भोपाल। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले स्थित पेंच टाइगर रिजर्व एक बार फिर खुशियों से गूंज उठा है। करमाझिरी परिक्षेत्र के कैंप नंबर 39 में शनिवार सुबह लगभग 10 बजे मादा हथिनी ‘दामिनी’ ने नर बछड़े को जन्म दिया। रिजर्व प्रशासन के अनुसार वर्तमान में माँ और बछड़ा दोनों स्वस्थ हैं।
“दामिनी” की कहानी — बांधवगढ़ से पेंच तक
पेंच की यह प्रिय हथिनी दामिनी वर्ष 2000 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाई गई थी। उस समय उसकी उम्र मात्र 5 वर्ष थी और उसकी माँ का नाम अनारकली था। अब दामिनी 30 वर्ष की हो चुकी है और वर्षों से पेंच परिवार का अहम हिस्सा बन चुकी है।
“बाली” बना पिता — कर्नाटक से आया था वीर हाथी
नन्हे बछड़े के पिता ‘बाली’ नामक नर हाथी हैं, जिन्हें वर्ष 2022 में कर्नाटक राज्य से पेंच टाइगर रिजर्व लाया गया था। बाली अपने शांत स्वभाव और मजबूत कद-काठी के कारण रिजर्व टीम के बीच भी चर्चित है।
पिछला बछड़ा नहीं बच पाया था
जानकारी के अनुसार, इससे पहले भी दामिनी ने एक बछड़े को जन्म दिया था, लेकिन कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। अब दोबारा माँ बनने के बाद पेंच का यह परिवार नई उम्मीदों और खुशियों से भर गया है।
वन विभाग में खुशी की लहर
दामिनी के बछड़े के जन्म की खबर मिलते ही पेंच टाइगर रिजर्व का पूरा स्टाफ उत्साहित हो उठा। वन अधिकारियों ने बताया कि माँ और बछड़े की देखरेख के लिए विशेष टीम तैनात की गई है ताकि दोनों का स्वास्थ्य पूरी तरह सुरक्षित रहे।
पेंच की नई कहानी — "नन्हे कदमों की दस्तक"
पेंच टाइगर रिजर्व जो अपने बाघों के लिए जाना जाता है, अब एक बार फिर अपनी हाथियों की नन्ही दुनिया के कारण चर्चा में है। जंगल के सन्नाटे में गूंजी यह किलकारी पेंच के वन्य जीवन में नई ऊर्जा भर रही है।



