मध्य प्रदेश के धार जिले का सरदारपुर वन परिक्षेत्र का खरमोर अभ्यारण्य इस बार अनोखे पंछियों के संगम का गवाह बना। यहां हाल ही में "द्वितीय पक्षी सर्वेक्षण-2024" का आयोजन हुआ, जिसमें इंदौर की वाइल्ड वारियर्स संस्था के स्वयंसेवकों ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर अभ्यारण्य में पक्षियों की प्रजातियों का गहन अध्ययन किया।
वनमण्डल धार के डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी और सरदारपुर के उपवनमंडलाधिकारी संतोष कुमार रनशोरे के मार्गदर्शन में इस बार के सर्वेक्षण ने अभ्यारण्य में पक्षी प्रेमियों और वन्यजीव विशेषज्ञों के लिए कई अनोखी जानकारियां पेश कीं। खास बात यह रही कि इस सर्वेक्षण में 24 नई प्रजातियों को दर्ज किया गया, जिससे यहाँ अब तक कुल 94 पक्षी प्रजातियाँ देखी जा चुकी हैं।
एक नायाब सैर: नन्हें परिंदों की दुनिया
सूरज की पहली किरण के साथ जब टीम ने अभ्यारण्य में कदम रखा, तो वहां के नजारों में एक अनोखा रोमांच छिपा हुआ था। नीले आसमान में उड़ते और पेड़ों की डालियों पर बैठते विभिन्न रंगों के पक्षियों का दीदार किसी जादू से कम नहीं था। इस बार के सर्वेक्षण में देखी गई खास प्रजातियों में इसाबेलिन श्राइक, पेलिड हैरियर, पश्चिमी मार्श हैरियर, क्रेस्टेड लार्क, टॉनी लार्क, ब्लूथ्रोट, कॉमन रोज़फिंच, रेड हेडेड बंटिंग और ब्लैक हेडेड बंटिंग शामिल रहीं। इन अद्वितीय प्रजातियों ने हर एक टीम सदस्य को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वाइल्ड वारियर्स के एक स्वयंसेवक अंशुमन शर्मा बताते हैं, "यहाँ आना मानो एक नई दुनिया में कदम रखने जैसा था। हर तरफ से पंखों की फड़फड़ाहट और चहचहाहट हमारे उत्साह को दोगुना कर रही थी। हर प्रजाति के साथ जैसे अभ्यारण्य की एक नई कहानी सामने आ रही थी।"
विविधता में समृद्धि का प्रतीक
खरमोर अभ्यारण्य में पक्षियों के अलावा तितलियाँ, हायना, गोल्डन जैकाल, जंगली बिल्ली, लोमड़ी और खरगोश भी यहाँ के प्राकृतिक संतुलन में योगदान देते हैं। गेम रेंजर शैलेन्द्र सोलंकी ने बताया, "जैविक दबाव के बावजूद वन विभाग की नियमित गश्त और देखभाल से यहाँ की जैव विविधता को संरक्षित करने में काफी मदद मिली है।"
सरदारपुर के उपवनमंडलाधिकारी संतोष कुमार रनशोरे ने बताया, "पक्षियों का हमारे पर्यावरण में बहुत महत्व है। वे न केवल पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि हमारे वातावरण को भी समृद्ध बनाते हैं।"
पर्यावरण संरक्षण का उत्सव
"द्वितीय पक्षी सर्वेक्षण-2024" ने वन विभाग, स्थानीय समुदाय और वाइल्ड वारियर्स जैसी संगठनों को एक साथ लाने का काम किया। वन विभाग द्वारा इस सर्वेक्षण में शामिल सभी सदस्यों का सम्मान किया गया। वाइल्ड वारियर्स के स्वप्निल फणसे, रितेश खाबीया, अंशुमन शर्मा, अभिषेक पालीवाल, श्रीकांत कलमकर, और सहयोगी टीम के सदस्य अमन सिंह टेगोर, अकरम भूरिया और नेमचंद मारू के योगदान से यह आयोजन यादगार बन गया।
संरक्षण के लिए एक नई प्रेरणा
यह सर्वेक्षण न केवल पक्षियों का रिकॉर्ड रखने का जरिया है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है कि हमारे प्रयासों से कैसे वन्यजीवन और प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण संभव है। यह आयोजन अभ्यारण्य की जैव विविधता को सहेजने और संरक्षण के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने का एक सफल प्रयास रहा।
सरदारपुर का यह छोटा-सा अभ्यारण्य अब सिर्फ एक जंगल नहीं, बल्कि पंछियों का एक जादुई संसार बन गया है। यहाँ का हर एक पत्ता, हर शाख, हर उड़ता परिंदा जैसे यह कह रहा हो – "प्रकृति से प्रेम करो, इसे संजोकर रखो।"