BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य: मध्यप्रदेश का वन्य जीव पर्यटन हब,मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छोड़े 10 घड़ियाल, डॉल्फिन पुनर्वास की संभावना

 


  भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश वन्य जीव पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनकर उभर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुरैना क्षेत्र में पर्यटन को विकसित करने के लिए सरकार संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य के भ्रमण के दौरान 10 घड़ियालों (9 मादा, 1 नर) को उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा और वन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

चंबल अभयारण्य: प्राकृतिक धरोहर और वन्य जीव संरक्षण का केंद्र

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य भारत की प्राकृतिक संपदा है, जहां दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण इन प्रजातियों को नुकसान पहुंच रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश जैव विविधता के संरक्षण के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि चंबल अभयारण्य में घड़ियालों के साथ डॉल्फिन के पुनर्वास की भी प्रबल संभावना है। वन विभाग इस दिशा में काम कर रहा है, जिससे मध्यप्रदेश का वन्य जीव पर्यटन और अधिक समृद्ध होगा।

चंबल नदी: घड़ियालों का सबसे बड़ा प्राकृतिक आवास

  भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में सर्वाधिक घड़ियाल चंबल नदी में पाए जाते हैं। विश्वभर में 3,000 घड़ियाल हैं, जिनमें से 85% चंबल नदी में हैं। 1978 में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया गया। 1981 में "घड़ियाल ग्रो एंड रिलीज प्रोग्राम" की शुरुआत हुई। 2024 की गणना में चंबल में 2,456 घड़ियाल पाए गए।








घड़ियाल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

 मुरैना वन विभाग के अनुसार वन विभाग के अनुसार, 2025 में अब तक 98 घड़ियाल चंबल नदी में छोड़े जा चुके हैं।

  • 13 जनवरी: 4 नर, 21 मादा (कुल 25)
  • 19 जनवरी: 2 नर, 30 मादा (कुल 32)
  • 29 जनवरी: 10 नर, 11 मादा (कुल 21)
  • 6 फरवरी: 12 नर, 8 मादा (कुल 20)

 चंबल बोट सफारी के जरिए पर्यटक अब घड़ियालों को प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं, जिससे वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।

मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन की असीम संभावनाएं

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के जंगलों में सभी वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य में माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की प्रक्रिया भी जारी है। वन्य जीव प्रेमियों के लिए चंबल बोट सफारी अब प्रमुख आकर्षण बन चुका है। इसके अलावा, सरकार चंबल क्षेत्र में पर्यटन को और विकसित करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।

« PREV
NEXT »