हर कला की एक अनकही दास्तान होती है। सागरिका भौमिक का जुनून तो जैसे उसकी पहचान का जादू है। क्या आप इस जादू को महसूस कर सकते हैं?
जमशेदपुर: कबाड़ को लोग कचरा समझकर फेंक देते हैं। लेकिन कदमा की एक अद्भुत कलाकार उस कचरे में जान डाल देती है। उसके हाथों का जादू हर बेकार चीज को खूबसूरत कला में बदल देता है।
कला सिर्फ रंगों का संगम नहीं, यह आत्मा की गहराइयों में उतरने की यात्रा है। सागरिका भौमिक की कहानी भी इसी राह की एक मिसाल है। संघर्ष ने उनकी कला को नया जीवन दिया। क्या सपनों की जिद से हालात नहीं बदलते? जमशेदपुर की सागरिका ने फैशन डिज़ाइनिंग का ख्वाब संजोया। लेकिन आर्थिक कठिनाइयों ने उन्हें साधारण स्नातक बनने पर मजबूर किया। आत्मनिर्भरता की तलाश में पुणे में 5.3 साल एचआर-टैलेंट एक्विजिशन स्पेशलिस्ट की भूमिका निभाई। लेकिन क्या किस्मत ने उन्हें कुछ और नहीं लिखा था?
2019 में नौकरी खोने के बाद, जब भविष्य एक रहस्य बन गया, उन्होंने पेंटिंग का जादू फिर से खोज निकाला। अपने होस्टल के कमरे को सजाते हुए, उन्होंने महसूस किया—अरे, यही तो है उनका असली जुनून!
2020 में, कोविड की लहरों के बीच, वे जमशेदपुर लौट आईं। उस कठिनाई ने उनकी छुपी हुई प्रतिभा को बाहर लाने का एक सुनहरा मौका दिया।
हालांकि, उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा के दिनों से ही रचनात्मकता की ओर कदम बढ़ाया था। पेशेवर कला शिक्षा न ले पाने के बावजूद, मेहनत और अभ्यास ने उन्हें एक सक्षम कलाकार बना दिया।
वे एक स्व-सीखी कलाकार हैं, जिन्होंने ऑनलाइन रिसर्च, ट्यूटोरियल्स और निरंतर अभ्यास के माध्यम से अपनी कला को निखारा। क्या कला सच में आत्मा की आवाज नहीं होती?
सागरिका ने 'कैनवास्टोरी' नामक एक अद्भुत होम-बेस्ड आर्ट और पेंटिंग शॉप खोली है। यहाँ, उनके हाथों की बनी कलाकृतियाँ जादू की तरह लोगों तक पहुँचती हैं।
उनकी कला में वास्तु पेंटिंग्स, ग्लास पर पोर्ट्रेट्स, टेक्सचर्ड आर्ट, ऐक्रेलिक पेंटिंग्स, और बॉटल आर्ट जैसे अनगिनत नगीने शामिल हैं। क्या आपको नहीं लगता कि कला हर किसी के लिए होनी चाहिए?
सागरिका का सपना है कि हर वर्ग के लोग किफायती दामों पर खूबसूरत चीजें पा सकें। जमशेदपुर के 'जाम स्ट्रीट' में उनकी कलाकृतियाँ दर्शकों का दिल जीत चुकी हैं।
उनकी कला ने 50 से अधिक आर्टवर्क की बिक्री की है। रंगों का अनोखा संयोजन और गहरी भावनाएँ हर दर्शक को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।
सागरिका की कला केवल सजावट नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का एक जरिया भी है। "हर बेकार चीज़ को नया रूप दिया जा सकता है," उनका यह विश्वास उन्हें प्रेरित करता है। क्या आपने कभी सोचा है कि कला में कितनी शक्ति होती है?
सागरिका भौमिक की कला यात्रा आसान नहीं रही। लेकिन उनके परिवार का प्यार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा। पिता, जो 14 साल से रिटायर हैं, और मां, एक समर्पित गृहिणी, उनके सपनों के साथी बने। अब सागरिका की चाहत है कि उनकी कला आसमान छू ले, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चमक उठे। उनका सपना है कि 'Kanvastory' एक मशहूर ब्रांड बन जाए। क्या यह सपना सच होगा?
"हर कला के पीछे एक जादुई कहानी छिपी होती है। मैं अपनी कला के रंगों से दुनिया को अनकही दास्तानें सुनाना चाहती हूं।" – सागरिका भौमिक