जमशेदपुर। हिंदी साहित्य अकादमी की ओर से तुलसी भवन में एक भव्य काव्य संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के अनेक प्रमुख कवि-कवयित्रियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम का उद्देश्य हिंदी साहित्य के संवर्धन के साथ-साथ उभरती प्रतिभाओं को पहचान और बड़ा मंच प्रदान करना रहा। समारोह की शुरुआत महासचिव निशांत सिंह के उत्साहपूर्ण स्वागत वक्तव्य से हुई। इसके बाद मंच पर एक से बढ़कर एक काव्य प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को साहित्यिक रस में डूबो दिया। सामाजिक सरोकारों, स्वतंत्रता की चेतना, मानवीय भावनाओं और वर्तमान जीवन के संघर्षों को अभिव्यक्त करती कविताओं ने दर्शकों को गहराई तक प्रभावित किया। हृदयांश राज, सुष्मिता मिश्रा, शुभम पांडेय, रीना सिन्हा, क्षमाश्री दुबे, राजेंद्र राज शाह, वरुण प्रभात, आरती शर्मा, पूनम महानन्द, डॉ. सुनीता बेदी, मनीष सिंह वंदन, डॉ. वीणा पांडेय भारती, माधवी उपाध्याय और उपासना सिन्हा जैसे प्रतिष्ठित रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से कार्यक्रम में साहित्यिक गरिमा बढ़ाई।
गंभीर भावभूमि के बीच हास्य-व्यंग्य की चुटीली प्रस्तुतियों ने भी श्रोताओं को खूब आनंदित किया। जय कुमार शाही की प्रस्तुति पर दर्शकों की तालियाँ और ठहाके गूँजते रहे। वहीं डार्क वॉइस की ऊर्जावान बीटबॉक्सिंग ने कार्यक्रम में आधुनिकता का रंग भर दिया, जिसे विशेष रूप से युवाओं ने सराहा। युवा रचनाकारों का मनोबल बढ़ाने के लिए मंच पर मंजू ठाकुर, कृष्णा सिन्हा और डॉ. प्रसेनजित तिवारी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष पूनम महानन्द और वरुण प्रभात ने दक्षता व सौम्यता के साथ किया। साहित्यप्रेमी दर्शकों की भारी संख्या में उपस्थिति ने साबित कर दिया कि शहर में साहित्यिक गतिविधियों के प्रति उत्साह लगातार बढ़ रहा है। हिंदी साहित्य अकादमी ने इसे शहर में साहित्यिक चेतना को नई दिशा देने वाला कदम बताते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की निरंतर श्रृंखला जारी रखने का संकल्प लिया। आयोजन ने न सिर्फ रचनात्मकता को प्रोत्साहन दिया, बल्कि जमशेदपुर में साहित्यिक माहौल को और अधिक प्रखर बनाने की उम्मीद भी जगाई।



