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रीजनरेटिव मेडिसिन के क्षेत्र में भारत को वैश्विक पहचान दिलाने वाले डॉ. प्रभु मिश्रा सम्मानित

 भारत मंडपम, नई दिल्ली में डॉ. प्रभु मिश्रा को ‘अटल विज्ञानवेत्ता शिखर सम्मान’ से किया गया अलंकृत
स्टेम सेल एवं रीजनरेटिव मेडिसिन के क्षेत्र में दीर्घायु और फर्टिलिटी प्रबंधन हेतु उल्लेखनीय योगदान को मिली राष्ट्रीय पहचान


नई दिल्ली। स्टेम सेल एवं रीजनरेटिव मेडिसिन के क्षेत्र में भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने वाले प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, और शिक्षाविद् डॉ. प्रभु मिश्रा को ‘अटल विज्ञानवेत्ता शिखर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें माननीय मुख्यमंत्री, दिल्ली श्रीमती रेखा गुप्ता जी द्वारा भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित भव्य अटल सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।
यह प्रतिष्ठित सम्मान डॉ. प्रभु मिश्रा को लॉन्गेविटी (दीर्घायु चिकित्सा), फर्टिलिटी मैनेजमेंट (प्रजनन क्षमता प्रबंधन) तथा स्टेम सेल व रीजनरेटिव मेडिसिन के वैज्ञानिक, प्रमाण-आधारित और नैतिक अनुप्रयोगों में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया गया। उनके शोध और क्लिनिकल इनोवेशन ने न केवल रोग उपचार, बल्कि स्वस्थ जीवनकाल (Healthspan) बढ़ाने और भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में नई संभावनाएँ खोली हैं।
इस अवसर पर डॉ. प्रभु मिश्रा ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए अत्यंत गौरव और विनम्रता का क्षण है। उन्होंने कहा,
“यह मान्यता मेरे संकल्प को और अधिक सुदृढ़ करती है कि उन्नत रीजनरेटिव थैरेपी, प्रमाण-आधारित लॉन्गेविटी प्रोटोकॉल और नवाचारी फर्टिलिटी समाधान भारत सहित वैश्विक स्तर पर अधिक से अधिक मरीजों, चिकित्सकों और संस्थानों तक पहुँच सकें।”
समारोह में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए वरिष्ठ नेता, नीति-निर्माता, वैज्ञानिक, विचारक और सामाजिक परिवर्तनकर्ता उपस्थित रहे, जो भारत के भविष्य को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस गरिमामयी उपस्थिति के बीच मिला यह सम्मान भारतीय विज्ञान और चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

डॉ. मिश्रा ने इस सम्मान को अपनी पूरी टीम, विद्यार्थियों, सहयोगियों और मार्गदर्शकों को समर्पित करते हुए कहा कि स्टेम सेल विज्ञान को समग्र लॉन्गेविटी और फर्टिलिटी केयर से जोड़ने की उनकी सोच को इन सभी ने निरंतर समर्थन और विश्वास दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा बेंच रिसर्च से लेकर बेडसाइड क्लिनिकल प्रोटोकॉल और मेडिकल एजुकेशन तक निरंतर जारी है, जिसका उद्देश्य रीजनरेटिव मेडिसिन को लोकतांत्रिक बनाना, लोगों का हेल्थस्पैन बढ़ाना और दंपतियों एवं व्यक्तियों को उनकी प्रजनन क्षमता को संरक्षित व पुनर्स्थापित करने में सहायता प्रदान करना है।


डॉ. प्रभु मिश्रा ने आगे बताया कि वे IASRM, StemGenn, ICRM और AgeHackr जैसे संस्थानों और प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने कार्य को और व्यापक स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि भारत सुरक्षित, नैतिक और प्रभावशाली रीजनरेटिव एवं लॉन्गेविटी मेडिसिन का वैश्विक केंद्र बन सके।

उन्होंने अटल सम्मान समारोह ट्रस्ट के आयोजक श्री भुवनेश सिंघल जी, चयन समिति के सम्माननीय सदस्यों — माननीय सांसद श्री मनोज तिवारी जी, पद्मश्री नलिनी-कमलनी जी, प्रसिद्ध गायक कुमार विशु जी, प्रेरणादायक वक्ता सोनू शर्मा जी तथा संपूर्ण आयोजन टीम के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचार — राष्ट्रसेवा, विज्ञान, नैतिकता और नवाचार — आज भी उन्हें प्रेरित करते हैं और जनकल्याण के माध्यम से इन आदर्शों को जीवन में उतारना ही इस सम्मान की सच्ची सार्थकता है।
अंत में उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को अपने परिवार, सहयोगियों और सभी शुभचिंतकों को समर्पित करते हुए राष्ट्रसेवा और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर कार्य करने का संकल्प दोहराया।

शो “अजीब ओ गरीब” और साल के आख़िरी सप्ताह में जमशेदपुर की शाम बनी हसीन

 

नरभेराम हंसराज ऑडिटोरियम, जमशेदपुर में मंचित शो “अजीब ओ गरीब” में अन्नेशा पार्था ने कथावाचन और सजीव संगीत के माध्यम से जीवन के सूक्ष्म, अजीब और सुंदर पक्षों को उजागर करते हुए वर्ष के अंतिम सप्ताह को स्मरणीय बना दिया।

जमशेदपुर। साल 2025 के आख़िरी सप्ताह में जमशेदपुरवासियों को कला, कहानी और संगीत से सजी एक यादगार शाम देखने को मिली। नरभेराम हंसराज ऑडिटोरियम, जमशेदपुर में आयोजित शो “अजीब ओ गरीब” ने दर्शकों को भावनाओं, यादों और कल्पनाओं की एक अलग ही दुनिया में ले गया। साल के अंत में हुए इस कार्यक्रम ने शहर की सांस्कृतिक शाम को खास बना दिया। यह कार्यक्रम स्टोरीटेलिंग और लाइव म्यूज़िक पर आधारित था, जिसे अन्नेशा पार्था और उनकी टीम ने प्रस्तुत किया। मंच से कहानियों के साथ संगीत का ऐसा सुंदर संगम देखने को मिला, जिसने दर्शकों को कहीं हँसाया तो कहीं गहराई से सोचने पर मजबूर किया। कार्यक्रम की शुरुआत शाम 6 बजे हुई और सीमित सीटों के कारण दर्शकों में इसे लेकर पहले से ही खास उत्साह देखने को मिला। इस शो के टिकट बुकमायशो के माध्यम से उपलब्ध कराए गए थे।

शो की सबसे अहम विशेषता यह रही कि अन्नेशा पार्था ने अपनी संगीत प्रस्तुति के साथ जीवन के कुछ बीते पलों और व्यक्तिगत अनुभवों को भी दर्शकों के सामने रखा। उनके गीतों और कहानियों में संघर्ष, रिश्तों की जटिलताएँ, उम्मीद और आत्मचिंतन की झलक साफ दिखाई दी। ये प्रस्तुतियाँ सिर्फ मनोरंजन नहीं थीं, बल्कि उनमें ऐसे संदेश छुपे थे जो दर्शकों को जीवन के प्रति एक नई सोच देने वाले साबित हुए।

“अजीब ओ गरीब” सिर्फ एक मंचीय कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह जीवन के छोटे-छोटे अजीब और खूबसूरत पहलुओं को कहानी और संगीत के ज़रिए सामने लाने का प्रयास था। कलाकारों की सजीव प्रस्तुति ने दर्शकों को कार्यक्रम से भावनात्मक रूप से जोड़ दिया और हर पल को खास बना दिया। साल के आख़िर में आयोजित इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने जमशेदपुर की शाम को सचमुच हसीन और यादगार बना दिया। एक पत्रकार की नज़र से देखा जाए तो यह शो इस बात का प्रमाण था कि जब कला, कहानी और संगीत एक साथ आते हैं, तो वे सिर्फ मनोरंजन नहीं करते, बल्कि समाज और जीवन को देखने का नज़रिया भी बदल देते हैं।

‘यमुना संगम’ कार्यक्रम की तैयारी पूरी,पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कार्यक्रम स्थल का किया दौरा




 

  नई दिल्ली । गांधी स्मृति, राजघाट,दिल्ली में आयोजित होने जा रहे कार्यक्रम के निमित्त पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता में परम् पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज (मुनी जी), परमाध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेष व मुख्य संरक्षक यमुना परिवार काउंसिल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। प्रेसवार्ता की अध्यक्षता काउंसिल के निदेशक कपिल गर्ग ने की। पत्रकार वार्ता के कार्यक्रम में विभिन्न पत्रकार बंधुओं ने हिस्सा लिया। श्री गर्ग ने सभी पत्रकार बंधुओं के परिचय के साथ-साथ आगामी 28 दिसम्बर को होने जा रहे कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया। श्री गर्ग ने बताया कि इस बार यह पांचवीं दिव्य महाआरती होने जा रही है। इससे पूर्व वर्ष 2021 से दिल्ली में लगातार महाआरतियां होती आ रही हैं, जिससे दिल्लीवासियों में मां यमुना जी की स्वच्छता को लेकर लगातार उत्साह बढ़ रहा है। श्री गर्ग ने बताया कि यमुना संगम कार्यक्रम को लेकर दिल्ली की लगभग 22 किलोमीटर की बेल्ट में लोगों से निरंतर संपर्क किया जा रहा है। साथ ही राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री, पदाधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अनेकों सुप्रसिद्ध संस्थाएं, संत महत्मा, प्रबुद्ध समाजसेवी तथा मां यमुना साधकों से भी संपर्क किया जा चुका है। श्री गर्ग ने यह भी बताया कि इस दिव्य कार्यक्रम में गंगा, यमुना और सरस्वती की मूर्तियों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। 

प्रेसवार्ता के माध्यम से परम् पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज (मुनी जी) ने अपने संबोधन में बताया कि यह भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मां यमुना जी के स्वच्छता मिशन में संपूर्ण भारत को जोड़ा जाएगा। स्वामी जी ने बताया कि नदियां सबको जीवन देती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जो सबको साथ लेकर चले, वही सनातन है। नदियां मेरी हैं, और मुझे हर गांव, हर गली, हर मोहल्ले को जोड़कर और साथ लेकर इस मिशन को आगे बढ़ना है। साथ ही स्वामी जी ने कहा कि हम लगातार विभिन्न राज्य सरकारों, सुप्रसिद्ध संस्थाओं से संपर्क कर रहे हैं। राज्य सरकारों ने भी हमें मां यमुना स्वच्छता मिशन में अपने सहयोग देने के लिए हमें आवश्स्त किया है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में मां यमुना जी के किनारे हरे-भरे पेड़, साथ ही हर 3 किलोमीटर की दूरी पर एक गुरूकुल की स्थापना हो, भव्यता व दिव्यता का संगम हो, बाहरी से ज़्यादा भीतरी प्रयास हो, सब आयें और सब जुड़ें, सब मिलकर काम करें, तभी भारत देश आदर्श बनेगा। इसी कारण से ये ‘यमुना संगम’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि गंदगी और बंदगी दोनों साथ-साथ नहीं चल सकती, इसलिए हम सभी के अंदर एक अच्छे संस्कार की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने प्लास्टिक मुक्त जीवन बनाने के लिए भी अपनी बात रखी। स्वामी जी के प्रमुख बिंदुओं में वृक्ष मंदिर और गुरूकुल, मेरी यमुना मेरा पेड़, जंगल नदी की मां, मां यमुना जी के किनारे हजारों रूद्राक्ष के पेड़ लगाने की इच्छा, मेरी नदियां, मेरी जिम्मेदारी, मेरा कचरा मेरी जिम्मेदारी, मन को शांति चाहिए तो यमुना के किनारे चलें, हरे भरे पेड़ लगाएं, नगर निगम और नगर पंचायतें सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने यह भी संबोधित किया कि यह सरकार संवेदनशील है, जो समय पर खनन और मननपूर्वक कार्य कर रही है। हम सरकार के समन्वय से ही मां यमुना जी को साफ कर सकेंगे। कार्यक्रम के अंत में सभी पत्रकारों को हार्दिक धन्यवाद प्रेषित करते हुए उनको सम्मानित भी किया गया और मां यमुना जी के जयघोषों से प्रेसवार्ता का समापन किया गया।

राजगढ़ में श्रद्धापूर्वक मनाई गई स्वामी मुरलीधर जी महाराज की 45वीं पुण्यतिथि




 

   राजगढ़ (धार)। नगर के पांच धाम एक मुकाम माताजी मंदिर पर परम पूज्य गुरुदेव 1008 स्वामी मुरलीधर जी महाराज की 45वीं पुण्यतिथि श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई गई।

  शनिवार को प्रातः 8:00 से 10:00 बजे तक विशेष अभिषेक एवं महाआरती का आयोजन हुआ,जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यह आयोजन गुरुदेव के त्याग,तपस्या और उनके करुणामयी जीवन-दर्शन को स्मरण करने का एक पवित्र अवसर बना। गुरुकृपा के वातावरण में सभी धार्मिक अनुष्ठान सफलतापूर्वक संपन्न हुए।

गुरुदेव की प्रयाण स्थली राजगढ़ में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब,जय गुरु राजेंद्र' के जयकारों से गुंजायमान






 राजगढ़ (धार)। अभिधान राजेंद्र कोष के रचयिता, जैन श्वेतांबर समाज के महान संत परम पूज्य गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेंद्र सूरीश्वरजी महाराज साहेब के जन्म और स्वर्गारोहण दिवस 'गुरु सप्तमी महोत्सव' की राजगढ़ नगर में भारी धूम है। गुरुदेव की देवलोक प्रयाण स्थली होने के कारण यहाँ देशभर से गुरुभक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है।

राजेंद्र भवन में लगा भक्तों का तांता

 नगर स्थित श्री राजेंद्र भवन  जहाँ गुरुदेव ने अपनी पार्थिव देह का त्याग किया था,आज श्रद्धा और भक्ति का मुख्य केंद्र बना हुआ है। इस पावन स्थली के दर्शन के लिए शुक्रवार शाम से ही गुरुभक्तों का आगमन शुरू हो गया । यहाँ श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं,जहाँ भक्तों ने गुरुदेव के चरणों में शीश नवाकर कृतज्ञता व्यक्त की।

भक्ति संध्या और विशेष आयोजन

  महोत्सव के अवसर पर राजगढ़ में विशेष धार्मिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जा रही है। आयोजन में सुप्रसिद्ध गायक देवेश जैन एण्ड पार्टी, इन्दौर द्वारा भजनों की अमृत वर्षा की जा रही है, जिस पर गुरुभक्त मंत्रमुग्ध होकर झूमते नजर आए हैं। पूरे नगर में 'गुरु राजेंद्र' के जयकारों की गूँज सुनाई दे रही है। राजगढ़ राजेंद्र भवन गुरु मंदिर में शनिवार को सुबह प्रातः में द्वार उद्घाटन,अभिषेक के चढ़ावे होगे। शुक्रवार को महाआरती का लाभ नेमीचंद चंपालाल कानूदा परिवार बेंगलुरु वालो ने लिया

  इस भव्य महोत्सव का सफल संयोजन जैनिश ग्रुप, राजगढ़ द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम के विनीत श्री सौधर्म बृहत्तपोगच्छिय त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ, राजगढ़ हैं। श्रीसंघ और जैनिश ग्रुप के मार्गदर्शन में गुरुभक्त भक्तिभाव के साथ महोत्सव मना रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी के सार्वजनिक जीवन में शुचिता और पारदर्शिता रही सर्वोपरि : केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह



 
बसामन मामा प्राकृतिक खेती प्रकल्प विंध्य के किसानों के लिए बनेगा मार्गदर्शक
केन्द्रीय मंत्री श्री शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता से किसानों की बढ़ा रहे हैं आय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को 9 से बढ़ाकर किया जायेगा 20 प्रतिशत तक
केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की जा रही हैं वृहद स्तर पर प्रयोगशालाएं
केंद्रीय मंत्री श्री शाह और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा में कृषक सम्मेलन को किया संबोधित

 केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के सार्वजनिक जीवन में शुचिता और पारदर्शिता का स्थान सर्वोपरि रहा है। उन्होंने कहा कि स्व. वाजपेयी ने सुशासन की स्थापना के लिये अपने कार्यों से नये आयाम स्थापित किये। उन्होंने जो कहा उसे धरातल साकार करके दिखाया। केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि भारतीय राजनीति में स्व. वाजपेयी का स्थान और योगदान दोनों ही अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी को रीवा से सदैव विशेष लगाव रहा। केन्द्रीय मंत्री श्री शाह रीवा में बसामन मामा गौ वन्य विहार अभयारण्य में प्राकृतिक खेती के प्रकल्प का शुभारंभ कर कृषक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बसामन मामा प्राकृतिक खेती प्रकल्प विंध्य के किसानों के लिये मार्गदर्शक बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबोधित करते हुये कहा कि केन्द्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री श्री शाह के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश के किसानों की आय को बढ़ाने के लिये राज्य सरकार द्वारा समन्वित तरीके से सतत समग्र प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दूध के उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक किया जायेगा। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री शाह और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हितग्राहियों को हितलाभ एवं संकल्प पत्रों को वितरण किया।

  केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश का रीवा क्षेत्र धीरे-धीरे विकसित क्षेत्र बन रहा है। आज एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट रीवा में है। रीवा से जबलपुर तक सड़कों के जाल सहित इंदौर और दिल्ली के लिये वायु सेवा का भी विस्तार हुआ है। अब रीवा एयरपोर्ट से इंदौर और दिल्ली के लिए 24 घंटे हवाई सेवा उपलब्ध है। रीवा में बसावन मामा गौवंश वन्य विहार के रूप में अनुकरणीय प्रकल्प तैयार किया गया है। यहां गोबर से बने खाद से प्राकृतिक खेती की जा रही है। एक एकड़ में सवा लाख रुपए की आय देने का यह प्रयोग छोटे किसानों को बड़ा लाभ प्रदान करेगा। किसान इस मॉडल को अपनाएंगे तो उनकी आय बढ़ेगी। राज्य सरकार प्रगतिशील किसानों को इस परंपरागत मॉडल से अवगत कराने के लिये उनका भ्रमण कराये। उन्होंने कहा कि एक देशी गाय से 21 एकड़ रकबे में प्राकृतिक खेती होती है। किसान ही अन्नदाता है। अन्नदाता को प्राकृतिक खेती के लिये प्रेरित करने के साथ ही प्रोत्साहित करने के समग्र प्रयास हम सबको समन्वित तरीके से करना है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि अनाज के उत्पादन में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग के कारण कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं। इससे बचाव के लिये जरूरी है कि हम सभी प्राकृतिक के संवर्धन में अपना योगदान दें।

  केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने से उत्पादन कम नहीं होता है। मैंने स्वयं अपने खेतों में प्राकृतिक खेती को अपनाया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत वृहद स्तर पर प्राकृतिक खेती की उपज के प्रमाणीकरण का कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित उपज के सर्टिफिकेशन, पैकेजिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था की है। आगामी समय में देश में 400 से अधिक प्रयोगशालाएं किसान को प्राकृतिक खेती से संबंधित प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगी। इन सभी प्रयासों से प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों की आय डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगी। दुनियाभर में प्राकृतिक खेती का बड़ा बाजार है। आर्गेनिक अनाज खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। भूमि परीक्षण से सर्टिफिकेशन, उपज का परीक्षण, बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग किसानों को उपज का बेहतर मूल्य दिलाएंगी। हम किसानों की आय को बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास प्राथमिकता से कर रहे हैं। निदर्शन फॉर्म आने वाले समय में प्राकृतिक खेती के लिए किसानों का मार्गदर्शन करेंगे।

  केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्रकृति की अनेक प्रकार से सेवा हो सकती है। हमें बसावन मामा की स्मृति में पीपल के वृक्ष रोपित करने का संकल्प लेना चाहिए। दु्निया से चले जाने के बाद भी यह पीपल वृक्ष लोगों को ऑक्सीजन देता रहेगा। पीपल का वृक्ष लगाना पुण्य कार्य है, जिसमें स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषकों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये बढ़-चढ़कर सहभागिता करने का आहवान किया। उन्होंने बताया कि बसावन मामा गौवंश वन्य विहार के भ्रमण के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री शाह के द्वारा 35 साल पहले गुजरात में जैविक खेती संवर्धन के लिये जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री शाह के द्वारा 35 साल पहले शुरू किये गये कार्य को राज्य सरकार आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं रखेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसान कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाई जा रही है। प्रदेश के किसानों की आय को बढ़ाने के लिये उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिये भी प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिये डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना से किसानों को लाभांवित किया जा रहा है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से एमओयू किया गया है। इससे किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। राज्य सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नस्ल सुधार जैसे अनेक कार्य भी कर रही है।

 राज्य सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नस्ल सुधार जैसे अनेक कार्य भी कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य में दूध खरीद का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है। साल भऱ में प्रति दुग्ध संघ दूध खरीदी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। राज्य सरकार ने प्रदेश स्तर पर कुल दुग्ध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है।

  मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि गौमाताओं के संरक्षण के लिए प्रति गाय आहार अनुदान को 20 से बढ़ाकर 40 रुपए किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अटलजी की जन्म जयंती के अवसर पर ग्वालियर में 2 लाख करोड़ से अधिक के निवेश से अनेक कार्यों के लिए भूमि-पूजन किया गया है। राज्य सरकार आगामी वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने जा रही है। हमारी सरकार किसान कल्याण के लिए कृत संकल्पित है।

  उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि गौशाला की 9 हजार से अधिक गौमाताओं ने श्री अमित शाह को बुलाया है। गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। गौमाता के गोबर से खाद बनाकर प्राकृतिक खेती की जा सकती है। जब धरती माता और नागरिक स्वस्थ होंगे, तभी भारत आत्मनिर्भर और समृद्ध होगा। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती, गौसेवा और गौसंवर्धन को जन आंदोलन बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

  वरिष्ठ विधायक एवं प्रदेशाध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की जयंती पर रीवा में कृषक और सहकारिता सम्मेलन का आयोजन स्व. वाजपेयी के रीवा के प्रति लगाव के लिये सच्ची श्रद्धांजलि है। विंध्य की पावन धरा पर कृषक और सहकारिता सम्मेलन आयोजित हो रहा है। केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार के संकल्प से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। इससे किसान समृद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के एक अभिनव मिशन की शुरुआत की है।

  किसान सम्मेलन में रीवा के प्रभारी एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल, सांसद श्री जनार्दन मिश्र, विधायक सर्वश्री नागेन्द्र सिंह, दिव्यराज सिंह, नरेन्द्र प्रजापति, सिद्धार्थ तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, जनप्रतिनिधि श्री महेन्द्र सिंह, श्री वीरेन्द्र गुप्ता स्थानीय जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश के चहुँमुखी विकास की रखी सशक्त नींव : केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह,संतुलित विकास के क्षेत्रीय निवेश सम्मेलनों की श्रंखला की शुरूआत को बताया दूरदर्शी



 
  केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मप्र के संतुलित विकास के क्षेत्रीय निवेश सम्मेलनों की श्रंखला आयोजित करने की शुरूआत को दूरदर्शी बताया है। उन्होने कहा कि यह ऐसी शुरूआत श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के लिये की थी। ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के नाम से इंडस्ट्रियल समिट आयोजित करने की एक वैज्ञानिक और व्यवस्थित शुरुआत उन्होंने की। इसमें राज्य की राजधानी में बड़े स्तर पर इंडस्ट्रियल समिट आयोजित होते थे और राज्य में व्यापक निवेश आता था। डॉ. यादव ने क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से मध्यप्रदेश के चहुँमुखी विकास की एक मजबूत नींव रखी है।

  पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती परग्वालियर में ‘अभुदय : मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ में अपने संबोधन मेंकेन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने क्लस्टर इन्वेंस्टमेंट पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं डॉ. मोहन यादव को बधाई देना चाहता हूँ कि उन्होंने राज्य के संतुलित विकास के लिए ‘क्षेत्रीय निवेश कॉन्क्लेव’ की एक नई और दूरदर्शी शुरुआत की है। मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कॉन्क्लेव आयोजित करने और निवेश के भूमिपूजन का जो सिलसिला उन्होंने शुरू किया है, वह आने वाले समय में राज्य के संतुलित विकास के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।

  आज जो 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है, वह देखने में भले ही छोटा लगे, लेकिन किसी एक क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। किसी क्षेत्र की जनता के लिए यह निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि राज्य का संतुलित विकास नहीं होता, तो राज्य आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि हर क्षेत्र में अपार संभावनाएँ छिपी होती हैं।जैसे मालवा, ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में कपास लंबे समय से किसानों की प्रमुख फसल रही है, लेकिन उन्हें उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। अब पीएम मित्र पार्क के आने से पारंपरिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है और कपास फिर से किसानों के लिए एक लाभकारी फसल बन गई है।

  मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी विशेषता उसका भौगोलिक लोकेशन है। यहाँ से पूरे देश के आधे हिस्से तक बहुत कम ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में आपूर्ति संभव है। लेकिन इस भौगोलिक लाभ का शत-प्रतिशत उपयोग तभी संभव है, जब राज्य में सिमेट्रिक इंडस्ट्री विकसित की जाए। दक्षिण से जुड़े जिलों में उद्योग स्थापित हों, दिल्ली से जुड़े जिलों, जैसे ग्वालियर में उद्योग लगेंऔर पश्चिमी क्षेत्रों जैसे धार और झाबुआ में भी औद्योगिक विकास हो। तभी मध्यप्रदेश को अपने भौगोलिक लाभ का वास्तविक फायदा मिलेगा।

  केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि इसी सोच के साथ यह आयोजन डॉ. मोहन यादव ने किया है। मैं उन्हें हृदय से बधाई देता हूँ कि उनकी क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट ने मध्यप्रदेश के चहुँमुखी विकास की एक मजबूत नींव रखी है।