जम्मू-कश्मीर के जिला किश्तवाड़ के दूरस्थ क्षेत्र पडर से निकलकर एक ऐसी आवाज़ गूंजी है जिसने हिप-हॉप की परिभाषा बदल दी — निप्पू भाजा। असली नाम नीरज शर्मा, उम्र 28 वर्ष, निप्पू भाजा न सिर्फ पडरी हिप-हॉप के संस्थापक और पिता माने जाते हैं, बल्कि वे अपने इलाके के पहले रैपर भी हैं जिन्होंने बहुभाषी (Multilingual) स्टाइल को अपनाया।
बहुभाषी अंदाज़ – चार भाषाओं का संगम
निप्पू भाजा का सबसे बड़ा कमाल उनका मल्टीलैंग्वेज रैप है। वे हिंदी, पंजाबी, अंग्रेज़ी के साथ अपने पडरी डायलैक्ट को इस तरह मिलाते हैं कि हर ट्रैक एक अलग फ्लेवर लेकर आता है।
उनके गाने सिर्फ भाषाओं का मिश्रण नहीं हैं, बल्कि एक सांस्कृतिक मेल हैं जहां स्थानीय बोली की मिठास और इंग्लिश का फ्लो एक साथ बहते हैं।
भाषाओं का अनोखा प्रयोग
- Menhat – अब तक उनके इलाके का इकलौता मोटिवेशनल रैप सॉन्ग, जो पडरी डायलैक्ट में है।
- Googtalk, Still the Same, Real Talk, 8 Saal, Menhat, Prem Kahani, Padderi Nawab – सभी में पडरी डायलैक्ट का इस्तेमाल।
- Tera Zikr – उनका पहला मल्टीलिंग्वल ट्रैक जो हिंदी में है।
- Still the Same – इसमें अंग्रेज़ी, हिंदी, पडरी डायलैक्ट और संस्कृत का संगम है — यानी 3 भाषाएं और 1 डायलैक्ट एक ही गाने में।
2013 से जारी सफर
साल 2013 में जब भारत में हिप-हॉप का नाम बस धीरे-धीरे फैल रहा था, निप्पू भाजा ने अपने सफर की शुरुआत की। उन्होंने साफ़ तय कर लिया कि वे अपने गानों में अपनी मिट्टी की खुशबू बनाए रखेंगे, चाहे बीट कितनी भी मॉडर्न क्यों न हो।
संस्कृति और संगीत का संगम
निप्पू भाजा मानते हैं कि हिप-हॉप सिर्फ म्यूज़िक नहीं, बल्कि अपनी कहानी कहने का जरिया है। उनके गानों में पडर की मिट्टी, वहां के लोग, उनकी बोली और जज़्बात सब महसूस किए जा सकते हैं।
भविष्य की तैयारी
अभी तक उन्होंने कोई नया प्रोजेक्ट अनाउंस नहीं किया है, लेकिन उनकी पिछली रिलीज़ — Tera Zikr और Googtalk — ने इतना असर छोड़ा है कि दर्शक उनकी अगली एंट्री का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।