धार : मुख्यमंत्री कमल नाथ का धार जिले के विकासखण्ड
मुख्यालय डही का एक दिवसीय भ्रमण डही क्षेत्र को अनेक सौगातें दे गया। मुख्यमंत्री
कमलनाथ ने यहां 121804.53 लाख रूपए लागत के 40 विकास कार्यो का
भूमिपूजन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डही उद्धवहन सिंचाई योजना
का भूमिपूजन भी किया। उन्होंने कहा कि डही में बनने वाली यह उद्धवहन सिंचाई योजना
आदिवासी नायक टंट्या भील के नाम पर टंट्या मामा उद्वहन सिंचाई परियोजना के नामा से
जानी जायेगी।
इस अवसर पर
आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए.मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज इतनी बड़ी
संख्या में आदिवासी जन यहाँ आए हैं यह बल देखकर बहुत खुशी हो रही है। मेरा खून बढ़
गया है। अब हम सब मिलकर विकास का एक नया अध्याय लिखेंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि
आदिवासी समाज सहज, सरल और मेहनतकश हैं। लेकिन विगत 15 वर्षों में
उन्हें छला गया है। हमारी सरकार प्रदेश में 15 वर्षों के बाद
में बनी है। इन वर्षों में मध्यप्रदेश में किसानों और आम आदमी की दुर्गति हुई।
मध्य प्रदेश किसानों की आत्महत्या में नंबर एक बन गया था। हमें पिछले सरकार से
ख़ाली तिजोरी मिली थी। बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को सँवारने के लिए सरकार कृत
संकल्पित हैं। हम ऐसी नीति बना रहे हैं जिससे किसानों की दशा सुधरे। किसानों की
क्रय शक्ति खत्म हो गई थी। इसे पुर्नजीवित किया जा रहा है। उन्हें आर्थिक रूप से
स्वावलम्बी बनाने के प्रयास हो रहे हैं। हमारे प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी
कृषि पर आधारित है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हम किसानों का कर्ज़ा माफ़ कर
उनकी दशा सुधारने का जतन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती
नवजवानों के भविष्य की है। आज का नवजवान ज्ञानवान है। उनके पास इंटरनेट की सुलभता
है। यही नवजवान देश का भविष्य बनायेगा। इसलिए इनका भविष्य बनाना हमारे लिए बड़ी
चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमें नवजवानों की पीड़ा को पहचानना होगा। उनके हाथों
को काम देना होगा। पिछले 15 वर्षों में मध्य प्रदेश में जितने नए
उद्योग लगे, उससे ज़्यादा बंद हो गए थे। अब प्रदेश में कैसे
रोज़गार बढ़े, यह हमारे लिए एक बड़ा प्रश्न है। उन्होंने कहा कि
सरकार की समग्र नीतियों से प्रदेश की दशा बदलेगी। मुख्यमंत्रीजी ने
कहा कि वे एक लंबे समय से कुक्षी क्षेत्र में आना चाहते थे परंतु उनकी इच्छा थी कि
वे ख़ाली हाथ नहीं आएँ । आज एक हज़ार करोड़ रुपये के इस सिंचाई योजना की सौग़ात
लेकर वे आए हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि क्षेत्र के लिए एक निवेश की तरह है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे क्षेत्र में सहायक आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ होंगी।
भले ही पानी बाद में आए, लेकिन इसके पूर्व ही क्षेत्र में
रोज़गार के अवसर आ जाएंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धार ज़िले की
प्रभारी एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि हम सब का
सौभाग्य है कि कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। वे प्रदेश के विकास के
लिए सदैव तत्पर और संकल्पित रहते हैं।

क्षेत्रीय विधायक एवं नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि विगत 15 वर्षों में डही क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया। आज मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के कारण क्षेत्र को इतनी बड़ी सौग़ातें मिली हैं। जब वे नर्मदा घाटी विकास मंत्री बने थे तब मुख्यमंत्रीजी ने साफ़ कहा था कि नर्मदा मैया का जल पहले आदिवासी अंचल में पहुँचना चाहिए। बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ का आदिवासी समाज के प्रति विशेष लगाव और स्नेह है। वे मेरे पिता तुल्य हैं और उनका सदैव आशीर्वाद मुझे मिलता रहा है।
क्षेत्रीय विधायक एवं नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि विगत 15 वर्षों में डही क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया। आज मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के कारण क्षेत्र को इतनी बड़ी सौग़ातें मिली हैं। जब वे नर्मदा घाटी विकास मंत्री बने थे तब मुख्यमंत्रीजी ने साफ़ कहा था कि नर्मदा मैया का जल पहले आदिवासी अंचल में पहुँचना चाहिए। बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ का आदिवासी समाज के प्रति विशेष लगाव और स्नेह है। वे मेरे पिता तुल्य हैं और उनका सदैव आशीर्वाद मुझे मिलता रहा है।
कार्यक्रम में
विधायक पाँचीलाल मेड़ा तथा प्रताप ग्रेवाल, बालमुकुंद गौतम, महेश पटेल, मुकेश पटेल
सुश्री कलावती भूरिया, हीरालाल अलावा सहित अन्य जनप्रतिनिधि
उपस्थित थे।
लोकार्पण ,शिलान्यास और
भूमिपूजन
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने डही में आयोजित कार्यक्रम
के दौरान 112782 लाख रूपए की लागत की डही माईक्रो
उद्वहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन किया। इसके अलावा शासकीय महाविद्यालय कुक्षी में 100 सीटर बालक
छात्रावास एवं बाउण्ड्रीवाल लागत 513.69 लाख रूपए, बैंक शाखा
निसरपुर लागत 35.29 लाख रूपए, आदिम जाति सेवा
सहकारी समिति गिरवान्या, धूलसर, अम्बाडा, कुक्षी (कापसी) व
चिखल्दा (लिंगवा) प्रत्येक कार्य की लागत 11.20 लाख रूपए, कलमी, बाबलीबुजुर्ग, बाबलीखुर्द, मालपुरा एवं
पेडरवानी की नलजल योजना को गुणवत्ता प्रभावित समूह जोड़कर जल प्रदाय किए जाने हेतु
लागत 450.57 लाख रूपए, कापसी में 100 सीटर उन्नयन
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास लागत 74.48 लाख रूपए, कस्तूरबा गांधी
बालिका छात्रावास कापसी में बाउण्ड्रीवाल लागत 6.25 लाख रूपए, कन्या माध्यमिक
विद्यालय निसरपुर में अतिरिक्त कक्ष लागत 8.82 लाख रूपए, कस्तूरबा गांधी
बालिका छात्रावास चंदावड में बाउण्ड्रीवाल लागत 11.10 लाख रूपए, नवीन प्राथमिक
विद्यालय कुराडाखाल लागत 20.50 लाख रूपए, शासकीय संजय
निकुंज नर्सरी स्थापना लोहारी लागत 50.00 लाख रूपए, एकलव्य आवासीय
विद्यालय कुक्षी में आडिटोरियम भवन का निर्माण विद्युतीकरण सहित लागत 109.97 लाख रूपए तथा
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़दा लागत 173.25 लाख रूपये के
निर्माण कार्यो का भूमिपूजन किया।
इसी तरह डही में
नवीन आईटीआई छः ट्रेड भवन, 60-60 सीटेड बालक/बालिका छात्रावास एवं एक-एक
टाईप आवासीय भवन लागत 995.24 लाख रूपए, डेहरी में नवीन
गौशाला निर्माण लागत 32.52 लाख रूपए, पडियाल में नवीन
गौशाला लागत 33.69 लाख रूपए, निसरपुर में नवीन
गौशाला लागत 37.27 लाख रूपए, लक्ष्मी गौशाला
कुक्षी लागत 0.52 लाख रूपए, श्री कनकबिहारी
गौशाला निसरपुर लागत 0.70 लाख रूपए, कामधेनु गौशाला
निम्बोला लागत 6.50 लाख रूपए, नवीन उप
स्वास्थ्य केन्द्र खरगोन, नीमथल, टेमरिया, रणगांव व नरझरी
प्रत्येक की लागत 24.00 लाख रूपए, डही में सीएम
अधोसंरचना विकास लागत 206.93 लाख रूपए, डही में जल
प्रदाय योजना अन्तर्गत 33 केवी विद्युत लाईन एवं सब स्टेशन
स्थापना लागत 163.00 लाख रूपए, डही में स्ट्रीट
लाईट विस्तार कार्य लागत 50.00 लाख रूपए, तलवाडी से घोडा
मार्ग लागत 89.34 लाख रूपए, सुसारी से
भरणपुरा मार्ग लागत 154.94 लाख रूपए, कापसी लोहारा
मार्ग लागत 249.14 लाख रूपए, सुलीबयडी से
पटेलपुरा कुवाड फाटे तक मार्ग लागत 546.71 लाख रूपए, मनावर डेहरी
मार्ग का उन्नयन कार्य लागत 4363.40 लाख रूपए, एनएच-3 से खण्डवा पहुंच
मार्ग लागत 55.49 लाख रूपए, लोणी से ढुकनी
मार्ग लागत 218.80 लाख रूपए तथा घाना सिंधियापानी रोड से
दभानी मार्ग लागत 188.42 लाख रूपए के कार्यो का लोकार्पण किया।
आरंभ में
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ में मां नर्मदा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर
माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री आम जनता का अभिवादन स्वीकार कर मंच से उतरकर उनसे
मिलने भी गए।