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Jamshedpur Literature Festival: लिटरेचर फेस्टिवल ने जमशेदपुर को दी नई पहचान, भव्य आगाज़ के साथ पहले दिन का कार्यक्रम संपन्न

 

देशभर से आए साहित्यकारों, कलाकारों और विचारकों की मौजूदगी में शुरू हुआ दो दिवसीय जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025

जमशेदपुर। साहित्य, कला और विचारों के संवाद का एक सशक्त राष्ट्रीय मंच जमशेदपुर में साकार हो गया है। बिष्टुपुर स्थित रामाडा होटल में शनिवार को जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। दो दिवसीय इस महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से आए साहित्यकारों, पत्रकारों, कलाकारों, प्रशासकों और विचारकों की उल्लेखनीय उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया।

उद्घाटन सत्र में लेखक एवं पत्रकार सोपान जोशी, प्रसिद्ध चित्रकार मनीष पुष्कले, दिल्ली से आए डॉ. रंजन त्रिपाठी, आईएएस सौरभ तिवारी, अभिनेता राजेश जैस और फिल्म निर्देशक अभिषेक चौबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने साहित्य की सामाजिक भूमिका, रचनात्मक स्वतंत्रता और संवाद की आवश्यकता पर अपने विचार रखे।

अभिनेता राजेश जैस ने नागपुरी भाषा में अपनी बात रखते हुए झारखंड की स्थानीय संस्कृति और भाषाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच न केवल साहित्य और सिनेमा को बढ़ावा देते हैं, बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं को भी राष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम करते हैं। झारखंड की सड़कों, हरियाली और जमशेदपुर की कॉस्मोपॉलिटन संस्कृति की सराहना करते हुए उन्होंने शहर को “अविभाजित बिहार का बंबई” बताया। मूल रूप से रांची निवासी राजेश जैस ने कहा कि झारखंड आना उन्हें अपने घर लौटने जैसा लगता है। अपनी ही बातों पर चुटकी लेते हुए जब उन्होंने कहा कि “फिर मैं यहीं क्यों नहीं रहता”, तो पूरा लॉन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

होत्सव के दौरान कविता-पाठ, ग़ज़ल, व्यंग्य, पत्रकारिता संवाद, चित्रकला कार्यशालाएँ और साहित्य के विभिन्न आयामों पर केंद्रित सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। देश के प्रतिष्ठित लेखकों और बुद्धिजीवियों के बीच होने वाले इन संवादों ने आयोजन को विचारों और अनुभवों का समृद्ध संगम बना दिया है।

इस आयोजन का उद्देश्य केवल साहित्य को प्रोत्साहन देना ही नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति और कला के विविध दृष्टिकोणों को एक मंच पर लाकर एक सशक्त सांस्कृतिक वातावरण तैयार करना है। स्थानीय छात्र, शिक्षक और साहित्य प्रेमी इस महोत्सव के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों से सीधे संवाद का अवसर पा रहे हैं।

पहले दिन उद्घाटन सत्र के दौरान वाराणसी से आई कलाकार आकांक्षा सिंह सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही निर्णायक मंडल के सदस्यों संपादक संजय मिश्र, भवानन्द झा, यू.एन. पाठक, गणेश मेहता, जयप्रकाश राय, ब्रजभूषण सिंह और उदित अग्रवाल को सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

शाम के सत्र में ‘राहगीर’ नाम से लोकप्रिय गायक और कवि सुनील कुमार गुर्जर की प्रस्तुति ने माहौल को जीवंत कर दिया। गिटार के साथ कविता और गीतों की उनकी अनोखी शैली ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया और कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। फेस्टिवल में पहुंचे दर्शकों और साहित्य प्रेमियों का कहना है कि इस आयोजन से न केवल जमशेदपुर में साहित्यिक परंपरा को नई मजबूती मिलेगी, बल्कि शहर को सांस्कृतिक पर्यटन के मानचित्र पर भी एक नई पहचान मिलेगी। साहित्य, विचार और संस्कृति से सराबोर यह महोत्सव अपने पहले ही दिन लोगों को आकर्षित करने में सफल रहा और अगले दिन भी इसी उत्साह के साथ कार्यक्रम जारी रहेगा।

जमशेदपुर पहुंचे देश के कई प्रसिद्ध कलाकार, लेखकों और साहित्यकारों के बीच शुरू होने जा रहा है जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025

 

संघर्ष, कला और सृजन की कहानियों से सजा साहित्यिक मंच, पहले दिन राहगीर, भज्जू श्याम और डॉ. दामोदर खड़से अनुभव साझा करेंगे

जमशेदपुर पहुंचे देश के कई प्रसिद्ध कलाकार, लेखक और साहित्यकार, और आज से जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत होने जा रही है। यह साहित्यिक आयोजन शहर को रचनात्मक विचारों, कला और संघर्ष से उपजे सृजन का मंच बनाने वाला है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए जाने-माने रचनाकार अपने अनुभव, विचार और जीवन यात्राओं को साझा करेंगे। फेस्टिवल में बड़ी संख्या में युवा, साहित्य प्रेमी और कला से जुड़े लोग शामिल होंगे, जिससे जमशेदपुर में साहित्यिक माहौल और भी जीवंत होने की उम्मीद है।

फेस्टिवल के पहले सत्र में चर्चित लोकगायक राहगीर, पद्मश्री से सम्मानित गोंड कलाकार भज्जू श्याम और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ. दामोदर खड़से मंच साझा करेंगे। तीनों की यात्राएं अलग-अलग रही हैं, लेकिन संघर्ष, संवेदनशीलता और सृजन के प्रति अटूट विश्वास उनकी कहानियों का साझा सूत्र रहेगा। वक्ता बताएंगे कि कला और साहित्य केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं हैं, बल्कि जीवन की सच्चाइयों से उपजा संघर्ष और आत्मा की आवाज भी हैं।

जमशेदपुर पहुंचते ही लोकगायक राहगीर का उनके चाहने वाले गर्मजोशी से स्वागत किया। सोशल मीडिया पर वायरल गीतों से पहचान बनाने वाले राहगीर को देखने और सुनने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक मौजूद होंगे। फेस्टिवल परिसर में उनकी मौजूदगी से माहौल और भी जीवंत होने वाला है। खासकर शहर के साहित्यकार और रचनाकारों ने उनसे मुलाकात किया और उनके गीतों और संघर्ष भरे रचनात्मक सफर की सराहना की।

राजस्थान के लोकगायक और गीतकार राहगीर ने अपने जीवन के उस मोड़ का जिक्र किया, जब उन्होंने एक सुरक्षित इंजीनियरिंग नौकरी छोड़कर संगीत को अपनाने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में कविताएं लिखना शुरू किया और एक दोस्त द्वारा भेजा गया गिटार उनके जीवन की दिशा बदलने वाला साबित हुआ। परिवार के विरोध और सामाजिक दबाव के बावजूद उन्होंने अपने मन की सुनी। 2016 से 2021 तक का दौर संघर्षों से भरा रहा और कोरोना काल में उन्हें दोबारा नौकरी खोजने की मजबूरी तक आ गई। इसी दौरान हिमाचल प्रदेश में बस का इंतजार करते हुए गुनगुनाया गया गीत “बस आने में देर है” सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और यहीं से उनके संगीत को नई पहचान मिली। राहगीर ने कहा कि लोगों का प्यार और भावनात्मक जुड़ाव ही उनकी सबसे बड़ी कमाई है।

पद्मश्री सम्मानित गोंड कलाकार भज्जू श्याम बताएंगे कि गोंड पेंटिंग केवल चित्रकला नहीं, बल्कि कहानियों की दृश्य भाषा है। पाटनगढ़ गांव से निकलकर उन्होंने अपनी कला के माध्यम से आदिवासी संस्कृति को देश-दुनिया तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि अब तक वे 16 किताबें लिख चुके हैं और लंदन यात्रा सहित अपने जीवन के अनुभवों को पेंटिंग के जरिए प्रस्तुत करेंगे। उनका मानना है कि नई पीढ़ी अगर अपनी जड़ों से जुड़कर सीखेगी, तभी पारंपरिक कलाएं जीवित रह पाएंगी।

साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ. दामोदर खड़से कहेंगे कि साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाना भी है। वह अपनी पुस्तक ‘काला सूरज’ का जिक्र करेंगे, जो पत्रकारों के जीवन और सिस्टम की जटिलताओं को उजागर करती है। उनके उपन्यास ‘भगदड़’ में गांव से शहर तक के संघर्ष को दिखाया गया है, जबकि हालिया कृति ‘बादल रात’ महिलाओं की प्रगति, संघर्ष और आत्मनिर्भरता की कहानी कहती है। डॉ. खड़से के अनुसार, वही साहित्य सार्थक है जो समाज की सच्चाइयों से संवाद करे।

आयोजकों के अनुसार, जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल आज 20 से 21 तक चलेगा, जिसमें देश के कई प्रसिद्ध लेखक, कलाकार और सांस्कृतिक दिग्गज शामिल होंगे। यह आयोजन जमशेदपुर को राष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक पहचान दिलाने के साथ-साथ युवाओं को रचनात्मक सोच और अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित करेगा।

 

लीडरशिप घोषणा: Logic Pursuits ने ग्लोबल डिलीवरी एक्सीलेंस में तेजी लाने के लिए रौनक शाह को EVP और Global Head of Service Delivery नियुक्त किया

शिकागो और अहमदाबाद, भारत

तेजी से बढ़ती हुई वैश्विक Data और AI कंसल्टिंग फर्म, Logic Pursuits ने पिछले सप्ताह रौनक शाह को Executive Vice President और Global Head of Service Delivery के पद पर नियुक्त करने की घोषणा की। रौनक कंपनी की उच्च नतृत्व टीम में शामिल होंगे और अहमदाबाद से Logic Pursuits के संयुक्त राज्य अमेरिका (United States), भारत और LATAM (लैटिन अमेरिका) में तेजी से बढ़ते डिलीवरी ऑपरेशंस का समर्थन करेंगे।

रौनक शाह, EVP और Global Head of Service Delivery, Logic Pursuits

रौनक अपने साथ कंसल्टिंग, डिजिटल इंजीनियरिंग, एंटरप्राइज़ टेक्नोलॉजी और ऑपरेशनल एक्सीलेंस (operational excellence) में लगभग दो दशकों का वैश्विक नेतृत्व अनुभव लेकर आए हैं। उन्होंने Global Capability Centers (GCCs) का निर्माण और विस्तार (scale) किया है, Centers of Excellence लॉन्च किए हैं एवं Fortune 500 कंपनियों सहित 300 से अधिक वैश्विक उद्यमों का समर्थन करने वाले बड़े, मल्टी-रीजन डिलीवरी संगठनों का नेतृत्व किया है। उनके नेतृत्व ने लगातार संगठनों को AI व ऑटोमेशन, क्लाउड सिक्योरिटी, इंटेलिजेंट ऑपरेशंस और एंटरप्राइज़ प्लेटफॉर्म पर जटिल परिवर्तन कार्यक्रमों (transformation programs) को निष्पादित करने में सक्षम बनाया है।
 
अपने पूरे करियर के दौरान रौनक ने वरिष्ठ नेतृत्व भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें 100 से 500+ पेशेवरों की विभिन्न क्षेत्रों में आधारित डिलीवरी टीमों की देखरेख करना, डिलीवरी परिपक्वता (delivery maturity), गवर्नेंस और मापनीय व्यावसायिक परिणाम (measurable business outcomes) शामिल हैं। उन्हें नवाचार, निष्पादन उत्कृष्टता और नेतृत्व प्रभाव के लिए कई उद्योग पुरस्कार प्राप्त हुए हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “Pioneer of Automation” और “Exemplary Leader” के रूप में मान्यता प्राप्त है।

संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और LATAM में डिलीवरी एक्सीलेंस को मजबूत करना
अपनी नई भूमिका में रौनक निष्पादन स्थिरता, क्लाइंट वैल्यू रियलाइजेशन और स्केलेबल ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित करते हुए, Logic Pursuits के ग्लोबल सर्विस डिलीवरी फ्रेमवर्क के विकास का नेतृत्व करेंगे। वह संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और LATAM में डिलीवरी की देखरेख करेंगे, साथ ही Hyderabad और Ahmedabad में Logic Pursuits (LP) के डिलीवरी हब को वैश्विक ग्राहकों का समर्थन करने वाले रणनीतिक केंद्रों में विस्तारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
 
रौनक LP के मुख्य अभ्यास क्षेत्रों (core practice areas) में डिलीवरी क्षमताओं को मजबूत करने में भी मदद करेंगे, जिसमें Enterprise Data Platforms, Analytics, AI and Automation, Cloud Engineering, और Customer 360 and CDP solutions शामिल हैं। वे सुनिश्चित करेंगे कि Logic Pursuits गति और गुणवत्ता के साथ एंटरप्राइज़-ग्रेड परिणाम देना जारी रखे।
 
कार्यकारी दृष्टिकोण
"मैं ऐसे समय में Logic Pursuits में शामिल होने के लिए उत्साहित हूँ जब कंपनी अपनी वैश्विक उपस्थिति और डिलीवरी क्षमताओं को तेजी से बढ़ा रही है। Logic Pursuits के पास नवाचार, गुणवत्ता और ग्राहक-केंद्रितता (customer-centricity) की एक मजबूत नींव है, और मैं हमारी डिलीवरी एक्सीलेंस को मजबूत करने और हमारे ग्राहकों के लिए सार्थक व्यावसायिक प्रभाव पैदा करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और LATAM की टीमों के साथ काम करने के लिए तत्पर हूँ।" - रौनक शाह, EVP और Global Head of Service Delivery, Logic Pursuits।
 
"रौनक अपने साथ ऑपरेशनल डेप्थ, डिलीवरी एक्सीलेंस और ग्लोबल लीडरशिप अनुभव का एक असाधारण संयोजन लेकर आए हैं। स्केलेबल डिलीवरी संगठन बनाने और एंटरप्राइज़-ग्रेड ट्रांसफॉर्मेशन को चलाने की उनकी क्षमता उन्हें Logic Pursuits के लिए एक सक्षम बनाती है। हम अपनी Executive Leadership Team में उनका स्वागत करते हुए बहुत खुश हैं और हमारे वैश्विक डिलीवरी फुटप्रिंट में उनके द्वारा लाए जाने वाले नेतृत्व की मजबूती को देखने के लिए तत्पर हैं।" - धीरज खंडेलवाल, रवि शेट्टी और कमलेश कोरत, Founders, Logic Pursuits।

Logic Pursuits के बारे में
Logic Pursuits (LP) एक ग्लोबल Data और AI कंसल्टिंग सर्विसेज फर्म है जो Enterprise Data Strategy, Modern Data Platforms, Advanced Analytics, Customer 360 and CDP Enablement, Digital Engineering, और AI-led Automation में विशेषज्ञता रखती है। LP क्लाउड, बिज़नेस-सेंट्रिक समाधानों को डिज़ाइन और डिलीवर करने के लिए उद्यमों के साथ साझेदारी करता है जो मापनीय व्यावसायिक मूल्य (measurable business value) को अनलॉक करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और LATAM में डिलीवरी टीमों के साथ, Logic Pursuits संगठनों को डेटा, इंटेलिजेंस और नवाचार द्वारा संचालित भविष्य के लिए तैयार (future-ready) क्षमताओं को बनाने में मदद करता है।
 
अधिक जानकारी के लिए www.logicpursuits.com पर जाएँ।

Media Contact Details
अंकिता शर्मा
Logic Pursuits

मध्यप्रदेश के वन,वनोपज और वन्य-प्राणी प्रदेश की पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव




 

  भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में वन संपदा एवं वन्य जीवों का संरक्षण करते हुए राज्य सरकार निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आयुर्वेद को बढ़ाया और स्वयं अपनाया भी है। भारतीय संस्कृति में वन एवं पेड़ों के संरक्षण की परंपरा रही है। भोपाल में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय वन मेला इसे आगे बढ़ा रहा है। वन मेले का पूरे प्रदेश को इंतजार रहता है। यहां आयुर्वेदिक उत्पादों के 350 से अधिक स्टॉल्स लगाए गए हैं। साथ ही यहां 80 आयुर्वेदिक डॉक्टर एवं 100 से अधिक वैद्य आमजन को निःशुल्क परामर्श देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को लाल परेड ग्राउंड में 17 से 23 दिसंबर तक आयोजित हो रहे अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष वन मेले का आयोजन "समृद्ध वन , खुशहाल जन'' की थीम पर किया गया है।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 11वें अंतरराष्ट्रीय वन मेले का दीप प्रज्ज्वलन एवं फीता काटकर शुभारंभ किया। उन्होंने भगवान धनवंतरि की पूजा-अर्चना की एवं विंध्या हर्बल सहित विभिन्न स्टॉल का अवलोकन कर औषधि एवं हर्बल उत्पादों की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लघु वनोपज को प्रोत्साहित करने वाले गीत 'लघु वनोपज हमारी शान' का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने विंध्या हर्बल के नए लोगो एवं विभिन्न उत्पादों से सुसज्जित वेलनेस किट का औपचारिक विमोचन भी किया।














  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज लघु वनोपज के अनेक उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं। जब एलोपैथिक दवाएं आराम न दे तो लोग आयुर्वेद की शरण में जाते हैं। हमारे घर-घर में आयुर्वेदिक नुस्खों का भंडार है। वर्तमान परिदृश्य में मेडिकल साइंस तो प्रशंसनीय है लेकिन आयुर्वेदिक उत्पादों का भी अपना अलग महत्व है। कोरोनाकाल में आयुर्वेदिक काढ़ा दुनिया के लिए अमृत के समान था। हमारी सरकार भी आयुर्वेद चिकित्सा एवं योग को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में पहले केवल 7 शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय थे, पिछले एक साल में हमने 8 नए शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले गये है।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों, जिला यूनियनों एवं अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। तेंदुपत्ता सहित अन्य वनोपज का संग्रहण करने वालों को इन पर बोनस देकर आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। प्रदेश सरकार ने ट्राईफेड के माध्यम से 32 लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 25 प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है। प्रदेश सरकार वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्य की संख्या बढ़ा रही है। वर्ष 2026 में रानी दुर्गावती के नाम पर बनने जा रहे नौरादेही अभयारण्य में चीतों को बसाया जाएगा। मध्यप्रदेश में शीघ्र ही जंगली गैंडे और जिराफ लाये जायेंगे।  

   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन मेले में प्रदेश के जिला यूनियन, वन, वन धन केन्द्र, जड़ी-बूटी संग्राहक, उत्पादक, आयुर्वेदिक औषधि निर्माता, परम्परागत भोजन सामग्री के निर्माता एवं विक्रेतागण अपने उत्पादों का प्रदर्शन और विक्रय करेंगे। मेले में 10 शासकीय स्टॉल, 24 अन्य राज्यों के स्टॉल, 16 प्रदर्शनी के स्टॉल, 136 प्रायवेट स्टॉल, 26 फूड स्टॉल, जिनमें अलीराजपुर का दालपानिया, छिंदवाड़ा की वन रसोई, बाँधवगढ़ की गोंडी व्यंजन का स्वाद मिलेगा।

   वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में वन विभाग लघु वनोपज के माध्यम से छोटे उधमियों को भी समृद्ध कर रहा है। उन्होंने कहा कि उज्जैन में भी वन मेले का आयोजन किया जायेगा। वहीं, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित डॉ. समीता राजौरा ने कहा कि मध्यप्रदेश वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण में देश में अग्रणी स्थान हासिल कर चुका है। वन हमारी प्राकृतिक जीवनशैली का आधार हैं। वन मेले की शुरुआत 2001 में की गई थी।

   कार्यक्रम में विधायक भगवान दास सबनानी, नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षण श्री व्ही.एन. अम्बाड़े सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी एवं आमजन उपस्थित थे। 


डेक्सटर की “डिवाइन कॉमेडी” चार दिवसीय प्रदर्शनी में साकार हुआ अंतरमहाद्वीपीय कला संवाद, जमशेदपुर के पाँच कलाकारों ने बिखेरा रचनात्मक रंग

 

कोलकाता स्थित आईसीसीआर म्यूज़ियम में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में जमशेदपुर के कलाकारों की रचनाओं ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।

शहर में कला, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक जीवंत संगम देखने को मिला, जब टीम डेक्सटर ने “डिवाइन कॉमेडी” शीर्षक से चार दिवसीय इनडोर इंडो-फ्रेंच कला प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया। कोलकाता स्थित आईसीसीआर (ICCR) म्यूज़ियम में आयोजित इस प्रदर्शनी में महान कवि दांते अलीघियेरी की कालजयी कृति द डिवाइन कॉमेडी से प्रेरित थी, जिसमें भारत और फ्रांस के कलाकारों ने भाग लिया और शास्त्रीय विचारों में निहित समकालीन कलात्मक अभिव्यक्तियों के माध्यम से एक अनूठा सांस्कृतिक संवाद प्रस्तुत किया।

प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति रही और इसे व्यापक सराहना मिली। आयोजन को और भी समृद्ध बनाया विभिन्न प्रायोजित रचनात्मक कार्यशालाओं ने। फेविक्रिल द्वारा आयोजित ऐक्रेलिक पेंटिंग वर्कशॉप, निकॉन की वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी वर्कशॉप और फैबर-कास्टेल की चारकोल आर्ट वर्कशॉप में कला प्रेमियों, विद्यार्थियों और पेशेवरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम में एक सशक्त रंगमंचीय आयाम भी जुड़ा, जब ब्लैंक वर्स द्वारा प्रस्तुत नाटक “टंडांता” का मंचन हुआ। इसकी प्रभावशाली कथा और प्रस्तुति को दर्शकों से ज़बरदस्त तालियाँ और समीक्षकों की प्रशंसा प्राप्त हुई।

व्यावसायिक और कलात्मक दोनों ही दृष्टियों से यह प्रदर्शनी अत्यंत सफल रही। आयोजन के दौरान कुल बारह कलाकृतियाँ बिकीं। इनमें कलाकार अभिषेक गुप्ता की विशेष श्रृंखला उल्लेखनीय रही, जिसमें उन्होंने भगवान विष्णु के दस अवतारों को शारीरिक संरचना (एनाटॉमिकल) शैली में प्रस्तुत किया। इस श्रृंखला का विक्रय प्रदर्शनी के प्रमुख आकर्षणों में से एक रहा।

एक अन्य प्रमुख आकर्षण रहे कलाकार रानित, जिनकी बंगाल की लोककथाओं और भारतीय देवी विशालक्षी पर आधारित कृतियों ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया। देवी विशालक्षी का उनका चित्रण, जिसे आधुनिक युग में किसी पुरुष कलाकार द्वारा बनाया गया पहला चित्र माना जा रहा है। अपनी मौलिकता और भावनात्मक गहराई के कारण प्रदर्शनी का सबसे चर्चित आकर्षण बनकर उभरा।

प्रदर्शनी में कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति भी रही, जिनमें प्रसिद्ध डिजिटल कलाकार रुद्रनील और अभिनेता संजीब सरकार शामिल थे। उनकी मौजूदगी ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया। जमशेदपुर से आए कलाकार अमृता, सुशील, सागरिका और राजकुमार को भी विशेष पहचान मिली, क्योंकि उनकी कलाकृतियों ने संग्रहकर्ताओं और कला संरक्षकों का ध्यान आकर्षित किया।

इस प्रदर्शनी की पहुंच राष्ट्रीय सीमाओं से परे रही। संयुक्त राज्य अमेरिका से आए दर्शकों ने भी इसका अवलोकन किया, वहीं अमेरिकी दूतावास से जुड़े सदस्यों ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए इसकी क्यूरेशन और आयोजन व्यवस्था की प्रशंसा की। कई अतिथियों ने विशेष रूप से ज़ुल्फ़िकार, रानित, अभिषेक और सुशील के कार्यों को उत्कृष्ट बताया।

मज़बूत अंतरराष्ट्रीय सहभागिता, समीक्षात्मक प्रशंसा और व्यावसायिक सफलता के साथ “डिवाइन कॉमेडी” टीम डेक्सटर के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन साबित हुई जो इस बात का सशक्त प्रमाण है कि कला एक सार्वभौमिक भाषा है, जो सीमाओं, परंपराओं और समय से परे संवाद स्थापित करती है।

राजगढ़ में आचार्य श्री हितेशचंद्र सूरीश्वरजी का भव्य मंगल प्रवेश हुआ,कल 17 दिसंबर को मोहनखेड़ा पैदल संघ

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 राजगढ़। परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय हितेशचंद्र सूरीश्वरजी महाराज साहब का मुंबई से उग्र विहार करते हुए राजगढ़ नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। गुरुदेव के आगमन पर सकल जैन श्रीसंघ में हर्ष और उत्साह का माहौल है।

भव्य स्वागत और पगलियाजी

  प्रातः गुरुदेव एवं मुनिमंडल सरदारपुर से विहार कर गुरु राजेंद्र कॉलोनी स्थित धर्मेंद्र भंडारी के निवास स्थान पहुँचे। यहाँ गुरुदेव की गहुली की गई और श्रद्धापूर्वक केसर से पगलियाजी करवाए गए। इस दौरान,राजमलजी भंडारी परिवार द्वारा गुरुदेव को कामली ओढ़ाकर सम्मान किया गया।

शहर में धर्म यात्रा

 इसके पश्चात, प्रातः 9:00 बजे गुरु मंदिर से आचार्य श्री एवं मुनिमंडल की निश्रा में बैंड-बाजे के साथ धर्म यात्रा प्रारंभ हुई। यात्रा में सकल जैन श्रीसंघ, महिला मंडल सहित बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए। धर्म यात्रा राजेंद्र द्वार, मेन चौपाटी, चबूतरा चौक और जैन चौक होते हुए राजेंद्र भवन पहुँची, जहाँ गुरुदेव के प्रेरक प्रवचन हुए। यात्रा में शामिल सभी समाजजनों के लिए  नवकारसी की व्यवस्था की थी।

कल 17 दिसंबर को मोहनखेड़ा पैदल यात्रा संघ

   आचार्य श्री की निश्रा में कल 17 दिसंबर  को समाजसेवी अशोक राजमलजी भंडारी परिवार द्वारा राजगढ़ से मोहनखेड़ा तीर्थ का एक दिवसीय पैदल यात्रा संघ आयोजित किया जाएगा। समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार अशोक भंडारी ने सभी समाजजनों से इस पैदल यात्रा संघ में शामिल होने का अनुरोध किया है, जिसके दौरान संघ में शामिल सभी यात्रियों के लिए स्वामीवात्सल्य की व्यवस्था भी रखी गई है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर अपना दल (एस) ने दी श्रद्धांजलि

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  मध्य प्रदेश : लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर अपना दल (एस) मध्य प्रदेश इकाई द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने सरदार पटेल के राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय योगदान को स्मरण किया। यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।

  कार्यक्रम के अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्य प्रदेश प्रभारी आर. बी. सिंह पटेल ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की एकता और अखंडता के लिए जो ऐतिहासिक कार्य किए, वे सदैव हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और मजबूत नेतृत्व से सैकड़ों रियासतों का एकीकरण कर आधुनिक भारत की नींव रखी। आज आवश्यकता है कि हम उनके आदर्शों को आत्मसात कर राष्ट्रहित में कार्य करें।

 इस अवसर पर पार्टी नेताओं ने संकल्प लिया कि सरदार पटेल के विचारों और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य निरंतर किया जाएगा।