मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में एमपी टूरिज्म बोर्ड और फिनलैंड की संस्था वी-रियल के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ। इस एमओयू के तहत प्रदेश के पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और संग्रहालयों का वर्चुअल टूर तैयार किया जाएगा।
वर्चुअल टूर से होंगे ये फायदे:
- पर्यटक बिना यात्रा किए भी मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अनुभव कर सकेंगे।
- डिजिटल तकनीक से ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की पहचान बढ़ेगी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
- शैक्षणिक संस्थानों और रिसर्चर्स को प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।
वी-रियल बनाएगी हाई-टेक वर्चुअल टूर
फिनलैंड की डिजिटल तकनीकी विशेषज्ञ संस्था "वी-रियल" अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने में माहिर है। एमपी टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से यह संस्था मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का वर्चुअल टूर विकसित करेगी, जिसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह टूर न केवल आम नागरिकों बल्कि टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी उपयोगी होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का बयान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह पहल मध्यप्रदेश के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में अहम साबित होगी। वर्चुअल टूर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुँचाया जाएगा, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
समारोह में शामिल हुए ये अधिकारी
इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत में फिनलैंड के राजदूत श्री किम्मो लाहदेविर्ता, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला, एमपी टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक सुश्री बिदिशा मुखर्जी और वी-रियल संस्था के सीईओ श्री जोहानेस स्वॉर्डस्टॉर्म सहित कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फिनलैंड के राजदूत का सम्मान करते हुए उन्हें मध्यप्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाली एक कॉफी टेबल बुक भेंट की।
डिजिटल युग में नई पहचान बना रहा मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल प्रदेश के पर्यटन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। वर्चुअल टूर के माध्यम से न केवल प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि पर्यटकों और शोधकर्ताओं को भी एक अनूठा अनुभव मिलेगा। इससे प्रदेश में पर्यटन के नए अवसर भी खुलेंगे।
अब दुनिया भर के लोग मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहरों का डिजिटल माध्यम से जीवंत अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।