“भारत सुरक्षा मंच”
ने महात्मा गाँधी के 26 सितम्बर
1947 के बयान को तोड़-मरोड़ कर राजनैतिक फ़ायदे के लिए अपनी
सुविधानुसार भाजपा एंव आरएसएस के लिए उपयोग किया”
“महात्मा गांधी का स्पष्ट बयान 8 अगस्त 1947 का यह हैं की “स्वाधीन भारत कभी हिंदु राष्ट्र नहीं बन सकता हैं ,भारतीयता राज होगा जो किसी धर्म,संप्रदाय,या वर्ग विशेष के बहुसंख्यक होने पर आधारित नहीं होगा”
“महात्मा
गांधी एंव सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र तो भाजपा ने लगा लिये लेकिन झुठ बोलने
एंव साज़िश रचने की गोडसे नीति आज भी जारी हैं”
Indore:
म.प्र.कॉंग्रेस कमेटी के प्रदेशसचिव राकेश
सिंह यादव ने आरोप लगाया हैं की भाजपा की फ़र्ज़ी संस्था भारत सुरक्षा मंच महात्मा
गांधी के 26 सितम्बर 1947 के बयान का उपयोग भ्रम फैलाने के लिए
किया जा रहा हैं जबकि बँटवारें के एक माह के लगभग दिया गया उपरोक्त बयान हैं।जिसका
स्पष्ट संदेश इतिहास में दर्ज हैं ।ये बयान बँटवारे के वक्त विशेष परिस्थितियों
में हिन्दु एंव सिखों के लिए दिया गया बयान था।बँटवारे के समय पलायन हो रहा था
।भारत-पाकिस्तान की उस वक़्त की परिस्थिति के संदर्भ में दिया गया बयान था।
इस
बयान का उद्देश्य एंव मतलब भी 70 साल बाद समाप्त हो गया हैं।आज इस बयान
का उपयोग करके भारत में स्थापित लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA के
माध्यम से असंवैधानिक तरीक़े से धर्म के आधार पर देश को बॉंटने वाला क़ानून बनाना
देश के राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी का अपमान हैं।
भाजपा,आरएसएस
एंव फ़र्ज़ी संस्था भारत सुरक्षा मंच महात्मा गांधी के 8 अगस्त
1947 के बयान को नहीं बता रहे हैं जबकि इतिहास में स्पष्ट हैं की
महात्मा गांधी जी के विचार भारत एंव भारतीयता को लेकर क्या थे ।
भारतीयता के बारे
में महात्मा गांधी ने यह कहा था की “स्वाधीन भारत हिंदु राज नहीं हैं भारतीय
राज होगा जो किसी धर्म,संप्रदाय या वर्ग विशेष के बहुसंख्यक होने पर आधारित नहीं होगा”यह
जवाब दिया था महात्मा गांधी ने आरएसएस को ये नारा देने पर की “हिन्दुस्तान
हिन्दु का- नहीं किसी ओर का” महात्मा
गाँधी का उपरोक्त यह बयान भारत के लिए था।लेकिन जो बयान लिखकर महात्मा गांधी के
नाम से जनता को भ्रमित किया जा रहा हैं वो बयान बँटवारे के समय पलायन के दौरान
हिन्दु एंव सिखों के लिए था।
झुठ
और फ़रेब के ज़रिये देश के वर्ग विशेष एंव आम जनता को डराने का प्रयास एक
असंवैधानिक क़ानून बनाकर किया जा रहा हैं ।
महात्मा
गांधी के नाम एंव बयान का दुरूपयोग करना भाजपा की गोडसेवादी नीति को उजागर करता हैं। महात्मा
गाँधी के दोनों बयान 8 अगस्त 1947 एंव 26 सितम्बर 1947 को अलग -अलग करके भाजपा अपने फ़ायदे के
लिए एंव जनता को भ्रमित करने के लिए महात्मा गाँधी के बयान को तोड़ -मरोड़कर
इस्तेमाल कर रही हैं।
भारत
सुरक्षा मंच,भाजपा एंव आरएसएस को देश की जनता से माफ़ी माँगना चाहिए की
राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी के मूल बयान की भावना बदल कर दुष्प्रचार करने का प्रयास
किया जा हैं।