मुंबई, जहां सपने आसमान छूते हैं, वहां एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो न केवल इमारतें बना रहे हैं, बल्कि लोगों के जीवन में भी नई उम्मीदें जगा रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं जयेश शाह (Jayesh Shah) की, जो रवि ग्रुप (Ravi Group) के प्रबंध निदेशक हैं और जिन्होंने अपने व्यावसायिक कौशल और मानवीय दृष्टिकोण से मुंबई के विकास को एक नया आयाम दिया है।
शाह का सफर एक छोटे से रेत के व्यवसाय से शुरू हुआ था। धीरे-धीरे उन्होंने रवि ग्रुप के साथ रियल एस्टेट में कदम रखा और आज उनकी कंपनी मुंबई की अग्रणी निर्माण कंपनियों में से एक है। शाह के नेतृत्व में, रवि ग्रुप ने 40 से अधिक परियोजनाओं में लगभग 17,000 आवास इकाइयां बनाई हैं, जो कुल मिलाकर 1 करोड़ वर्ग फुट के विकास का प्रतीक हैं।
लेकिन जयेश शाह की विशेषता सिर्फ इमारतें बनाने तक सीमित नहीं है। उनका मानना है कि सच्ची सफलता समाज के उत्थान में निहित है। इसी सोच के साथ उन्होंने रवि ग्रुप को सिर्फ एक बिल्डर से बढ़कर एक सामाजिक परिवर्तन के वाहक के रूप में स्थापित किया है।
शाह की मानवता की एक झलक 2016 में देखने को मिली, जब उन्होंने 'हेल्प एनिमल्स एंड बर्ड्स हॉस्पिटल' की स्थापना की। यह अस्पताल मुंबई के आवारा पशुओं के लिए एक वरदान साबित हुआ है, जहां 40 कुत्तों और 24 बिल्लियों की देखभाल की जाती है। यहां मुफ्त या कम लागत पर चिकित्सा सेवा, नसबंदी, और टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है।
शाह की परोपकारी गतिविधियां केवल पशु कल्याण तक सीमित नहीं हैं। वे महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनका मानना है कि समाज के हर वर्ग का विकास होना चाहिए, तभी देश प्रगति कर सकता है।
रवि ग्रुप के माध्यम से शाह ने मुंबई में किफायती आवास का सपना साकार किया है। उनकी परियोजनाएं न केवल गुणवत्ता पर ध्यान देती हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। शाह का मानना है कि विकास और प्रकृति संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं।
जयेश शाह की कहानी हमें सिखाती है कि व्यापार में सफलता और समाज सेवा एक साथ संभव है। वे कहते हैं, "हमारा लक्ष्य सिर्फ इमारतें बनाना नहीं है, बल्कि लोगों के जीवन में खुशियां लाना है।" उनकी यह सोच न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
आज, जब मुंबई लगातार विकास की ओर अग्रसर है, जयेश शाह और रवि ग्रुप समाज में सकारात्मक बदलाव की एक मजबूत ताकत बने हुए हैं। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि दृढ़ संकल्प और करुणा के साथ, एक व्यक्ति भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। जयेश शाह की यह यात्रा निस्संदेह हम सभी के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो दिखाता है कि व्यावसायिक सफलता और सामाजिक जिम्मेदारी एक साथ चल सकती हैं।