राजगढ़ (धार) । जिनशासन में उपधान तप का अपने आप में विशेष महत्व शास्त्रकारों ने बताया है । उपधान तप की आराधना में आराधक 47 दिन की तपाराधना करके मोक्ष प्राप्ति की कामना करता है इस आराधना में आराधक 47 दिन तक संसार की सारी भौतिक सुविधा का त्याग करके पूरी तरह से सयमी की तरह अपना जीवन यापन त्याग की भावनाओं को लेकर करता है । उक्त प्रेरणा दायी उद्बोधन ज्योतिषाचार्य मुनिराज श्री जयप्रभविजयजी म.सा. के शिष्य एवं प.पू. गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मालवकेसरी मुनिराज श्री हितेशचन्द्रविजयजी म.सा. ने कही और कहा कि तपस्वी जो 18 दिवसीय आराधना में आये है वे 18 दिन तक पूरे स्नेहभाव के साथ आत्मीयता रखकर धर्म आराधना करें साथ ही त्याग की भावना रखकर अपनी विनयता का परिचय दे । गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा. ने कहा कि उपधान तप का अर्थ है गुरु के सानिध्य में रहकर संयम की आराधना करना । वैसे उपधान तप 47 दिन में पूर्ण होता है पर छोटे बच्चे होने के कारण इतनी बड़ी कठिन तपस्या एक साथ किया जाना संभव नहीं होता है इस लिये उपधान तप तीन किस्तों में बच्चों को करवाकर उन्हें भी हम धर्म आराधना से जोड़ना चाहते है । प्रथम किस्त में 18 दिवसीय उपधान तप आराधना में आये हुऐ 200 से अधिक बालक-बालिका एक दिन का उपवास एवं एक दिन का एकासना तप करके 18 दिनों तक साधु जीवन की तरह संसार की सारी मोह माया का त्याग करके गुरु के सानिध्य में रहकर धर्म आराधना करेगें ।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाटपरम्परा के प.पू. गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती प.पू. मालवकेसरी मुनिराज श्री हितेशचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री दिव्यचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनभद्रविजयजी म.सा. एवं प.पू. शासन ज्योति गुरुमैया साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म.सा. की सुशिष्या संयमस्थविरा तपस्वी साध्वी श्री किरणप्रभाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. की शिष्याओं की निश्रा में 18 दिवसीय उपधान तप की आराधना हेतु श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में मंगलमय प्रवेश हुआ साथ ही आराधना का भव्य शुभारम्भ हुआ । इस अवसर पर श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन, झाबुआ श्रीसंघ से मनोहर मोदी, महेन्द्र जैन, सहित बड़ी संख्या में तपस्वी बच्चों के माता-पिता कार्यक्रम में विशेष रुप से उपस्थित रहे ।