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भव को सुधारना है तो भावों को सुधारना जरुरी है - आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी,आचार्यश्री का श्री शंखेश्वरपुरम् तीर्थ प्रतिष्ठा हेतु एतिहासिक मंगल प्रवेश हुआ


















    बदनावर (धार)  । पूजा सामायिक धर्म है दान से पुण्य मिलता है पर ध्यान में धर्म होना चाहिये, धर्म में ध्यान होना चाहिये । भव को सुधारना है तो भावों को सुधारना बहुत जरुरी है । परमात्मा का संदेश राग द्वेष के त्याग का संदेश देता है । प्रभु ने कहा कि अपने काम से काम रखों निन्दा का प्रतिकार करोगें तो विवाद बढ़ेगा । ध्यान में धर्म होना चाहिये, धर्म हमारे आचारण में होना चाहिये । व्यवहार में भी ज्ञान की जरुरत है । जीवन थोड़ा है इच्छाये बहुत है सपने भी अपार है समय बहुत कम है । समय को सुक्ष्म करने के लिये व दूरियों को कम करने के लिये मोबाईल का जमाना आ गया है पहले टेलीफोन की लाईने जोड़ना पड़ती थी आपरेटर की मद्द से लाईटिंग काल लगाये जाते थे । समय को सुक्ष्म करने के लिये तकनीक का सहारा लेना पड़ा । इंसान समय के आगे भागने की कोशिश में लगा हुआ है पर समय अपनी गति से बढ़ रहा है । समय परिवर्तनशील है उम्र कभी ठहरती नहीं है जवानी से लेकर बुढ़ापे तक परिवर्तन ही परिवर्तन देखने में आता है । जितने भी साधन बढ़े है उतनी ही समस्याऐं भी ज्यादा बढी है । व्यक्ति को कोई दुःख नहीं देता है व्यक्ति स्वय दुःखी होता है । हाईवें पर श्री शंखेश्वरपुरम् तीर्थ की प्रतिष्ठा होने जा रही है यहां पर श्री शंखेश्वर तीर्थ तुल्य मंदिर बनाया गया है । जो व्यक्ति शंखेश्वर तीर्थ की यात्रा नहीं कर पाते है वह श्री शंखेश्वरपुरम् शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की आराधना कर अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता है । मोदी परिवार के साथ बदनावर श्रीसंघ का भी योगदान रहा है । आज परमात्मा की प्रतिमाओं के साथ हमारा नगर प्रवेश हुआ है । 25 जनवरी से प्रतिष्ठा महोत्सव के कार्यक्रम प्रारम्भ हो जायेगें । 27 जनवरी से प्रभु के पंचकल्याणक प्रारम्भ होगें । 31 जनवरी को प्रातः प्रभु की प्रतिष्ठा होगी ।
प्रातःकाल की वेला में दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., मुनिमण्डल व साध्वीवृंद का मंगलमय प्रवेश अणुनगर स्थित धार/नागदा निवासी श्री राजेन्द्रकुमार जी जैनेशकुमार जी बोकडि़या परिवार के निवास स्थान से नवकारसी के पश्चात चल समारोह के साथ हुआ । चल समारोह में 31 जनवरी को प्रतिष्ठित होने वाली जिन प्रतिमा, गुरु प्रतिमा एवं देवी-देवताओं की प्रतिमा ट्रेक्टर ट्राली में चल रही थी । जुलुस नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ भोयरावाला जैन मंदिर परिसर पहुंचा । आचार्यश्री ने जिन मंदिर में चतुर्विघ संघ के साथ चैत्यवंदन किया । धर्मसभा में स्वागत गीत की प्रस्तुति सूर्य महिला मण्डल एवं सागर महिला मण्डल द्वारा दी गई ।
    स्वागत भाषण श्रीसंघ सचिव पारस जी भटेवरा द्वारा दिया गया । धर्मसभा के पश्चात् स्वामीवात्सल्य का आयोजन प्रकाशजी जैन एडवोकेट, अमित जैन ’’विक्की भाई’’, हर्षवर्धन जैन परिवार द्वारा रखा गया । कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक श्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, राजगढ़ श्रीसंघ से राजेन्द्र खजांची, संतोष चत्तर, अशोक भण्डारी, मांगीलाल भण्डारी, दिलीप नाहर, नरेन्द्र भण्डारी, अरविंद जैन, संतोष पिपाड़ा व तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता सहित रतलाम, बड़नगर, उज्जैन, धार, नागदा सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे ।
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