BREAKING NEWS
latest

ठाणे नगर में आचार्यश्री का हर्षोल्लास के साथ नगरागमन,हर कोई श्रवण कुमार के रुप में पुत्र चाहता है श्रवणकुमार जैसा पति महिला नहीं चाहती: आचार्य ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी




  ठाणे (मुम्बई)। दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. की पाट परम्परा के अष्टम पटधर श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने प्रभु श्री शीतलनाथ भगवान की प्रतिष्ठा महामहोत्सव के नगर प्रवेश के अवसर पर श्रद्धालुओं से कहा कि संसार व्यक्ति को तबतक अच्छा लगता है जबतक उसे कोई कष्ट, विपत्ति या बड़ा दुख ना आ जाये । जबतक दुःख नहीं आता है सारी स्थितियां अनुकुल रहती है तबतक व्यक्ति संसार के सुख उपभोग में लगा रहता है और धन, सम्पत्ति, मान, सम्मान व सम्बंधों को एकत्रित करने में लगा रहता है । जब कोई उसे साथ नहीं देता है तब उसे ऐसा लगता है कि यह संसार जिने लायक नहीं है इस दुनिया में हर माता‘-पिता की यह चाह होती है कि उनका पुत्र श्रवणकुमार जैसा हो पर उसकी पत्नि यह नहीं चाहेगी की उसका पति श्रवणकुमार जैसा हो । फिर हम संसार में सुख की कामना क्यों करते है । यदि पुरे परिवार में सद्बुद्धि आ जाती है तो वह परिवार सुखी हो जाता है । हमारे परम श्रद्धालु वालचंदजी नाणेशाण हमेशा प्रभु व गुरु सेवा के लिये तत्पर रहते थे उनके ज्येष्ठ पुत्र प्रवीण भाई की यह भावना थी की वे जिन मंदिर, गुरु मंदिर, उपाश्रय आदि का निर्माण करवाये । उनकी भावना उनके अनुज भाई भरतकुमारजी व काजल बेन ने पूर्ण करने का संकल्प लिया और इन दोनों ने यहां पर ट्रस्ट का निर्माण कर यहां के सभी लोगों को साथ में लेकर इस स्वप्न को पुरा करने का प्रयास किया जो 11 मार्च को पूर्ण हो जायेगा । इस अवसर पर मुम्बई महानगर से कई श्रेष्ठीवर्यो का भी आगमन हुआ है ।









इस अवसर पर ज्ञानप्रेमी मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि आचार्यश्री ने अपने जीवन में कई धार्मिक संस्थाओं का निर्माण किया है और निरन्तर करते ही जा रहे है यदि हमारे समाज में संस्थाऐं नहीं होगी तो हमारा समाज विकास नहीं कर पायेगा । समाज के विकास में धार्मिक संस्थाओं का विशेष योगदान रहता है । इन्हीं संस्थाओं से समाज को उर्जा और ताकत मिलती है । आचार्यश्री की निश्रा में 5 मार्च को पोयनाड में प्रतिष्ठा हुई इसी के साथ महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में 11 मार्च को ठाणे 15 मार्च को बदलापुर, डोगरीपाड़ा लोढा धाम, आकुरडी सहित पांच प्रतिष्ठाऐं हो रही है । आचार्यश्री व मुनिमण्डल रोज 30-30 किलोमीटर का विहार करके महाराष्ट्र के क्षेत्र में विचरण कर रहे है और जिनशासन की प्रभावना कर रहे है । गुरु सिर्फ श्रद्धा मांगते है और प्रभु सिर्फ भाव मांगते है ।
कार्यक्रम में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के उपाध्यक्ष श्री पृथ्वीराज सेठ, ट्रस्टी- शांतिलाल सांकरिया, कमल लुणिया, कमलेश पांचसौवोरा, गौतम बालड़ व वरिष्ठ समाजसेवी माणकचंद कोठारी, हीरालाल मेहता, प्रकाश सेजलमणी, कांतिलाल शाह, पुखराजमल राठौड, विमलचंद संघवी, राकेश बोराणा, रणजीत पावा, रमेश पावा, हस्तीमल जैन, अशोक जैन, गिरीश मेहता, हीरालाल संघवी, बाबुलाल जैन, कांतिलाल मान्यवर सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे । आचार्यश्री की निश्रा में भरत चक्रवर्ती भोजन खण्ड व प्रवचन पाण्डाल के मुख्य द्वार का उद्घाटन किया गया । कार्यक्रम का सम्पूर्ण आयोजन श्रीमती विमलादेवी वालचंदजी भरतकुमार श्रीमती काजल संघवी नाणेशा परिवार द्वारा आयोजित किया गया है । कार्यक्रम का संचालन हेमन्त वेदमुथा ने किया । संगीतमय प्रस्तुति देवेश जैन द्वारा दी गई ।

« PREV
NEXT »