूरोप में अग्रणी शॉर्ट सी फ्लीट ऑपरेटर है और पूरे यूरोप में लगभग 15 मिलियन टन ड्राई कार्गो का परिवहन करती है। कंपनी 1500 से 8500 डीडब्ल्यूटी तक के लगभग 130 जहाजों का बेड़ा संचालित करती है।

विल्सन एएसए ने जून 2024 और सितंबर 2024 में दो बैचों के रूप में 6300 टीडीडब्ल्यू ड्राई कार्गो वेसल्स की आठ संख्या में ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं, कुल मिलाकर 14 जहाज हैं। यह प्रोजेक्ट निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा यार्ड के अधिग्रहण के बाद से यूसीएसएल ने अदाणी हार्बर सर्विसेज लिमिटेड की कंपनी ओशन स्पार्कल लिमिटेड को दो 62टी बोलार्ड पुल टग और पोलस्टार मैरीटाइम लिमिटेड को दो 70टी बोलार्ड पुल टग सफलतापूर्वक डिलीवर किए हैं। यूसीएसएल को ओशन स्पार्कल लिमिटेड (तीन) और पोलस्टार मैरीटाइम लिमिटेड (एक) से दोहराए गए ऑर्डर के रूप में चार 70टी बोलार्ड पुल टग के और ऑर्डर भी मिले हैं।

पोत की लंबाई 89.43 मीटर, चौड़ाई 13.2 मीटर और ड्राफ्ट 4.2 मीटर है। कोनोशिप इंटरनेशनल, नीदरलैंड द्वारा डिजाइन किए गए पोत यूरोप के तटीय जल में सामान्य कार्गो परिवहन के लिए पर्यावरण के अनुकूल डीजल इलेक्ट्रिक पोत के रूप में निर्मित किए गए हैं।

सीएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री मधु नायर ने कहा, "उडुपी-कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (यूसीएसएल) ने मेसर्स विल्सन एएसए के लिए मेसर्स कोनोशिप इंटरनेशनल के सहयोग से इस बेहतरीन पोत का निर्माण कर अंतरराष्ट्रीय जहाज निर्माण बाजार में मजबूती से अपने पैर जमा लिए हैं। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनी उडुपी कोचीन शिपयार्ड दोनों ही पश्चिमी यूरोपीय बाजार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले जहाजों के निर्माण के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन कर रहे हैं। उडुपी-सीएसएल के मौजूदा ग्राहकों से बार-बार मिलने वाले ऑर्डर इस बात को दर्शाते हैं कि ग्राहक यार्ड की क्षमताओं और उत्कृष्टता पर कितना भरोसा करते हैं।”

उडुपी-कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को पहले टेबमा शिपयार्ड्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। इसे 2020 में एनसीएलटी प्रक्रिया के माध्यम से कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने अपने अधीन कर लिया था और तीन साल की छोटी अवधि में यार्ड को लाभ कमाने वाले यार्ड में बदल दिया गया। आज उडुपी-सीएसएल के पास 1500 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर बुक हैं और यह सीएसएल की प्रमुख सहायक कंपनी है।

संतुलित आहार का महत्व, Dr. Ajay Magan की अंतर्दृष्टि

 

डॉ. अजय मगन (Dr. Ajay Magan) संतुलित आहार के सार को इस कहावत के साथ संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं, "जैसा आप खाते हैं, वैसा ही आपका मन बनता है।" यह गहन कथन हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन और हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बीच सीधे संबंध को उजागर करता है। भोजन प्लाज्मा, रक्त, मांसपेशियों, हड्डियों और ऊतकों जैसे आवश्यक तत्वों का निर्माण करके शरीर को पोषण देता है, अंततः मन और बुद्धि को आकार देता है।


डॉ. मगन के अनुसार सात्विक आहार स्वस्थ शरीर, शांत मन और सामंजस्यपूर्ण जीवनशैली को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित यह आहार शारीरिक शक्ति, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध है। शुद्ध, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करके, व्यक्ति अपनी बौद्धिक क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं, भावनात्मक स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं और अपने समग्र स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं।


सात्विक आहार के लाभ


सात्विक आहार उच्च फाइबर, कम वसा वाला शाकाहारी आहार है। यह ताजे, पौष्टिक और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों से भरपूर होता है। आयुर्वेद के अनुसार, इस प्रकार का आहार दीर्घायु, जीवन शक्ति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देने के लिए आदर्श है। सात्विक आहार का मुख्य दर्शन शरीर और मन में सामंजस्य बनाए रखना है।


सात्विक आहार के मुख्य घटक


ताजे फल: विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर।


सब्जियाँ: फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर, वे पाचन और विषहरण में सहायता करती हैं।


अंकुरित साबुत अनाज: निरंतर ऊर्जा के लिए प्रोटीन और फाइबर से भरपूर।


ताजे फलों का रस: प्राकृतिक विषहरण और ऊर्जा बढ़ाने वाले।


फलियाँ: प्रोटीन और फाइबर का एक मूल्यवान स्रोत।


नट्स और बीज: स्वस्थ वसा और आवश्यक खनिज प्रदान करते हैं।


शहद और हर्बल चाय: प्राकृतिक प्रतिरक्षा और विश्राम को बढ़ावा देते हैं।


मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर प्रभाव


Dr. Ajay Magan इस बात पर भी प्रकाश डालते हैं कि सात्विक आहार मानसिक स्वास्थ्य में काफी सुधार करता है। यह आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है और बौद्धिक खोज और आध्यात्मिक अभ्यासों के लिए आवश्यक स्पष्टता प्रदान करता है। ताजा और संतुलित खाद्य पदार्थों का सेवन करके, व्यक्ति भावनात्मक संतुलन बनाए रख सकता है और शरीर और मन के बीच संबंध को पोषित कर सकता है।


आज की तेज़ रफ़्तार दुनिया में, सात्विक आहार अपनाना संतुलित जीवनशैली हासिल करने की दिशा में एक कदम है। डॉ. अजय मगन की अंतर्दृष्टि हमारे शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक तंदुरुस्ती और आध्यात्मिक यात्रा को आकार देने में भोजन की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित करती है। पौष्टिक, शुद्ध और सात्विक खाद्य पदार्थों का चयन करके, व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं और एक सामंजस्यपूर्ण, पूर्ण जीवन जी सकते हैं।