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पूण्य प्रबल हो तो सुख की गारंटी,धन से सुख की कोई गारंटी नहीं: आचार्य ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी




  इन्दौर (म.प्र.) । हम बाजार में चलते है तब देखते है सभी जगह लिखा होता है सुरक्षा की गारंटी, पर आत्मा के सुरक्षा की गारंटी किसी के पास नहीं है । लोग मरने के बाद अपने परिजनों के लिये बीमा पालिसी लेकर उनके सुरक्षा की व्यवस्था कर देते है और जीवन भर सुरक्षा की गारंटी के चलते हुये उलझे रहते है । हम पहले कुऐं का पानी छान कर पीते थे तब स्वस्थ्य थे । आज लोग आरो का पानी पीकर भी स्वस्थ्य नहीं रह पाते है । हमारे कर्म सुरक्षित रहे इसके लिये हमने कोई बीमा पालिसी नहीं ली है । लोग बच्चों के केरियर बनाने के चक्कर में स्वयं के बुढ़ापे का केरियर बिगाड़ लेते है । बच्चे विदेश में रहते है माता-पिता हिन्दुस्तान में रहते है । उक्त बात आचार्य श्री ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने चातुर्मास परिवर्तन के पश्चात् रेसकोर्स रोड़ स्थित पाश्र्वनाथ सोसायटी स्थित मनमोहन पाश्र्वनाथ जिनमंदिर प्रांगण में कही और बताया कि तकलीफ में लोग दुख को चाटने चले आते है दुख को बाटने कोई नहीं आता है । जबतक सुख है तबतक इन्सान को सभी पहचानते है दुख आने पर कोई किसी को नहीं पहचानता, अन्त में परमात्मा शरण ही व्यक्ति को सहयोग करता है पूण्य प्रबल हो तो सुख, स्वास्थ्य की गारंटी है और धन से सुख स्वास्थ्य की कोई गारंटी नहीं है । समाज का चिन्तन करने समाज का वैभव बढ़ता है । हमें समाज के लिये कुछ ना कुछ करते रहना चाहिये । आचार्यश्री ने कहा कि पाश्र्वनाथ सोसायटी में कोई उपाश्रय नहीं है व मंदिर शिखरबद्ध बने इस प्रकार का प्रयास समाज का होना चाहिये । इस बात पर युवा उद्योगपति श्री जयसिंह जैन ने आचार्यश्री को आश्वस्त करते हुये कहा कि यदि यहां पर शिखरबद्ध मंदिर बने और नवीन उपाश्रय बनता है उसके लिये जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी वह सहयोग करने को में हर वक्त तैयार रहुंगा ।



     दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., ज्ञानप्रेमी मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में आज बुधवार को चातुर्मास परिवर्तन स्थल श्री मोतीलालजी रांका परिवार के निवास से विहार कर श्री जयसिंह टीना जैन के निवास रेसकोर्स रोड़ स्थित शिवधाम पर आगमन हुआ । नवकारसी पश्चात् आचार्यश्री विशाल चल समारोह के साथ श्री पाश्र्वनाथ सोसायटी स्थित श्री मन मोहन पाश्र्वनाथ जिनालय के दर्शन वंदन कर अपनी धर्म देशना का श्रवण समाजजनों को कराया ।
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