राज शिक्षा केंद्र के निर्देश पर वर्तमान में कक्षा 1 से 8 तक की नवीन मान्यता व नवीनीकरण का कार्य चल रहा है। जिसको लेकर प्रदेश भर में भ्रष्टाचार और धांधली की खबर देखने को मिल रही है।
जिसको संज्ञान में लेते हुए आज का युग न्यूज़ चैनल के संपादक सुंदर सिंह हाडा द्वारा जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय जिला धार से संपर्क किया जिसके दौरान धार डी.पि.सी श्री प्रदीप खरे ने बताया कि जिले में नवीन व नवीनीकरण मान्यता हेतु कुल 691 आवेदन आए। जिसमें से 450 से अधिक निजी विद्यालयों को मान्यता दे दी गई है। और इस समय मार्च माह चल रहा है वित्तीय विभाग से लेकर इस माह में हर प्रकार के कार्यों को प्राथमिकता देना होती है। इसलिए समय के अभाव में कुछ विद्यालय के मान्यता आवेदन लंबित हैं। उसमें से कई मान्यता आवेदनों में निरीक्षण के दौरान मान्यता मापदंड के अनुसार छोटी-छोटी कुछ कमी पाई गई थी। यह भी आवेदन लंबित होने का कारण है। क्योंकि निरीक्षण के दौरान देखा गया कि ऐसी छोटी-छोटी कमियां है जो यदि स्कूल संचालक को दो-चार दिन का समय दे दीया जाए तो वह कमियां पूरी कर सकता है ऐसे में मान्यता निरस्त करना अधिकारी को उचित नहीं लगा। और उन्होंने उचित मार्गदर्शन के साथ समय सीमा में कमियां दूर करके कार्यालय को सूचना करने के निर्देश दिए। जो विद्यालय कमियां दूर कर लेता है उन्हें 31 मार्च तक विद्यालय का पुनः निरीक्षण कर मान्यता दे दी जाएगी अन्यथा मान्यता मापदंड अनुसार कमियां दूर नहीं करते हैं। तो विद्यालय का मान्यता आवेदन अस्वीकृत कर दीया जावेगा।
डीसीपी ने यह अभी कहां भ्रष्टाचार जैसी कोई बात नहीं है। यह आरोप निराधार है। मान्यता राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देश अनुसार मान्यता मापदंड पूरे करने वाले विद्यालय को ही मान्यता दी जाएगी।
खरमोर अभ्यारण और ऐसे क्षेत्र जहां पर रजिस्ट्रीकृत किरायानामा बना ना संभव नहीं है उस क्षेत्र में संचालित विद्यालयों को रजिस्ट्रीकृत किरायानामा कि जगह शपथ पत्र के आधार पर मान्यता प्रदान की कलेक्टर महोदय द्वारा अनुशंसा की गई है। जिसका परिपालन करते हुए ऐसे क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रीकृत किरयानामा के भी मान्यता दी जाएगी।