कानपुर, 19 मार्च 2025 – 18 मार्च 2025 को श्री करौली शंकर महादेव (Shree Karauli Shankar Mahadev) धाम में असाध्य रोगों के निवारण हेतु एक दिव्य वैदिक अनुष्ठान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह अनुष्ठान विशेष रूप से कैंसर रोगियों, 14 वर्ष तक के असाध्य रोगों से प्रभावित बच्चों और बीपीएल कार्ड धारकों के लिए आयोजित किया गया था। श्रद्धालुओं ने इसे एक अत्यंत प्रभावशाली और दुर्लभ आध्यात्मिक अनुभव बताया, जो न केवल रोगों के निवारण का माध्यम बना, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और नवचेतना का कारण भी बना। यह अनुष्ठान मिश्री मठ हरिद्वार के तृतीय मठाधीपति और स्मृति महाविज्ञान के प्रणेता पूर्ण गुरु श्री करौली शंकर महादेव जी की कृपा और मार्गदर्शन से सम्पन्न हुआ।
वैदिक अनुष्ठान से नकारात्मक और रोग से जुड़ी स्मृतियों का नष्टिकरण
यह वैदिक अनुष्ठान धाम में आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य नकारात्मक और रोग से जुड़ी स्मृतियों का नष्टिकरण करना था।
स्मृति शुद्धिकरण और प्राकृतिक ऊर्जा संतुलन का महत्व
प्राचीन वैदिक ज्ञान के अनुसार, शरीर में रोग केवल बाहरी कारणों से उत्पन्न नहीं होते, बल्कि इनकी जड़ें शरीर की ऊर्जा प्रणाली, जिसे “स्मृति” कहा जाता है, में होती हैं। शरीर के प्रत्येक कण में उसकी स्मृति संरक्षित रहती है, और यदि यह स्मृति विकृत हो जाती है, तो यह शरीर की ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर देती है, जिससे प्राकृतिक उपचार प्रणाली धीमी हो जाती है। जब इस स्मृति का शुद्धिकरण किया जाता है, तो जीवन ऊर्जा पुनः अपने प्राकृतिक क्रम में स्थापित हो जाती है, जिससे शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता में तेजी आती है। इसके परिणामस्वरूप, रोगियों को ऐसे लाभ मिलते हैं, जो आधुनिक विज्ञान के लिए भी चमत्कारी होते हैं।
रोगियों को कैसे लाभ हुआ
ऊर्जा संतुलन बहाल होने से रोग नष्ट होने की प्रक्रिया में तेजी आई। कैंसर रोगियों की पीड़ा और मानसिक तनाव में स्पष्ट कमी देखी गई। रोगी शारीरिक रूप से हल्का, मानसिक रूप से शांत और ऊर्जावान महसूस करने लगे।
कुछ रोगियों ने अपनी हालत में सुधार और तेजी से रिकवरी होने के प्रमाण दिए, साथ ही रोगियों के आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई।
अगला निःशुल्क वैदिक अनुष्ठान
कैंसर रोगियों के लिए अगला निःशुल्क वैदिक अनुष्ठान 26 अप्रैल 2025 को श्री करौली शंकर महादेव पूर्वज मुक्ति धाम, कानपुर में आयोजित किया जाएगा, जैसा कि पूर्ण गुरु ने बताया।
कैंसर रोगियों के लिए आहार संबंधी सलाह
पूर्ण ने कैंसर रोगियों के लिए भोजन के समय का महत्व समझाया गया:
सुबह 9:00 से 10:00 बजे के बीच भारी भोजन उपयुक्त होता है। दोपहर 12:00 बजे के बाद हल्का भोजन करने की सलाह दी जाती है ताकि पाचन तंत्र पर अधिक दबाव न पड़े। रात्रि में भोजन से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया में विघ्न डाल सकता है।
सुझाए गए आहार और परहेज
कैंसर रोगियों के लिए पूर्ण गुरु ने कुछ विशेष आहार को प्राथमिकता देने की सामूहिक रूप से यूट्यूब लाइव के माध्यम सलाह दी जिस्म उन्होंने बताया कि अंकुरित अनाज (स्प्राउट्स) लाभकारी माने गए हैं, लेकिन पाचन संबंधी समस्या होने पर इन्हें हल्का उबालकर या पीसकर सेवन करने की सलाह दी गई।
देशी गाय के दूध को उपयुक्त माना गया है, लेकिन यदि यह उपलब्ध न हो, तो दूध से परहेज करने की सलाह दी गई। जब दूध का सेवन किया जाए, तो पहले इसे पूरा उबालने और फिर केवल आधा उबालने की सलाह दी गई ताकि यह अम्लीय (एसिडिक) न दलहो जाए।
ताजे फलों का जूस लाभकारी माने गए हैं। मूंग की दाल (पल्सेस) को लाभकारी बताया गया। और इन पदार्थों से बचने की सलाह भी दी: भैंस के दूध का सेवन सीमित करने की सलाह दी गई। सफेद नमक के बजाय सेंधा नमक का उपयोग प्राथमिकता दी गई।
चीनी और कृत्रिम मिठास से पूरी तरह परहेज करने की सलाह दी गई। गेहूं का आटा और भारी भोजन से बचने की बात कही गई, क्योंकि ये पाचन क्रिया को धीमा कर सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और देखभाल का महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर रोगियों के लिए भावनात्मक समर्थन और देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। परिवार के सदस्य और देखभाल करने वाले रोगी के साथ अधिक समय बिताकर मानसिक रूप से उनका समर्थन करें। सहानुभूति और देखभाल एक संजीवनी की तरह कार्य कर सकती है।
कैंसर पर विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कैंसर का कोई सार्वभौमिक उपचार अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर मस्तिष्क की असंतुलित सोच और मानसिक दबाव से उत्पन्न हो सकता है।
हर प्रकार की गाँठ (लंप) और गठिया (आर्थराइटिस) कैंसर नहीं होती; कई मामलों में यह सूजन (इन्फ्लेमेशन) के कारण भी हो सकती है।
आगामी अनुष्ठान में भाग लेने का निमंत्रण
यह निःशुल्क दिव्य वैदिक अनुष्ठान 26 अप्रैल 2025 को श्री करौली शंकर महादेव पूर्वज मुक्ति धाम, कानपुर में आयोजित किया जाएगा जिसमे असाध्य रोगों से पीड़ित 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए एवं BPL कार्ड धारकों के लिए अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा। इच्छुक प्रतिभागी आयुर्वेदिक जीवनशैली और कैंसर से बचाव की प्राकृतिक विधियों के बारे में जानकारी धाम के युट्यूब चैनल से प्राप्त कर सकते हैं।