सक्तेशगढ़-राजगढ़ में भारी बारिश से तबाही: 6 मकान जमींदोज, जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के सक्तेशगढ़ और राजगढ़ क्षेत्र में हुई तेज बारिश ने भारी तबाही मचाई है। पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण पूरे क्षेत्र में भीषण जलभराव हो गया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 6 मकान जमींदोज हो गए हैं और कई अन्य मकान जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं, जिससे लोगों को भारी नुकसान हुआ है।
रात में हुई घटना, परिवारों ने बचाई जान
स्थानीय निवासियों, मीरा और ममता ने बताया कि यह घटना रात करीब 2 बजे हुई, जब उनके मकान की कच्ची दीवारें दरकने लगीं। परिवार के सदस्यों ने किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर निकले। मकान गिरने से उनका घरेलू सामान तो बर्बाद हो ही गया, साथ ही 50 किलो चावल, 200 किलो धान और 50 किलो गेहूं जैसी महत्वपूर्ण खाद्य सामग्री भी मिट्टी में दबकर पानी से खराब हो गई। हालांकि, वे अपने बर्तन निकालने में सफल रहे, लेकिन खाद्य सामग्री का नुकसान उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। यह दिखाता है कि अचानक आई इस आपदा ने लोगों को संभलने का भी मौका नहीं दिया।
तालाब बना खेत, लोगों ने खुद किया पानी निकासी का इंतजाम
बस्ती के लोगों के अनुसार, पास के खेत में इतना पानी भर गया कि वह एक बड़े तालाब जैसा दिखने लगा। यह पानी धीरे-धीरे बस्ती में घुसने लगा, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। जलभराव से निजात पाने के लिए, लोगों ने रात में ही एकजुट होकर गांव के चकरोट (गांव के चारों ओर बना रास्ता) को काटकर पानी निकालने का रास्ता बनाया। इस अस्थायी रास्ते से अभी भी पानी निकल रहा है, जो जलभराव की गंभीरता को दर्शाता है। यह ग्रामीणों की सूझबूझ और सामूहिक प्रयास का उदाहरण है, जिन्होंने खुद को बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस मामले की जानकारी मिलने के बाद, तहसीलदार आशीष पांडे ने कहा कि क्षेत्रीय लेखपाल को मौके पर भेजकर स्थिति का जायजा लिया जाएगा। प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन करने और प्रभावित परिवारों को आवश्यक सहायता प्रदान करने की उम्मीद है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी निकासी की स्थायी व्यवस्था न होने के कारण हर साल उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष
सक्तेशगढ़ और राजगढ़ क्षेत्र में भारी बारिश से हुई तबाही ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी की उचित व्यवस्था की कमी को उजागर किया है। 6 मकानों का जमींदोज होना और खाद्य सामग्री का नुकसान प्रभावित परिवारों के लिए एक बड़ी त्रासदी है। प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई और दीर्घकालिक समाधानों पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित जीवन मिल सके।