पीएम नरेंद्र मोदी का देशवासियों को संदेश देते हुए कहा कोरोना
वैश्विक महामारी के खिलाफ देशव्यापी लॉक डाउन को आज 9 दिन हो रहे हैं. इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा
भाव दोनों का परिचय दिया वह अभूतपूर्व है। शासन प्रशासन और जनता जनार्दन ने
मिलकर इस स्थिति को अच्छे ढंग से संभालने का भरपूर प्रयास किया है।
आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का
धन्यवाद किया,वह भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल
बन गया है । आज कई देश इसको दोहरा आ रहे हैं।
जनता कर्फ्यू हो,घंटी बजाने थाली बजाने का कार्यक्रम है इन्होंने इस चुनौतीपूर्ण
समय में देश को इसकी सामूहिक शक्ति का एहसास कराया है। यह भाव प्रकट हुए हैं देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता
है आप लोक डाउन के समय में देश की आप सभी की यह सामूहिकता चरितार्थ होती नजर आ रही
है।
आज जब देश के
करोड़ों लोग घरों में हैं तब किसी को भी लग सकता है वह अकेला क्या करेगा ,कुछ लोग यह भी सोच रहे होंगे इतनी बड़ी लड़ाई को वह अकेले कैसे लड़
पाएंगे ,यह प्रश्न भी मन में आते होंगे ,कितने दिन ऐसे और काटने पड़ेंगे।
यह लोग डाउन का समय
जरूर है हम हम अपने अपने घरों में जरूर है,लेकिन हमें से कोई अकेला नहीं है 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिकता शक्ति हर व्यक्ति के साथ है,हर व्यक्ति का संबल है, समय-समय पर देशवासियों की इस सामूहिक शक्ति की विराटता, इसकी भव्यता और और इसकी दिव्यता की अनुभूति करना आवश्यक है।
हमारे यहां माना
जाता है जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप होती है इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़
रहा हो तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का विराट स्वरूप का साक्षात
करते रहना चाहिए यह साक्षात्कार हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है, और उसके प्राप्ति के लिए ऊर्जा भी देता है ,हमारा मार्ग और अधिक स्पष्ट करता है।
कोरोना महामारी से
फैले अंधकार के बीच हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है , जो इस कारोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित है हमारे गरीब भाई-बहन
उन्हें कोरोना संकट से पैदा हुई निराशा से आशा की तरफ ले जाना है। इस कोरोना संकट
से जो अंधकार ओर अनिश्चितता पैदा हुई है उसे समाप्त करके उसे उजाले और निश्चिता की
तरफ बढ़ना है । इस अंधकार में कोरोना संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के
तेज को चारों दिशाओं के फैलाना है इसलिए इस रविवार 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के
संकट के अंधकार को चुनौती देनी है । उसे प्रकाश की
ताकत का परिचय कराना है।
इस 5 अप्रैल को हमें 130
करोड़ देशवासियों की महा शक्तियों के
जागरण करना है । 130 करोड़ के हमारे सभी के महा संकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है 5 अप्रैल रविवार को रात 9:00 बजे मैं आज सबके 9 मिनट चाहता हूं,कहा ध्यान से सुनिए 5 अप्रैल को रविवार को रात 9:00 बजे घर की सभी लाइट
बंद करके घर के दरवाजे पर या बालकनी पर खड़े रहकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती दिया टॉर्च या
मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं,
उस समय यदि घर के सभी लाइट बंद करेंगे
चारों तरफ हर व्यक्ति एक-एक दिया जल आएगा ।
तब प्रकाश की उस शक्ति का
एहसास होगा जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, यह उजागर होगा उस प्रकाश में उस रोशनी
में, उस उजाले में अपने मन में यह संकल्प
करें हम अकेले नहीं है ,कोई भी अकेला नहीं है, 130 करोड़ देशवासी एक
ही संकल्प के साथ कृ कृत संकल्प है। मेरी एक और प्रार्थना है इस आयोजन के समय किसी
को भी कहीं पर भी कहीं भी इकट्ठा नहीं होना ,रास्तों पर गलियों में नहीं जाना है ,अपने घर के दरवाज़े,बालकनी से ही करना है। सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की लक्ष्मण रेखा को लांघना नहीं है ,सोशल डिस्टेसिंग को किसी भी हालत में
तोड़ना नहीं है।
कोरोना की चेन
तोड़ने का यही रामबाण इलाज है,
इसलिए 5 अप्रैल रविवार को रात 9 बजे कुछ पल अकेले बैठकर मां भारती का स्मरण कीजिए, 130 करोड़ देशवासियों की चेहरों की कल्पना कीजिए ,130 करोड़ देशवासियों की सामूहिकता एक महाशक्ति का एहसास कीजिए। यह
हमें संकट इस लड़ने की ताकत देगा ओर जितने का आत्मविश्वास भी।
हमारे यहां कहा गया है-उत्साहो बलवान् आर्य,न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु,न किंचित् अपि दुर्लभम्॥
यानि,हमारे उत्साह,हमारी spirit से बड़ी force दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।
हमारे यहां कहा गया है-उत्साहो बलवान् आर्य,न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु,न किंचित् अपि दुर्लभम्॥
यानि,हमारे उत्साह,हमारी spirit से बड़ी force दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।