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कुंभ मेला 2025: डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर महाराज का अनूठा अंदाज,सनातन धर्म के प्रचार में डिजिटल क्रांति....

 



  कुंभ मेला 2025 में डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर स्वामी राम शंकर महाराज अपने अनूठे अंदाज में संगम के तट पर युवा पीढ़ी से संवाद करते नजर आए। डिजिटल युग में आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों ने श्रद्धालुओं और साधु-संतों को आकर्षित किया। सोशल मीडिया पर लोकप्रिय डिजिटल बाबा ने धर्म, अध्यात्म और भक्ति के महत्व को सरल भाषा में समझाते हुए सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार की नई दिशा प्रस्तुत की।

डिजिटल बाबा का आध्यात्मिक डिजिटल सफर

  सोशल मीडिया पर लाखों अनुयायियों द्वारा फॉलो किए जाने वाले स्वामी राम शंकर महाराज 6 जनवरी को प्रयागराज पहुंचे। डिजिटल युग में डिजिटल साधना का उनका तरीका अनूठा है। ट्राइपॉड, कैमरा और वायरलेस माइक लेकर वे कुंभ के हर महत्वपूर्ण पल को पूरी दुनिया तक लाइव पहुंचा रहे हैं।

 खास बात यह है कि वे बिना किसी तामझाम के एक आम श्रद्धालु की तरह साधु-संतों और भक्तों से बातचीत कर रहे हैं और इसे सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। उनकी सहजता और डिजिटल माध्यमों का प्रभावी उपयोग उन्हें अन्य संतों से अलग बनाता है।

डिजिटल बाबा का जीवन परिचय

 गोरखपुर में जन्मे डिजिटल बाबा का प्रारंभिक जीवन एक सामान्य विद्यार्थी की तरह रहा। उन्होंने बी.कॉम तक की पढ़ाई की और वर्ष 2008 में अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से दीक्षा प्राप्त की। इसके बाद वे पूरी तरह आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर हुए।

 उन्होंने भारत के विभिन्न गुरुकुलों में रहकर सनातन धर्म के गहन अध्ययन में सात वर्ष बिताए। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • वानप्रस्थ साधक ग्राम आश्रम, साबरकांठा, गुजरात
  • कलवा गुरुकुल, जींद, हरियाणा
  • संदीपनी हिमालय गुरुकुल, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
  • बिहार स्कूल ऑफ योगा, रिखियापीठ, देवघर, झारखंड
  • कैवल्यधाम योग संस्थान, लोनावला, महाराष्ट्र

  इसके बाद उन्होंने खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ में संगीत की शिक्षा प्राप्त की। वर्ष 2017 से वे हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ धाम में रहकर आध्यात्मिक उन्नति हेतु साधनारत हैं।

डिजिटल बाबा का आध्यात्मिक योगदान

  डिजिटल बाबा श्रीराम कथा, श्रीमद्भागवत कथा एवं वेदांत ज्ञान सत्र में प्रवचन के लिए देशभर में भ्रमण करते हैं। उनके फेसबुक पेज पर सवा तीन लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होते हैं। उनकी डिजिटल उपस्थिति लाखों लोगों तक आध्यात्मिक ज्ञान को सरल और रोचक रूप में पहुंचाने में सफल रही है।

डिजिटल बाबा का संदेश: आत्मज्ञान ही परम सुख

डिजिटल बाबा के अनुसार:

"मेरा उद्देश्य युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है, क्योंकि आत्मज्ञान ही जीवन को पूर्णता प्रदान करता है। चमत्कार से लोग आकर्षित हो सकते हैं, लेकिन आत्मा की तृप्ति केवल आत्मज्ञान से ही संभव है।"

उन्होंने यह भी कहा:

"आज का युवा सोशल मीडिया में उलझा हुआ है, इसलिए मैं उसी माध्यम का उपयोग कर उन्हें आध्यात्मिक उत्थान के लिए प्रेरित करता हूं।"

डिजिटल बाबा का अनूठा व्यक्तित्व

  डिजिटल बाबा का जीवन कई रोचक पहलुओं से भरा हुआ है। वे विद्यार्थी जीवन में NCC कैडेट रहे हैं और रंगमंच पर कई नाटकों में अभिनय किया है। कभी फिल्मों में अभिनय का शौक रखने वाले इस कलाकार ने अपने जीवन के 20 वर्षों में पूर्ण रूप से आध्यात्मिक मार्ग को अपना लिया। वे पिछले 15 वर्षों से ब्रह्मचारी जीवन व्यतीत करते हुए साधनारत हैं।

डिजिटल बाबा का आध्यात्मिक दृष्टिकोण

  डिजिटल बाबा का मानना है कि ध्यान, साधना, और योग से व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप को पहचान सकता है। वे वेदांत दर्शन को सरल भाषा में समझाने के लिए जाने जाते हैं। उनके प्रवचनों में गीता, उपनिषद, वेद और योग शास्त्रों का उल्लेख होता है, जिसे वे डिजिटल माध्यमों के जरिए अधिक लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

डिजिटल बाबा और युवा पीढ़ी

  आज के समय में जहां युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीकों में उलझी हुई है, वहीं डिजिटल बाबा इन्हीं तकनीकों का उपयोग करके उन्हें आध्यात्मिक मार्ग दिखा रहे हैं। वे कहते हैं:

"सोशल मीडिया एक ताकतवर माध्यम है, जिसे सही दिशा में उपयोग करके जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।"

  उनका मानना है कि अध्यात्म और डिजिटल युग को एक साथ जोड़कर युवाओं को सही मार्गदर्शन दिया जा सकता है। वे इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नियमित रूप से अपने अनुयायियों से जुड़े रहते हैं।

कुंभ मेले में डिजिटल बाबा की लोकप्रियता

  कुंभ मेला 2025 में डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर महाराज का डिजिटल अंदाज और आध्यात्मिक शिक्षाएं युवा पीढ़ी के लिए अत्यंत प्रेरणादायक हैं। उनकी सादगी, सहजता और आधुनिक तकनीकों का उपयोग उन्हें विशेष बनाता है।

 उनका यह डिजिटल रूपांतरण आध्यात्मिकता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक सफल प्रयास है। कुंभ मेले में उनका प्रभावशाली संवाद श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

डिजिटल बाबा के प्रेरणादायक विचार

डिजिटल बाबा के विचार प्रेरणादायक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए मार्गदर्शक हैं। वे कहते हैं:

  • "जीवन में आत्मज्ञान ही वास्तविक उन्नति है।"
  • "सच्चा चमत्कार आत्मा की तृप्ति में है, न कि बाहरी दिखावे में।"
  • "सोशल मीडिया का सही उपयोग हमें आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बना सकता है।"
  • "युवा शक्ति को सही दिशा देने से समाज और राष्ट्र दोनों का कल्याण होगा।"

  डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर महाराज का जीवन और कार्य हमें यह सिखाता है कि आध्यात्मिकता और आधुनिकता एक साथ चल सकते हैं। वे तकनीक का उपयोग करके युवा पीढ़ी को अध्यात्म से जोड़ने का अद्भुत कार्य कर रहे हैं।

 उनका उद्देश्य केवल प्रवचन देना नहीं, बल्कि लोगों को जीवन का सही मार्ग दिखाना है। कुंभ मेला 2025 में उनकी उपस्थिति ने एक नई आध्यात्मिक क्रांति की शुरुआत की है।


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