भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी ही पार्टी में पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गए हैं और वे जनता के बीच अपनी उपस्थिति, अपना वर्चस्व और अपना वजूद दर्ज कराने के लिए लगातार निम्नस्तरीय हथकंडो का सहारा ले रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने सागर में एक बुजुर्ग महिला को विकलांगता प्रमाण-पत्र बनाने के नाम पर रैली में बुलाया और उसके गले में बिजली के बिलों की माला डालकर कांग्रेस की उस जनहितैषी सरकार के विरुद्ध झूठा और अनर्गल प्रचार करने की निंदनीय और घृणित कोशिश की, जिसने प्रदेश के करोड़ों निवासियों को सस्ते बिजली बिलों के माध्यम से राहत पहुंचाने का प्रशंसनीय कदम उठाया है।
आज जारी अपने वक्तव्य में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कमलनाथ सरकार को बदनाम करने के प्रयासों के विरुद्ध, उक्त जवाबी हमला करते हुए श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि शिवराज सिंह चौहान मीडिया में बने रहने के अपने निम्नस्तरीय हथकंडों के लिए पूरे प्रदेश में जाने जाते हैं लेकिन एक विकलांग और बुजुर्ग महिला को भी अपनी स्वार्थ सिद्धि का माध्यम बना लेना पूरी तरह से निंदनीय, अनैतिक और भर्त्सना योग्य कदम है।
अपने बयान में प्रदेश के पूर्व घोषणावीर भाजपाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर उक्त आरोप लगाते हुए श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके शिवराज सिंह चौहान का, भाजपा के अन्य प्रादेशिक नेताओं राकेश सिंह, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय, प्रभात झा आदि से वर्चस्व को लेकर कड़ा संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण उन्हें अब नैतिकता और राजनीतिक मर्यादाओं का भी बिल्कुल ख्याल नहीं है और वो येन-केन-प्रकारेण प्रदेश की राजनीति में प्रासंगिक बने रहने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि केवल बिजली बिलों में कटौती ही नहीं, कमलनाथ सरकार ने किसान कर्जमाफी, पिछड़ा वर्ग को आरक्षण, सामान्य वर्ग को आरक्षण, इंदिरा गृह ज्योति योजना, पुलिस कर्मियों के लिए सप्ताह में एक दिन अवकाश की घोषणा, देश के अन्नदाताओं को तमाम तरह की रियायतें और प्रदेश में निवेश और रोजगार को लेकर जो ठोस कदम उठाए हैं, उससे शिवराज सिंह सहित पूरी भाजपा बौखलाई हुई है और आज प्रदेश की जनता शिवराज सिंह के पूरे 15 सालों की तुलना में कमलनाथ सरकार के केवल एक वर्ष को बेहतर मानने लगी है। अच्छा होगा कि शिवराज सिंह सहित भाजपा के अन्य नेता ऐसी नौटंकियों का सहारा लेकर कमलनाथ सरकार के ठोस जनहितैषी कदमों को रोकने के प्रयासों की बजाय, जनता के हित में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएं, जिसका की जिम्मा प्रदेश की जनता ने उन्हें सौंपा है।