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राहुल व्यास बने भारत के स्टार कलाकार, भारत सरकार ने नवाज़ा,भारत तथा मध्यप्रदेश से एक मात्र हिंदी भाषा सहेजने वाले कलाकार_

 




  राजगढ़/धार - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2020 का शुभारम्भ किया | आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान थीम तथा पारंपरिक शिल्प एवं कलाकार सम्मलेन तथा प्रदर्शनी पर आधारित इस फेस्टिवल की शुरुआत 22 दिसंबर को प्रसिद्द गणितज्ञ रामानुजन की जयंती से हुआ और समापन 25 दिसंबर को जय जवान जय किसान के साथ जय विज्ञान का नारा देने वाले  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर हुआ | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विज्ञान, प्रोद्योगिकी और नवोन्मेष में भारत की एक समृद्ध विरासत रहीं है और आज भारत "ग्लोबल हाईटेक पॉवर" के विकास और क्रांति का केंद्र बन रहा है | इस बार आइआइएसएफ-2020 का विषय "आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान" रखा गया है | इस महोत्सव का आयोजन भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसन्धान परिसर (CSIR), राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सम्बंधित विज्ञान भारती, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया | पारंपरिक शिल्पकारी के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले मात्र 6 कलाकारों का चयन किया गया जिसमे अंतर्राष्ट्रीय कलाकार राहुल व्यास भी सम्मिलित थे | चार दिवसीय इस कार्यक्रम में विदेश से भी कई कलाकार सम्मिलित हुए तथा उन्होंने अपनी कलाकृति को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया, देश विदेश में हुए इस अन्तराष्ट्रीय कार्यक्रम में राहुल व्यास ने अपनी कलाकृति हिंदी कैलीग्राफी डूडल आर्ट प्रदर्शित किया तथा बताया कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता बहुत ही भव्य है और पुरानी है, वेद काल से ही हमारी देव भाषा संस्कृत रहीं है और हिंदी भाषा की उत्पत्ति भी संस्कृत भाषा से हुई है अब भाषा को सहेजना बहुत जरुरी है इस सहेजने की क्रिया को साथ ले कर कलाकार व्यास ने हिंदी भाषा कैलीग्राफी में कलाकृति शुरू की | 

25 दिसंबर को पेनल डिस्कशन में विजियाना भारती के डॉ. के. वेंकटरमण, विभा भारती के सचिव श्री ए. जयकुमार, ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबोर्न के कुलपति प्रो. एम. अशोक कुमार, सीएसआईआर - आम्प्री के भोपाल के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे, पद्मश्री डॉ. महेश शर्मा, बंसल न्यूज़ चीफ श्री शरद द्विवेदी, केंद्रीय राज्य मंत्री MSME, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री श्री प्रताप चन्द्र सारंगी, सीएसआईआर - आम्प्री से डॉ. मो. अकरम खान, विजयाना भारती की अनु सिंह तथा कई महान विभूतिया उपस्थित थी जिसमें कलाकार राहुल ने अपनी कलाकृति को प्रदर्शित किया तथा बताया कि कैलीग्राफी विज्ञान की श्रेणी ग्राफोलाजी से सम्बंधित है यह लिखावट को दर्शाता है और इसका सीधा संबंद मस्तिष्क से होता है मस्तिष्क के प्रमस्तिष्कखंड में उपस्थित सेरिबेलम के भीतर बेसल गैन्ग्लिया ऊँगली से लिखावट उत्पन्न करती है जिसके द्वारा व्यक्ति कई प्रकार की लिखावट करता है जिसमे कैलीग्राफी भी आती है साथ ही राहुल ने बताया कि वह किस प्रकार से प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करते है | कलाकार व्यास ने बताया कि वह जल्द ही मध्यप्रदेश की कई पारंपरिक कलाओं को लेकर संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर से मिलेंगे तथा प्रदेश ही नहीं पुरे भारत की पारंपरिक कलाओं को अन्तराष्ट्रीय स्तर तक ले जाएँगे | 

 अंतिम दिवस समापन उपराष्ट्रपति श्री. एम. वेंकैया नायडू के संबोधन के साथ संपन्न हुआ जिसमें उन्होंने बताया कि इस महामारी ने हमें महत्वपूर्ण सीख दी है तांकि हम आत्मनिर्भर बन सकें, विज्ञान को सामान्यजनों की आवश्यकताओं का समाधान निकालना चाहिए तथा स्वदेशी कोवीड वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिको की सराहना की तथा समस्त नव-वैज्ञानिक, नवाचारों तथा कलाकारों को धन्यवाद दिया | इस अवसर पर केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान के इस आन्दोलन ने लम्बी यात्रा पूरी कर ली है आइआइएसएफ भारत के विज्ञान और प्रोद्योगिकी की प्रखर अभिव्यक्ति है, जो विश्व को भी जोडती है | इस महोत्सव ने काफी यात्रा पूरी कर ली है और अब वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहा है | डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह अनूठा कार्यक्रम है क्योंकि यह शिक्षकों, वैज्ञानिकों, नवचार्कर्ताओं, कलाकारों, किसानों, राजनयिकों, नीति-निर्धारकों और विज्ञान और प्रोद्योगिकी के मंत्रियों को एक साथ लाता है ताकि चुनोतियों और समाधानों पर चर्चा की जा सकें | समापन समारोह में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे, कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक डॉ. रंजना अग्रवाल, विज्ञान भारती के अध्यक्ष विजय भटकर, विज्ञानं भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे और विज्ञानं और प्रोद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सभी विभागों के वैज्ञानिक और अन्तराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए |


अन्तराष्ट्रीय कलाकार राहुल व्यास जीत चुके है गोल्ड मैडल तथा कई कलाओं में है निपुण

वर्तमान में 10 दिसंबर को राहुल व्यास को भारत सरकार के गाँधी दर्शन पुरूस्कार में गोल्ड मैडल मिला है, राहुल बताते है कि कुछ दिनों पहले उनका नाम तुलसी सम्मान के लिए भी गया है अब प्रदेश सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा है | राहुल अक्षर गणेश के साथ, वैक्स आर्ट भी बनाते है वैक्स आर्ट भी राहुल पुरे भारत में अकेले बनाते है | नृत्य, संगीत, चित्रकारी तथा विज्ञान में बहुत है रूचि | अन्तराष्ट्रीय कलाकार आईआईटी गुवाहाटी से अध्ययनरत है साथ ही विज्ञान में रूचि होने पर उनके द्वारा लगभग 300 से ज्यादा बच्चे बाल-वैज्ञानिक की उपाधि प्राप्त कर चुके है तथा राहुल के स्वयं के कई साइंस प्रोजेक्ट भविष्य की दिशा हेतु तैयार हो रहे है |

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