राजगढ़(धार)। इस बार सूर्यग्रहण, नेर्ऋत्य से स्पर्ष होकर आग्नेय कोण पर मोक्ष होगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाला समय चिंताजनक होगा। साथ ही देष में अपराधों की संख्या बढ़ेगी। दूसरी ओर कई वर्षाे बाद मल माह में सूर्यग्रहण का आगमन है। जो संकट की ओर इषारा कर रहा है। जिससे सावधानियां रखकर बचा जा सकता हैं।
उक्त जानकारी देते हुए ज्योतिषाचार्य श्री रमेषचंद्रजी शास्त्री ने बताया कि यह ग्रहण भारत मंे दक्षिण का कुछ क्षेत्र छोड़कर कर्क रेखा से गुजरता हुआ खण्डग्रास रूप में दर्षन देगा। इस ग्रहण के ठीक 12 घंटे पूर्व यानि 25 दिसंबर रात्रि 8.10 मिनट पर सूतक प्रारंभ हो जाएंगा। सूतक के चलते मंदिरों एवं गर्भग्रह के द्वार बंद रहेंगे।
ग्रहण 26 दिसंबर सुबह 8.9 मिनट स्पर्ष होकर से 10.58 मिनट पर मोक्ष होगा। आपने बताया कि इस ग्रहण के प्रभाव से धार्मिक हलचल, ब्राम्हण व क्षत्रिय पर प्रभार सूचक एवं अपराधों में वृद्धि होगी। साथ ही गेंहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, जौ, उड़द, मंूग, मोंठ, सोना व चांदी के भावों में तेजी रहेंगी। ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक से बच्चे, वृद्ध और बीमारों पर इसका कोई नियम लागू नहीं होता है। ज्योतिषाचार्यश्री ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विषेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। उन्हें काटने आदि का कार्य नहीं करना चाहिए। वहीं ग्रहण में बाहर भी नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक खगौलीय घटना है। चंद्रमा, जब सूर्य और पृथ्वी के मध्य आ जाता है व सूर्य की कीरणें धरती पर नहीं आ पाती तब सूर्य ग्रहण कहलाता है।
इन राशियों के लिए ग्रहण दर्शन होगा शुभ-अशुभ
ज्योतिषाचार्यश्री शास्त्री ने कहा कि यह ग्रहण मूल नक्षत्र एवं धनु राषि मण्डल पर मान्य है। इस राषि के लोगों को ग्रहण के दर्षन करना अषुभ होगा। उन्हें ग्रहण के समय ईष्ट देव की आराधना, गुरूमंत्र जाप एवं धार्मिक ग्रंथ का पाठ करना चाहिए। जिससे उन पर आने वाले समस्या का निवारण हो सकंे। वही वृषभ, कन्या, धनु, मकर राषि के लिए भी दर्षन करना अषुभ होगा। जिन्हें वस्त्र दान और ईष्ट देव की आराधना करना चाहिए। मेष, मिथुन, सिंह, वृष्चिक राषि के लिए सामान्य मध्यफलदायी साबित होगा। कर्क, तुला कुंभ, मीन राषि के दर्षन करना सुखद होगा।