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धर्मनगरी राजगढ़ में 13 मंदिरों में एक साथ भागवत कथा,श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूमधाम,श्रीमद् भागवत सप्ताह की समापन धर्मयात्रा 18 को,चार प्रदेशों सहित मध्यप्रदेश के अनेक कलाकार होंगे शामिल

 



  

  राजगढ़ (धार)। मध्यप्रदेश की पावन भूमि राजगढ़ इन दिनों भक्ति और आस्था की अनोखी लहर में डूबी हुई है। यहां 13 सनातन मंदिरों में एक साथ चल रही भागवत कथा का आयोजन अपने 37वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस महाआयोजन में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास और भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। राजगढ़ की गलियों में भक्तों की उमंग और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।


श्रीकृष्ण जन्मोत्सव: भक्ति और उत्साह की अनूठी झलक

आज दोपहर 3 बजे जैसे ही मंदिरों में "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की" के जयकारे गूंजने लगे, पूरा परिसर भक्ति की लहर में समा गया। भक्तों ने श्रद्धा के साथ भगवान श्रीकृष्ण के झूले सजाए और विभिन्न मंदिरों में भगवान की प्रतिमाओं को सिर पर उठाकर भव्य जुलूस निकाला। मंदिरों में फूलों की सजावट, दीपों की रोशनी, और भक्तों के उत्साह से भरे चेहरे, सब मिलकर एक ऐसा माहौल बना रहे थे जो आनंद और भक्तिरस से परिपूर्ण था। हल्दी से रंगे चेहरों और भगवान के जन्म की बधाई की गूंज पूरे नगर में सुनाई दी, मानो खुद वृंदावन धरती पर उतर आया हो।


37 वर्षों से चल रही है यह अनोखी परंपरा  

  1987 में प्रारंभ हुआ यह महोत्सव आज 37 वर्षों की अद्वितीय परंपरा बन चुका है। हर साल 12 सितंबर से 13 मंदिरों में श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा की स्थापना के साथ शुरू होने वाला यह आयोजन, आज हजारों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। भागवत कथा की मधुर ध्वनि और भक्तों का उत्साह इस पर्व को एक आध्यात्मिक महायज्ञ में बदल देता है।


श्री चारभुजा युवा मंच की महत्वपूर्ण भूमिका 

  श्री चारभुजा युवा मंच इस महोत्सव के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संपूर्ण सनातन समाज के सहयोग से आयोजित इस महायज्ञ का समापन एक भव्य धर्मयात्रा के साथ होता है, जो सामाजिक एकता और सामुदायिक सद्भाव का प्रतीक है। धर्मयात्रा का स्वागत करने के लिए नगर के सभी वर्ग और समाज अपनी छतों और गलियों में पलक पांवड़े बिछाए रहते हैं।


यह कह रहे कथा का वाचन-

 श्री पांच धाम एक मुकाम माताजी मंदिर पर ज्योतिषाचार्य श्री पुरुषोत्तम जी भारद्वाज,श्री देववंशी मालवीय लौहार समाज, श्री राम मंदिर श्री सुभाष जी शर्मा दत्तिगाव,श्री मुक्तेश्वर महादेव मंदिर,मण्डी श्री अखिलेश जी शर्मा (कंजरोटा),श्री लालबाई फुलबाई माताजी मंदिर श्री चंद्रप्रकाशजी दवे (लाबरिया),श्री राधाकृष्ण शेषशायी क्षत्रिय राजपुत समाज मंदिर श्री कृष्णकांतजी शर्मा (छड़ावद),श्री शंकर मंदिर मालीपुरा श्री पवनजी शर्मा (राजगढ),श्री सरकारी राम मंदिर श्री सुनिलजी शर्मा (भानगढ़),श्री राधा-कृष्ण गवली समाज मंदिर श्री लखनजी शर्मा (राजगढ़),श्री सेन समाज, राम मंदिर श्री शुभभ जी शर्मा (राजोद), श्री चारभुजाजी मंदिर श्री आचार्य मधुसूदन सिंवाल (देवपुरी राजस्थान),श्री बाबा रामदेव मंदिर, चारण समाज श्री अभिषेकजी व्यास (बालोदा),श्री राम मंदिर,दलपुरा श्री मधुसुदनजी शर्मा,(फुलगांवड़ी),श्री आईमाताजी मंदिर, दलपुरा श्री प्रकाशजी शर्मा (सोनगढ़) ।







विशाल वाहन रैली और समापन यात्रा

  श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा सप्ताह के समापन के उपलक्ष्य में 16 सितंबर, सोमवार को एक विशाल वाहन रैली का आयोजन किया जाएगा। रात्रि 7 बजे से शुरू होने वाली यह रैली पांच धाम एक मुकाम माताजी मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए पुनः माताजी मंदिर प्रांगण में समाप्त होगी।

चार प्रदेशों सहित मध्यप्रदेश के अनेक कलाकार होंगे शामिल

   18 सितंबर, बुधवार को दोपहर 1 बजे से श्रीमद् भागवत सप्ताह की समापन धर्मयात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में प. पूज्य गुरुदेव महामण्डलेश्वर डॉ. नरसिंहदासजी महाराज पीठाधीश्वर चतुर्भुज श्रीराम मंदिर, मांडव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। यात्रा के मुख्य आकर्षणों में श्री लड्डु गोपालजी की भव्य पालकी, बाबा खाटू श्याम का दरबार, इंदौर का प्रसिद्ध मालवा स्टार बैंड, चिराग आर्ट्स, दिल्ली, युवराज ग्रुप (राजस्थानी) उदयपुर, हंसो महाकाल भक्त मंडल, उज्जैन, कथक मंडली राजको, गरुड़जी की झाँकी, और 12 फीट के नरकासुर की झाँकी शामिल हैं। इसके अलावा, फूल तोप, ढोल, ताशा, ऊँट, घोड़ा, बम-बम रथ, और आकर्षक वेशभूषा में सजे कलाकार यात्रा को भव्यता प्रदान करेंगे।

  राजगढ़ में इन दिनों जो भक्ति और आस्था का माहौल है, वह न केवल धार्मिक परंपराओं को जीवित रखता है, बल्कि समाज को एकता, सद्भाव और प्रेम की डोर से भी बांधता है। यह महोत्सव एक ऐसा अनूठा संगम है जो धर्म, समाज और संस्कृति की त्रिवेणी में हर वर्ष आस्था का अमृत बहाता है।

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