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"हमारी संस्कृति कलाओं और कला साधकों से पोषित: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव



हमारी संस्कृति कलाओं और कला साधकों से पोषित : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भारत भवन में राज्य शिखर सम्मान समारोह एवं रंगमण्डल की पुनः शुरुआत

  भोपाल – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि "कलाएं स्वयं बोलती हैं" – हमारी संस्कृति में निहित भावनाओं और व्यवहार का प्रमुख तत्व हैं। मध्यप्रदेश, कला की धरती के रूप में विख्यात, ने कई विश्व मान्य कला मनीषियों को जन्म दिया है। आज, भारत भवन की 43वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, मुख्यमंत्री ने राज्य शिखर सम्मान समारोह में 15 उत्कृष्ट कला मनीषियों को शॉल, श्रीफल, सम्मान पट्टिका एवं दो लाख रुपए की सम्मान राशि के साथ सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री के बयान और प्रमुख घोषणाएँ

  • कलाओं की महत्ता:
    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, "हमारी संस्कृति कलाओं और कलासाधकों से पोषित है, पल्लवित है।" उन्होंने भारत भवन की भूमिका को उजागर करते हुए कहा कि यह स्थल मध्यप्रदेश को विश्व में कला गौरव स्थल के रूप में स्थापित करने में अहम योगदान देता है।
  • राज्य शिखर सम्मान:
    वर्ष 2022 एवं 2023 में विभिन्न कला क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 15 कला मनीषियों को राज्य शिखर सम्मान प्रदान किया गया।
  • रंगमण्डल की पुनः शुरुआत:
    मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भारत भवन के परिसर में रंगमण्डल को पुनः प्रारंभ किया जाएगा। इस कदम से रंगमंच प्रेमियों और युवा कलाकारों को नए अवसर मिलेंगे तथा थिएटर को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।

समारोह में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्तित्व

  • संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी:
    उन्होंने कहा कि भारत भवन हमारी कला आस्था का केन्द्र रहा है और इसके जरिए मध्यप्रदेश न केवल अपनी सांस्कृतिक जड़ों को संजो रहा है बल्कि भावी नई कला पीढ़ी को भी सशक्त बना रहा है।
  • भारत भवन के न्यासी अध्यक्ष श्री वामन केंद्रे:
    श्री केंद्रे ने बताया कि यह भवन सदियों से विभिन्न कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का संगम रहा है और भोपाल को देश के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र में स्थापित करने में इसका योगदान सराहनीय है।
  • प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन तथा न्यासी सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला:
    उन्होंने 43 साल से चल रही कला साधना यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि कला विभूतियों के सम्मान से हम स्वयं गौरवान्वित हैं।
  • संचालक संस्कृति श्री एन.पी. नामदेव:
    इन्होंने राज्य शिखर सम्मान से सम्मानित कला मनीषियों के प्रशस्ति वाचन किए और कलाकारों के योगदान की सराहना की।

राज्य शिखर सम्मान से सम्मानित 15 कला मनीषी (9 विधाओं में)

  • हिंदी साहित्य:
    • डॉ. उर्मिला शिरीष (भोपाल) – वर्ष 2022
  • उर्दू साहित्य:
    • श्री महमूद अहमद सहर (उज्जैन) – वर्ष 2023
  • संस्कृत साहित्य:
    • डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी (इंदौर) – वर्ष 2022
    • डॉ. गोविंद दत्तात्रेय गंधे (उज्जैन) – वर्ष 2023
  • शास्त्रीय संगीत:
    • विदुषी कलपना झोकरकर (इंदौर) – वर्ष 2022
    • विदुषी शाश्वती मंडल (दिल्ली) – वर्ष 2023
  • शास्त्रीय नृत्य:
    • सुश्री मोहिनी मोघे पूछवाले (जबलपुर) – वर्ष 2022
    • विदुषी भारती होम्बल (भोपाल) – वर्ष 2023
  • रूपंकर कलाएं:
    • श्री ईश्वरी रावल (इंदौर) – वर्ष 2022
    • श्री हरि भटनागर (जबलपुर) – वर्ष 2023
  • नाट्य कला:
    • श्री श्रीराम जोग (इंदौर) – वर्ष 2022
    • श्री सतीश दवे (उज्जैन) – वर्ष 2023
  • जनजातीय एवं लोक कलाएं:
    • श्री रामसिंह उर्वेती (पाटनगढ़) – वर्ष 2022
    • श्री कैलाश सिसोदिया (धार) – वर्ष 2023
  • दुर्लभ वाद्य वादन:
    • पंडित सुनील पावगी (ग्वालियर) – वर्ष 2023

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य शिखर सम्मान से सम्मानित सभी कला विभूतियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने जोर देकर कहा, "कलाकार हमारे समाज की आत्मा हैं और उनका सम्मान हमारी प्राथमिकता है।"

 इस भव्य आयोजन में भारत भवन की 43वीं वर्षगांठ के साथ-साथ रंगमण्डल की पुनर्स्थापना से प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और भी समृद्ध होगी। रंगमण्डल की वापसी से न केवल रंगमंच जगत को नया उत्साह मिलेगा, बल्कि युवा कलाकारों को भी नए मंच और अवसर प्राप्त होंगे।


छात्रावासों में सुनिश्चित होगी बेहतरीन व्यवस्था, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिए निर्देश,अनुसूचित जाति कल्याण योजनाओं की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए अहम निर्देश


  मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास और सुविधाओं को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में छात्रावासों में उच्च गुणवत्ता की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और वे बिना किसी बाधा के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के महत्वपूर्ण निर्देश:

✔️ सुव्यवस्थित छात्रावास प्रबंधन: सभी छात्रावासों में बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाए।
✔️ सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण: विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए आदर्श माहौल उपलब्ध कराया जाए।
✔️ समय प्रबंधन: छात्रावासों में ऐसा सिस्टम लागू किया जाए जिससे विद्यार्थी पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर केंद्रित रह सकें।
✔️ कल्याण योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन: अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को अधिकतम लाभ देने के लिए योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।

डॉ. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में विधि संकाय की स्थापना

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि महू स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में विधि संकाय शुरू करने के लिए ₹25 करोड़ की मंजूरी दी गई है। इसके लिए सभी तैयारियां जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस विश्वविद्यालय को ₹6.40 करोड़ की अनुदान राशि जारी की गई है।

बैठक में शामिल गणमान्य अधिकारी

   इस महत्वपूर्ण बैठक में अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य कुमार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी, और प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण डॉ. ई. रमेश कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास पर विशेष जोर

  प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण डॉ. ई. रमेश कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा छात्रावास संचालन, छात्रवृत्ति योजनाएं, शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम, स्वरोजगार योजनाएं और अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता

  सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को शिक्षा के हर स्तर पर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। छात्रावासों में उच्चस्तरीय सुविधाएं, विधि संकाय की स्थापना और अन्य योजनाएं समाज के वंचित वर्गों के लिए नए अवसर पैदा करेंगी।


महाशिवरात्रि पर्व से आरंभ होगा विक्रमोत्सव-2025 : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव,उज्जैन में महाशिवरात्रि से शुरू होगा विक्रमोत्सव

 


प्रदेश के 48 शिवरात्रि मेलों का होगा शुभारंभ

वर्ष प्रतिपदा 30 मार्च तक चलेगा विक्रमोत्सव

सम्राट विक्रमादित्य के युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर केंद्रित रहेगा महोत्सव

मुख्यमंत्री ने किया विक्रमोत्सव कैलेंडर का विमोचन

विक्रमोत्सव में होंगे विविध कार्यक्रम

राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन और विज्ञान उत्सव देंगे नई दिशा

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई विक्रमोत्सव-2025 की आयोजन समिति की बैठक


 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व (26 फरवरी) से विक्रमोत्सव-2025 का शुभारंभ होने की घोषणा की। सृष्टिकर्ता महादेव के महोत्सव से सृष्टि के आरंभ दिवस, वर्ष प्रतिपदा (30 मार्च) तक चलने वाला यह महोत्सव सम्राट विक्रमादित्य के युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर केंद्रित रहेगा।

विक्रमोत्सव का व्यापक कैलेंडर
  मुख्यमंत्री ने विक्रमोत्सव के कैलेंडर का विमोचन करते हुए कहा कि इस महोत्सव के अंतर्गत साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों, ज्योतिर्विज्ञान, विचार गोष्ठियाँ, इतिहास एवं विज्ञान समागम, विक्रम व्यापार मेला, तथा लोक एवं जनजातीय संस्कृति पर आधारित गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी।

  • वैदिक घड़ी ऐप का प्रवर्तन: विक्रमादित्य वैदिक घड़ी ऐप का लोकार्पण किया जाएगा।
  • हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन, वस्त्रोद्योग एवं हथकरघा: इनके प्रदर्शन की व्यवस्था रहेगी।
  • विशेष फिल्म महोत्सव: क्षेत्रीय, पौराणिक एवं श्रीकृष्ण पर केंद्रित फिल्मों की प्रदर्शनी होगी।
  • कवि सम्मेलन एवं ग्रन्थ लोकार्पण: अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, शोधपरक पुस्तकों और विक्रम पंचांग का प्रकाशन भी महोत्सव का हिस्सा होगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश एवं कार्यक्रमों का विवरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि विक्रमोत्सव का आयोजन सम्राट विक्रमादित्य के बहुआयामी व्यक्तित्व की गरिमा के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने सभी विभागों से अनुरोध किया कि निर्धारित समय से पहले सभी तैयारियां पूर्ण की जाएँ।

  • अतिथि देवो भव: आयोजनों में प्रतिभागियों, विद्वतजन और कलाकारों का स्वागत अतिथि देवो भव की भावना से किया जाए।
  • शिवरात्रि मेलों का शुभारंभ: प्रदेश भर में 48 शिवरात्रि मेलों का भी शुभारंभ होगा।
  • विज्ञान सम्मेलन: राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में ड्रोन, रोबोटिक-शो एवं इसरो समेत अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के वैज्ञानिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
  • सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ: विक्रमोत्सव में सम्राट विक्रमादित्य, भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, देवी अहिल्याबाई पर आधारित प्रदर्शनियों के साथ-साथ जनजातीय बोलियों के कवि सम्मेलन, गीत, कविता एवं रचनाओं को भी शामिल किया जाएगा।

विक्रमोत्सव में आयोजित विविध कार्यक्रम

  • महाशिवरात्रि शुभारंभ: उज्जैन में विंटेज कार, स्पोर्ट्स बाइक, जनजातीय कलाकारों की प्रस्तुति एवं कलश यात्रा के साथ 84 महादेव की विशेष प्रदर्शनी।
  • वैदिक घड़ी ऐप एवं सिंहस्थ-2028: प्राचीन भारतीय काल गणना पर आधारित ऐप का लोकार्पण एवं आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा।
  • वस्त्रोद्योग, हथकरघा एवं जनजातीय शिल्प: विक्रम व्यापार मेले के अंतर्गत इनकी प्रदर्शनी आयोजित होगी।
  • प्रदर्शनी एवं संगोष्ठियाँ:
    • 27 फरवरी से भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक, श्रीकृष्ण की 64 कलाएँ, श्रीकृष्ण होली पर्व, चौरासी महादेव, जनजातीय प्रतिरूप आदि पर प्रदर्शनियां।
    • 1 से 3 मार्च तक सम्राट विक्रमादित्य के न्याय विषय पर वैचारिक मंथन।
    • 8 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन।
    • 10 से 12 मार्च तक अंतर्राष्ट्रीय इतिहास समागम।
    • 15 से 16 मार्च तक संहिता ज्योतिष एवं आचार्य वराह मिहिर पर संगोष्ठी।
    • 21 से मार्च तक महादेव शिल्पकला कार्यशाला, प्रतिदिन मांडना शिविर एवं पौराणिक फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव।
    • 26-28 मार्च को राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव।
  • नव सम्वत्सर उत्सव: 30 मार्च को सूर्योपासना, उज्जैनी गौरव दिवस, प्रकाशन लोकार्पण एवं सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह, सांगीतिक प्रस्तुति एवं भव्य आतिशबाजी।

आयोजक समिति एवं सहभागिता
  मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में विक्रमोत्सव-2025 की आयोजन समिति की बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप, उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, कौशल विकास राज्य मंत्री श्री गौतम टेटवाल समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित थे। उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर डॉ. विजय शाह, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपत्तियां उईके तथा संस्कृति राज्य मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी भी वर्चुअली शामिल रहे। साथ ही अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भागीदारी दर्ज कराई। 





मध्यप्रदेश के पर्यटन को मिलेगी नई ऊंचाई, वर्चुअल टूर से बढ़ेगा आकर्षण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया बड़ा ऐलान

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  मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में एमपी टूरिज्म बोर्ड और फिनलैंड की संस्था वी-रियल के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ। इस एमओयू के तहत प्रदेश के पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और संग्रहालयों का वर्चुअल टूर तैयार किया जाएगा।

वर्चुअल टूर से होंगे ये फायदे:

  • पर्यटक बिना यात्रा किए भी मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अनुभव कर सकेंगे।
  • डिजिटल तकनीक से ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की पहचान बढ़ेगी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
  • शैक्षणिक संस्थानों और रिसर्चर्स को प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।

वी-रियल बनाएगी हाई-टेक वर्चुअल टूर

 फिनलैंड की डिजिटल तकनीकी विशेषज्ञ संस्था "वी-रियल" अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने में माहिर है। एमपी टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से यह संस्था मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का वर्चुअल टूर विकसित करेगी, जिसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह टूर न केवल आम नागरिकों बल्कि टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी उपयोगी होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का बयान

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह पहल मध्यप्रदेश के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में अहम साबित होगी। वर्चुअल टूर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुँचाया जाएगा, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

समारोह में शामिल हुए ये अधिकारी

 इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत में फिनलैंड के राजदूत श्री किम्मो लाहदेविर्ता, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला, एमपी टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक सुश्री बिदिशा मुखर्जी और वी-रियल संस्था के सीईओ श्री जोहानेस स्वॉर्डस्टॉर्म सहित कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फिनलैंड के राजदूत का सम्मान करते हुए उन्हें मध्यप्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाली एक कॉफी टेबल बुक भेंट की।

डिजिटल युग में नई पहचान बना रहा मध्यप्रदेश

 मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल प्रदेश के पर्यटन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। वर्चुअल टूर के माध्यम से न केवल प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि पर्यटकों और शोधकर्ताओं को भी एक अनूठा अनुभव मिलेगा। इससे प्रदेश में पर्यटन के नए अवसर भी खुलेंगे।

 अब दुनिया भर के लोग मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहरों का डिजिटल माध्यम से जीवंत अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।

डिजिटल ब्रांडिंग में महारत: Gaurav Singh Chouhan की विशेषज्ञ राय

 

डिजिटल ब्रांडिंग क्यों जरूरी है?

तेजी से बदलते डिजिटल युग में प्रभावी ऑनलाइन उपस्थिति अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता बन गई है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 85% उपभोक्ता किसी भी ब्रांड की ऑनलाइन छवि को परखने के बाद ही खरीदारी का निर्णय लेते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पर्सनल ब्रांडिंग और डिजिटल PR व्यवसाय और पेशेवर सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं।

Gaurav Singh Chouhan, जो एक प्रसिद्ध पर्सनल ब्रांडिंग और PR विशेषज्ञ हैं, Trilok Media के माध्यम से ब्रांडों की डिजिटल पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। PR मार्केटिंग और डेटा रिसर्च में उनकी विशेषज्ञता व्यवसायों को डिजिटल रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित कर रही है

डिजिटल PR और ब्रांडिंग के प्रमुख लाभ

1. सोशल मीडिया का प्रभाव

इंस्टाग्राम, फेसबुक, लिंक्डइन और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म ब्रांड की दृश्यता के लिए बेहद आवश्यक हो गए हैं। एक सुविचारित सोशल मीडिया रणनीति से पहुंच और एंगेजमेंट को बढ़ाया जा सकता है।

2. SEO और कंटेंट मार्केटिंग

गूगल सर्च में शीर्ष रैंकिंग हासिल करना किसी भी ब्रांड के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। SEO अनुकूलन और गुणवत्तापूर्ण कंटेंट का सही मिश्रण दीर्घकालिक डिजिटल सफलता सुनिश्चित करता है।

3. इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग

बड़े ब्रांड सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट और डिजिटल इन्फ्लुएंसर के माध्यम से अपने मार्केटिंग प्रभाव को बढ़ा रहे हैं। यह रणनीति उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने में सहायक होती है।

4. PR कैंपेन और ब्रांड की विश्वसनीयता

Trilok Media जैसी PR एजेंसियां व्यवसायों को प्रभावी PR कैंपेन के माध्यम से उनकी ब्रांड प्रतिष्ठा स्थापित करने और सही दर्शकों तक पहुंचने में मदद करती हैं।

Trilok Media की सफलता: एक केस स्टडी

हाल ही में, Trilok Media ने एक उभरते स्टार्टअप के लिए डिजिटल PR और सोशल मीडिया अभियान संचालित किया। इसके प्रभावशाली परिणाम सामने आए:

📈 3 महीनों में सोशल मीडिया एंगेजमेंट में 200% की वृद्धि
🌍 वेबसाइट ट्रैफिक में 150% की वृद्धि
🏆 ऑनलाइन ब्रांड पहचान तीन गुना मजबूत हुई

Gaurav Singh Chouhan बताते हैं: “एक सफल PR कैंपेन केवल ब्रांड को पहचान दिलाने के लिए नहीं होता, बल्कि यह दीर्घकालिक वृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने में भी सहायक होता है।” 

भारत में डिजिटल मार्केटिंग का विकास

KPMG की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की डिजिटल मार्केटिंग इंडस्ट्री 2025 तक $7 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है, जिसमें सालाना 30% से अधिक की वृद्धि हो रही है। Trilok Media जैसी PR एजेंसियां इस क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

Gaurav Singh Chouhan: कानून और PR का अनोखा मेल

Gaurav Singh Chouhan न केवल एक PR विशेषज्ञ हैं, बल्कि वे एक कानून के छात्र भी हैं। उनकी यह विशेषता उन्हें ब्रांडिंग के लिए नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती है।

वे बताते हैं: “PR और ब्रांडिंग में कानूनी पहलुओं की समझ आवश्यक है। यह न केवल ब्रांड को कानूनी समस्याओं से बचाती है, बल्कि इसे एक नैतिक और विश्वसनीय छवि भी प्रदान करती है।”


निष्कर्ष: अपने ब्रांड को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं

आज के डिजिटल युग में सफलता पाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग और PR का सही संयोजन आवश्यक है।

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अगर हां, तो Gaurav Singh Chouhan और Trilok Media आपकी सफलता की राह दिखा सकते हैं।

📩 ईमेल: info@trilokmedia.in
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🌐 वेबसाइट: trilokmedia.in

मध्यप्रदेश में हर सेक्टर में मौजूद है निवेश की अपार संभावनाएं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 


    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में हर सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद है। यहां नर्मदा, ताप्ती आदि नदियों की अपार जल राशि है, निरंतर बिजली उपलब्ध है, वन संपदा है, सड़कों, रेलवे और वायु मार्ग का अच्छा नेटवर्क है और उद्योगों को बड़ी रियायतें हैं। मुख्यमंत्री ने आगामी 24 एवं 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में झीलों, पहाड़ों और वन संपदा से युक्त सुंदर भोपाल शहर में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक निवेश करें और इन तारीखों को अविस्मरणीय बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को नई दिल्ली में जीआईएस-2025 के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे देश के चमत्कारी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था के बाद अब तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। इस कार्य में निवेशकों का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत प्राकृतिक संसाधनों के साथ मानव संसाधन में भी आगे है। हम उद्योगों को बढ़ाकर ही आगे बढ़ सकते हैं। हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी विश्व भर का भ्रमण कर भारत की प्रगति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है।

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की उद्योग एवं निवेश नीति निवेशकों के लिए बहुत फ्रेंडली है। हम स्टार्ट-अप्स को विशेष महत्व दे रहे हैं। उद्योगों में विभिन्न प्रकार की रियासतों के साथ ही इस बात का सर्वाधिक ध्यान रखा जाता है कि उनके सारे काम समय से हो जाएं। मध्यप्रदेश में जमीन दिल्ली की तुलना में एक बटे 40 गुना और मुंबई की तुलना में एक बटे 100 गुना सस्ती है। मध्यप्रदेश में सभी सेक्टर में विशेष रूप से टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश की असीमित संभावना है। हम टेक्सटाइल्स पर 200 प्रतिशत इंसेंटिव देते हैं, हमारा कॉटन उच्च गुणवत्ता का है। मेरी जापान यात्रा के दौरान यूनिक्लो कंपनी के मलिक ने भी इस बात का उल्लेख किया था।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक समय लोग उद्योगपतियों से मिलने में झिझक महसूस करते थे, लेकिन हमने उस धारणा को बदला है। हम निरंतर उद्योगपतियों, निवेशकों से संवाद कर रहे हैं। प्रदेश में छोटे-छोटे स्थान पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई हैं। समाज में उद्योगपतियों का महत्वपूर्ण स्थान है। उद्योगों से रोजगार उत्पन्न होते हैं और रोजगार से लोगों की आजीविका चलती है। वे एक तरह से उद्योगपति समाज के पालक हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज दुनिया कह रही है कि हम बुद्ध के रास्ते पर चलकर युद्ध से विमुक्त होंगे। महात्मा बुद्ध हमारे ही देश के थे। भारत ने ही सारे विश्व को शांति और सर्व कल्याण का संदेश दिया है। हम शांति और विकास के पक्षधर हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने बनाई वैश्विक मंच पर अपनी पहचान

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जीआईएस-2025 के दिल्ली में इन्वेस्ट एम.पी. कर्टेन रेजर कार्यक्रम में कहा कि भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का कर्टेन रेज़र केवल एक औपचारिक कार्यक्रम न होकर संभावनाओं से भरपूर, सशक्त और समृद्ध मध्यप्रदेश की एक झलक थी। हमारे निवेश के 3डी मॉडल को आज दुनिया भर के उद्योग जगत ने सराहा है। यह मॉडल निवेशकों की ड्राइव, प्रदेश के डेवलपमेंट और हमारी डिटरमिनेशन का प्रतीक है। हम निवेशकों के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाकर मध्यप्रदेश को नवाचार और औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत रहेंगे। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश आगे बढ़ते हुए एक इंडस्ट्री रेडी स्टेट बन रहा है। हमने सभी सेक्टर के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया है। 

400 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आयोजन में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की जिसमें नई दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के निवेशक शामिल हुए। साथ ही 40 देशों के राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिधि, राजदूत, उच्चायुक्त, काउंसलर, मुख्य सचिव आर्थिक व व्यापारिक विशेषज्ञ आदि शामिल हुए। आयोजन में 15 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों से वन– टू–वन मीटिंग की गई जिसमे से श्री जागृत कोटेचा (सीईओ, पेप्सिको भारत और दक्षिण एशिया), श्री पुनित डालमिया (चेयरमैन, डालमिया भारत), श्री माधवकृष्ण सिंघानिया (जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, जेके सीमेंट), श्री विनीत मित्तल (चेयरमैन, अवाडा ग्रुप), श्री जीन-मार्क लेक्लरक्यू (सीईओ, सॉफलेट माल्ट), श्री रिकान्त पिट्टी (संस्थापक, ईज माय ट्रिप), श्री विनय व्यास (सीईओ, फ्यूजन एक्स एनर्जी), श्री अनिल चालमालासेटी (ग्रुप सीईओ और एमडी, ग्रीनको ग्रुप), श्री विनीत आर्य (वाइस चेयरमैन, जेबीएम समूह), श्री राहुल मित्तल (चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, RITES) और सुश्री अनुसूया रे (वाइस प्रेसिडेंट कॉर्पोरेट अफेयर्स, ऐबी-इनवेव इंडिया) शामिल थे।




अनेक देशों ने दिखाई मध्यप्रदेश में निवेश की रुचि

  ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के कर्टन-रेज़र कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूतों ने मध्यप्रदेश को संभावनाओं से भरपूर निवेश गंतव्य बताते हुए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई। ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ने शिक्षा, कृषि और कौशल विकास में सहयोग को प्राथमिकता देने की बात कही, जबकि मैक्सिको के राजदूत ने प्रदेश की नीतियों की सराहना करते हुए निवेश संभावनाओं पर सकारात्मक रुख प्रकट किया। अलबानिया के राजदूत ने शहरी नियोजन के क्षेत्र में अपनी रुचि व्यक्त की, वहीं जिम्बाब्वे के राजदूत ने कृषि क्षेत्र में साझेदारी को लेकर उत्साह दिखाया। स्लोवेनिया के राजदूत ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश और सहयोग की संभावनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। विभिन्न देशों की रुचि इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश अपनी रणनीतिक नीतियों, सुदृढ़ अधोसंरचना और निवेश-अनुकूल वातावरण के कारण वैश्विक निवेशकों का पसंदीदा स्थान बन रहा है।

मध्यप्रदेश: रणनीतिक निवेश गंतव्य के रूप में उद्योग जगत की पहली पसंद : श्री सिंघानिया

  सीआईआई नॉर्दर्न रीजन के चेयरमैन और जेके सीमेंट के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ श्री माधवकृष्ण सिंघानिया ने कहा कि प्रदेश की रणनीतिक स्थिति, निवेश अनुकूल नीतियां और सुगम प्रक्रियाएं इसे निवेशकों के लिए आकर्षक स्थल बनाती हैं। उन्होंने बताया कि जेके सीमेंट ने वर्ष 2016 में कटनी में वॉल पुट्टी प्लांट की स्थापना के साथ प्रदेश में अपनी औद्योगिक यात्रा शुरू की थी। इसके बाद उज्जैन और पन्ना में भी संयंत्र स्थापित किए गए। हाल ही में कंपनी ने पन्ना में 3 हजार करोड़ रूपये निवेश करने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति लॉजिस्टिक्स के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रदेश में उच्चस्तरीय अधोसंरचना, सुव्यवस्थित प्रशासनिक प्रक्रिया और उद्योग-अनुकूल नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। विभिन्न सेक्टर-फोकस्ड नीतियों के माध्यम से सरकार निवेशकों की आवश्यकताओं के अनुसार सुधार कर रही है, जिससे मध्य प्रदेश एक वास्तविक निवेश-फ्रेंडली राज्य के रूप में उभर रहा है। अवाडा ग्रुप चेयरमैन श्री विनीत मित्तल ने भी अपने अनुभव साझा किये।

दो इंटरैक्टिव राउंड टेबल बैठकें हुईं

  कर्टेन रेजर कार्यक्रम में दिल्ली में दो इंटरैक्टिव राउंड टेबल मीटिंग हुई। पहली इंटरैक्टिव राउंड टेबल प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के साथ हुई, जिसमें भारत में दूरसंचार के भविष्य और मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश सरकार के स्वागत भाषण से हुई। डीपीआईआईपी के प्रमुख सचिव ने प्रस्तावित टेलीकॉम पार्क की जानकारी दी, जो राज्य के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय दूरसंचार मंत्रालय, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, रिलायंस जियो, एरिक्सन और नोकिया सहित प्रमुख उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। चर्चाओं में 5-जी, मेक इन इंडिया, दूरसंचार उपकरण निर्माण, और कौशल विकास जैसे विषयों पर जोर दिया गया। साथ ही ग्वालियर के पास प्रस्तावित टेलीकॉम पार्क, सरकारी सब्सिडी, और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधारों पर विचार-विमर्श हुआ।

 दूसरी इंटरैक्टिव राउंड टेबल, प्रमुख राजदूतों और राजनयिकों के साथ हुई। इसमें जीआईएस-2025 की रणनीतिक रूपरेखा प्रस्तुत कर अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को मध्यप्रदेश में उपलब्ध निवेश अवसरों से अवगत कराया गया। मध्यप्रदेश की व्यापक औद्योगिक क्षमता, निवेश अनुकूल नीतियाँ, और सुदृढ़ अधोसंरचना को प्रस्तुत किया गया। बैठक में 40 देशों के 51 राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें 13 राजदूत, 4 उच्चायुक्त, 5 चार्ज द’अफेयर, 3 डिप्टी हेड्स, 6 काउंसलर, 4 प्रथम सचिव, 2 द्वितीय सचिव, और 5 आर्थिक एवं व्यापारिक विशेषज्ञ शामिल थे।





जीआईएस में यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान जैसे विकसित राष्ट्र पार्टनर कंट्री

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान जैसे विकसित राष्ट्र पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हो रहे हैं। यह वैश्विक प्रतिनिधित्व मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश के बढ़ते अवसरों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई दिल्ली में आयोजित कर्टेन रेज़र कार्यक्रम में राजदूतों, निवेशकों, नीति-निर्माताओं और विभिन्न सेक्टर के उद्योगपतियों से संपर्क कर मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आग्रह किया गया। उन्हें बताया गया कि निवेशकों के लिए सहज प्रक्रियाएं, पारदर्शी नीति ढांचा और 24x7 सरकारी सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नवाचार, स्टार्ट-अप्स, और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियाँ लाई जा रही है, प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई हैं। जीआईएस-2025 से मध्यप्रदेश निवेश अभियान के अगले सोपान में प्रवेश कर रहा है। राजा भोज की नगरी, झीलों की नगरी, प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24-25 फ़रवरी को रहा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भव्य आयोजन किया जाएगा।  

प्रधानमंत्री श्री मोदी करेंगे जीआईए-2025 का शुभारंभ

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ करेंगे। देश-विदेश के 20 हज़ार से अधिक निवेशक, उद्योगपति एवं अन्य महानुभाव होंगे शामिल। साथ ही 40 देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। समिट में शहरी विकास से लेकर आईटी तक, रिन्यूएबल एनर्जी से लेकर टूरिज्म तक - हर सेक्टर पर फोकस्ड सेशन्स होंगे। मध्यम, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों हेतु एमएसएमई समिट एवं प्रवासी  मध्यप्रदेश समिट आयोजित की जाएगी। ग्लोबल साउथ सेशन के माध्यम से विकासशील देशों के साथ नई साझेदारी की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस इनोवेटर्स, स्टार्ट-अप्स फ़ाउंडर्स और उद्योग लगाने वाले युवाओं के लिये बिज़नेस ग्रो करने का सुनहरा अवसर। मध्यप्रदेश तेजी से उभरते हुए औद्योगिक और निवेश हब के रूप में स्थापित हो रहा है। जीआईएस-2025 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा, जहां वैश्विक और राष्ट्रीय निवेशक राज्य की असीम संभावनाओं का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि दिल्ली में हुआ कर्टेन रेजर कार्यक्रम मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा। हम प्रदेश की आर्थिक उन्नति, रोजगार सृजन और समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश आने और इस समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी राजदूत, निवेशकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि आइए, हम सभी मिलकर मध्यप्रदेश को निवेश और विकास का आदर्श केंद्र बनाएं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव हैं डायनेमिक एवं इंडस्ट्री फ्रेंडली : मुख्य सचिव श्री जैन

  मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डायनेमिक और इंडस्ट्री फ्रेंडली है। उनका मानना है कि विकास समन्वित और चहुँमुखी होना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इसी विचार के कारण मध्यप्रदेश में 7वीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पहली बार भोपाल में आयोजित होने जा रही है। मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा इस समिट के पहले प्रदेश के विभिन्न अंचलों में विकास को तीव्र गति से पहुँचाने के लिये रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देश के प्रमुख शहरों के साथ ही यूके, जर्मनी और जापान जाकर निवेशकों को मध्यप्रदेश के विकास में भागीदार बनने के लिये आमंत्रित किया। मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि जीआईएस-2025 झीलों के शहर भोपाल में रिजर्व फॉरेस्ट के बीच प्राकृतिक सौन्दर्य के विशिष्ट वातावरण में होने जा रही है। उन्होंने ऋग्वेद का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से पुण्य प्राप्त होता है। प्रदेश का इंदौर शहर 7 बार से लगातार स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है और प्रदेश स्वच्छता में दूसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है। अभी यहाँ पर कुल ऊर्जा में नवकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत की है, जो कि 2030 तक बढ़कर 50 प्रतिशत हो जायेगी। उन्होंने उद्योगपतियों से प्रदेश में आकर निवेश करने का अनुरोध किया।

निवेश की अपार संभावनाएं हैं मध्यप्रदेश में

  प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव अपना सर्वाधिक समय उद्योग विभाग को देकर प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश में होने वाली जीआईएस-2025 की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताया कि इसमें सेक्टर- वाइस समिट होंगी और हर उद्योगपति को निवेश के लिये सरल और सहज सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी। कार्यक्रम के दौरान जीआईएस-2025 पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

संगीत की दुनिया में उभरता सितारा: सौरभ भारत

 


  


  संगीत एक ऐसी कला है जो सीधे दिल तक पहुंचती है, और जब शब्दों में आत्मा हो तो गीत सदियों तक याद किए जाते हैं। सौरभ भारत उन गिने-चुने गीतकारों और संगीतकारों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी और संगीतबद्ध रचनाओं से अलग पहचान बनाई है।

मेरठ से मुंबई तक का सफर

  उत्तर प्रदेश के मेरठ से ताल्लुक रखने वाले सौरभ भारत आज मुंबई में रहते हैं और भारतीय संगीत एवं फिल्म इंडस्ट्री में अपनी रचनात्मकता के लिए पहचाने जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि संगीत के इस सफर के साथ-साथ वे मर्चेंट नेवी में भी काम कर रहे हैं। उनकी यह डबल लाइफ उन्हें और भी दिलचस्प बनाती है—समंदर की लहरों के बीच कर्तव्य निभाना और संगीत की लहरों में भावनाएं उड़ेलना।






फिल्मों और वेब सीरीज के लिए लिखा संगीत

सौरभ भारत ने कई चर्चित फिल्मों और वेब सीरीज के लिए गीत लिखे हैं, जिनमें शामिल हैं:
🎬 डॉ. हेडगेवार (2025)
🎬 उड़ गए रे पंछी (2025)
🎬 कुत्ते से सावधान

  उनकी लेखनी सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि भावनाओं की जीवंत प्रस्तुति होती है। यही वजह है कि उनके लिखे गाने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना लेते हैं।

बड़ी म्यूजिक कंपनियों के साथ जुड़ाव

  बॉलीवुड और भक्ति संगीत के बड़े नाम टी-सीरीज़, टाइम्स म्यूजिक, शेमारू और संस्कार टीवी जैसी कंपनियों के साथ काम कर चुके सौरभ की यात्रा संगीत प्रेमियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

राजनीतिक शख्सियतों के लिए भी लिखा संगीत

  संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि प्रेरणा और विचारों की अभिव्यक्ति का ज़रिया भी होता है। यही कारण है कि सौरभ भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए "नमो मोदी" और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए "योगी युग" जैसे गाने लिखे हैं।

  इन गीतों को उन्होंने अपने खुद के यूट्यूब लेबल "एसभारत एंटरटेनमेंट" पर जारी किया, जिससे उन्हें डिजिटल दुनिया में भी पहचान मिली।

संगीत के प्रति जुनून

  सौरभ भारत का मानना है कि संगीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मा की आवाज़ होती है। एक अच्छे गीतकार के लिए यह ज़रूरी है कि वह समाज की भावनाओं और बदलते समय को समझे और उसे अपने शब्दों में ढाले। शायद यही कारण है कि उनके गीत श्रोताओं के दिलों को छू लेते हैं।

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आगे क्या?

  सौरभ भारत अपने अनोखे अंदाज में संगीत रचते रहेंगे और हमें यकीन है कि आने वाले समय में उनके और भी बेहतरीन गीत सुनने को मिलेंगे। उनका सफर बताता है कि अगर इंसान में जुनून और मेहनत का जज्बा हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।