BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

मनरेगा में आवश्यकतानुसार बनेंगे नए जॉब कार्ड,राज्य में 14 लाख 64 हजार मजदूरों की दूर हुई रोजी रोटी की चिंता मुख्यमंत्री शिवराज ने श्रमिकों से की बातचीत




MP NEWS: मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य में मनरेगा के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बातचीत की। ये श्रमिक पहली बार संबंधित जिले के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के साथ इस तरह की कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए और मुख्यमंत्री से चर्चा कर सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर जरूरतमंद को पात्रतानुसार कार्य उपलब्ध करवाया गया है। लोग तकलीफ में न आएं, इसके लिए आवश्यकतानुसार नए जॉब कार्ड भी तैयार किए जाएंगे।
कोरोना संकट के इस दौर में हर जिले में श्रमिकों को काम की जरूरत थी। रेड जोन छोड़कर अन्य इलाकों में इन कार्यों के संचालन के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये थे। श्रमिकों के समक्ष जो रोजी-रोटी का संकट पैदा हुआ था वो मनरेगा कार्यों के संचालन से दूर हो सका है। मनरेगा में जल संरक्षण, कूप निर्माण, तालाब निर्माण, चेक डैम निर्माण सहित स्व-सहायता समूहों और स्वच्छ भारत मिशन के कार्य आज एक बड़े वर्ग के लिए वरदान सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर्स और जिला पंचायत के अधिकारियों से कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनरेगा कार्यों के संचालन पर नजर रखी जाए। अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस से सुरक्षित रहते हुए हर जरूरतमंद को काम देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हम कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके कथन - 'जान भी है, जहान भी' के अनुसार दो गज की दूरी बनाकर श्रमिकों के लिए रोजी-रोटी का प्रबंध करना है। मास्क अथवा गमछा उपयोग में लाने और साबुन से हाथ धोने जैसी सावधानियाँ अपनाकर कार्य करने हैं। मुख्यमंत्री  चौहान ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों को आठ करोड़ रुपए की राशि का भुगतान हुआ है। मनरेगा में इस समय 14 लाख 64 हजार 969 श्रमिक काम कर रहे हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। प्रदेश की 22 हजार से अधिक पंचायतों में करीब 1 लाख 31 हजार कार्य चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास  मनोज श्रीवास्तव और सभी जिला पंचायतों के अधिकारियों को बड़ी संख्या में श्रमिकों को कार्य से जोड़ने के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वयं की सुरक्षा के साथ पूरे परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए श्रमिक कार्य करें। अब कुछ समय कोरोना के साथ ही जीने की आदत डालनी होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने श्रमिकों से मजदूरी के भुगतान के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की।
छत्तीसगढ़ से पैदल चलकर आया, मध्यप्रदेश में मिला सहारा
मुख्यमंत्री चौहान को सिंगरौली के सीताराम पाल ने बताया कि वो छत्तीसगढ़ से 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल चलकर सिंगरौली आ सका। ये पाँच दिन बहुत कष्टकारी थे। खाने के लिए कुछ न था। यहाँ तालाब का कार्य चल रहा है। जिसमें काम मिलने से रोजी-रोटी का इंतजाम हुआ। अनाज भी मिला है। दस लोग समूह में दूरी बनाकर काम करते हैं। श्री सीताराम ने बताया कि वो सुरक्षा के लिए गमछे से नाक और मुँह को बंद रखते हैं।
महाराष्ट्र से खंडवा पहुँची रेश्मा
मुख्यमंत्री  ने खंडवा में अधिकारियों के साथ बैठी रेश्मा से जैसे ही पूछा - कैसी हो बेटी ? यह सुनकर रेश्मा एक क्षण के लिए भावुक होकर मौन हो गई। रेश्मा ने बताया कि महाराष्ट्र में लॉकडाउन में फंसने के बाद जब अपने गांव आई तो रोजी रोटी की परेशानी थी। खालवा विकासखंड के जोगीबीड़ा में तीन साइट पर कार्य चल रहे थे। मजदूरी मिल गई। नाला गहरीकरण का काम हो रहा है। अब कोई परेशानी नहीं है। खंडवा के ही श्रमिक रेवा राम ने बताया कि वो भी महाराष्ट्र में एक ईट भट्टे में कार्य के लिए गया था। लॉकडाउन घोषित होने के बाद मुश्किल हो गई। किसी तरह पाँच दिन में खंडवा पहुँचा। यहाँ स्वास्थ्य विभाग ने परीक्षण करवाया और कुछ दिन अलग रहने को कहा। इस बीच परिवार से भी अलग रहा। अन्न का अभाव था। मनरेगा में मजदूरी मिल गई। काढ़ा भी दिया जाता है। कहते हैं इससे बीमारी नहीं आती। रेवा राम ने मुख्यमंत्री चौहान को संबल योजना लागू करने के लिए बधाई दी।
छिंदवाड़ा के हनुमान को भी मिला काम
वीडियो कान्फ्रेंस में छिंदवाड़ा जिले के  हनुमान ने मुख्यमंत्री  चौहान को बताया कि तामिया ब्लाक में तालाब का कार्य चल रहा है। मनरेगा में प्रारंभ इस कार्य में 468 लोग काम कर रहे हैं। सभी लोग गमछा जरूर बांधते हैं।
15 की जगह 10 दिन में मजदूरी मांगी गोविंद ने
बुरहानपुर जिले के मनरेगा श्रमिक श्री गोविंद ने बताया कि उन्हें खंती खुदाई के कार्य से रोजगार मिल रहा है। खकनार के पास सांईखेड़ा में कार्य चल रहा है। अभी 15 दिन में मजदूरी मिल जाती है। पाँच किलो चावल भी प्राप्त हो गया है। श्री गोविंद ने मुख्यमंत्री के समक्ष सुझाव रखा कि मजदूरी 10 दिन में मिल जाए तो ज्यादा अच्छा है।
बिजेन्द्र और सुनील ने कहा, मुख्यमंत्री जी आपको बधाई और धन्यवाद, बहुत राहत मिली है
बैतूल जिले के बिजेन्द्र ने बताया कि मनरेगा में 150 के आस-पास कार्य चल रहे है। कर्मकार मंडल की ओर से दो बार 1-1 हजार रुपए की राशि मिली है। उज्जवला योजना में लाभ मिला है। प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि भी मिली है। शौचालय निर्माण में भी सहयोग मिला है।  बिजेन्द्र ने मुख्यमंत्री चौहान को धन्यवाद देते हुए कहा कि काम करने के स्थान पर पीने के पानी के लिए मटकों की व्यवस्था भी की गई है। सरकार से पूरी मदद मिल रही है। एक अन्य मनरेगा श्रमिक सुनिल ने बताया कि वह महाराष्ट्र में फंस गया था। भेंसदेही लौटने के बाद 25 अप्रैल को पंचायत में कार्य के लिए आवेदन दिया था। दो दिन बाद ही काम मिल गया। कुल 127 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। यहां चेक डैम निर्माण हो रहा है।  सुनील ने शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के लिए बधाई देते हुए कहा कि परेशानी के समय में सरकार से हमें पूरी मदद मिल रही है।

« PREV
NEXT »