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जल संचय के क्षेत्र में श्रेष्ठ पहल के लिए गुना नगरीय निकाय को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

Guna Municipality Award, Water Conservation Initiative, President Droupadi Murmu Award, Urban Local Body Achievement



 
6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में गुना को किया पुरस्कृत
जल संचय जन भागीदारी पहल में भी अग्रणी मप्र
जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार : कैच द रेन के अंतर्गत साउथ जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को
श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में श्रेणी-3 में गुना को दूसरी रैंक श्रेणी-3 में बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगौन भी पुरस्कृत


  गुना नगरीय निकाय को जल संचय के क्षेत्र में जन भागीदारी के साथ श्रेष्ठ कार्य करने पर देश की चयनित 50 नगरीय निकाय में स्थान मिला है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज यहां विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में गुना नगरीय निकाय को पुरस्कृत किया।नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त श्री संकेत भोडवें ने गुना नगर पालिका परिषद एवं उनकी टीम को श्रेष्ठ नगरीय निकायों की श्रेणी में चयन होने पर बधाई दी है। इस अवसर पर कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी,आर, पाटिल मौजूद थे।

लक्ष्य से अधिक तैयार की गई पुनर्भरण जल संरचनाएँ

  केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने देश में जनभागीदारी से जल संचय की बेहतर पहल के लिये प्रशासन तंत्र में हर स्तर पर पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की थी। गुना नगर पालिका परिषद ने जल संचय के लिये कार्ययोजना बनाकर नगरीय क्षेत्र में 2 हजार 231 रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जियो टैग फोटो पोर्टल पर अपलोड किये। यह तय लक्ष्य से अधिक है। इसी के साथ गुना शहरी क्षेत्र के कुंओं का भी जीर्णोद्वार कर उनका पुनर्जीवन का कार्य किया गया।

दल का गठन

  गुना नगर पालिका ने जल संचय के कार्य को करने के लिये दल का गठन किया था। गठित दल ने इस वर्ष मई माह के दौरान शासकीय और निजी परिसर, स्कूल, कॉलेज, छात्रावास और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स, निजी कॉलोनियां, कुंआ और बावड़ी का सर्वे करवाया गया। सर्वे रिपोर्ट के बाद जनभागीदारी से 2 हजार 231 रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किये गये और पहले से उपलब्ध सिस्टम की मरम्मत सुनिश्चित की गई।









  उल्लेखनीय है कि जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने वर्ष 2024 के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के तहत कुल 46 विजेताओं (संयुक्त विजेताओं सहित) की घोषणा की । ये पुरस्कार 10 श्रेणियों में दिए जा रहे हैं जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ स्कूल या कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोक्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्था (स्कूल या कॉलेज के अतिरिक्त), सर्वश्रेष्ठ सिविल सोसायटी और जल क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति श्रेणी में शामिल है।

 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जल शक्ति मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर जल प्रबंधन और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक अभियान चला रहा है।

 इसी उद्देश्य से लोगों में जल के महत्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और उन्हें जल उपयोग के सर्वोत्तम तौर तरीकों को अपनाने को प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।

 वर्ष 2024 के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार का शुभारंभ 23 अक्टूबर 2024 को गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर किया गया था। कुल 751 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनकी समीक्षा और मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया। चयनित आवेदनों का परीक्षण केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा किया गया। अंतिम रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2024 के 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए कुल 46 विजेताओं का चयन किया गया।

  राष्ट्रीय जल पुरस्कार का उद्देश्य देश में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की पहचान करना और सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करना है। ये पुरस्कार जल के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें जल के सर्वोत्तम उपयोग के प्रयासों को अपनाने के लिये प्रेरित करते हैं। यह पहल सभी नागरिकों और संगठनों को जल संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन गतिविधियों में एक मजबूत साझेदारी और जन सहभागिता को और सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करता है।

जल संचय जन भागीदारी पहल में भी अग्रणी मप्र

 जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार : कैच द रेन के अंतर्गत साउथ जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को तथा श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में गुना को, ज़िलों में श्रेणी तीन में दूसरी रैंक में गुना, बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगौन का चयन हुआ है।

 इस पहल के अंतर्गत राज्यों को पाँच ज़ोन में बाँटा गया है। जिलों को न्यूनतम 10,000 कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण एवं संचयन संरचनाएँ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के जिलों के लिए यह लक्ष्य 3,000 संरचनाएँ है, जबकि देशभर के नगर निगमों के लिए यह संख्या 10,000 निर्धारित की गई है। इन संरचनाओं में वर्षा जल संचयन (रूफटॉप रेनवॉटर हार्वेस्टिंग) के अलावा झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनर्जीवन भी शामिल है।

 शहरी जल संरक्षण प्रयासों को सशक्त करने के लिए, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ साझेदारी की है। नगरीय निकायों को कम-से-कम 2,000 पुनर्भरण संरचनाएँ बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

 इस वर्ष कुल 100 पुरस्कारों की घोषणा की गई है, जिनमें तीन सर्वश्रेष्ठ राज्य, 67 जिले, छह नगर निगम, एक नगरीय स्थानीय निकाय, दो सहयोगी मंत्रालय/विभाग, दो उद्योग, तीन गैर-सरकारी संगठन, दो परोपकारी व्यक्ति और 14 नोडल अधिकारी शामिल हैं।
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