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अयोघ्या (Ayodhya) मे बना दीयों का World Record (Photo Credit:ANI) |
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में लगातार तीसरे साल भव्य दीपोत्सव (Deepotsav) का आयोजन किया जा रहा है. अयोघ्या में आयोजित दीपोत्सव में शनिवार रात सरयू नदी के तट पर भगवान श्री राम के अयोध्या आने के स्वागत मे 5 लाख 51 हजार दिये प्रज्वलित किए गए से जगमग हुई भगवान राम की नगरी.
इससे पहले राम की पैड़ी पर अवध विश्वविद्यालय के 6 हज़ार वॉलिंटियर्स ने इस बार 4 लाख दिये प्रज्वलित किए गए, जबकि 1 लाख 51 हजार दीपक अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों में स्कूली छात्रों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने जलाए. यह रिकॉर्ड योगी सरकार के पर्यटन विभाग और डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के सहयोग से बना है. इस तरह से योगी सरकार में पांच लाख 51 हजार दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. पूरे कार्यक्रम के दौरान गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम मौके पर मौजूद रही. मौके पर मौजूद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने प्रमाण पत्र देकर योगी सरकार को सम्मानित किया.
पिछले दो साल से अयोध्या में ऐतिहासिक दिवाली मनाने वाली योगी सरकार ने इस बार रिकॉर्ड बनाया. शनिवार शाम अयोध्या में एक साथ 5.5 लाख दीये जलाकर योगी सरकार अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़कर नया इतिहास रचा.
राम की नगरी अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहां पहुंचे और जनता को दीपोत्सव की शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री योगी के संबोधन के बाद प्रज्वलित का काम शुरू हुआ.यहां 5.5 लाख से ज्यादा दीयों को जलाया गया है. इसके साथ ही यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया गया है. दीयों की गिनती पूरी होने के बाद आसमान में जमकर आतिशबाजी की गई.
सीएम योगी ने कहा, 'मोदी सरकार में बिना किसी भेदभाव के सबका विकास हो रहा है. पिछली सरकारें अयोध्या के नाम से डरती थीं. पीएम मोदी ने राम राज्य की धारणा को साकार किया है. मोदी ने भारत की परंपरा को विश्व पटल पर रखा. भारत दुनिया में विश्वगुरू के रूप में स्थापित हो रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की योजनाओं से अवधपुरी के रूप में बदलने के लिए 226 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हो रहा है. भारत की सांस्कृतिक विरासत को मोदी जी ने बेहतरीन तरीके से रखा है. आज दुनिया भारत के सांस्कृतिक गौरव का एहसास कर रही है. अयोध्या का दीपोत्सव हो या वाराणसी की देव दिवाली या फिर प्रयाग का कुम्भ हो, हम इसे भुला नहीं सकते.