BREAKING NEWS
latest



 

चीता परियोजना के अभूतपूर्व परिणाम,चीतों की संख्या बढ़कर हुई 32,मध्यप्रदेश में लौटा एशिया का गौरव

cheetah project india, mp cheetah population, cheetah population 32, asia cheetah comeback, kuno national park cheetah, cheetah conservation india, african cheetah in india, cheetah project results, madhya pradesh wildlife, india wildlife success story, cheetah breeding india, cheetah news today, cheetah return to india, asiatic cheetah revival, india conservation project



 

  प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में भारत में जन्मी 33 महीने की मादा चीता मुखी द्वारा पाँच शावकों को जन्म देने के साथ ही भारत में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विशेष पहल पर शुरू चीता परियोजना के सबसे उत्साहजनक परिणाम मिले हैं। यह भारत में वन्यजीव प्रबंधन का स्वर्ण‍िम समय है। भारत में शावकों का जन्म हुआ। हाल ही में दो नर चीते गांधी सागर सेंचुरी में सफलतापूर्वक पुनर्वासित हो चुके हैं। इस प्रकार कुल 27 चीते थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 32 हो गई है।

  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने वैश्विक प्रकृति संरक्षण में समर्प‍ित नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। इसके लिये कुनो राष्ट्रीय उद्यान सहित सभी अधिकारी कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। भारत में चीता की वापसी यह सिद्ध करती है कि दूरदृष्टि तथा संकल्प के साथ खोई विरासत को वापस लाया जा सकता है।

  पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बढ़ते चीतों के परिवार के साथ मध्यप्रदेश एशिया का गौरव बन गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर 3 वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश को चीता परियोजना की सौगात मिली थी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 17 सितम्बर 2022 को अपने जन्म दिवस पर पहले पालपुर कूनो में चीते छोड़कर प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी। बेहतर वन्यजीव प्रबंधन के कारण चीतों के परिवारों में वृद्ध‍ि हो रही है। उल्लेखनीय है कि 'प्रोजेक्ट चीता को ‘इनोवेटिव इनिशिएटिव्स अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है।

शानदार पृष्ठभूमि

  प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाकर हुई। इसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तत्काल ध्यान आकर्षित किया। कूनो पालपुर और गांधी सागर अभयारण में चीते दौड़ रहे है।

  चीतों ने भारतीय वातावरण को आश्चर्यजनक रूप से पूरी तरह अपना लिया है। पिछले तीन वर्षों में पाँच चीता मादाओं द्वारा 6 बार शावकों को जन्म देना इस परियोजना की सफलता और लचीलापन का परिचायक है। वे भारतीय शिकार जैसे चीतल के प्रति अच्छी अनुकूलता दिखा रहे हैं। प्रोजेक्ट चीता की प्रबंधन टीम ने अथक प्रयास किये हैं। परिणाम स्वरूप चीते न केवल जीवित रहे बल्कि सफलतापूर्वक अपना परिवार भी बढ़ाया।

« PREV
NEXT »