ऑनलाइन राइड बुकिंग सेवाओं का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित, सुविधाजनक और किफायती सफर उपलब्ध कराना है, लेकिन हाल के दिनों में रैपिडो (Rapido) जैसी सेवाओं को लेकर ग्राहकों की शिकायतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लोग बताते हैं कि कई बार राइड अचानक कैंसल कर दी जाती है, तो कभी ड्राइवर सीधे फोन कर अतिरिक्त पैसों की मांग करते हैं। यदि ग्राहक मना करे तो ड्राइवर जानबूझकर राइड कैंसल नहीं करते और ग्राहक को लंबा इंतजार करवाते हैं। इस वजह से ग्राहक मजबूरी में अधिक पैसा देने पर विवश हो जाते हैं और यात्रा का खर्च कई बार 80 रुपये से बढ़कर 130 रुपये या 250 रुपये से 300 रुपये तक पहुंच जाता है।
समस्या केवल यहीं खत्म नहीं होती। कई ड्राइवर अब यह भी पूछते हैं कि ग्राहक के ऐप में कितना किराया दिख रहा है। जब ग्राहक बताता है, तो वे ग्राहक का मोबाइल देखने की भी कोशिश करते हैं, ताकि वे किराये की जानकारी खुद चेक कर सकें और फिर उसी आधार पर अतिरिक्त पैसे की मांग कर सकें। यह न सिर्फ गलत है, बल्कि यात्री की सुरक्षा और गोपनीयता पर भी सवाल खड़े करता है। कुछ मामलों में ड्राइवरों का रवैया इतना कठोर और डराने वाला होता है कि ग्राहक खुद को असुरक्षित महसूस करने लगता है। इन सभी घटनाओं से ग्राहकों में डर और अविश्वास बढ़ रहा है। लोग सोचते हैं कि ऑनलाइन राइड इसलिए बुक करते हैं ताकि उन्हें सुरक्षित और परेशानी मुक्त सफर मिले, लेकिन अब तो इसकी वजह से असुरक्षा और तनाव बढ़ रहा है। यदि ऐसे मामलों पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो यह यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा बन सकता है। साथ ही ग्राहक सपोर्ट से भी समय पर मदद न मिलने के कारण स्थिति और खराब हो जाती है।
इन शिकायतों को देखते हुए आवश्यक है कि कंपनियां इस पर कड़ा कदम उठाएं और ऐसे ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। ग्राहकों को भी चाहिए कि वे इस तरह की हर घटना की रिपोर्ट समय रहते प्लेटफॉर्म पर और संबंधित अधिकारियों को दें। ऐसा करने से इस मनमानी पर रोक लगाई जा सकती है और ऑनलाइन राइड सेवाओं में लोगों का भरोसा फिर से कायम हो सकता है।



