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पवई में KHF ने बिखेरी "मानवता की दीपावली": वंचित बच्चों के चेहरों पर सजी त्योहार की सच्ची मुस्कान




 

 

 सामाजिक खबरे। कौशल्या ह्यूमैनिटी फाउंडेशन (KHF) ने कपड़े, मिठाई और फुलझड़ियाँ बाँटकर किया समाज सेवा का अनूठा कार्य; कहा- "यही हमारे लिए सच्ची पूजा है"

  पवई विधानसभा क्षेत्र, पन्ना (मध्यप्रदेश): दीपावली का पर्व जहां हर घर को खुशियों से रोशन करता है, वहीं इस बार पवई विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 8 में *कौशल्या ह्यूमैनिटी फाउंडेशन (Kaushalya Humanity Foundation - KHF)* ने अपनी रोशनी उन बच्चों तक पहुँचाई, जो अक्सर इन खुशियों से दूर रह जाते हैं। संगठन ने जरूरतमंद बच्चों के साथ मिलकर एक "मानवता की दीपावली" मनाई, जिससे उनके चेहरे खुशी से खिल उठे।

हर चेहरे पर मुस्कान - KHF की विशेष पहल

  KHF द्वारा वार्ड नंबर 8 के जरूरतमंद बच्चों को कपड़े, विभिन्न प्रकार की मिठाईयाँ, पटाखे, फुलझड़ियाँ और अन्य ज़रूरी सामग्री वितरित की गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट था — **"हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान और हर घर में रोशनी।"

  संस्था के सदस्यों ने बच्चों के साथ मिलकर दीप जलाए, उन्हें मिठाई खिलाई और फुलझड़ियाँ जलाकर त्योहार की खुशियों को कई गुना बढ़ा दिया।

"यही पल हमारे लिए असली दीपावली" - अर्चना सिंगरौल

  इस भावुक अवसर पर संस्था की संस्थापक अध्यक्ष अर्चना सिंगरौल ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश यही रहती है कि कोई भी बच्चा खुद को त्योहारों से दूर महसूस न करे। जब किसी मासूम चेहरे पर मुस्कान लौट आती है, तो वही पल हमारे लिए *सच्ची पूजा और असली दीपावली* बन जाता है।"

  इस कार्यक्रम में अर्चना सिंगरौल के साथ मुकेश बागरी,अमन बागरी, और नरेन्द्र सिंगरौल भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे और बच्चों के साथ खुशियां साझा कीं।

स्थानीय निवासियों ने किया धन्यवाद

  वार्ड नं. 8 के स्थानीय निवासियों ने KHF के इस कार्य की हृदय से प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि वर्षों बाद किसी संस्था ने इस तरह बच्चों के बीच पहुँचकर दिल से त्योहार की खुशियाँ बाँटी हैं। बच्चों के हाथों में फुलझड़ी की चमक और आँखों की खुशी देखकर पूरा वातावरण भावुक हो उठा। कई परिवारों ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि, "आज सच में हमारे घर में भी दीपावली आई है।"

  कार्यक्रम के उत्साह भरे माहौल में बच्चों ने मिलकर नारा लगाया — "दीप जलाओ, मुस्कान फैलाओ!"

  KHF के सदस्यों ने बताया कि समाज सेवा की यह यात्राएँ आगे भी पूरे पवई विधानसभा क्षेत्र में लगातार चलती रहेंगी, ताकि हर दीपावली सच में "सबकी दीपावली"* बन सके।


कौशल्या ह्यूमैनिटी फाउंडेशन (KHF) - एक परिचय

  KHF पिछले कई वर्षों से पवई विधानसभा क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय है। संस्था *शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और समाज सेवा* जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निरंतर कार्यरत है। KHF का मुख्य उद्देश्य है — "जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ इंसानियत की रोशनी पहुँचे।"

Naakt Perfumes के संस्थापक Ankit Barot इस नवंबर लॉन्च करेंगे छह नए लग्ज़री फ्रेग्रेन्स

 लोणावला के युवा उद्यमी Ankit Barot "Naakt Perfumes" नामक एक लग्ज़री परफ्यूम ब्रांड के संस्थापक हैंजो अपनी बोल्ड क्रिएटिविटी और शानदार कारीगरी के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में, Naakt Perfumes ने भारत में आधुनिक परफ्यूमरी की नई परिभाषा गढ़ी है — जहाँ हर परफ्यूम की बोतल में शालीनतासंवेदनशीलता और व्यक्तित्व का अनोखा मेल दिखाई देता है।

इस नवंबरAnkit Barot अपने सुगंध साम्राज्य का विस्तार करने जा रहे हैं। वे छह नए लग्ज़री फ्रेग्रेन्स लॉन्च करने की तैयारी में हैं — जिनमें से हर एक को अलग-अलग भावनाओं और अनुभवों को जागृत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये नई खुशबुएँ Naakt Perfumes की लग्ज़री और इनोवेशन की मूल भावना को और गहराई से दर्शाएँगी।

फाइन परफ्यूमरी के प्रति अपने जुनून और भारत को वैश्विक लग्ज़री फ्रेग्रेन्स मार्केट में पहचान दिलाने के विज़न के साथAnkit लगातार सीमाओं को तोड़ रहे हैं। वे ऐसी खुशबुएँ बना रहे हैं जो सिर्फ महक नहींबल्कि एक कहानीएक एहसास और एक अनुभव होती हैं। एक परफ्यूम प्रेमी से लेकर भारत के लग्ज़री परफ्यूम उद्योग के अग्रणी नामों में शामिल होने तक की उनकी यात्रा जुनूनसमर्पण और कला से भरी हुई है।

कम उम्र से ही Ankit Barot को यह जानने की जिज्ञासा थी कि कैसे खुशबुएँ यादों और भावनाओं को जीवित कर सकती हैं। यह जिज्ञासा धीरे-धीरे एक गहरे जुनून में बदल गईजिसने उन्हें वर्षों तक वैश्विक परफ्यूम ट्रेंड्स का अध्ययन करनेसुगंध मिश्रण की कला को सीखने और खुशबू के मनोविज्ञान को समझने के लिए प्रेरित किया। इसी लगन ने उन्हें Naakt Perfumes की स्थापना की दिशा में अग्रसर किया — एक ऐसा ब्रांड जो व्यक्तित्व और शालीनता का उत्सव मनाता है और भारतीय कारीगरी से गहराई से जुड़ा हुआ है।

Ankit के नेतृत्व में Naakt Perfumes आज लग्ज़रीबोल्डनेस और क्रिएटिव फ्रीडम का प्रतीक बन चुका है। ब्रांड की फिलॉसफी है “हर परफ्यूम एक कहानी कहता है” — आत्मविश्वासआकर्षणशालीनता और पहचान की कहानी। हर परफ्यूम को दुनिया भर से चुनी गई प्रीमियम सामग्रियों सेबारीकी और सटीकता के साथ तैयार किया जाता है। Naakt की खासियत यह है कि यह आधुनिक यूरोपीय कला और भारतीय संवेदनशीलता को जोड़कर ऐसी खुशबुएँ बनाता है जो एक साथ क्लासिक और मॉडर्न दोनों होती हैं।

Ankit का मानना है कि परफ्यूम सिर्फ खुशबू नहींबल्कि एक अनुभव होना चाहिए — जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाए। यही सोच Naakt Perfumes की डिजाइन लैंग्वेज में भी झलकती है — मिनिमलिस्टिक लेकिन दमदारसंवेदनशील लेकिन परिष्कृत। हर बोतल उसकी खुशबू का विस्तार होती है — एक कलाकृति जो शुद्ध लग्ज़री की पहचान है।

कुछ ही वर्षों में Naakt Perfumes ने भारतीय लग्ज़री मार्केट में अपनी मजबूत पहचान बना ली है। यह ब्रांड अपनी गुणवत्तानवाचार और सस्टेनेबल क्राफ्ट्समैनशिप के लिए सराहा जा रहा है। चाहे बुटीक अनुभव हों या ऑनलाइन एक्सक्लूसिव कलेक्शन, Naakt ने अपने ग्राहकों के साथ एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव बनाया है — जो बहुत कम ब्रांड इतने कम समय में कर पाते हैं।

अब जब Ankit Barot इस नवंबर छह नए लग्ज़री फ्रेग्रेन्स लॉन्च करने जा रहे हैंउनका उद्देश्य Naakt को नई ऊँचाइयों तक ले जाना है। ये नई खुशबुएँ विभिन्न घ्राण अनुभवों की खोज करेंगी — गहरी वुडी अंडरटोनमसालेदार ओरिएंटल ब्लेंड्सताज़ा फ्लोरल नोट्स और यूनिसेक्स कॉम्पोज़िशन्स तक। Ankit के अनुसार, “हर फ्रेग्रेन्स एक भावना की अभिव्यक्ति है — जिसे सिर्फ पहना नहींबल्कि महसूस किया जाना चाहिए।

उनका यह नया कलेक्शन भारतीय संदर्भ में लग्ज़री की परिभाषा को फिर से परिभाषित करेगा — जहाँ अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता और भारतीय आत्मा का सुंदर संगम होगा। इस लॉन्च के साथ Naakt Perfumes वैश्विक विस्तार की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा हैऔर अब यूरोपमिडिल ईस्ट तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों को लक्ष्य बना रहा है।

एक सफल उद्यमी के साथ-साथ Ankit Barot एक कलाकार भी हैं। वे परफ्यूम निर्माण की हर प्रक्रिया में गहराई से शामिल रहते हैं — कॉन्सेप्ट से लेकर फॉर्म्यूलेशन और पैकेजिंग डिजाइन तक। उनकी परफेक्शनिस्ट सोच यह सुनिश्चित करती है कि Naakt Perfumes के नाम से जारी हर खुशबू उत्कृष्टतागुणवत्ता और कला के उच्चतम मानकों पर खरी उतरे।

Sahas Purswani नजर आए नए म्यूजिक वीडियो ‘Ram Ram Gaun Mein’ में, Sanskriti Varma संग दिखी शानदार केमिस्ट्र




मुंबई: उभरते अभिनेता साहस पुरस्वानी, जिन्होंने हाल ही में अपनी पहली फिल्म ‘सुंदरनगर की सुंदरि’ से दर्शकों का दिल जीता था, अब अपने नए म्यूजिक वीडियो ‘राम राम गांव में’ के जरिए एक बार फिर चर्चा में हैं। यह गाना 18 अक्टूबर 2025 को SA2 प्रोडक्शन के बैनर तले रिलीज़ हुआ है।

इस गाने को अपनी आवाज़ दी है सिंगर अक्षत शर्मा ने। लोक रंग और आधुनिक संगीत के संगम से सजा ‘राम राम गांव में’ एक ताज़गीभरा देसी अंदाज़ पेश करता है। वीडियो में साहस पुरस्वानी के साथ अभिनेत्री संस्कृति वर्मा नजर आ रही हैं। दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आ रही है।

वीडियो में साहस एक सादे, लेकिन दिलकश गांव के युवक की भूमिका निभा रहे हैं। उनका अभिनय सहज, स्वाभाविक और भावनाओं से भरा हुआ है। साहस के चेहरे की अभिव्यक्तियाँ और बॉडी लैंग्वेज गाने को और भी जीवंत बना देती हैं।

अपने अनुभव साझा करते हुए साहस ने कहा, “‘राम राम गांव में’ मेरे दिल के बहुत करीब प्रोजेक्ट है। यह गाना भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, लेकिन इसकी पेशकश बेहद युवा और मॉडर्न अंदाज़ में की गई है। संस्कृत‍ि और पूरी टीम के साथ काम करना बहुत अच्छा अनुभव रहा।”

गाने की धुन और बोल दोनों ही लोगों के ज़ेहन में उतरने वाले हैं। सिंगर अक्षत शर्मा की आवाज़ और जोश ने इसे और ऊर्जावान बना दिया है, वहीं वीडियो का रंगीन और उत्सवपूर्ण फिल्मांकन इसे विजुअली आकर्षक बनाता है।

‘सुंदरनगर की सुंदरि’ के बाद यह गाना साहस पुरस्वानी के करियर में एक और अहम मुकाम साबित हो रहा है। अपनी सहज अभिनय शैली और मेहनत के बल पर साहस आज के युवाओं के बीच एक उभरते सितारे के रूप में पहचाने जा रहे हैं 

आयू शर्मा को मिला “Emerging Investment Banker in Delhi” का सम्मान



 

नई दिल्ली, अक्टूबर 2025:

दिल्ली के वित्तीय और स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए यह गर्व का क्षण है, जब आयू शर्मा, संस्थापक — Ayu Sharma and Associates, को “Emerging Investment Banker in Delhi” के खिताब से सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारत के तेजी से विकसित हो रहे स्टार्टअप और कॉर्पोरेट फाइनेंस परिदृश्य में उनके बढ़ते योगदान को मान्यता देता है।

हालांकि इस सम्मान से जुड़े आधिकारिक विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन उद्योग सूत्रों के अनुसार यह सम्मान एक अग्रणी बिजनेस नेटवर्क समूह द्वारा प्रदान किया गया है। यह उपलब्धि उनकी फर्म के वित्तीय मॉडलिंग, इन्वेस्टर डोक्युमेंटेशन और शुरुआती एवं मिड-स्टेज स्टार्टअप्स के लिए रणनीतिक फंडरेज़िंग सपोर्ट में किए गए उल्लेखनीय कार्यों को रेखांकित करती है।


वित्तीय रणनीति और निवेश परामर्श में उभरता नाम

पिछले कुछ वर्षों में, आयू शर्मा ने खुद को उन चुनिंदा प्रोफेशनल्स में शामिल कर लिया है जो पारंपरिक कंप्लायंस कंसल्टिंग और आधुनिक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के बीच की खाई को पाट रही हैं।
अपनी फर्म के माध्यम से उन्होंने कई स्टार्टअप्स को निवेश संरचना तैयार करने, इन्वेस्टर डेक बनाने और वित्तीय ड्यू डिलिजेंस करने में सहायता प्रदान की है — साथ ही कंप्लायंस की पारदर्शिता को भी प्राथमिकता दी है।

सहकर्मी और क्लाइंट्स उन्हें एक “नई पीढ़ी की रणनीतिक सलाहकार” के रूप में देखते हैं, जो तकनीकी वित्तीय विशेषज्ञता को व्यावहारिक बिजनेस समझ के साथ जोड़ती हैं।
एक दिल्ली स्थित स्टार्टअप फाउंडर ने कहा,

“वो न सिर्फ नंबर समझती हैं, बल्कि स्टार्टअप की कहानी को भी बखूबी पेश करती हैं — यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है।”


उद्योग में मान्यता और बढ़ता प्रभाव

हालांकि पुरस्कार पाने वाले सभी नामों की आधिकारिक सूची अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन आयू शर्मा को मिला यह सम्मान भारत के स्टार्टअप फाइनेंस इकोसिस्टम में उनके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में उनकी फर्म द्वारा कई स्टार्टअप्स के लिए तैयार की गई इन्वेस्टर-रेडी डोक्युमेंटेशन और सफल सहयोग इस सम्मान के पीछे एक अहम कारण रहे।


आगे की दिशा

एक संक्षिप्त बयान में आयू शर्मा ने अपनी टीम और क्लाइंट्स के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य उभरते उद्यमियों के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और फंडरेज़िंग एडवाइजरी को अधिक सुलभ बनाना है।
उन्होंने संकेत दिया कि जल्द ही उनकी टीम कुछ नई पहल लेकर आ सकती है, जो निवेशकों और स्टार्टअप्स को जोड़ने की प्रक्रिया को और भी सरल बनाएंगी, जिससे दिल्ली-एनसीआर में वित्तीय परामर्श का परिदृश्य और सशक्त होगा।


Ayu Sharma and Associates के बारे में

Ayu Sharma and Associates दिल्ली स्थित एक पेशेवर CA और CS एडवाइजरी फर्म है, जो कॉर्पोरेट फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी, स्टार्टअप डोक्युमेंटेशन, कंप्लायंस और बिजनेस वैल्यूएशन में विशेषज्ञता रखती है।
यह फर्म आधुनिक वित्तीय परामर्श को सटीकता, नवाचार और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ नए सिरे से परिभाषित कर रही है।

पारुल विश्वविद्यालय ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों, चिकित्सा विशेषज्ञों और नेचुरोपैथ्स के लिए आयुर्वेदिक स्त्रीरोग विज्ञान में ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की

ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम 3 जनवरी, 2026 से आरंभ होगा

वडोदरा, भारत — आयुर्वेद चिकित्सा की प्रैक्टिस को विश्व स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पारुल विश्वविद्यालय ने कनाडियन कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा एंड योग के सहयोग से 6 महीने का, सप्ताहांत आधारित, ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (Certificate Course) इन आयुर्वेदिक गायनेकोलॉजी शुरू करने की घोषणा की है। यह विशेष पाठ्यक्रम भारत और विदेशों में कार्यरत आयुर्वेदिक डॉक्टरों, चिकित्सा विशेषज्ञों और नेचुरोपैथ्स के लिए तैयार किया गया है तथा इसका आरंभ 3 जनवरी, 2026 से होगा।

यह घोषणा पारुल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा के डीन और प्रिंसिपल प्रो. डॉ. हेमंत डी. तोशिखाने द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई। डॉ. तोशिखाने ने स्त्रीरोग विज्ञान (Gynaecology) में उन्नत आयुर्वेदिक प्रशिक्षण की वैश्विक मांग पर बल देते हुए बताया कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य पेशेवरों को जटिल स्त्रीरोग विकारों के आयुर्वेदिक उपचार की गहन जानकारी प्रदान करना है।

डॉ. तोशिखाने ने कहा:
“पारुल विश्वविद्यालय और कनाडियन कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा के बीच यह सहयोग आयुर्वेदिक शिक्षा के वैश्विक विस्तार की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण स्त्रीरोग संबंधी विकारों जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), डिसफंक्शनल यूटेराइन ब्लीडिंग, मेनोरेजिया (अत्यधिक मासिक रक्तस्राव), एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉइड्स, यूटेराइन प्रोलैप्स, ओवरी कैंसर, गर्भपात, बांझपन की समस्याओं आदि के आयुर्वेदिक उपचार पर गहन प्रशिक्षण प्रदान करेगा।”

यह पाठ्यक्रम न केवल आयुर्वेदिक स्नातकों के लिए बल्कि अमेरिका, कनाडा, यूके, यूरोप और एशिया जैसे देशों में कार्यरत चिकित्सा विशेषज्ञों और नेचुरोपैथ्स के लिए भी तैयार किया गया है, जिससे उन्हें अपनी प्रैक्टिस में आयुर्वेदिक सिद्धांतों को सम्मिलित करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। डॉ. तोशिखाने ने आगे कहा कि यह कार्यक्रम आयुर्वेदिक चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए वैश्विक स्तर पर नए करियर अवसरों के द्वार भी खोलेगा।

अधिक जानकारी प्राप्त करने और आयुर्वेदिक गायनेकोलॉजी प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम में पंजीकरण के लिए पारुल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं:
🔗 https://paruluniversity.ac.in/certificate/certificate-course-in-ayurvedic-gynaecology

यह पाठ्यक्रम आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य समाधानों के अग्रणी स्तर पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य प्राचीन ज्ञान की शक्ति का उपयोग आधुनिक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान हेतु करना है।
संपर्क जानकारी:
पारुल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा
ईमेल: contact@paruluniversity.ac.in
वेबसाइट: www.paruluniversity.ac.in





 

विशाल सर: मोतिहारी के युवा शिक्षक और उद्यमी




विशाल कुमार, जिन्हें "विशाल सर" के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के मोतिहारी से आने वाले एक प्रेरणादायक शिक्षक और उद्यमी हैं। 12 अप्रैल 1995 को जन्मे विशाल ने शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बनाई है, खासकर JEE, NEET और CUET जैसे राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
विशाल का बचपन एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। किशोर अवस्था में ही उन्होंने Kendriya Vidyalaya, मोतिहारी  से 10वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की। कक्षा दसवीं में उन्हें 10/10 CGPA मिला, और कक्षा बारहवीं में उन्होंने 500 में से 465 अंक प्राप्त कर जिला स्तर पर दूसरे स्थान पर रहे।
फिर उन्होंने JEE मेन परीक्षा दी, जहाँ उनकी रैंक आयी 11,283 और स्कोर हुआ 197/360। इन उपलब्धियों के बाद उन्होंने NIT पटना से मशीन टेक्नोलॉजी में बी.टेक. किया और 2017 में 8.6 CGPA के साथ स्नातक उत्तीर्ण किया। ग्रेजुएशन के दौरान विशाल ने पटना के NGO "Sankalp" के साथ काम किया, जहाँ वे आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया करवाने का प्रयास करते थे।

करियर की शुरुआत और प्रेरणा
ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने मुंबई की Avanti Classes में JEE के छात्रों को भौतिकी पढ़ाना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों जैसे BYJU’S, Unacademy और Basidia Learning के साथ काम किया, जहाँ उनकी पढ़ाने की शैली और छात्रों से जुड़ने का तरीका साफ झलकने लगा।
2019 में विशाल ने अपने गृह जिला मोतिहारी में “Vishal JEE NEET Classes” की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था कि शहर और छोटे इलाकों के छात्रों को कोटा जैसा कोचिंग अनुभव सस्ती दरों पर मिले। इस कोचिंग संस्थान ने चुनौतीपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉप स्कोर करने वाले छात्र तैयार किए हैं।

विशेषताएँ और मूल्य
विशाल सर का शिक्षण तरीका केवल तार्किक अवधारणाओं पर आधारित नहीं है, बल्कि हर विद्यार्थी की व्यक्तिगत कमजोरी-पहचान करके उस पर काम करना उनकी खूबी है। वे साप्ताहिक परीक्षण, प्रेरणादायक सत्र और योजनाबद्ध पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की प्रगति की निगरानी करते हैं।
उनका मानना है कि सफलता के लिए केवल जांच-पड़ताल ही नहीं बल्कि आत्म-विश्वास, धैर्य और निरंतर अभ्यास भी आवश्यक है। ये दृष्टिकोण कई छात्रों को बोर्ड और राष्ट्रीय परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त करने में मदद कर रहा है।

उपलब्धियाँ और समाज सेवा
  • 2023 में उनकी एक छात्रा, अंवे्शा झा, ने मोतिहारी में कक्षा 10 में इतिहास में उच्च अंक प्राप्त किए, जो मोतिहारी का रिकॉर्ड भी बना।
  • उनकी निम्न-आय वर्ग के छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा की योजना है, जिसमें वो समाज के वंचित वर्गों को अवसर देना चाहते हैं।
  • Vishal JEE NEET Classes ने अनेक छात्रों को AIIMS, NIT, IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश दिलाने में मदद की है।
दृष्टि और प्रेरणा
विशाल कुमार यह स्पष्ट करते हैं कि उनका उद्देश्य केवल अच्छे अंक लाना नहीं है, बल्कि छात्रों को ऐसे अवसर देना है कि वे अपनी वास्तविक क्षमता पहचान सकें। उनका मानना है कि शिक्षा व्यक्ति को सशक्त बनाती है, न्याय और समानता लाती है।

उनके प्रेरणादायक व्यक्तित्व ने युवाओं में आत्म-विश्वास जगाया है कि हम भी क्षमतानुसार आगे बढ़ सकते हैं, चाहे संसाधन कम हों लेकिन लक्ष्य ऊँचा हो। विषाल सर युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक, एक प्रेरणा हैं कि कठिन परिश्रम और लगन से सफल किया जा सकता है।

निष्कर्ष
विशाल सर केवल एक शिक्षक नहीं, बल्कि युवाओं को आत्म-निर्भर और प्रेरित बनाने वाला मार्गदर्शक हैं। उनके प्रयासों से यह स्पष्ट है कि शिक्षा में गुणवत्ता और सच्ची लगन से क्या हासिल किया जा सकता है।
उनकी प्रेरक कहानी हमें याद दिलाती है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए दृढ़ संकल्प, स्पष्ट लक्ष्य, और अच्छी प्रणाली जरूरी होती है। प्रेरित युवाओं के लिए विषाल कुमार का जीवन उदाहरण है कि निराशा के बीच भी आशा की किरण होती है — और शिक्षा वह प्रकाशस्तंभ है जो मार्ग दिखाती है।
 

नोटों की 'गड्डी' का काला बाजार! दीपावली पर बैंकों में किल्लत,दलालों के पास भरमार—आखिर क्यों देनी पड़ती है अतिरिक्त रकम?

ज़रूर, यहाँ हिंदी और उन अंग्रेजी शब्दों का मिश्रण है जो Google पर अक्सर खोजे जाते हैं, और कॉमा से अलग किए गए हैं:  **हिंदी + अंग्रेजी SEO कीवर्ड्स सूची:**  नोटों की गड्डी, Note bundles, काला बाजार नोट, Black market notes, RBI निगरानी, RBI monitoring, बैंकों में नोट की किल्लत, Note shortage in banks, फ्रेश नोट, Fresh notes, नोटों पर कमीशन, Commission on notes, दीपावली पर नोटों की गड्डी, Diwali note bundles, बैंकों में नए नोट नहीं मिल रहे, New notes unavailable in banks, दलाल बेच रहे नोट की गड्डी, Brokers selling note bundles, RBI को नोटों की कालाबाजारी रोकनी चाहिए, RBI must stop black marketing of notes, कमीशन पर नोट मिलना, Getting notes on commission, बैंकों से फ्रेश नोट कैसे पाएं, How to get fresh notes from banks, मुद्रा वितरण प्रणाली में खामी, Flaws in currency distribution system, नोट एक्सचेंज पर कमीशन, Commission on note exchange, मालवा में नोटों की कालाबाजारी, Black market notes Malwa, अक्षय भंडारी रिपोर्ट, Akshay Bhandari report, टाइम्स ऑफ मालवा न्यूज़, Times of Malwa news, भारतीय रिज़र्व बैंक के नियम, Reserve Bank of India rules, नकदी लेनदेन में कमीशन, Commission in cash transactions, बैंकिंग फ्रॉड, Banking fraud, मुद्रा प्रबंधन, Currency management, आर्थिक अपराध, Economic crime, उपभोक्ता अधिकार, Consumer rights, त्योहारों पर नकदी, Cash during festivals, अनियमितताएं बैंक, Bank irregularities, वित्तीय धोखाधड़ी, Financial fraud, कैश किल्लत, Cash crunch, दलाली नोट, Brokerage notes.




विशेष रिपोर्ट: अक्षय भंडारी, एडिटर, टाइम्स ऑफ मालवा

    टाइम्स ऑफ मालवा (डिजिटल डेस्क): देश के बैंकिंग सिस्टम और मुद्रा वितरण प्रणाली की पारदर्शिता पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है, खासकर दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के आस-पास। ₹10 से लेकर ₹500 तक के "फ्रेश/नई नोटों की गड्डी" प्राप्त करने के लिए आम नागरिकों को उनके अपने बैंकों के बजाय, बाजार में सक्रिय अनधिकृत बिचौलियों और दलालों के पास जाना पड़ रहा है। यह बिचौलिए इस 'सुविधा' के बदले खुलकर कमीशन वसूल रहे हैं, जिसने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के व्यवस्थित मुद्रा वितरण के दावों की पोल खोल दी है।

1. त्योहारी सीज़न में कालाबाजारी: बैंक में 'ना', बाजार में 'हाँ'

  दीपावली जैसे बड़े त्योहारों, शादी-विवाह या बड़े आयोजनों के दौरान स्वच्छ और नए नोटों की मांग कई गुना बढ़ जाती है, क्योंकि लोग इसे शुभ मानते हैं या उपहार में देते हैं।

  • बैंकों का जवाब: जब ग्राहक अपनी बैंक शाखाओं से नए नोटों के लिए संपर्क करते हैं, तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। अक्सर यह कहकर टाल दिया जाता है कि "गड्डी में नोट उपलब्ध नहीं हैं" या "सिर्फ खुले नोट ही दिए जा सकते हैं।"

  • दलालों की उपलब्धता: हैरान करने वाली बात यह है कि बैंक से इनकार सुनने के तुरंत बाद, ये ही फ्रेश नोटों की गड्डियाँ बिचौलियों के पास आसानी से उपलब्ध होती हैं।

   बाजार सूत्रों के अनुसार, यह कमीशन प्रति गड्डी ₹100 से लेकर ₹500 तक लिया जा रहा है, जो नोटों के मूल्यवर्ग और उनकी 'नई' स्थिति पर निर्भर करता है। यह काला कारोबार सीधे तौर पर आम जनता की जेब पर बोझ डाल रहा है।

2. सवाल RBI की निगरानी पर: फ्रेश गड्डियाँ कहाँ से आती हैं?

  सबसे गंभीर और जाँच का विषय यह है कि जब नोटों की छपाई, वितरण और निगरानी की पूरी जिम्मेदारी RBI और वाणिज्यिक बैंकों की है, तो इतनी बड़ी संख्या में ये फ्रेश गड्डियाँ अनधिकृत दलालों के हाथों में कैसे पहुँच जाती हैं?

  यह विसंगति स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि वितरण प्रणाली में कहीं न कहीं गंभीर खामी मौजूद है:

  • संभावित मिलीभगत: क्या यह संभव है कि बैंक के कैश काउंटर या करेंसी चेस्ट (मुद्रा भंडार) में तैनात कुछ कर्मचारियों की सांठगांठ बिचौलियों से है?

  • वितरण का डायवर्जन: क्या RBI के मुद्रा प्रबंधन और वितरण की प्रणाली में कोई ऐसा कमजोर बिंदु है, जिसका फायदा उठाकर नोटों को सीधे आम ग्राहकों तक पहुँचने से पहले ही 'डायवर्ट' कर दिया जाता है?

  • कमजोर शिकायत तंत्र: वर्तमान में, आम जनता के पास इस तरह की कमीशनखोरी की शिकायत करने और त्वरित कार्रवाई देखने के लिए एक प्रभावी और सुलभ तंत्र का अभाव है।

3. जनता का शोषण कब रुकेगा? RBI को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता

  भारतीय रिज़र्व बैंक के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि नोटों का विनिमय या वितरण हमेशा बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या कमीशन के होना चाहिए। कमीशन लेना और देना दोनों ही अनैतिक और गैर-कानूनी हैं।

  यह मामला केवल कुछ रुपयों के कमीशन का नहीं है, बल्कि देश की बैंकिंग प्रणाली में विश्वास का है। आम जनता के साथ हो रहे इस सीधे शोषण को रोकने के लिए, RBI को तत्काल सख्त ऑडिट, बैंक कर्मियों की संदिग्ध गतिविधियों की गहन जाँच, और दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

   टाइम्स ऑफ मालवा आशा करता है कि RBI इस गंभीर विषय का संज्ञान लेगा और एक ऐसा पारदर्शी वितरण तंत्र स्थापित करेगा, ताकि आम नागरिक को अपने ही देश की मुद्रा को 'गड्डी' के रूप में लेने के लिए बिचौलियों के हाथों शोषित न होना पड़े।