नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ का बहुप्रतीक्षित 8वां संस्करण आज सुबह 11 बजे आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में देशभर के करोड़ों छात्र, अभिभावक और शिक्षक जुड़े, जिन्होंने परीक्षा से जुड़ी चुनौतियों और शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पर एक प्रेरणादायक चर्चा में भाग लिया।
इस वर्ष ‘परीक्षा पे चर्चा’ ने एक नया और विस्तृत स्वरूप ग्रहण किया, जो इसे पिछले संस्करणों की तुलना में अधिक प्रभावशाली बना रहा है। इस बार यह आयोजन एक दिन के बजाय आठ एपिसोड की श्रृंखला में हुआ, जिसमें प्रत्येक एपिसोड छात्रों के समग्र विकास के महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित रहा। विशेष रूप से, सद्गुरु, दीपिका पादुकोण, मैरी कॉम, अवनी लेखरा सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव साझा किए, जिससे यह कार्यक्रम और भी अधिक आकर्षक और ज्ञानवर्धक बन गया।
विषयों की व्यापकता और समग्र विकास पर जोर
परीक्षा के तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से आगे बढ़ते हुए, इस वर्ष के कार्यक्रम में वित्तीय साक्षरता, टेक्नोलॉजी, पोषण, माइंडफुलनेस, रचनात्मकता और सकारात्मकता जैसे विविध विषयों पर चर्चा की गई। खेल जगत, सिनेमा, उद्यमिता और वेलनेस विशेषज्ञों की भागीदारी ने इस संवाद को और समृद्ध बना दिया। इससे छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास पर भी बहुमूल्य दृष्टिकोण मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने परीक्षा की तैयारी से जुड़े टिप्स देने के साथ-साथ जीवन में स्वास्थ्य, पोषण और आराम के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि संतुलित आहार, शारीरिक सक्रियता और पर्याप्त नींद शिक्षा और जीवन में सफलता के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने छात्रों को ‘क्या खाना चाहिए, कैसे खाना चाहिए और कब खाना चाहिए’ के महत्व को समझाने पर जोर दिया और बताया कि पोषण के ये बुनियादी पहलू छात्र के ऊर्जा स्तर और शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं।
नेतृत्व और आत्म-प्रेरणा पर जोर
एक छात्र द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने नेतृत्व के गुणों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि एक अच्छा नेता उदाहरण प्रस्तुत करता है, सहयोग को बढ़ावा देता है और टीमवर्क को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने छात्रों को सिखाया कि ‘सम्मान मांगा नहीं जाता, बल्कि अपने कार्यों और चरित्र के माध्यम से अर्जित किया जाता है।’
इसके अलावा, पीएम मोदी ने आत्म-प्रेरणा के महत्व पर बल दिया और छात्रों को प्रेरणा पाने के लिए एक मार्गदर्शक की तलाश करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि खुद को बेहतर बनाने और उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत रहना ही सच्ची सफलता की कुंजी है।
अभिभावकों के लिए संदेश
प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को समझें, उनके सपनों को पहचानें और उनकी ताकत को प्रोत्साहित करें। उन्होंने यह भी कहा कि माता-पिता को अपने अधूरे सपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए, बल्कि उन्हें अपने जुनून को तलाशने और उसे आगे बढ़ाने में सहायता करनी चाहिए।
छात्रों के सवाल और प्रधानमंत्री के प्रेरणादायक उत्तर
इस इंटरैक्टिव सत्र में भारत के विभिन्न भागों से आए छात्रों ने परीक्षा के दबाव, समय प्रबंधन, डिजिटल डिस्ट्रैक्शंस, करियर विकल्पों और व्यक्तिगत विकास से जुड़े सवाल पूछे। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दिलचस्प कहानियों, व्यावहारिक सुझावों और आश्वस्त करने वाले लहजे में दिया, जिससे सत्र अत्यंत जानकारीपूर्ण और प्रेरणादायक बन गया।
शिक्षा से परे कौशल विकास पर जोर
पीएम मोदी ने छात्रों से केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रहते हुए खेल, संगीत, कला या उद्यमिता जैसी रुचियों को भी अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कौशल विकास को भी उतना ही महत्वपूर्ण बताया जितना कि अकादमिक शिक्षा, और यह समझाया कि सफलता केवल अंकों तक सीमित नहीं है, बल्कि नवाचार, जिज्ञासा और अनुकूलन क्षमता से जुड़ी होती है।
पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा
कार्यक्रम के अंत में, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सुंदर नर्सरी में वृक्षारोपण किया। यह मिशन LiFE (Lifestyle for Environment) के तहत सतत विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। उन्होंने छात्रों से प्रकृति के प्रति लगाव बनाए रखने का आग्रह किया और समझाया कि जैसे माँ अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही पेड़ भी जीवन बनाए रखते हैं।
छात्रों की उत्साही प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से फीडबैक लिया, जिसका उत्तर छात्रों ने बड़े उत्साह और सकारात्मकता के साथ दिया। बहुत से छात्रों ने अधिक आत्मविश्वास और प्रेरणा महसूस करने की बात कही, और परीक्षा के तनाव को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए खुद को अधिक तैयार पाया।
जो छात्र लाइव सत्र नहीं देख सके, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर जाकर पूरी बातचीत देख सकते हैं और इस प्रेरणादायक सत्र के बहुमूल्य विचारों से लाभ उठा सकते हैं।
निष्कर्ष
‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ न केवल परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करने में मददगार रहा, बल्कि यह जीवन, सफलता और समग्र विकास पर एक व्यापक संवाद के रूप में उभरा। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने इस सत्र को अत्यंत प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक बताया। इस कार्यक्रम की सफलता इस बात को दर्शाती है कि शिक्षा केवल परीक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह एक व्यापक यात्रा होनी चाहिए जो छात्रों को आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार बनाए।