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कोरोना वायरस से बचाव का पोस्टर होम्योपैथी डॉक्टर को लगाना पड़ गया महंगा,स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई....


अक्षय भंडारी की विशेष रिपोर्ट

  खबर तो ये हैं कि वाकई एमपी अजब है गजब है, क्यो तो जानिए लेकिन उससे पहले कोरोना वायरस के बारे में दरहसल भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए एडवाइस जारी की थी जिसमे कोरोना से बचने के लिए होम्योपैथी,यूनानी औषधिया उपयोगी है। 

जिसको लेकर चेतावनी जारी की गई थी जिसमे होम्योपैथी को लेकर क्या है- आयुष मंत्रालय की पहल से, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) ने 28 जनवरी, 2020 को अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और उपायों पर चर्चा की। विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है, जिसे आईएलआई की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है। इसने आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की है, जो प्रतिदिन खाली पेट में तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है। खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके। इसके अलावा विशेषज्ञ समूह ने सलाह दी है कि रोग की रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए स्वास्थ्यकर उपायों का जनता द्वारा पालन किया जाना चाहिए। 



 उसी कड़ी में  मध्यप्रदेश के धार जिले के राजगढ़ में होम्योपैथिक डॉक्टर एस एम खान (बीएचएमएच) के यहाँ पोस्टर जिसमे लिखा था कोरोना वायरस से बचने की दवाइयां उपलब्ध है। लेकिन यह नही लिखा है कि कोरोना वायरस ठीक करने की दवाई है। लेकिन सवाल है की आयुष मंत्रालय के तहत जारी एडवाइजरी को मध्य प्रदेश की आयुष विभाग या फिर सरदारपुर की स्वास्थ्य विभाग नहीं मानती है क्योकि जो भी होम्योपैथी डॉक्टर कोरोना या फ्लू से बचने की दवाई लिख रहे है वह आयुष मंत्रालय का हवाला देकर कहा जा रहा है इससे कोरोना वायरस का बचाव किया जा सकता है।

लेकिन बात वही ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम यानि डिग्रीधारी डॉक्टर पर कार्रवाई तो हो सकती है लेकिन जिले में पल रहे झोलाछाप डॉक्टरो पर कार्रवाई नही दिखती है । जहाँ तक सूत्र बताते है होम्योपैथी का विभाग आयुष है तो आयुष विभाग का अधिकारी कारवाई पर क्यो नही दिखे।

 लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बयान है कि किसी पत्रकार ने सीएमएचो को बताया था कोरोना वायरस के बचाव के नाम पर दुकान चल रही है उन्होंने सुबह कार्रवाई कर डिग्री,दवाई जब्त कर क्लिनिक बन्द करवा दिया। और भोपाल के आदेश का हवाला दिया।

 लेकिन अब एमपी की हेडलाइन में नई सुर्खिया बनने वाली है कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना के बचाव को दुकान समझ कर बन्द करवा दी । ओर एमपी में झोलाछाप डॉक्टरो बजाय डिग्रीधारी पर कार्रवाई कर रही है।

 तो हमने डॉक्टर एस एम खान (बीएचएमएच) से चर्चा की तो उन्होंने बताया पूरे देश में कोरोना वायरस से लोग चिंतित है ऐसे में होम्योपैथी में इसके बचाव में दवाई है ।
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