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अहिंसा एवं क्षमापना बिना पर्युषण पर्व अधुरा: मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी

 

 झाबुआ। श्री ऋषभदेव बावन जिनालय झाबुआ में पर्युषण महापर्व आराधना 3 सेप्टेंबर शुक्रवार से आचार्य श्री ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी के शिष्य पूज्य मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी और पूज्य मुनिश्री जीतचन्द्र विजयजी की पावन निश्रा मे प्रारम्भ होगी । श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति के अनुसार शुक्रवार से प्रारम्भ हो रहे पर्युषण महापर्व पर सुबह प्रतिदिन शक्र्स्तव अभिषेक , भक्तामर गुरु चालीसा मंगल पाठ , प्रभु पूजन , व्याख्यान और संध्या मे प्रतिक्रमण तथा आरती व प्रभु अंग रचना की जायेगी ।

परम पूज्य मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी महाराज साहेब ने बताया पहले 3 दिन महापर्व के 5 विशेष कर्तव्य पर प्रवचन एवं 11 वार्षिक कर्तव्य तथा दैनिक 6 कर्तव्य पर विशेष प्रवचन होंगे। साथ में ही प्रथम तीन दिन अष्टांहिका प्रवचन और चौथे दिन से कल्पसूत्र (पौथाजी) का वांचन होगा | 5वें दिन प्रभु महावीर का जन्म कल्याणक वांचन समारोह होगा । 6 टें दिन श्री गौडी पार्श्वनाथजी मंदिर मे प्रभु महावीर जन्म कल्याणक समारोह मुनिद्वय की निश्रा मे आयोजित होगा । अंतिम दिन 10 सितम्बर को बारसा सूत्र ग्रंथ वांचन एवं संवत्सरी पर्व मनाया जायेगा जिसमे समस्त श्रावकों श्राविकाओ द्वारा प्रतिक्रमण कर समस्त जीवों से वर्ष भर मे हुई गलतियों के लिये क्षमायाचना की जायेगी । श्री संघ और चातुर्मास समिति ने आठों दिवस सभी कार्यक्रम मे भाग लेने की विनंती की हे । 

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