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मुख्यमंत्र शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के निर्माण के लिए हर नागरिक को अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना होगा

 स्वतंत्रता दिवस समारोह, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश,समावेशी विकास,सामाजिक न्याय,अनुसूचित जाति,पिछड़ा वर्ग कल्याण, सांस्कृतिक विविधता,माफियाओं के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाई,कर्मचारियों के हित का ध्यान,कोविड प्रबंधन,जनभागीदारी मॉडल,तीसरी लहर,आयुष्मान भारत- निरामयम् मध्यप्रदेश योजना,आत्मनिर्भर भारत,अधोसंरचना विकास,हर घर तक नल द्वारा पेयजल,किसानों का कल्याण,स्वामित्व योजना,पूंजी निवेश में वृद्धि,पथ व्यवसाइयों, मजदूरों को रोजगार,प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना,महिलाओं का सशक्तीकरण,ट्रांसजेंडरों को पहचान-पत्र,नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति,खेलों को प्रात्साहन,आपदा प्रबंधन,मुख्यमंत्री कोविड- 19 विशेष अनुग्रह योजना,


 MP: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के निर्माण के लिए हर नागरिक को अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना होगा। प्रदेश के निर्माण के लिए जनता के साथ मिलकर निर्णय लेने के उद्देश्य से प्रदेश में जनभागीदारी मॉडल विकसित किया गया है। प्रदेश में विभिन्न वर्गों की पंचायतों का आयोजन पुन: आरंभ किया जाएगा। जनता के कल्याण की योजनाएँ जनता के साथ मिलकर बनाई जाएंगी और उनका क्रियान्वयन भी जनता के माध्यम से होगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण जनभागीदारी से किया जाएगा। हमें जनता का सहयोग चाहिए जनसहयोग के बिना अकेली सरकार प्रदेश का नव निर्माण नहीं कर सकती है।

 मुख्यमंत्री श्री चौहान आज लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में ध्वजारोहण तथा परेड की सलामी के बाद जनता को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए प्रदेश के नागरिकों को ईमानदारी से अपने कर्तव्य और दायित्वों का पालन करने, कोरोना अनुकूल व्यवहार के पालन, बेटियों का सम्मान करने और स्वच्छता अभियान में भाग लेने का संकल्प लेना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम मिलकर समृद्ध विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगे। मैं ऐसे मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करता हूँ।


आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में प्रथम रहेंगे


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प के अनुपालन में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में हमारा प्रदेश देश में प्रथम रहेगा। प्रदेश के मस्तक पर जनभागीदारी की कुम-कुम और सुशासन के अक्षत से आत्म-निर्भरता का तिलक करें। हमें कदम मिलाकर चलना है।


समावेशी विकास और सामाजिक न्याय


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार समावेशी विकास के साथ सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य पिछड़ा वर्ग का मामला हो, अनुसूचित जाति- जनजाति का कल्याण हो या महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का विषय हो, राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है। अनुसूचित जनजाति के बहनों-भाइयों की भावनाओं, संस्कृति, जीवनमूल्य, परंपरा, रोजगार और शिक्षा के लिए 18 सितम्बर रघुनाथ शाह शंकरशाह के बलिदान दिवस से विशेष अभियान आरंभ किया जाएगा जो 15 नवम्बर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती तक चलेगा। अभियान में कला और संस्कृति की रक्षा, रोजगार के अवसरों की उपलब्धता के साथ-साथ स्वास्थ्य रक्षा और जागरूकता के लिए विशेष गतिविधियां चलाई जाएंगी। सरकार द्वारा” देवारण्य” योजना प्रारंभ की जा रही है। योजना में जनजातीय बहुल क्षेत्रों में वहाँ के इको सिस्टम के अनुसार परंपरागत औषधीय पौधों और सुगन्धित पौधों को उगाने से लेकर उनकी प्रोसेसिंग,ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं विक्रय की सम्पूर्ण वैल्यू चेन विकसित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनुसूचित जनजाति के भाई-बहनों को सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार देने की घोषणा की।


अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग की सुरक्षा, सम्मान, रोजगार और शिक्षा की भरपूर चिंता की जाएगी। बजट में इसके लिए 17 हजार 980 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संविधान में संशोधन कर पिछड़ा वर्ग के बहनों और भाईयों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक आयोग का दर्जा दिया गया है। हमारी सरकार पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। पिछड़े वर्गों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक नया आयोग गठित किया जाएगा, जो व्यापक पैमाने पर पिछड़ा वर्ग की स्थितियों का अध्ययन कर उनकी स्थिति में सुधार के लिए अपनी अनुशंसाएँ देगा। पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए हमारी सरकार कृतसंकल्पित है।


सामान्य निर्धन वर्ग का कल्याण


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सामान्य निर्धन वर्ग का कल्याण भी सुनिश्चित किया जाएगा। अल्पसंख्यक समुदाय घुम्मकड़ और अर्द्ध घुम्मकड़ को भी स्थाई बसेरा मिले और वे समाज की मुख्यधारा में लौट आएं। इसके लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे।


सांस्कृतिक विविधता


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की संस्कृति पर्याप्त समृद्ध है। यहाँ की सांस्कृतिक विविधता अद्भुत है। ओमकारेश्वर में अद्वैत वेदांत संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, यहां आचार्य शंकर की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी तथा अनुसंधान कार्य भी होंगे। देवी अहिल्या बाई और बाजीराव पेशवा का स्मारक बनाने के साथ-साथ ग्वालियर में अटल जी की स्मृति में विशाल स्मारक बनाया जाएगा।


माफियाओं के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाई


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में माफियाओं के विरुद्ध चले अभियान की सफलता के लिए पुलिस को बधाई दी। पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से लैस करने, नई तकनीक उपलब्ध कराने का कार्य निरंतर जारी है। शराब माफियाओं के विरुद्ध कठोर अभियान निरंतर जारी है। इस दिशा में कड़े प्रावधान किए गए हैं। अवैध शराब और जहरीली शराब के कारोबार में लगे अपराधियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में माताओं बहनों की सुरक्षा के लिए मुस्कान अभियान संचालित हैं इसके अच्छे परिणाम आए हैं। पुलिस का नक्सलियों के विरुद्ध अभियान भी प्रभावी रहा है।


कर्मचारियों के हित का ध्यान


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक ले जाने के कर्मचारी महत्वपूर्ण माध्यम हैं। पिछले दिनों आर्थिक संकट के कारण अपेक्षित महंगाई भत्ता और सुविधाएं कर्मचारियों को देने में राज्य सरकार असमर्थ रही है। अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के प्रयास जारी हैं। जल्द ही कर्मचारियों को भत्ते आदि दिलाए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कर्मचारियों से पूरी लगन, निष्ठा और समर्पण से अपने दायित्वों का निर्वहन करने की अपील की।


कोविड प्रबंधन एवं टीकाकरण


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड प्रबंधन के लिए हमारी रणनीति के 05 स्तम्भ हैं- आईडेंटीफिकेशन, टेस्टिंग, आईसोलेशन, ट्रीटमेंट एवं वैक्सीनेशन। संनियोजित रणनीति, त्वरित निर्णय और साझे प्रयासों के चलते मध्यप्रदेश, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने में भी सफल रहा है। कोविड संक्रमण से बचाव का एक प्रमुख उपाय है- टीकाकरण। मध्यप्रदेश में टीकाकरण को एक जन-उत्सव का रूप दिया गया है। टीकाकरण- महाअभियान में 21 जून, 2021 को मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड 16 लाख 95 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया। अब तक वैक्सीन के 3 करोड़ 75 लाख जीवन-रक्षक डोज लगाए जा चुके हैं। दिनांक 25 एवं 26 अगस्त, 2021 को कोविड वैक्सीनेशन का महा-अभियान चलाया जाएगा।


जनभागीदारी मॉडल


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने जन-सहभागिता के साथ निर्णय की पद्धति को मूल मंत्र बनाकर हर स्तर पर समाज को कोविड संबंधी निर्णयों में भागीदार बनाया। नियंत्रण और निर्णय भोपाल से नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए लिए गए। प्रत्येक जिले में जिला, विकासखण्ड, वार्ड और ग्राम स्तरीय क्राईसिस मैनेजमेन्ट ग्रुप्स का गठन किया गया। मध्यप्रदेश के जन-भागीदारी आधारित कोरोना आपदा प्रबंधन मॉडल को पूरे देश में सराहना मिली है।


तीसरी लहर की तैयारी


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना की संभावित तीसरी लहर से सुरक्षा के लिए एक सुनियाजित रणनीति बनाते हुए समस्त आवश्यक तैयारियाँ की गई हैं। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना, ऑक्सीजन प्रबंधन, दवा, इंजेक्शन और उपकरणों की उपलब्धता, मानव संसाधन का प्रबंधन तथा प्रशिक्षण एवं ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल पर विशेष फोकस किया गया है। प्रतिदिन अधिक से अधिक कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं।


आयुष्मान भारत- निरामयम् मध्यप्रदेश योजना


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक जरूरतमंद को समय पर उपचार मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। “आयुष्मान भारत- निरामयम् मध्यप्रदेश” योजना में हमने प्रत्येक पात्र परिवार को प्रति वर्ष पाँच लाख रूपए तक की राशि के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई है। अब तक 2 करोड़ 50 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए “योग से निरोग” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। प्रदेश के लगभग 3 हजार योग प्रशिक्षकों द्वारा 1 लाख 15 हजार से अधिक मरीजों को योग, आसन एवं प्राणायाम आदि का अभ्यास कराया गया।


आत्मनिर्भर भारत


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की आत्म- निर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के चार स्तंभों-भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य तथा अर्थ व्यवस्था एवं रोजागार के लिए निर्धारित आउटकम्स एवं आउटपुट्स की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।


अधोसंरचना विकास


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि अधोसंरचना, विकास का आधार है। प्रदेश में वर्ष 2024- 25 तक सिंचाई क्षमता को 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य है। केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना से मध्यप्रदेश को 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई, 41 लाख आबादी को पेयजल तथा 103 मेगावाट की विद्युत सुविधा प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश में इस वर्ष 2 हजार किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन, ढाई हजार किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण और 80 बड़े पुल एवं रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों पर 5 हजार 530 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे।


बिजली पर 21 हजार करोड़ का अनुदान


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि विद्युत के क्षेत्र में निरंतर आत्म-निर्भर बने रहने के लिए विद्युत उपलब्धता में इस साल 2 हजार 200 मेगावाट की वृद्धि की योजना है। खेती और घरेलू उपयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा बिजली पर लगभग 21 हजार करोड़ रुपए की सबसिडी दी जा रही है ताकि हर गरीब को सस्ती दर पर बिजली मिल सके। राज्य सरकार ऊर्जा साक्षरता अभियान प्रारंभ करने जा रही है। इसके माध्यम से स्कूलों-कॉलेजों के विद्यार्थियों को सौर ऊर्जा और ऊर्जा की बचत के विषय में जानकारी दी जायेगी।


हर घर तक नल द्वारा पेयजल


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हर गाँव में घर-घर तक  पीने का शुद्ध जल पहुँचाने के लिए जल जीवन मिशन प्रारंभ किया। इस मिशन के अंतर्गत हमने वर्ष 2023 तक प्रदेश के कुल एक करोड़ 22 लाख ग्रामीण परिवारों के हर घर में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है।


किसानों का कल्याण


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में वर्ष 2021-22 में प्रथम किस्त के रूप में 75 लाख किसानों को लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लगभग 81 लाख किसानों को अब तक लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की राशि का वितरण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में लगभग 9 हजार करोड़ रुपए से अधिक की दावा राशि का 45 लाख 40 हजार से जयादा पात्र किसानों को भुगातान किया जा चुका है। वर्ष 2020-21 में प्राथमिक सहकारी साख समितियों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपए का फसल ऋण वितरित किया गया है। इस साल 17 लाख 94 हजार किसानों से लगभग 130 लाख मीट्रिक टन गेहूँ, चना एवं मसूर का उपार्जन कर लगभग 26 हजार करोड़ रुपए का उन्हें भुगतान किया गया है।


स्वामित्व योजना


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 30 जिलों में आबादी सर्वे का कार्य प्रचलित है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिस भूमि पर मकान बने हैं, उस पर स्वामित्व सम्बंधित लोगों को दिया जा रहा है। एक हजार 826 गाँवों के गरीब पौने तीन लाख से ज्यादा हितग्राहियों के अधिकार अभिलेख तैयार हो गए हैं।


पूंजी निवेश में वृद्धि


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सकारात्मक निवेश वातावरण के कारण प्रदेश में पूँजी निवेश में वृद्धि हुई है। व्यापार को सरल बनाने की दिशा में हम तेजी से कार्य कर रहे हैं। एक जिला- एक उत्पाद योजना के अंतर्गत सभी जिलों के 64 विशिष्ट उत्पादों का चयन कर लिया गया है। लोकल को वोकल बनाने की दिशा में यह एक सार्थक कदम है। प्रदेश में सूक्ष्म,लघु  एवं मध्यम उद्योगों के क्लस्टर आधारित विस्तार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश में फर्नीचर, खिलौना, टेक्सटाईल,फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग आदि विभिन्न क्षेत्रों के 13 क्लस्टर विकसित किए जायेंगे।


स्वच्छता में आगे


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में इंदौर शहर लगातार चौथी बार देश में सबसे स्वच्छ शहर और भोपाल स्वच्छतम स्व-संवहनीय राजधानी बना है। प्रदेश के 74 शहर ओ.डी.एफ.प्लस और 290 शहर ओ.डी.एफ. डबल प्लस प्रमाण-पत्र पाने में सफल रहे हैं।


पथ व्यवसाइयों, मजदूरों को रोजगार


 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 के कठिन दौर में पथ पर व्यवसाय करने वाले भाई-बहन प्रभावित हुए हैं। उनकी आजीविका संरक्षण की पीएम स्व-निधि योजना के क्रियान्वयन में हम देश में द्वितीय हैं। प्रदेश के 12 लाख शहरी और ग्रामीण पथ विक्रताओं को कोविड की दूसरी लहर के दौरान प्रति विक्रेता 1 हजार रुपए के मान से लगभग 120 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी गई। कोरोना संक्रमण के दौरान एक करोड़ 6 लाख से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मनरेगा से रोज़गार दिलाकर हम देश में अग्रणी रहे हैं।


प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत्‍एक करोड़ 15 लाख पात्र परिवारों के लगभग 5 करोड़ हितग्राहियों को 25 हजार से अधिक राशन दुकानों से नि:शुल्क खाद्यान्न थैले में देने का शुभारंभ  प्रधानमंत्रीजी द्वारा 7 अगस्त को किया गया।


स्व-सहायता समूहों  एवं महिलाओं का सशक्तीकरण


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण हमारा संकल्प है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बिटिया के जन्म के समय 2 हज़ार रुपये उसके खाते में डाले जाएंगे। लाड़ली लक्ष्मी बेटियां जैसे ही कॉलेज में प्रवेश करेंगी उन्हें 20 हज़ार रुपय प्रदान किए जाएंगे। बेटियों की नि:शुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था रहेगी। पिछले 16 माह में हमने 1 लाख 15 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों को लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराये हैं। लगभग 11 हजार स्व-सहायता समूहों ने प्रदेश के 58 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए 1 करोड़ 17 लाख गणवेश तैयार कर अपनी उद्यम क्षमता का परिचय दिया है।


ट्रांसजेंडरों को पहचान-पत्र


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ट्रांसजेंडरों को पहचान पत्र जारी करने वाला देश का पहला प्रदेश है। गैस त्रासदी में दिवंगतों की कल्याणी बहनों को एक हजार रुपए प्रतिमाह की पेंशन हमने पुन: शुरू कर दी है। अब तक 6 लाख से अधिक दिव्यांगों के पहचान- पत्र बनाए जा चुके हैं।


नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी पथ-प्रदर्शक है। प्रदेश में “ सीएम राइज योजना” के प्रथम चरण में 350 विद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। अगले शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में लागू किया जाएगा। राज्य के युवाओं को विश्व-स्तरीय कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण किया जा रहा है।


खेलों को प्रात्साहन


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में विश्वस्तरीय खेल अकादमियों की स्थापना की गई। इन अकादमियों में खिलाड़ियों को समस्त आवश्यक सुविधाएँ एवं अंतर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप प्रशिक्षण की व्यवस्था है। प्रदेश की खेल अकादमियों में प्रशिक्षण प्राप्त 10 खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर प्रदेश को गौरवान्वित किया है। मध्यप्रदेश के बेटे विवेक सागर और प्रदेश की हॉकी अकादमी के ट्रेनी नीलकांता शर्मा ने पूरे विश्व में मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है।


आपदा प्रबंधन


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए मंत्रालय में अत्याधुनिक “कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर” स्थापित किया गया है, जहाँ से आपदा राहत एवं बचाव कार्य की प्रभावी एवं लाइव मॉनिटरिंग संभव हुई है। विगत दिनों ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र के जिलों में अत्यधिक वर्षा से बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई। तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किये गए और नागरिकों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से सुरक्षित निकाला गया। बाढ़ प्रभावित सभी क्षेत्रों में  राहत एवं बचाव कार्य युद्ध-स्तर पर किए जाकर जनता की हरसंभव सहायता की जा रही है। आपदा में जिनके घर टूट गए हैं अथवा बह गए हैं, उनके नये मकान बनवाये जाएँगे। बाढ़ प्रभावित परिवारों को नि:शुल्क राशन के अतिरिक्त उनके सामान, अनाज, फसल एवं अन्य क्षतियों का आंकलन कर, उसके लिए पृथक से सहायता दी जा रही है।


मुख्यमंत्री कोविड- 19 विशेष अनुग्रह योजना


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना लागू कर पात्र दिवंगत शासकीय सेवायुक्तों के परिजनों के 188 प्रकरणों में 6 करोड़ 81 लाख रुपए की अनुग्रह सहायता दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना में अब तक दिवंगत शासकीय सेवायुक्तों के 441 पात्र परिजनों को विभिन्न पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने संबोधन के पूर्व परेड का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा संबोधन के उपरांत प्रदेश पुलिस के पदक विजेता अधिकारियों को राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए गए पदक वितरित किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा परेड कमांडर एवं प्लाटून कमांडरों का परिचय प्राप्त किया गया।

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