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वैष्णव बैरागी समाज में आत्म-जागरण का शंखनाद : सावित्री महंतश्री ने दिया आत्मनिर्भरता का मंत्र,24वां अन्नकूट महोत्सव हर्षोल्लास के साथ संपन्न

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 समाज की विभूतियों का सम्मान,रजत जयंती की तैयारी शुरू


   राजगढ़ (धार)। वैष्णव-बैरागी समाज का 24वां वार्षिक अन्नकूट महोत्सव राजगढ़ की पोरवाल धर्मशाला में एक भव्य और प्रेरक समारोह के रूप में आयोजित हुआ, जिसमें सामाजिक उत्थान, एकता और विशेष रूप से नारी शक्ति के सशक्तिकरण पर जोर दिया गया।


 नारी शक्ति ही राष्ट्र का आधार: सावित्री महंतश्री का ओजस्वी संदेश

  समारोह की मुख्य अतिथि पूजनीय सावित्री महंतश्री ने अपने संबोधन से समाज में एक नई चेतना का संचार किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नारी को केवल घर की सीमा तक सीमित नहीं समझना चाहिए, बल्कि वह "समाज और राष्ट्र के विकास का मुख्य आधार स्तंभ" हैं।
   सावित्री महंतश्री ने समाज की माताओं और बहनों को आत्म-जागरण का आह्वान करते हुए कहा,"प्रत्येक बहन और बेटी को अपनी अंतर्निहित शक्ति और असीम क्षमताओं को पहचानना होगा। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए, आत्मविश्वास के साथ रोजगार और उद्यम के क्षेत्र में कदम बढ़ाना चाहिए। आर्थिक सशक्तिकरण ही हमारे परिवार और समाज के सच्चे विकास की कुंजी है।
 
 
 ऐतिहासिक भव्यता और एकता का प्रतीक चल समारोह

महोत्सव की शुरुआत तीन बत्ती स्थित श्रीराम मंदिर में महाआरती और भगवान को 56 भोग अर्पित करने के साथ हुई। इसके बाद, वैष्णव-बैरागी समाज की अटूट एकता को दर्शाते हुए, सभी समाजजन एकसमान वेशभूषा में ढोल-बाजों के साथ एक शानदार चल समारोह निकालते हुए आयोजन स्थल तक पहुंचे।

 एकजुटता और भविष्य की दिशा पर मंथन

   सम्मान समारोह में सामाजिक संगठन और भविष्य की कार्ययोजना पर गंभीर चर्चा हुई। विशिष्ट अतिथि सरजूदास बैरागी (रतलाम) ने समाज को संगठित होकर धर्मशाला के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाने का आग्रह किया,ताकि यह भविष्य में सामूहिक गतिविधियों का सशक्त केंद्र बन सके। जयेंद्र बैरागी (झाबुआ) और शंकरदास बैरागी (रिंगनोद) ने भी समाज सुधार के महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विचार रखे।

 प्रतिभाओं को मिला गौरव, किया गया सम्मान

  महोत्सव के दौरान,गत वर्ष बोर्ड परीक्षाओं और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर समाज का नाम रोशन करने वाली प्रतिभाओं का गौरवपूर्ण सम्मान किया गया। साथ ही, समाज के वरिष्ठ सदस्य रणछोड़दास बैरागी (इंदौर) को भी सम्मानित किया गया। सभी को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गईं।

 आगामी वर्ष के लिए बड़ा लक्ष्य: रजत जयंती की कार्ययोजना

  कार्यक्रम का सबसे महत्त्वपूर्ण क्षण आगामी वर्ष होने वाले 25वें अन्नकूट महोत्सव (रजत जयंती) को अत्यंत भव्यता के साथ मनाने की विस्तृत कार्ययोजना का निर्माण रहा। समारोह का समापन गत वर्ष दिवंगत हुए समाज के सदस्यों को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुआ।
  
  संरक्षक मनोहर वैष्णव ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया,और अध्यक्ष नारायण वैष्णव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। आयोजन की सफलता में नरसिंहदास बैरागी, वीरेंद्र वैष्णव, राधेश्याम वैष्णव, विजय वैष्णव,रमेशदास बैरागी, प्रेमदास बैरागी जैसे अनेक सदस्यों का सक्रिय सहयोग रहा।
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