धार जिले में श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ स्थल को झारखंड सरकार ने पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में मंगलवार को जैन समाज के लोगों ने विरोध स्वरूप व्यापार-प्रतिष्ठान बंद रखे।
राजगढ़ में जैन समाज के अलावा सर्वसमाज के लोगों ने विरोध प्रदर्षन में सहभागिता की। मुनि श्री पीयूषचंद्र विजयजी की निश्रा में दोपहर दो बजे श्री महावीरजी मंदिर से मौन रैली प्रारंभ हुई। रैली में जैन समाज के अलावा हिंदू समाज के लोगों ने भी हिस्सा लेते हुए अपनी बाजुओं पर काली पट्टी बांधी। रैली मुख्य मार्गो से होते हुए पालिका निधि काम्प्लेक्स पहुंची। इस दौरान राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन एसडीओपी आरएस मेड़ा को सकल जैन श्रीसंघ सहित समाज के अन्य संगठनों द्वारा सामूहिक रूप से सौपा गया।
यहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री पीयूषचंद्र विजयजी ने कहा कि यह भूमि लाखों े जैन मुनियो की पवित्र तपस्या स्थली है। इस सिद्ध भूमि का कण-कण पावन होने से इस पर्वत को शाश्वत तीर्थ का दर्जा प्राप्त है। पर्यटक क्षेत्र घोषित होने से पर्यटक यहां पर धर्म विरुद्ध कार्याे में वृद्धि होगी। इससे तीर्थ क्षेत्र प्रदूषित हो जाएगा।
दिलीप पुराणी ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से जैन समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। पर्यटन क्षेत्र बनने से तीर्थ की पवित्रता समाप्त हो जाएंगी।
पत्रकार वीरेंद्र जैन ने कहा कि जैन समाज में शिखरजी तीर्थ का अत्यधिक महत्व हैं। पर्यटन बनने से तीर्थ की पवित्रता खत्म होगी। जो समाज देश कुल टैक्स का 25 प्रतिशत टैक्स देती हैं। उस समाज के लिए सरकार के लिए यह निर्णय बदलना चाहिए। इस दौरान समाज के दिलीप पुराणी ने कहा कि सम्मेद शिखरजी जैन समाज की आस्था का केंद्र हैं।
इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि डा बलबहादुरसिंह छड़ावद ने कहा कि सम्मेद शिखरजीखरजी तपों की भूमि हैं। जैन समाज की इस लड़ाई में 36 कौम जैन समाज के साथ हैं।
नपं उपाध्यक्ष अजय जायसवाल,भाजपा नेता गोपाल सोनी,निलेश सोनी,मुकेश कावड़िया आदि संबोधित किया। संचालन दीपक जैन ने किया। आभार ज्ञानेंद्र मूणत ने माना।