PM Modi Speech Live Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा पर संबोधित किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा आप सभी को और विश्वभर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की, वेसाक उत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. भगवान बुद्ध का वचन है- मनो पुब्बं-गमा धम्मा, मनोसेट्ठा मनोमया, यानि, धम्म मन से ही होता है, मन ही प्रधान है, सारी प्रवृत्तियों का अगुवा है. आपके बीच आना बहुत खुशी की बात होती, लेकिन अभी हालात ऐसे नहीं हैं । इसलिए, दूर से ही, टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपने मुझे अपनी बात रखने का अवसर दिया, इसका मुझे संतोष है. लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर के अलावा श्रीलंका के श्री अनुराधापुर स्तूप और वास्कडुवा मंदिर में हो रहे समारोहों का इस तरह एकीकरण, बहुत ही सुंदर है। हर जगह हो रहे पूजा कार्यक्रमों का ऑनलाइन प्रसारण होना अपने आप में अद्भुत अनुभव है. आपने इस समारोह को कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला कर रहे पूरी दुनिया के हेल्थ वर्कर्स और दूसरे सेवा-कर्मियों के लिए प्रार्थना सप्ताह के रुप में मनाने का संकल्प लिया है। करुणा से भरी आपकी इस पहल के लिए मैं आपकी सराहना करता हूं. प्रत्येक जीवन की मुश्किल को दूर करने के संदेश और संकल्प ने भारत की सभ्यता को, संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और समृद्ध किया है। वो अपना दीपक स्वयं बनें और अपनी जीवन यात्रा से, दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित कर दिया. बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं, किसी एक प्रसंग तक सीमित नहीं हैं। सिद्धार्थ के जन्म, सिद्धार्थ के गौतम होने से पहले और उसके बाद, इतनी शताब्दियों में समय का चक्र अनेक स्थितियों, परिस्थितियों को समेटते हुए निरंतर चल रहा है. समय बदला, स्थिति बदली, समाज की व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश हमारे जीवन में निरंतर प्रवाहमान रहा है। ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि, बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि एक पवित्र विचार भी है. बुद्ध, त्याग और तपस्या की सीमा है। बुद्ध, सेवा और समर्पण का पर्याय है। बुद्ध, मज़बूत इच्छाशक्ति से सामाजिक परिवर्तन की पराकाष्ठा है. ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है, कई बार दुःख- निराशा- हताशा का भाव बहुत ज्यादा दिखता है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती. वो कहते थे कि मानव को निरंतर ये प्रयास करना चाहिए कि वो कठिन स्थितियों पर विजय प्राप्त करे, उनसे बाहर निकले। थक कर रुक जाना, कोई विकल्प नहीं होता। आज हम सब भी एक कठिन परिस्थिति से निकलने के लिए, निरंतर जुटे हुए हैं, साथ मिलकर काम कर रहे हैं. भगवान बुद्ध के बताए 4 सत्य यानि दया, करुणा, सुख-दुख के प्रति समभाव और जो जैसा है उसको उसी रूप में स्वीकारना, ये सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं. आज आप भी देख रहे हैं कि भारत निस्वार्थ भाव से, बिना किसी भेद के, अपने यहां भी और पूरे विश्व में, कहीं भी संकट में घिरे व्यक्ति के साथ पूरी मज़बूती से खड़ा है. भारत आज प्रत्येक भारतवासी का जीवन बचाने के लिए हर संभव प्रयास तो कर ही रहा है, अपने वैश्विक दायित्वों का भी उतनी ही गंभीरता से पालन कर रहा है. बुद्ध भारत के बोध और भारत के आत्मबोध, दोनों का प्रतीक हैं। इसी आत्मबोध के साथ, भारत निरंतर पूरी मानवता के लिए, पूरे विश्व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा। भारत की प्रगति, हमेशा, विश्व की प्रगति में सहायक होगी.
Home
राष्ट्रीय
बौद्ध पूर्णिमा पर PM मोदी का संबोधन,कहा भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और समृद्ध किया है
बौद्ध पूर्णिमा पर PM मोदी का संबोधन,कहा भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और समृद्ध किया है
Hindi News Portal TimesOfMalwa
-
Thursday, May 07, 2020
Edit this post
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
Most Reading
-
राजगढ़(धार)। खेल मैदान का अभाव पिछले काफी सालों से शहर के खेलों के प्रति रूचि रखने वाले खिलाड़ियों के लिए एक विकट समस्या बना हुआ है। एक...
-
मुख्यमंत्री चौहान ने एक-एक कोरोना मृत्यु का एनालिसिस प्रारंभ किया, कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की.... MP NEWS: मुख...
-
थोड़ी भी लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई, मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की MP NEWS: मुख्यमंत्री शिवराज ...
-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश के विद्यार्थियों के हित में महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा मण्ड...
-
किसान चिंता न करें उनका पूरा गेहूँ खरीदेंगे, मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की MP NEWS: मुख्यमंत्...

No comments
Post a comment