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मेघालय में शिक्षा सुधार की रफ्तार तेज, मुख्यमंत्री संगमा का बड़ा बयान

 

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार के लिए शिक्षा हमेशा से सर्वोच्च प्राथमिकता रही है, लेकिन इस क्षेत्र में गहरी संरचनात्मक चुनौतियाँ मौजूद हैं, जिनके कारण भारी खर्च के बावजूद मनचाहे परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। सोहरा में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था वर्षों से जटिल होती चली गई है, लेकिन सरकार ने सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्कूलों का तर्कसंगत पुनर्गठन और प्रणाली में बदलाव शुरू कर दिए हैं, जिनसे आने वाले समय में सकारात्मक सुधार देखने को मिलेंगे।

उन्होंने जोर देकर कहा कि स्कूलों, शिक्षकों और प्रबंधन समितियों को हर निर्णय में छात्रों को केंद्र में रखना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि असल लाभ किसे मिल रहा है संस्था को या बच्चे को। मुख्यमंत्री सोहरा में रामकृष्ण मिशन कॉलेज के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह कॉलेज पूर्वोत्तर भारत में रामकृष्ण मिशन द्वारा स्थापित पहला कॉलेज है और कैप्टन विलियमसन संगमा स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्ध है। कार्यक्रम में सोहरा के विधायक गैविन माइल्लियम, शेला के विधायक बलाजिएड कुपर सीनरेम और रामकृष्ण मठ एवं मिशन के ट्रस्टी स्वामी अच्युतेशानंद मौजूद थे।

संगमा ने रामकृष्ण मिशन की सराहना करते हुए कहा कि मिशन बच्चों में अनुशासन, मेहनत, संवेदनशीलता और मजबूत नैतिक मूल्यों का विकास करता है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन में निवेश किसी भी सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण निवेश होता है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि मिशन के स्कूलों को सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझना न पड़े, इसके लिए हर मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। उन्होंने मिशन का धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार मिलकर राज्य के बच्चों और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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