BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में प्रभावी बदलाव करें,विद्यार्थियों को मौलिकता के साथ नये प्रयोगों के लिए मिले प्रेरणा और प्रोत्साहन शिक्षा को और अधिक समाजोपयोगी बनाया जाए : राज्यपाल श्री पटेल

 Education Policy New,National Education Policy,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 PDF Download,नई शिक्षा नीति 2020 Drishti IAS,नई शिक्षा नीति 2020 PDF in Hindi,राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० क्या है,भारत की नई शिक्षा नीति 2020,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विशेषताएं,नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निबंध,नई शिक्षा नीति के नियम,Mangu Bhai Patel



 भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि शिक्षा को और अधिक समाजोपयोगी बनाया जाए। हमारे युवाओं को जीवन मूल्यों, मानकों एवं उत्तरदायित्वों के प्रति सजग बनाने और राष्ट्र की उन्नति में सक्रिय योगदान के लिए प्रेरित किया जाए। राज्यपाल आज बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 51वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को ज्ञान विज्ञान भवन में संबोधित कर रहे थे।


राज्यपाल श्री पटेल विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में प्रभावी बदलाव करें, जिससे विद्यार्थियों में मौलिकता का विकास हो। उन्हें नये प्रयोगों के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन मिले। विद्यार्थी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ग्रहण कर, अपनी क्षमता एवं योग्यता से देश के विकास में सक्रिय योगदान देने में सक्षम हो। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा भी मौजूद थे।


राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शिक्षा के प्रसार के साथ विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व, कर्त्तव्यबोध, नैतिक मूल्य, सेवा और स्वावलंबन के भावों को विकसित करना चाहिए, ताकि आगे चलकर वे राष्ट्र एवं स्वस्थ समाज के निर्माण में प्रभावी योगदान दे सकें। उन्होंने देश में सर्वाधिक वैक्सीनेशन मध्यप्रदेश में होने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उपलब्धि सरकार और समाज की सहभागिता से प्राप्त सफलता का शानदार उदाहरण है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार और प्रदेशवासियों को बधाई दी। राज्य को प्रोत्साहन के रूप में 14 लाख वैक्सीन की डोज़ अतिरिक्त देने लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति भी आभार और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और कर्मचारियों की वैक्सीनेशन कार्य सहयोग के लिए सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैचारिक विमर्श के कार्यक्रमों में छात्रों की सहभागिता की जरूरत बताई।


राज्यपाल श्री पटेल ने ऑनलाइन शिक्षण से समाज के पिछड़े विस्तारों, वंचित वर्गों, महिलाओं में शिक्षा प्रसार के प्रयासों पर बल देने के लिए कहा है। उन्होंने उपलब्ध तकनीक को निरन्तर अद्यतन करने के साथ ही शोध और अनुसंधान के प्रयासों की भी जरुरत बताई। उन्होंने विश्वविद्यालयों को आगामी शिक्षण सत्र को ध्यान में रखते हुए संभावित चुनौतियों का सामना करने की विस्तृत कार्य-योजना तैयार करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का सपना आज संकल्प में परिवर्तित हो गया है। युवाओं का आव्हान किया कि वे आत्म-निर्भरता को दिल और दिमाग में बैठा लें। आत्म-निर्भरता के खुद प्रयास करने के साथ ही उन्हें दूसरों के प्रयासों में भी मदद करनी चाहिए।


उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हर विश्वविद्यालय में कृषि संकाय हो। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से सबक लेते हुए चिकित्सा के प्रचलित दायरे से बाहर आने की आवश्यकता महसूस की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रुप में जो अवसर मिला है। उसे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में नया आयाम दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता के प्रयासों में कदम से कदम मिलाकर चलेगी। उन्होंने संसाधनों के पारस्परिक उपयोग की जरुरत बताई। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के पास इन्क्यूबेशन सेंटर बनाने के पूंजीगत संसाधन उपलब्ध है, लेकिन मानव संसाधन की कमी है। जबकि विश्वविद्यालय के पास मानव संसाधन है, पूँजीगत संसाधन नहीं है। उज्जैन में विक्रम विश्वविद्यालय और स्मार्ट सिटी ने पारस्परिक समन्वय कर, इन्क्यूबेशन सेंटर शुरु किया है, जिसका संचालन विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। इस प्रकार के नवाचारों का अनुसरण किया जाना चाहिए


राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री ने आज विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त हो रहे कुलसचिव श्री एस.एस. त्रिपाठी को भावी जीवन की शुभकामनाएँ दी। विश्वविद्यालय के प्रकाशनों का विमोचन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में कदंब के पौधे का रोपण किया। माँ सरस्वती को पुष्पांजलि और दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। स्वागत उद्बोधन में कुलपति आर.जे. राव ने बताया कि विश्वविद्यालय आई.एस.ओ. प्रमाण-पत्र धारक है। इसे 2025 तक विश्वस्तरीय बनाने के लक्ष्य पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। आभार प्रदर्शन कुलसचिव ने किया।

« PREV
NEXT »