इंदौर : देश के प्रति समर्पण, त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति आदरणीय लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा के अनावरण का मौका मिलना मेरे लिए सौभाग्य का अवसर है। देश के सबसे बड़े और महान नेताओं में से एक शास्त्री जी ने जो रास्ता हम सभी को दिखाया, उस पर चलना ही सच्चा राष्ट्रधर्म है। मैं यहां आज भारत रत्न श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में चर्चा करते हुए खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। मैं शास्त्री जी को पूरी श्रद्धा के साथ नमन करता हूं। यह उक्त बात मप्र के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कही।
राज्यपाल ने इंदौर सांवेर रोड स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट (एलबीएसआईटीएम) के इंदौर कैंपस में सुबह 11.30 बजे से आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा का अनावरण किया।
सब मेरे साथ नारा लगाएंगे लाल बहादुर शास्त्री...अमर रहें...अमर रहें : अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए राज्यपाल पटेल ने कहा कि यहां उपस्थित सभी लोग मेरे साथ नारा लगाएंगे लाल बहादुर शास्त्री...अमर रहें...अमर रहें। राज्यपाल की इस अपील का कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने पूरे दिल से सम्मान रखते हुए पूरे जोश के साथ शास्त्री जी अमर रहें का नारा लगाया। इसके बाद राज्यपाल ने लाल बहादुर शास्त्री जी के आदर्शों, राजनीतिक शुचिता औा सर्वोच्च नैतिक मूल्यों के बारे में चर्चा की। राज्यपाल ने कहा कि शास्त्री जी का चरित्र और राजनीतिक व नैतिक मूल्य इतने ऊंचे थे कि 1965 में केंद्रीय रेल एवं परिवहन मंत्री के उनके कार्यकाल के दौरान तमिलनाडु में हुई एक रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। भारतीय राजनीति में इस प्रकार के उदाहरण बिरले ही हैं।
इस अवसर पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन, एलबीएसआईटीएम ग्रुप के चेयरमेन पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शास्त्री और लाल बहादुर शास्त्री सेवा निकेतन के अध्यक्ष सुनील शास्त्री विशेष रूप से उपस्थित थे।
एलबीएसआईटीएम ग्रुप के सलाहकार आदर्श शास्त्री ने अपने स्वागत भाषण में ग्रुप द्वारा देश के विभिन्न शहरों में संचालित शिक्षण संस्थानों एवं सामाजिक संस्थाओं के बारे में जानकारी दी। आदर्श शास्त्री ने ग्रुप के इंदौर कैंपस की शुरुआत और यहां संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों एवं इंडस्ट्रियल प्रशिक्षण संस्थान और सेवा निकेतन द्वारा सोलसिंदा व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में चलाए जा रहे प्रकल्पों और उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
जय जवान-जय किसान का नारा आज भी प्रासंगिक : ग्रुप के चेयरमेन पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शास्त्री ने महामहिम राज्यपाल का इस कार्यक्रम में पधारने के लिए आभार जताते हुए कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रति लोगों की आज भी अगाध श्रद्धा है। मैं देश-विदेश के कई शहरों में आता-जाता हूं। जब लोगों को पता चला है कि मैं जय जवान-जय किसान का नारा देने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का बेटा हूं तो लोग मेरे साथ सेल्फी लेने, फोटो खिंचवाने का आग्रह करते हैं। लेकिन मैं ये कहना चाहता हूं कि लोगों का यह व्यवहार मेरे प्रति नहीं बल्कि मेरे पिता के प्रति असीम सम्मान का प्रतीक है। वे लोग 1965 में पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर पटकनी देने वाले शास्त्री जी के बेटे में शास्त्री जी को महसूस करते हैं। शास्त्री ने कहा कि लाल बहादुर जी द्वारा दिया गया जय जवान-जय किसान का नारा आज भी प्रासंगिक है।
इससे पूर्व मंच पर उपस्थित अतिथियों ने लाल बहादुर शास्त्री जी और मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र, ग्रुप के लगभग सभी कैंपस से आए फैकल्टी मेंबर्स, बोर्ड मैंबर्स, सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। इंदौर कैंपस की लाइब्रेरी एचओडी कविता नातू ने सभी अतिथियों को वृंदा (तुलसी) का पौध देकर स्वागत किया। मंच संचालन डॉ. गौरी ने किया। आभार इंदौर कैंपस के डायरेक्टर डॉ. दीपक अग्रवाल ने माना। राज्यपाल एवं डीएवीवी की कुलपति को ग्रुप के चेयरमेन अनिल शास्त्री ने स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।