राजगढ़ (धार) । आमजन की सुरक्षा के साथ-साथ अब राजगढ़ थाना स्टाफ ने जीवन बचाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। आज 8 नवंबर शनिवार को थाना राजगढ़ पर एक महत्वपूर्ण सीपीआर (CPR) एवं बीएलएस (BLS) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में थाना प्रभारी समीर पाटीदार और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) राजगढ़ के प्रमुख डॉक्टर अथर्व शर्मा अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य थाना स्टाफ को आपातकाल की स्थिति में तुरंत जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार करना था, क्योंकि पुलिसकर्मी अक्सर घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचते हैं।
डॉक्टर शर्मा ने दी जानकारी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ के प्रमुख डॉक्टर अथर्व शर्मा और उनकी टीम ने थाना स्टाफ को कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रुकना) के लक्षण, कारण और उससे निपटने के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉक्टर शर्मा ने 'गोल्डन आवर' (पहला घंटा) के महत्व पर प्रकाश डाला।
स्टाफ को बताया गया कि कार्डियक अरेस्ट क्या होता है और आपातकाल में त्वरित कार्रवाई क्यों आवश्यक है। प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) देने का सही तरीका था। स्टाफ को न केवल सैद्धांतिक जानकारी दी गई, बल्कि प्रशिक्षण पुतलों पर व्यावहारिक अभ्यास भी कराया गया।बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) के मूलभूत सिद्धांतों पर भी जोर दिया गया, जिसमें श्वास मार्ग खोलना और घायल व्यक्ति को सही अवस्था में लिटाना शामिल था।
थाना प्रभारी ने सराहा पहल
थाना प्रभारी समीर पाटीदार ने इस पहल को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और डॉक्टर अथर्व शर्मा व उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह प्रशिक्षण हमारे स्टाफ को 'फर्स्ट रेस्पोंडर' (सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला) के रूप में और भी प्रभावी बनाएगा। सड़क दुर्घटनाओं और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों में यह कौशल कई लोगों की जान बचा सकता है।"
अब हर पुलिसकर्मी 'जीवन रक्षक'
इस प्रशिक्षण के बाद, राजगढ़ थाना का प्रत्येक स्टाफ सदस्य अब न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम है, बल्कि कार्डियक अरेस्ट जैसी आपात स्थितियों में किसी नागरिक की जान बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।



