राजगढ़(धार)। धर्मनगरी राजगढ़ में सनातन धर्म के 38वें कुंभ के अंतर्गत आयोजित 13 मंदिरों के श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के समापन अवसर पर सोमवार को एक ऐतिहासिक एवं भव्य धर्मयात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत कर आस्था और उल्लास का अनूठा संगम प्रस्तुत किया।
यात्रा का शुभारंभ नगर के अतिप्राचीन 'पांच धाम एक मुकाम' श्री माताजी मंदिर से हुआ। यात्रा की शोभा देखने के लिए नगरवासी अपने-अपने घरों की छतों और ओटलों पर उमड़ पड़े। बीच में हुई बारिश ने भी श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं आने दी। श्री सनातन समाज के तत्वावधान और श्री चारभुजा युवा मंच के सहयोग से निकाली गई इस यात्रा ने 38 वर्षों से चली आ रही गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया।
इस धर्मयात्रा में एसडीएम आशा परमार, एसडीओपी विश्वदीप परिहार,थाना प्रभारी दीपक सिंह चौहान भी शामिल हुए। यात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। जानकारी अनुसार 70 से अधिक पुलिस जवान ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली।
समाज की एकजुटता का प्रतीक बनी यात्रा
यात्रा में क्षत्रिय राजपूत समाज की महिलाएं एक समान साड़ी पहनकर शामिल हुईं,जो सामाजिक सौहार्द और एकजुटता का प्रतीक था। वहीं, श्रीचारभुजा युवा मंच के सदस्यों ने एक समान वेशभूषा में लाल रंग की पगड़ी धारण करके यात्रा में एक अलग ही ऊर्जा का संचार किया।
देश के चार कोनों के कलाकारों ने बढ़ाया यात्रा का शुमार
इस यात्रा की खास बात यह रही कि इसमें देश के चार अलग-अलग प्रदेशों के कलाकारों ने अपनी अनूठी प्रस्तुतियों के साथ शिरकत की। दिल्ली के 'चिराग ग्रुप' के कलाकारों ने धार्मिक प्रस्तुतियां दीं, तो वहीं बड़ौदा (गुजरात) के 'मां शक्ति ग्रुप' के कलाकारों ने शक्ति के विभिन्न रूपों पर आधारित मनमोहक प्रदर्शन किया। राजस्थानी कच्छी घोड़े ने भी यात्रा की शोभा बढ़ाई।
बग्गियों में विराजमान थे कथावाचक,शहरवासियों ने लिया आशीर्वाद
यात्रा का शुभारंभ लगभग दोपहर 12 बजे श्री माताजी मंदिर प्रांगण से हुआ। यात्रा के अग्रभाग में घोड़ों पर सवार युवाओं ने भगवा ध्वज लहराकर मार्ग प्रशस्त किया। खास आकर्षण का केंद्र सात सजी-धजी बग्गियां रहीं, जिन पर 13 मंदिरों के कथावाचक विराजमान हुए और रास्ते में खड़े शहरवासियों का अभिवादन स्वीकार करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। प्रत्येक बग्गी के आगे ढोल, डीजे और बैंड की धुनों पर श्रद्धालु जमकर थिरकते नजर आए।
समाज की एकजुटता का प्रतीक बनी यात्रा
यात्रा में क्षत्रिय राजपूत समाज की महिलाएं एक समान साड़ी पहनकर शामिल हुईं,जो सामाजिक सौहार्द और एकजुटता का प्रतीक था। वहीं, श्रीचारभुजा युवा मंच के सदस्यों ने एक समान वेशभूषा में लाल रंग की पगड़ी धारण करके यात्रा में एक अलग ही ऊर्जा का संचार किया।
13 मंदिरों में इन पूज्य कथाव्यास ने बहाई थी धर्मगंगा
श्री चन्द्रप्रकाशजी दवे लाबरिया,श्री लालबाई फूलबाई माता मन्दिर,श्री कृष्णकांतजी शर्मा छडावद,श्री राधाकृष्ण शेषशायी क्षत्रिय राजपूत समाज मन्दिर,श्री महेशजी शर्मा,राजोद श्री सरकारी राम मन्दिर,श्री मधुसूदनजी शर्मा, फुलगांवड़ी,श्री राम मन्दिर दलपुरा,श्री रवि जी शर्मा,श्री आई माताजी मन्दिर दलपुरा,श्री मयंकजी शर्मा, राजगढ़,श्री सेन समाज राम मन्दिर,श्री हेमंतजी भारद्वाज,श्री माताजी मन्दिर,श्री अखिलेशजी शर्मा कंजरोटा श्री नागेश्वर महादेव मन्दिर मंडी प्रांगण,श्री सुभाषजी शर्मा (दत्तीगांव वाले),श्री चारभुजाजी मन्दिर,श्री मनोजजी दवे, नामली वाले,श्री देववंशी मालवीय लोहार समाज श्री राम मन्दिर,श्री अभिषेकजी व्यास, बलोदा,श्री बाबा रामदेव मन्दिर चारण समाज,श्री लखनजी शर्मा,राजगढ़,श्री राधाकृष्ण गवली समाज मन्दिर.।
भव्य झांकियों और भक्ति संगीत से गूंजा नगर
यात्रा में मध्यप्रदेश के साथ-साथ दिल्ली, महाराष्ट्र,गुजरात और राजस्थान के कलाकारों ने भाग लिया। इसमें श्री लड्डू गोपालजी की पालकी, बाबा श्याम का दरबार, श्री तिरूपति बालाजी, श्रीनाथजी, श्री पंचमुखी हनुमानजी, श्री नंदीजी और श्री विष्णुजी भगवान की भव्य झांकियां शामिल थीं। बच्चों के मनोरंजन के लिए मोटू-पतलू, राजा-रानी और पांडा जैसे किरदारों ने भी मनमोह लिया। यात्रा के अग्रभाग में घोड़ों पर सवार युवाओं ने भगवा ध्वज लहराकर मार्ग प्रशस्त किया। सात सजी-धजी बग्गियों पर 13 मंदिरों के कथावाचक विराजमान हुए, जिन्होंने रास्ते में खड़े श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। ढोल,डीजे और बैंड की धुनों पर श्रद्धालु जमकर थिरकते नजर आए। साथ ही, प्रसिद्ध भजन गायक जीतू धोरा, विवेक अग्निहोत्री और गायिका दीपिका सोनी ने भक्ति रस से सराबोर कर देने वाली मधुर प्रस्तुतियाँ देकर समां बांध दिया।
लगभग छह घंटे तक चला नगर भ्रमण,आयोजकों ने किया सम्मानित
लगभग छह घंटे तक नगर भ्रमण करने के बाद यात्रा पुनः श्री माताजी मंदिर पहुंची, जहां श्रीचारभुजा युवा मंच द्वारा सभी कथावाचकों और कलाकारों का शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। यात्रा के सफल आयोजन पर 50 से अधिक धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजक समिति का सम्मान भी किया गया। यात्रा मार्ग में कई स्थानों पर यात्रियों के लिए चाय, नाश्ते और स्वल्पाहार की उत्तम व्यवस्था भी की गई थी।
यह उक्त जानकारी मंच के मीडिया प्रभारी प्रभुसिंह राजपूत ने दी।