सिर्फ 10 मिनट में त्वचा बनेगी चमकदार, बढ़ेगी ऊर्जा: अभ्यंग यानी आयुर्वेदिक तेल मालिश के 5 अद्भुत फायदे
नई दिल्ली: आधुनिक जीवनशैली में जहाँ तनाव और थकान आम बात है, वहाँ शरीर और मन को शांत रखने के लिए हमें सरल, लेकिन प्रभावी उपायों की तलाश होती है। आयुर्वेद (Ayurveda) का ऐसा ही एक सदियों पुराना और सरल उपाय है 'अभ्यंग' (Abhyanga)।
अभ्यंग का अर्थ है 'स्नेहन' या प्रेमपूर्वक तेल लगाना। यह सिर्फ तेल लगाने की सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक दैनिक अनुष्ठान है जो आपकी त्वचा, शरीर और मन तीनों को एक साथ पोषित करता है। रोजाना हल्के गर्म तेल से की गई यह पारंपरिक मालिश (Oil Massage) आपके स्वास्थ्य को कई गहरे फायदे दे सकती है।
आइए, जानते हैं कि अभ्यंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपको कौन से 5 बड़े लाभ मिल सकते हैं:
1. त्वचा को पोषण और चमक (Soft and Glowing Skin)
अभ्यंग का सबसे स्पष्ट लाभ त्वचा पर दिखाई देता है। यह मालिश त्वचा के अंदरूनी हिस्सों तक तेल को पहुंचाती है, जिससे:
- मुलायम और चमकदार त्वचा: तेल, त्वचा को गहराई से नमी (Moisture) प्रदान करता है, जिससे रूखापन खत्म होता है और त्वचा मुलायम व चमकदार बनती है।
- त्वचा की लोच में सुधार: यह मालिश त्वचा की लोच (Elasticity) को बेहतर बनाती है, जिससे झुर्रियाँ कम होती हैं और त्वचा तरोताजा दिखती है।
- तनाव मुक्ति: यह प्रक्रिया बच्चों की मालिश की तरह मांसपेशियों के तनाव को कम करती है और शरीर को तुरंत आराम देती है।
2. बेहतर रक्त परिसंचरण (Improved Blood Circulation)
अभ्यंग मालिश हल्के हाथों से पूरे शरीर पर की जाती है, जिससे रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) में ज़बरदस्त सुधार होता है।
- जब सर्कुलेशन बेहतर होता है, तो शरीर के हर अंग तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व आसानी से पहुँचते हैं।
- बेहतर रक्त प्रवाह का सीधा अर्थ है, पूरे दिन अधिक ऊर्जावान महसूस करना और थकान का कम होना। यह आपको दिनभर सक्रिय रहने में मदद करता है।
3. विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना (Detoxification and Waste Removal)
आयुर्वेद के अनुसार, तेल मालिश शरीर के अंदर जमा विषाक्त पदार्थों (Toxins) को बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज करती है।
- मालिश लिम्फेटिक सिस्टम (Lymphatic System) को उत्तेजित करती है, जो शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है।
- जब शरीर से ये अनचाहे तत्व निकल जाते हैं, तो आपका सिस्टम हल्का और सक्रिय महसूस करता है, जिससे पाचन (Digestion) और चयापचय (Metabolism) में भी सुधार होता है।
4. बेहतर नींद और मानसिक शांति (Better Sleep and Mental Peace)
अभ्यंग को केवल शारीरिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन के लिए भी अपनाया जाता है।
- यह तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को शांत करता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।
- सोने से पहले हल्के गर्म तेल से अभ्यंग करने पर मांसपेशियों का तनाव कम होता है। इससे आपको गहरी और अच्छी नींद आती है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।
5. मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूती (Strengthens Muscles and Joints)
नियमित अभ्यंग मांसपेशियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
- यह मांसपेशियों में तनाव (Muscle Stiffness) को कम करता है और उन्हें आराम देता है।
- जोड़ों में तेल लगाने से उनकी चिकनाहट (Lubrication) बनी रहती है और दर्द व अकड़न कम होती है। यह विशेष रूप से वृद्ध लोगों और एथलीटों के लिए बहुत फायदेमंद है।
अभ्यंग को अपनी दिनचर्या में कैसे शामिल करें?
अभ्यंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बहुत आसान है।
समय: सुबह स्नान से पहले या रात को सोने से पहले का समय सबसे अच्छा होता है।तेल: नारियल तेल, तिल का तेल (तिल का तेल सर्दियों के लिए उत्तम है) या अपनी प्रकृति के अनुसार आयुर्वेदिक तेल का उपयोग करें।
प्रक्रिया: तेल को हल्का गर्म करें। हल्के हाथों से, विशेष रूप से सिर, कान के आस-पास, हथेली और पैरों के तलवों पर ध्यान देते हुए, पूरे शरीर पर 10-15 मिनट तक मालिश करें।
स्नान: मालिश के बाद, गुनगुने पानी से स्नान करें ताकि त्वचा के रोमछिद्र (Pores) खुल सकें और विषाक्त पदार्थ पूरी तरह से बाहर निकल सकें।
अभ्यंग एक सरल, किफायती और प्राकृतिक तरीका है जिससे आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। इसे सिर्फ एक ब्यूटी ट्रीटमेंट नहीं, बल्कि एक मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य निवेश के रूप में देखें। रोज़ाना कुछ मिनट की यह परंपरा आपके पूरे दिन को अधिक ऊर्जावान और संतुलित बना देगी।

