महेश्वर फिल्म इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड अपनी मेगा फिल्म “हल्ला: अन्तस्य आारम्भः (द बिगिनिंग) (HALLA: The Beginning)” लेकर आ रहा है, जो पौराणिक कथाओं को आधुनिक भावनात्मक कहानी के साथ जोड़ते हुए दर्शकों को एक अनोखी यात्रा पर ले जाएगा।
फिल्म का आधार है समुद्र मंथन की कथा, जिसे अब तक देवताओं और खजानों की दृष्टि से देखा गया है। लेकिन हल्ला में कहानी एक नए नायक के इर्द-गिर्द बुनी गई है—वह बालक जो हलाहल (विष) से जन्म लेता है और जिसका जीवन संघर्ष, संदेह और बलिदान से होकर गुज़रता है। यह नायक भाग्य नहीं बल्कि अपने चुनावों से अपनी पहचान बनाता है।
इस अनोखे विचार को आकार दिया है युवा लेखक सौरभ मिश्रा ने। बीसवें दशक में ही उन्होंने गहन अध्ययन और कल्पनाशक्ति के आधार पर यह प्रश्न उठाया—“क्या हो अगर समुद्र मंथन में एक भुला दिया गया नायक भी था?” मिश्रा बताते हैं, “हल्ला सिर्फ़ पौराणिक कथा नहीं, बल्कि यह जीवन में संघर्षों, विकल्पों और आत्म-खोज की यात्रा है।”
फिल्म HALLA: The Beginning के मुख्य निर्माता हैं मनोज महेश्वर, महेश्वर फिल्म इंटरनेशनल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक, जिन्हें अभिनय, निर्देशन और निर्माण में दो दशक का अनुभव है। उनका कहना है, “हमने कोशिश की है कि पौराणिक कथाओं की आत्मा बनी रहे, लेकिन साथ ही आज के दर्शकों के लिए इसे जीवंत और प्रासंगिक बनाया जाए।”
फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं भास्कर राम, जो दिल, दोस्ती, दुनियादारी (मराठी) और व्हाट्सऐप रोमियो (तेलुगु) जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। बाहुबली जैसी मेगा फिल्मों में अनुभव लेने वाले भास्कर इस प्रोजेक्ट को भव्यता और भावनात्मक गहराई देने का वादा करते हैं।
तकनीकी टीम में शामिल हैं:
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रंजीत मोगुसानी (डीओपी) – भव्य विज़ुअल्स के लिए प्रसिद्ध।
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रामकृष्ण (प्रोडक्शन डिज़ाइनर) – तेलुगु सिनेमा में अद्वितीय वर्ल्ड बिल्डिंग के लिए चर्चित।
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रंजीत (टेक्निकल एसोसिएट) – तकनीकी नवाचार और सटीकता के लिए जाने जाते हैं।
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निर्माता सूरज सिंह मस, अभिषेक राज और रुद्रांश – उद्योग अनुभव और दृष्टिकोण से प्रोजेक्ट को मज़बूती देते हैं।
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सह-लेखक दिलीप केशव, जो अनुभवी अभिनेता और कथाकार हैं, पटकथा में सांस्कृतिक प्रामाणिकता जोड़ते हैं।
फिल्म HALLA: The Beginning के लिए टीम ने प्राचीन ग्रंथों, लोककथाओं और क्षेत्रीय मिथकों का गहन अध्ययन किया है। पारंपरिक वेशभूषा, रीति-रिवाज़ और सेट डिज़ाइन से कहानी की जड़ों को सम्मान दिया गया है, वहीं आधुनिक गति और भावनात्मक गहराई इसे आज के दर्शकों के लिए रोचक बनाएगी।
मूल रूप से हल्ला अंधकार से प्रकाश और निराशा से उद्देश्य खोजने की गाथा है। यह साहस, धैर्य और आत्म-खोज का संदेश देती है। फिल्म की टीम कहती है, “हम चाहते हैं कि दर्शक सिनेमाघर से न सिर्फ़ चकित होकर, बल्कि प्रेरित होकर लौटें कि कठिनाइयों में भी ताक़त खोजी जा सकती है।”
अपनी अनूठी पौराणिक और मानवीय कथा के मेल के साथ “हल्ला: द बिगिनिंग (HALLA: The Beginning)” भारतीय सिनेमा की बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक बनकर उभर रही है।