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राष्ट्रीय पक्षी मोर के फोटो वाले पटाखों पर प्रतिबंध क्यो नही लगाती सरकार-


राष्ट्रीय खबर (National News)- दीपावली का त्यौहार (Festival of Diwali) ओर कोरोना काल मे कई प्रदेशों में पटाखों पर प्रतिबंध तो कई प्रदेशों में विदेशी चायना पटाखों व हिन्दू देवी देवताओं के फोटो वाले पटाखों पर प्रतिबंध (Ban on foreign China firecrackers and firecrackers with photos of Hindu deities) लगा दिया लेकिन एक ऐसी आवाज उठाई जा रही है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर जिसका भी फोटो पटाखे पर होता है लेकिन उस पर किसका ध्यान क्यो नही है न ही उसके विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है।


 मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के धार (Dhar) जिले के राजगढ़ (Rajgarh) के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता व टाइम्स ऑफ मालवा के एडिटर पत्रकार अक्षय भंडारी (Akshay Bhandari,social activist and editor of web news portal Times of Malwa) ने बताया दीपावली के लिए पटाखों का बाजार सज चुका है और पटाखों के उद्योग जिस तरह से भगवान के फोटो वाले पटाखे बना रहे थे उन पर प्रतिबंध लगाया गया। इसी तरह राष्ट्रीय पक्षी मयूर के फोटो वाले पटाखें पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जिस तरह राष्ट्रीय तिरंगे का केक काटने पर विरोध होता है,वही राष्ट्रीय पक्षी के साथ मोर की धार्मिक मान्यता (Religious beliefs of peacocks) भी है। इसलिए मोर वाले फोटो  वाले पटाखों पर भी प्रतिबंध होना चाहिए। किसी भी आराध्य देव,राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय चित्र वाले पटाखों पर प्रतिबंध होना ही चाहिए।  उन्होंने पीएमओ व राष्ट्रपति हेल्पलाइन पटाखों पर मोर वाले फोटो पर प्रतिबंध हो यह लिखकर कहा है। उन्होंने कहा यह राष्ट्रीय पक्षी के साथ धर्म का भी अपमान है।








  मोर के बारे बताया जाता है कि मोर को पक्षियों का राजा माना जाता है। यह शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन है। भगवान कृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इस पक्षी के महत्व को दर्शाता है। यह भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को बहुत ऊंचा दर्जा दिया गया है। हिन्दू धर्म में मोर को मार कर खाना महापाप समझा जाता है। मोर की उम्र 25 से 30 वर्ष तक होती है। मोर को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं जहां पर मोर आते रहते हैं वहां सुख-समृद्धि बनी रहती है। ज्योतिषशास्त्र के उपाय में मोर पंख तिजोरी में रखना धनवृद्धि कारक माना गया है। वही जैन दिगंबर साधु की पहचान मोर पंख की पिच्छी है। पिच्छी मोर द्वारा छोड़े गए पंखों से निर्मित है।
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