BREAKING NEWS
latest



 

News
News

राज्य

राज्य/block-5

आपके शहर की खबर

आपके शहर की खबर/block-3

राजनीति

राजनीति/block-6

मनोरंजन

मनोरंजन/block-6

धर्म

धर्म/block-3

"खेल"

खेल/block-3

"लेख"

लेख/block-3

ख़बरें जरा हटके

ख़बरें जरा हटके/block-10

स्टोरी

स्टोरी/block-7

बिज़नेस

बिज़नेस/block-11

Latest Articles

पुण्य सम्राटश्री का 90वा जन्मोत्सव मनाया गया

Punya Samrat Jayant Sen Suri, Jayant Sen 90th Birthday, Rajgarh Dhar Jain Event, Jain Religious Celebration, Jayant Sen Museum Rajgarh, Jain Community News, Snatra Pooja Rajgarh, Asthaprakari Pooja Event, Jain Samayik Jap Program, Jain Festival 2025


 

  राजगढ़/धार - पुण्य सम्राट श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी म.सा. का 90वा जन्मोत्सव नगर में धूमधाम से मनाया गया। संपूर्ण दिवस परिषद् परिवार द्वारा विविध कार्यक्रम गच्छाधिपति श्रीमद विजय नित्यसेनसूरीश्वरजी म.सा. व्  आचार्य श्रीमद विजय जयरत्नसूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से आयोजित किये गए । 
  उक्त जानकारी देते हुए राजगढ़ परिषद् शाखा अध्यक्ष व् परिषद् राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री मांगीलाल मामा  ने बताया कि इस अवसर पर  प्रातः स्नात्र पूजा, नया बस स्टैंड पर मिठाई वितरित कि गयी,दोपहर में श्री जयंतसेन अष्टप्रकारी पूजा श्री जयंतसेन मंडल द्वारा राजेंद्र भवन में पढाई गयी,सामूहिक सामायिक व् जाप यतीन्द्र भवन में किये गए । शाम को राजेंद्र भवन गुरु मंदिर में पुण्य सम्राट के आरती का आयोजन किया गया इस अवसर पर श्रीसंघ वरिष्ठ एवं नवयुवक, महिला, बहु,तरुण परिषद् परिवार के सदस्य उपस्थित थे ।

श्री जयंतसेन म्यूजियम में भी मना जन्मोत्सव 

  श्री जयंतसेन म्यूजियम में जन्मोत्सव अवसर पर सकल जैन श्रीसंघ का स्वामीवात्सल्य लाभार्थी परिवारों द्वारा किया गया एवं श्री जयंतसेन अष्टप्रकारी पूजा पढाई गयी ।

जूनियर नेशनल ग्रेपलिंग चेम्पियनशिप में जीते 8 मेडल,महेश कुमार वर्मा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए

junior national grappling championship, grappling india, mahesh kumar verma, grappling medal winners, sports news india, grappling championship 2025



 

 

 सरदारपुर/राजगढ़। 18 वीं जुनियर नेशनल  ग्रेपलिंग चेम्पियनशिप 2025 हरिद्वार (उत्तराखंड) के वंदना कटारिया, स्टेडियम में 14-16 नवंबर को आयोजित हुई। प्रतियोगिता में सेल्फ डिफेंस एंड मार्शल आर्ट्स एकेडमी, राजगढ़ के खिलाड़ियों ने मध्यप्रदेश राज्य की टीम में शामिल होकर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय स्तर पर 8 पदक जीतकर एतिहासिक उपलब्धि हासिल की। प्रतियोगिता भारत की एकमात्र युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग से मान्यता प्राप्त भारतीय ग्रेपलिंग महासंघ द्वारा आयोजित की गई। उक्त प्रतियोगिता में 22 राज्यों के 600 खिलाड़ियों ने सहभागिता की। एकेडमी के कोच महेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में राजगढ़ नगर से सात खिलाड़ियों ने इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होकर अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अलग-अलग इवेंट में आठ मेडल जीतने में सफल रहें। ग्रेपलिंग दो स्टाइल गी और नो गी में खेले जाने वाला गेम हैं। यह महाभारत कालीन पारंपरिक मल्ल युद्ध का आधुनिक संस्करण हैं जो कि कुश्ती की तरह खेला जाता हैं लेकिन इसमें लाक और चोक लगाए जाते हैं। नौ वर्ष से कम आयु वर्ग में गी स्टाइल में इवाना शास्त्री और द्रव्य सोनी ने कांस्य पदक जीता। 13 वर्ष आयु वर्ग 72 किग्रा में लक्ष्मी मारु ने गी ग्रेपलिंग में स्वर्ण पदक और नो गी में कांस्य पदक, वीरा जादम दोनों ही स्टाइल में रजत पदक जीतने में सफल रही। 17 वर्ष आयु वर्ग में 52 किग्रा वजन समूह में रांची जादम ने दोनों स्टाइल के कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। नौ वर्ष से कम आयु वर्ग में ध्वनि सोलंकी और 15 वर्ष से कम आयु वर्ग में प्रद्युम्न मारु ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस तरह 1 स्वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्य पदक जीतने में सफल रहें। 

    इस अभूतपूर्व सफलता पर विधायक प्रताप ग्रेवाल, जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी राजेश शाक्य, प्रदेश अध्यक्ष आलोक खरे, प्रदेश सचिव संजय पवार एवं नागरिकों ने उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाईयां दी।

महेश कुमार वर्मा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए
  
  मध्यप्रदेश के पहले आर-1 रेंक (भारतीय ग्रेपलिंग महासंघ का टाप रेंक) के सीनियर नेशनल रैफरी एवं टीम मैनेजर महेश कुमार वर्मा को अपने निष्पक्ष और पारदर्शी निर्णायक के तौर पर उत्तराखंड की आईपीएस अधिकारी श्रीमती तृप्ति भट्ट एसपी इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी ने सम्मानित किया।

बदलते तापमान का सीधा असर, कई उत्पाद एक्सपायरी डेट से पहले भी हो जाते हैं खराब

 

आज के समय में केमिस्ट शॉप से खरीदी जाने वाली दवाइयाँ हों, ब्यूटी प्रोडक्ट्स हों या फिर कोई भी पैक्ड उपभोक्ता सामान जिन पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि जब तक वह डेट पूरी नहीं होती, तब तक प्रोडक्ट पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह सोच सही नहीं है। कई बार उत्पाद अपनी एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब हो सकते हैं, और इसके पीछे एक बड़ी वजह है तेज़ी से बदलता तापमान।

पिछले कुछ सालों में मौसम का स्वभाव काफी बदल गया है। दिन में तेज धूप, रात में ठंड, या अचानक बढ़ी नमी, ऐसे उतार-चढ़ाव सीधे तौर पर कई संवेदनशील उत्पादों को प्रभावित करते हैं। खासकर दवाइयाँ, कॉस्मेटिक्स, दूध से बने उत्पाद, और अन्य तापमान-संवेदनशील सामान तय तापमान पर ही सुरक्षित रहते हैं। अगर इन्हें अधिक गर्मी, अत्यधिक नमी या धूप में रखा जाए, तो ये समय से पहले ही अपना असर खो देते हैं या पूरी तरह खराब हो जाते हैं। उत्पाद बनाने वाली कंपनियाँ एक्सपायरी डेट वैज्ञानिक परीक्षणों और आदर्श भंडारण परिस्थितियों के आधार पर तय करती हैं। यानी यह मानकर चलता है कि प्रोडक्ट सही तापमान, सही जगह और सही परिस्थितियों में रखा जाएगा। लेकिन दुकानों, गोदामों या घरों में अक्सर इन उत्पादों को गलत परिस्थितियों में रखा जाता है, जिससे इनकी गुणवत्ता पहले ही गिरने लगती है। ऐसे मामलों में कंपनियाँ जिम्मेदार नहीं मानी जा सकतीं, क्योंकि वे पैकेट पर भंडारण की सभी आवश्यक चेतावनियाँ पहले से दर्ज करती हैं।

ग्राहक केवल एक्सपायरी डेट देखकर ही संतुष्ट न हों। खरीदते समय पैकेट की हालत, प्रोडक्ट के रंग, गंध और टेक्सचर पर भी ध्यान देना जरूरी है। यदि पैकिंग फूली हुई हो, रंग बदला हुआ हो या गंध असामान्य लगे, तो ऐसे उत्पादों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, चाहे उसकी एक्सपायरी डेट अभी बाकी ही क्यों न हो। सावधानी न बरतने पर लोग अक्सर अनजाने में समय से पहले खराब हो चुके उत्पादों का उपयोग कर लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर नुकसानदायक हो सकता है। बदलते मौसम और तापमान के इस दौर में उपभोक्ताओं को जागरूक रहने की जरूरत है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा से समझौता न करें।

अमेरिका में शिक्षा तंत्र में बड़ा बदलाव, ट्रंप प्रशासन ने ज़िम्मेदारियाँ दूसरी एजेंसियों को सौंपनी शुरू की

 

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शिक्षा विभाग की कई मुख्य जिम्मेदारियों को अन्य संघीय एजेंसियों को सौंपने की प्रक्रिया तेज कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप के उस निर्देश का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने शिक्षा विभाग की संरचना को धीरे-धीरे समाप्त करने की बात कही थी।

मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने चार प्रमुख एजेंसियों जैसे श्रम विभाग और स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत अब ये एजेंसियां शिक्षा विभाग के अंतर्गत चलने वाले कई कार्यक्रमों का संचालन करेंगी। नए समझौते के अनुसार, श्रम विभाग को अब अधिक K-12 शिक्षा कार्यक्रमों की जिम्मेदारी मिलेगी, जबकि विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और फुलब्राइट कार्यक्रमों से जुड़े अतिरिक्त कार्यों को संभालेगा।

ट्रंप ने इसी साल मार्च में एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसमें शिक्षा विभाग को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही गई थी। हालांकि विभाग को पूरी तरह खत्म करने का अधिकार केवल कांग्रेस के पास है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशासन इसके कार्यों को अन्य एजेंसियों में बांटकर विभाग को अंदर से खाली करने की रणनीति अपना रहा है। उच्च शिक्षा विशेषज्ञ मार्क कांट्रोविट्ज़ के अनुसार, “प्रशासन शिक्षा विभाग को खोखला करने की कोशिश में है, ताकि अंत में वह केवल एक नाममात्र का संस्थान बनकर रह जाए।”

कुछ महीने पहले ही ट्रंप प्रशासन ने शिक्षा विभाग के लगभग आधे कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी। शिक्षा सचिव लिंडा मैकमैहन ने एक लेख में लिखा कि प्रशासन उन कार्यक्रमों को उन एजेंसियों को सौंप रहा है जो उन्हें बेहतर ढंग से संचालित कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालिया सरकारी शटडाउन ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा विभाग के बिना भी व्यवस्था बाधित नहीं होती। हालांकि, छात्र ऋण पोर्टफोलियो जो 1.6 ट्रिलियन डॉलर का है उसके भविष्य पर प्रशासन ने अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। माना जा रहा है कि प्रशासन कुछ ऋण को निजी बाजार में बेचने के विकल्प पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि 1979 में पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने वर्तमान शिक्षा विभाग की स्थापना की थी। इसके बाद कई बार इस विभाग को खत्म करने की मांग उठती रही, पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन भी इसे समाप्त करना चाहते थे। ट्रंप ने भी अपने पहले कार्यकाल में इसे श्रम विभाग के साथ विलय करने का प्रस्ताव रखा था।

झारखंड में ठंड की चाल बदली, अब मिलेगी राहत या बढ़ेगी सिहरन? जानें IMD की नई अपडेट

 

झारखंड में पिछले कुछ दिनों से चल रही कड़ाके की ठंड में अब थोड़ी ढील मिलने के संकेत मिल रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों तक राज्य में सामान्य ठंड का असर रहेगा। रांची समेत आसपास के इलाकों में सुबह-शाम की ठिठुरन तो रहेगी, लेकिन दिन में मौसम थोड़ा आरामदायक महसूस होगा। पिछले 24 घंटे में तापमान में करीब दो डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे लोगों को हल्की राहत मिली है।

हालांकि, आने वाले दिनों में तापमान में तीन से पांच डिग्री तक गिरावट की संभावना भी जताई गई है। झारखंड का अधिकतम तापमान लगभग 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13 से 17 डिग्री के बीच रहने की उम्मीद है। रांची का पारा न्यूनतम 14 डिग्री तक जा सकता है, जबकि अधिकतम तापमान 28 से 29 डिग्री के आसपास रह सकता है। मंगलवार को रांची का न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री और अधिकतम 26.4 डिग्री दर्ज किया गया। गुमला में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री तक पहुंच गया, जो राज्य में सबसे कम रहा।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल झारखंड में सर्द हवा की रफ्तार कम है, जिसके कारण ठंड थोड़ी कमजोर महसूस हो रही है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में बने निम्न दबाव का असर राज्य तक पहुंच रहा है, जिससे ऊपरी हवा में नमी बढ़ी है और हल्के बादल भी बने हुए हैं। इसका असर यह है कि तापमान में अचानक गिरावट की बजाय धीरे-धीरे बदलाव देखने को मिलेगा।

स्थानीय जिलों की बात करें तो लातेहार, खूंटी, सिमडेगा और लोहरदगा में तापमान 9 से 10 डिग्री के बीच बना हुआ है। इन इलाकों में सुबह और देर शाम ठंड महसूस की जा रही है, जबकि दोपहर में हल्की धूप लोगों को राहत दे रही है। रांची के मौसम को लेकर मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि हवा की दिशा में बदलाव जारी है, जिसके कारण दिन-रात के तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। अगले कुछ दिनों में तापमान में तीन से चार डिग्री की और वृद्धि संभव है।

कांके का मौसम इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है। यहां न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री तक गिर गया है, जिससे लोगों को सुबह-सुबह तेज ठंड का सामना करना पड़ रहा है। हवा की कम गति के बावजूद वातावरण में ठिठुरन बरकरार है। मौसम वैज्ञानिक रमेश कुमार के अनुसार कांके में ठंड और बढ़ सकती है, क्योंकि आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान और नीचे जाने की संभावना है।

जल संचय के क्षेत्र में श्रेष्ठ पहल के लिए गुना नगरीय निकाय को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

Guna Municipality Award, Water Conservation Initiative, President Droupadi Murmu Award, Urban Local Body Achievement



 
6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में गुना को किया पुरस्कृत
जल संचय जन भागीदारी पहल में भी अग्रणी मप्र
जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार : कैच द रेन के अंतर्गत साउथ जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को
श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में श्रेणी-3 में गुना को दूसरी रैंक श्रेणी-3 में बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगौन भी पुरस्कृत


  गुना नगरीय निकाय को जल संचय के क्षेत्र में जन भागीदारी के साथ श्रेष्ठ कार्य करने पर देश की चयनित 50 नगरीय निकाय में स्थान मिला है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज यहां विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में गुना नगरीय निकाय को पुरस्कृत किया।नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त श्री संकेत भोडवें ने गुना नगर पालिका परिषद एवं उनकी टीम को श्रेष्ठ नगरीय निकायों की श्रेणी में चयन होने पर बधाई दी है। इस अवसर पर कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी,आर, पाटिल मौजूद थे।

लक्ष्य से अधिक तैयार की गई पुनर्भरण जल संरचनाएँ

  केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने देश में जनभागीदारी से जल संचय की बेहतर पहल के लिये प्रशासन तंत्र में हर स्तर पर पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की थी। गुना नगर पालिका परिषद ने जल संचय के लिये कार्ययोजना बनाकर नगरीय क्षेत्र में 2 हजार 231 रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जियो टैग फोटो पोर्टल पर अपलोड किये। यह तय लक्ष्य से अधिक है। इसी के साथ गुना शहरी क्षेत्र के कुंओं का भी जीर्णोद्वार कर उनका पुनर्जीवन का कार्य किया गया।

दल का गठन

  गुना नगर पालिका ने जल संचय के कार्य को करने के लिये दल का गठन किया था। गठित दल ने इस वर्ष मई माह के दौरान शासकीय और निजी परिसर, स्कूल, कॉलेज, छात्रावास और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स, निजी कॉलोनियां, कुंआ और बावड़ी का सर्वे करवाया गया। सर्वे रिपोर्ट के बाद जनभागीदारी से 2 हजार 231 रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किये गये और पहले से उपलब्ध सिस्टम की मरम्मत सुनिश्चित की गई।









  उल्लेखनीय है कि जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने वर्ष 2024 के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के तहत कुल 46 विजेताओं (संयुक्त विजेताओं सहित) की घोषणा की । ये पुरस्कार 10 श्रेणियों में दिए जा रहे हैं जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ स्कूल या कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोक्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्था (स्कूल या कॉलेज के अतिरिक्त), सर्वश्रेष्ठ सिविल सोसायटी और जल क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति श्रेणी में शामिल है।

 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जल शक्ति मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर जल प्रबंधन और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक अभियान चला रहा है।

 इसी उद्देश्य से लोगों में जल के महत्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और उन्हें जल उपयोग के सर्वोत्तम तौर तरीकों को अपनाने को प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।

 वर्ष 2024 के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार का शुभारंभ 23 अक्टूबर 2024 को गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर किया गया था। कुल 751 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनकी समीक्षा और मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया। चयनित आवेदनों का परीक्षण केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा किया गया। अंतिम रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2024 के 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए कुल 46 विजेताओं का चयन किया गया।

  राष्ट्रीय जल पुरस्कार का उद्देश्य देश में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की पहचान करना और सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करना है। ये पुरस्कार जल के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें जल के सर्वोत्तम उपयोग के प्रयासों को अपनाने के लिये प्रेरित करते हैं। यह पहल सभी नागरिकों और संगठनों को जल संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन गतिविधियों में एक मजबूत साझेदारी और जन सहभागिता को और सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करता है।

जल संचय जन भागीदारी पहल में भी अग्रणी मप्र

 जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार : कैच द रेन के अंतर्गत साउथ जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को तथा श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में गुना को, ज़िलों में श्रेणी तीन में दूसरी रैंक में गुना, बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगौन का चयन हुआ है।

 इस पहल के अंतर्गत राज्यों को पाँच ज़ोन में बाँटा गया है। जिलों को न्यूनतम 10,000 कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण एवं संचयन संरचनाएँ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के जिलों के लिए यह लक्ष्य 3,000 संरचनाएँ है, जबकि देशभर के नगर निगमों के लिए यह संख्या 10,000 निर्धारित की गई है। इन संरचनाओं में वर्षा जल संचयन (रूफटॉप रेनवॉटर हार्वेस्टिंग) के अलावा झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनर्जीवन भी शामिल है।

 शहरी जल संरक्षण प्रयासों को सशक्त करने के लिए, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ साझेदारी की है। नगरीय निकायों को कम-से-कम 2,000 पुनर्भरण संरचनाएँ बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

 इस वर्ष कुल 100 पुरस्कारों की घोषणा की गई है, जिनमें तीन सर्वश्रेष्ठ राज्य, 67 जिले, छह नगर निगम, एक नगरीय स्थानीय निकाय, दो सहयोगी मंत्रालय/विभाग, दो उद्योग, तीन गैर-सरकारी संगठन, दो परोपकारी व्यक्ति और 14 नोडल अधिकारी शामिल हैं।

'अंतरिक्ष' भारत के लिए एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में वैश्विक स्थान सुनिश्चित करेगा: डॉ. जितेंद्र सिंह

#IndiaSpace, #ISRO, #DrJitendraSingh, #SpaceMissionIndia, #IndianSpaceLeadership, #NewSpaceIndia, #ISROUpdates, #IndiaGlobalLeader



 

निजी क्षेत्र में उछाल से अंतरिक्ष क्षेत्र में भागीदारी और निवेश के लिए भारत एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य के रूप में उभरा है : डॉ. जितेंद्र सिंह

भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन (आईआईएससी) 2025 का विषय भारत की नवाचार-संचालित अंतरिक्ष यात्रा को उजागर करेगा : डॉ. जितेंद्र सिंह

गति शक्ति से लेकर टेलीमेडिसिन तक अंतरिक्ष तकनीक अब शासन का केंद्र बिंदु है: मंत्री


 केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि "अंतरिक्ष" दुनिया में एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में भारत के लिए वैश्विक स्थान सुनिश्चित करेगा।

 वैश्विक अंतरिक्ष व्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका की ओर इशारा करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में जुड़ाव और निवेश के लिए एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य के रूप में तेज़ी से उभर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हाल के महीनों में देश का दौरा करने वाले कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों की इस क्षेत्र में बढ़ती रुचि से यह परिलक्षित होता है।

 डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र एक निर्णायक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है जो इस वर्ष के भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन (आईआईएससी) 2025 के विषय - "विस्तारित क्षितिज : नए अंतरिक्ष युग में नवाचार, समावेश और लचीलापन" को सीधे दर्शाता है। भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के नेताओं, वैश्विक एजेंसियों, राजनयिकों और स्टार्ट-अप्स को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए सुधारों ने एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है जहाँ प्रतिभा, प्रौद्योगिकी और निवेश मिलकर भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार दे सकते हैं।

 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह विषय वस्तु "बहुत सोच-समझकर तैयार की गई" है क्योंकि यह भारत के तेज़ी से बढ़ते अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में दिखाई देने वाली नई ऊर्जा को दर्शाती है। श्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में वैज्ञानिक क्षमता हमेशा से रही है, लेकिन निर्णायक मोड़ तब आया जब नीति निर्माताओं ने ऐसा माहौल बनाया जिसने नवाचार और व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित किया। 2019 से शुरू किए गए सुधारों, जिनमें इस क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोलना, इन- स्पेस को एकल-खिड़की नियामक निकाय के रूप में स्थापित करना और 2023 में अंतरिक्ष नीति जारी करना शामिल है। इन कदमों ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष परिदृश्य में अपनी भूमिका का विस्तार करने में मदद की है।

 विषय वस्तु के "समावेशी" पहलू पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने से स्टार्ट-अप, छात्र, उद्योग और नागरिक उस क्षेत्र में आ गए हैं जो कभी एक बंद क्षेत्र था। अब हज़ारों लोग रॉकेट प्रक्षेपण को प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं और कुछ ही वर्षों में 300 से ज़्यादा अंतरिक्ष स्टार्ट-अप उभरकर सामने आए हैं। उनमें से कई ने विदेशी निवेश हासिल किया है और तेज़ी से विकास किया है, जिससे उस उद्यमशील प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ है जिसका लंबे समय से दोहन नहीं हुआ था।

 "नवाचार" के संदर्भ में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की उपलब्धियों का उल्लेख किया। जिनमें चंद्रयान के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने और चंद्रमा पर पानी की खोज से लेकर सफल मंगलयान मिशन और एक साथ 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण करना शामिल है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत का सबसे महत्वपूर्ण योगदान शासन और नागरिक कल्याण के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लगभग 70% अंतरिक्ष अनुप्रयोग अब जीवन को आसान बनाने में सहायक हैं। उन्होंने बुनियादी ढाँचे की योजना के लिए गति शक्ति, भूमि मानचित्रण के लिए स्वामित्व, उपग्रह-सक्षम आपदा प्रबंधन, दूरदराज के क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और रेलवे सुरक्षा प्रणालियों का हवाला दिया, जो बाधाओं का पहले ही पता लगा सकती हैं।

 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दृष्टिकोण "लचीलेपन" को भी मज़बूत करता है, जो सम्मेलन की विषय वस्तु का एक अन्य मुख्य तत्व है, क्योंकि उपग्रह-आधारित सेवाएँ अब पूरे देश में आपदा प्रतिक्रिया, कृषि, मौसम पूर्वानुमान और कनेक्टिविटी का समर्थन करती हैं। भारत इन क्षमताओं का विस्तार पड़ोसी देशों तक भी कर रहा है, जहाँ उपग्रह भूटान, मालदीव, श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार को सहायता प्रदान कर रहे हैं।

 केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जापान, इटली और कई अन्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों द्वारा दिखाया गया विश्वास अंतरिक्ष साझेदारी के लिए एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति को और मज़बूत करता है। उन्होंने अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने और भारत के वैश्विक विस्तार के लिए आवश्यक नीतिगत वातावरण तैयार करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।

 आईआईएससी 2025 में मंत्रालयों, उद्योग, अंतरिक्ष एजेंसियों, निवेशकों, स्टार्ट-अप्स और शिक्षा जगत के लोगों को एक साथ लाने के अवसर पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह विचार-विमर्श एक नवोन्मेषी, समावेशी और सुदृढ़ अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में भारत के प्रयासों को और मज़बूत करेगा। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के पाँच गुना बढ़ने के अनुमान के साथ, भारत इस वर्ष की विषय वस्तु में परिलक्षित दृष्टिकोण के अनुरूप, वैश्विक अंतरिक्ष व्यवस्था में एक मज़बूत स्थिति हासिल करने के लिए तैयार है।