धार/बाग। यूनेस्को के वैश्विक जिओपार्क के कार्यकारी वैज्ञानिक डॉ. अलीरेजा (ईरान) एवं लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. सतीश त्रिपाठी और भू-गर्भशास्त्र विशेषज्ञ श्री खोजेमा नजमी ने आज बाग स्थित डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान का निरीक्षण किया।
जीवाश्म और चट्टानों का अध्ययन
राष्ट्रीय उद्यान में संरक्षित डायनासौर के जीवाश्म, विभिन्न प्रकार की चट्टानों, समुद्री जीवों के जीवाश्म और वानस्पतिक जीवाश्मों का वैज्ञानिकों ने सूक्ष्मता से अवलोकन किया।
डॉ. अलीरेजा ने यहां जीवाश्म की प्रचुर मात्रा को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया और वनमण्डल धार द्वारा किए गए संरक्षण कार्यों की सराहना की। उन्होंने डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान को वैश्विक जिओपार्क की मान्यता हेतु प्रस्तावित करने की अनुशंसा की। साथ ही बाग गुफाओं का सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक स्तर पर अध्ययन करने पर जोर दिया।
वैज्ञानिकों की टिप्पणियाँ
डॉ. सतीश त्रिपाठी ने जीवाश्मों की विशेषताओं पर जानकारी दी और शोध व संरक्षण की भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की।
उपवनमंडलाधिकारी संतोष कुमार रनशोरे ने बाग के आसपास स्थित जीवाश्म स्थलों एवं गुफाओं के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
वन विभाग की पहल
वनमंडलाधिकारी धार विजयनंथम टी.आर. ने बताया कि डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान को आधुनिक जिओपार्क बनाने के लिए प्रयास जारी हैं। सभी जीवाश्मों का डिजिटल डॉक्युमेंटेशन भी किया जाएगा, जिससे इसे वैश्विक पहचान मिलेगी।
वैज्ञानिकों के दल के साथ वन परिक्षेत्र अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र सोलंकी, श्री सुनील बघेल और वेस्ता मण्डलोई उपस्थित रहे। दल को सम्पूर्ण डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण कराया गया और अब तक किए गए संरक्षण कार्यों की जानकारी दी गई।