एमपी में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: युवाओं को मिलेगी राहत
भोपाल: मध्य प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की सरकार अब सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक नई भर्ती प्रक्रिया का प्रारूप तैयार किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों को अलग-अलग विभाग के एक ही पद के लिए बार-बार परीक्षाएं देने की परेशानी से मुक्त करना है। यह बदलाव खासतौर पर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बड़ा राहत भरा साबित होगा।
नई भर्ती प्रणाली का प्रारूप तैयार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप सामान्य प्रशासन विभाग ने नई भर्ती प्रणाली को लेकर प्रारूप तैयार कर लिया है। यह प्रस्ताव जल्द ही मुख्य सचिव अनुराग जैन के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अंतिम मंजूरी ली जाएगी। इस प्रस्ताव के अमल में आने से न केवल परीक्षार्थियों का समय और धन बचेगा, बल्कि भर्ती प्रणाली भी अधिक दक्ष और पारदर्शी बनेगी। यह कदम राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
भर्ती प्रक्रिया में ये होंगे अहम बदलाव
नए प्रस्ताव के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण संरचनात्मक बदलाव किए जाएंगे:
कम परीक्षाएं: राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) अब केवल 6 प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करेगा, जिसमें प्रशासनिक सेवा और वन सेवा शामिल होंगी।
श्रेणीबद्ध परीक्षाएं: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (MPESB, पूर्व में व्यापमं) 5 प्रमुख श्रेणियों की परीक्षाएं आयोजित करेगा, जिसमें इंजीनियरिंग, शिक्षा, कृषि, स्नातक एवं परास्नातक डिग्रीधारकों के लिए परीक्षाएं होंगी।
एक मेरिट लिस्ट: प्रत्येक श्रेणी के लिए एक ही मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर विभिन्न विभागों में नियुक्तियां होंगी।
वैकल्पिक विभाग चयन: उम्मीदवारों को आवेदन के समय ही विभागों के वैकल्पिक नाम भरने होंगे, जिससे चयन के बाद विभाग बदलने की समस्या नहीं रहेगी। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों और विभागों दोनों के लिए अधिक कुशल होगी।
परीक्षार्थियों को क्या होगा लाभ?
इस नई नीति के लागू होने से परीक्षार्थियों को कई बड़े लाभ मिलेंगे:
बार-बार परीक्षा से मुक्ति: अब हर पद के लिए अलग-अलग परीक्षा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे उम्मीदवारों का समय और ऊर्जा बचेगी।
परीक्षा शुल्क की बचत: अलग-अलग आवेदन करने और परीक्षा देने के लिए लगने वाले शुल्क की भी बचत होगी।
अधिक पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण चयन: नई प्रणाली से चयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण होगी, जिससे योग्य उम्मीदवारों को उचित अवसर मिल सकेगा।
विवादों में कमी: परीक्षा परिणामों को लेकर होने वाले विवाद भी कम होंगे, क्योंकि एक केंद्रीकृत मेरिट लिस्ट के आधार पर नियुक्तियां होंगी।
वर्तमान में, पीएससी सालभर में लगभग 25 प्रकार की परीक्षाएं और मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (MPESB) करीब 30 प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करता है। इससे अभ्यर्थियों को बार-बार आवेदन करने और परीक्षा देने की परेशानी होती है। नई नीति के लागू होते ही यह दोहराव खत्म होगा, जिससे उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में प्रस्तावित ये बदलाव प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह पहल न केवल भर्ती प्रक्रिया को सरल, कुशल और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि युवाओं को अनावश्यक बोझ से भी मुक्त करेगी। यह दर्शाता है कि सरकार युवाओं के भविष्य और उनकी आकांक्षाओं के प्रति गंभीर है, और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह नई प्रणाली मध्य प्रदेश में रोजगार के परिदृश्य को नया आकार देगी।