राजगढ़, धार: मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित राजगढ़ नगर भक्ति, एकता और अनूठी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यहां 1987 से हर साल आयोजित होने वाला सनातन धर्म का कुंभ पूरे देश के लिए एक मिसाल है। इस वर्ष भी, श्री सनातन समाज और श्री चारभुजा युवा मंच के तत्वावधान में नगर के 13 प्रमुख मंदिरों में एक साथ श्रीमद भागवत महापुराण का वाचन किया जाएगा। यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था और सांस्कृतिक गौरव का एक अद्भुत प्रतीक है।
13 मंदिरों में एक साथ गूंजेगी धर्म गंगा
राजगढ़, जिसे मंदिरों का शहर कहना भी गलत नहीं होगा, रविवार को एक बार फिर से भक्ति के रंग में रंग गया। सनातन धर्म के 38वें कुंभ का शंखनाद हो चुका है, जिसके तहत 13 मंदिरों में विधि-विधान से श्रीमद भागवत महापुराण की स्थापना की गई। अब सोमवार से अगले सात दिनों तक इन सभी मंदिरों में एक साथ कथावाचन होगा। इस दौरान पूरा नगर धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत रहेगा।
इस वर्ष का आयोजन कई मायनों में खास है। यह सर्वधर्म समभाव की भावना को दर्शाता है और पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से बिना रुके जारी है। कोरोना महामारी के दौरान भी यह परंपरा खंडित नहीं हुई थी, जब सीमित रूप से केवल पूजा और वाचन किया गया था।
रविवार को हुए स्थापना पूजन में कथावाचकों ने मंत्रोच्चार के साथ गणेश पूजन, कलश और श्रीमद्भागवत महापुराण का पूजन कराया। इसके बाद कथा स्थलों पर कलश और पोथी (ग्रंथ) की स्थापना की गई। पूजा के बाद आरती और प्रसाद का वितरण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।
इन मंदिरों में होगा आयोजन
महापुराण की स्थापना राजगढ़ के इन प्रमुख मंदिरों में की गई है श्री शेषषायी राधाकृष्ण राजपूत समाज मंदिर,पांच धाम एक मुकाम माताजी मंदिर,श्रीचारभुजा मंदिर,दलपुरा स्थित श्रीआईमाता मंदिर,श्रीराधाकृष्ण गवली समाज मंदिर,श्रीराम लोहार समाज मंदिर,सरकारी श्रीराम मंदिर में,श्रीराम सेन समाज मंदिर,श्री लालबाई-फूलबाई मंदिर, वार्ड क्रमांक 15 स्थित श्रीरामदेव चारण समाज मंदिर,मंडी प्रांगण स्थित श्री शिव मंदिर, मालीपुरा स्थित श्री शिव मंदिर व दलपुरा स्थित श्रीराम मंदिर पर विधिपूर्वक भागवत पौथी की स्थापना की गई।
धार्मिक कार्यक्रम और यात्रा
श्री चारभुजा युवा मंच अध्यक्ष सौरभ गर्ग ने बताया कि कथा महोत्सव के चलते प्रतिदिन धार्मिक आयोजन होंगे। इसके तहत तीन सितंबर को सामूहिक डोल यात्रा, चार को श्रीकृष्ण जन्मवाचन समारोह यात्रा निकाली जाएगी। वही सात सितंबर को पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण होनेे के कारण इस दिन समापन धर्मयात्रा नहीं निकाली जाएगी। मंदिरों में दोपहर आरती के बाद पट बंद कर दिया जाएगे। इसके चलते एक दिन बाद यानि आठ सितंबर को प्रातः 11 बजे श्रीमाताजी मंदिर से यात्रा निकाली जाएगी।
मंच सचिव संरक्षक धारासिंह चौहान ने बताया कि यात्रा को लेकर गत दिनों श्रीचारभुजा मंदिर परिसर में मंच के पदाधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में यात्रा में व्यवस्था को लेकर अलग-अलग समितियां बनाकर दायित्व सौंपे गए हैं। ।