संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा नई दिल्ली के ऐतिहासिक पुराना किला में ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ थीम के तहत 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री गोविंद मोहन भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में श्री गोविंद मोहन ने कहा कि योग हमारे मन एवं तन के बीच सामंजस्य और हमारे विचारों एवं कार्यों के बीच संतुलन बढ़ाता है। उन्होंने योग को हमारे दैनिक जीवन में शामिल करने और इसका अभ्यास निरंतर बनाए रखने के महत्व पर विशेष जोर दिया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सामूहिक योगाभ्यास में हिस्सा लिया। आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने संस्थान के परिसर में अपने संबोधन में भारत के प्राचीन योग ज्ञान के विश्वव्यापी प्रभाव पर विशेष जोर दिया और हमारे द्वारा इस गहन योगाभ्यास को अपनाने एवं इससे लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. जोशी ने इसके साथ ही योग को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों की सराहना की और पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम और इस वर्ष जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित योगाभ्यास सत्र के विशेष महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सतत रूप से जारी इस अहम यात्रा में मील का पत्थर है।
योग सत्र का समापन योग प्रशिक्षक डॉ. सत्येंद्र सिंह की अगुवाई में शांति प्रार्थना के साथ हुआ जिस दौरान प्रतिभागी पूरी तरह से योगाभ्यास में जुटे रहे। योग दिवस से पहले आईजीएनसीए ने 21 मई से लेकर 20 जून तक यानी एक माह तक योग कक्षाओं की श्रृंखला आयोजित की थी जिससे संबंधित समुदाय या लोगों के बीच योगाभ्यास के प्रति गहन जुड़ाव को काफी बढ़ावा मिला।